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रविवार, 12 नवंबर 2023

3 कली लहसुन और शहद खाने से होगा|How to eat garlic and honey in winter

 3 कली लहसुन और शहद खाने से  होगा|How to eat garlic and honey in winter

शहद में डुबा हुआ लहसुन खाली पेट खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है।

लहसुन की उत्पत्ति मध्य एशिया से मानी जाती है। आज लहसुन भारत, चीन, फिलीपीन्स, ब्राजील, मैक्सिको आदि सभी देशों में बहुत बड़े पैमाने पर पैदा होता है।

रोग निवारक गुणों में लहसुन का प्रयोग दमा, बहरापन, कोढ़, छाती में बलगम, बुखार, पेट के कीड़े, यकृत के रोग, हृदय रोग, रक्त-विकार, वीर्य-विकार, क्षय आदि रोगों में लाभकारी है।

लहसुन में खनिज एवं विटामिनों की काफी अधिक मात्रा होती है। इसमें आयोडीन, गंधक, क्लोरीन, कैल्शियम, फाॅस्फोरस, लोहा, विटामिन ‘सी’ ‘बी’ काफी मात्रा में पाए जाते हैं।

#कमजोरी:-

शहद में डुबे हुए लहसुन की 2-3 कलियों को सर्दियों के दिनों में खाली पेट खाने से शारीरिक कमजोरी हमेशा के लिए ठीक हो जाती है और बड़ी हुई चर्बी भी कम होती है। यह सेक्सुअल लाइफ को प्रभावित करता है और सकारात्मक असर दिखाता है।

#कोलेस्ट्रॉल:-

इसका सेवन करने से असमय ही बुढ़ापे का शिकार होने से बचा जा सकता है। बुढ़ापे का अर्थ है कि धमनियों को सिकुड़ कर रोग-ग्रसत हो जाना। यह धमनियों को सिकुड़ने से बचाता है और जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकाल पुनः ठीक कर देता है।

#सर्दी के रोग:-

शहद में डूबे हुए लहसुन में भरपूर मात्रा में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिसके सेवन करने से शरीर में गर्मी आती हैं। जिससे सर्दी-जुकाम जैसी समस्या से निजात पाई जा सकती है और साइनस की समस्या भी काफी कम हो जाती है।

#सूजन:-

शहद में डुबे लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है जिससे गले में खराश और सूजन से राहत मिलती है।

#Asthma:-

अस्‍थमा रोगियों के लिए तो लहसुन और शहद किसी वरदान से कम नहीं है।

#ब्लोकेज :-

शहद में डूबा हुआ लहसुन हार्ट से सम्बंधित लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है। इसके कुछ महीने सेवन से हार्ट में होने वाले ब्लॉकेज से छूटकारा पाया जा सकता है। दिल की धमनियों में जमा फैट बाहर निकल जाता है। जिसके कारण रक्त संचार ठीक ढंग से होने लगता हैं, जो दिल के लिए फायदेमंद हैं।

#डायरिया:-

अगर आपको बार-बार डायरिया की समस्या होती है, तो इसे लेना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता हैं।

   इसका सेवन करने से पाचन क्रिया ठीक ढंग से काम करती है जिससे पेट संबंधी किसी भी प्रकार का इंफेक्‍शन नहीं होता हैं।

लहसुन और शहद–इन दोनों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते है, जो फंगल इंफेक्शन को दूर करने का काम करते है।

#इम्यूनिटी–

शहद में डूबा लहसुन लेने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। जिससे कई बीमारीयों से छुटकारा पाया जा सकता है।

#बोडी डीटोक्सिफीकेशन :-

  यह एक प्राकृतिक डिटॉक्स है। इसको खाने से शरीर की अंदर से सफाई हो जाती है। जिसके कारण स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।

#मजबूत हड्डी ;–

लहसुन और शहद में मौजूद फास्फोरस से दांत मजबूत रहते है। यह दांतों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने का काम करता है। इनमें फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस आदि तत्व होते हैं जो दांत, बाल और हड्डियों को मजबूत करने में मदद करते हैं।

#विधि :–

लहसुन की कलियों का छिलका उतारकर शहद की छोटी शीशी में इतनी डालें कि वह शहद में पूरी तरह डूब जाए और दो दिन ऐसे ही पडा रहने दें। लहसुन की 2–3 कलियों को सुबह खाली पेट सेवन करें और 45 मिनट बाद ही कुछ खाए।

शनिवार, 4 नवंबर 2023

यूरिक एसिड का रसौई मे समाधान


 यूरिक एसिड का रसौई मे समाधान

Kitchen Solution For Uric Acid

[Uric acid control tips]

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण:-

 – यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण होते हैं, जैसे-

- पानी का कम सेवन, 

- शराब ज्यादा पीना, 

- सोडा और फ्रक्टोज का सेवन, 

- हाई ब्लड प्रेशर दवाईयों का सेवन, 

- किडनी की परेशानी, 

- मोटापा, अधिक वजन,

-High protin

- प्यूरीन फूडस ज्यादा खाना. 

 इनके कारण आपके यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाती हैं. 

#कितना होना चाहिए यूरिक एसिड

आपको बता दें कि आमतौर पर पुरुषों में 2.5 से 7 एमजी प्रति डीएल और महिलाओं में 1.5 से 6 एमजी प्रति डीएल होता है. 

इससे ज्यादा यूरिक गठिया, किडनी की बीमारी और अन्य सेहत संबंधी परेशानियां पैदा कर सकते हैं. 

#यूरिक एसिड कंट्रोल करने के

 नुस्खा

अगर आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ गया है तो फिर आपको अजवाइन और अदरक 2 ऐसे मसाले हैं जिनका सेवन करने से बढ़े यूरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. ये दोनों ही चीजें जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करते हैं. 

* अजवाइन के गुण- 

 असल में इस मसाले में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिसके सेवन से यूरिक के बढ़े हुए स्तर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है,

अजवायन जोड़ों में जमे क्रिस्टल को तोड़ता है. यह यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकल आता है. ये जोड़ों के दर्द और सूजन को भी कम करता है.

*अदरक के गुण - 

  अदरक भी यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में कारगर साबित होता है. यह एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती है. इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. यह बीमारियों को दूर करता है. 

कैसे करें अदरक और अजवाइन का सेवन,

आप एक चम्मच अजवाइन और कसा हुआ अदरक एक गिलास पानी में अच्छे से उबाल लीजिए. फिर आप इसमें स्वाद के लिए शहद मिलाकर चाय की तरह पी लीजिए. आप इसको सुबह और रात में सोने से पहले पी लीजिए. यह आपके बढ़े यूरिक को कंट्रोल करने में सक्षम हैं.