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बुधवार, 22 सितंबर 2021

उल्टीयां हो रही है तो क्या करें ?

 उल्टीयां (वमन )हो रही है तो क्या करें ? Dr.Virender Madhan.in hindi.

उल्टी क्या है ?

उल्टीयां के कारण क्या है? 

और उल्टीयां हो तो क्या करें उपाय ? 


उल्टी क्या है?

What is vomiting?

उल्टीयां क्यों होती है ?

उल्टीयां (वमन ) कितने प्रकार की होती है?

"जब भोजन पेट से अनैच्छिक रूप से या स्वेच्छा से मुंह से बाहर आ जाता है, तो उसे उल्टी कहा जाता है। ”

उल्टी (वमन ) कई कारणों से होता है जैसे - 
मोशन सिकनेस / सीसिकनेस।

गर्भावस्था की पहली तिमाही । 
भावनात्मक तनाव।
पित्ताशय की बीमारी।
 संक्रमण। दिल का दौरा।
अधिक भोजन करना।
 ब्रेन ट्यूमर।
 कैंसर या अल्सर।
 बुलिमिया और 
विषाक्त पदार्थों का सेवन या अधिक शराब पीना आदि में उल्टीयां होती है।

बीमार होने पर हमें उल्टी क्यों होती है?
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उल्टी शरीर मे बैक्टीरिया। 
वायरस ,जहर, या कुछ परेशान करने वाले पदार्थ के बाहरी खतरे से शरीर की रक्षा करने का तरीका है। 
"उल्टी का उद्देश्य पेट की सामग्री को खाली करना है जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।”

आयुर्वेद में वमन ( उल्टीयां ) को 5 प्रकार का कहा है
1-वातज।  2- पित्तज
3- कफज।  4- सन्निपातज
5- आगन्तुक 
पहले 4 शारिरिक दोषो के बिगडने से 5वां बाहरी कारणों से जैसे चोट लगना , गलत आहार करना, विष खाना आदि।

ल्टी ( वमन ) के कई कारण होते है ।
 
- फ़ूड पॉइज़निंग:-
संक्रमित भोजन करना । बैक्टीरिया, वायरस से दूषित भोजन का सेवन आमतौर पर फ़ूड पॉइज़निंग का कारण बनता है। इसके लक्षण बहुत गंभीर नहीं होते हैं लेकिन अगर स्थिति बनी रहती है तो व्यक्ति को डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है।
- अपच:-
मंदाग्नि होकर भोजन न पचना । अजीर्ण रोग कुपच का ही रूप है । यह एक बहुत ही सामान्य स्थिति है जो आजकल दूषित भोजन या कुछ पुरानी पाचन समस्याओं के कारण सभी को होती है।
 - वायरल या बैक्टिरिया के कारण उदर मे विकृति हो जाती है गैस्ट्रोएंटेराइटिस के रूप में भी जाना जाता है, यह तब होता है जब पेट और आंत में सूजन होती है।
- गैस्ट्राइटिस: :-
 उसमें जलन पैदा करती हैं। इससे उल्टी और जी मिचलाने की भावना पैदा होती है।
- अधिक खाना।
- विरुद्ध आहार करना 
- प्रकृति विरूद्ध आहार करने से।

- घृणित पदार्थो के देखने से उल्टी (वमन ) हो जाता है ।

- सफर के कारण भी बहुत से लोगों को उल्टी हो जाती है।
- दुर्गंधयुक्त पदार्थों को देखने मात्र से, सुंघने मात्र से ऊल्टी हो जाती है।
- कैंसर के रोगी को कीमोथरेपी के बाद वमन यानि उल्टियाँ होती है।
- पत्थरी रोग मे भी उल्टीयां होती है ।
- पेप्टिक अल्सर के कारण भी उल्टीयां होती है ।
- आंतों में संक्रमण के कारण भी उल्टीयां होती है।
- टी.बी. , न्युमोनिया आदि रोगों मे भी उल्टीयां हो सकती है।

उल्टी के लक्षण:

* पेट में दर्द ।
 * दस्त, बुखार हो सकते है ।
* चक्कर आना ।
* अत्यधिक पसीना आना ।
* मुंह सूखना ।
* पेशाब में कमी होना ।
* बेहोशी, चिंता, डिप्रेशन, भ्रम होना ।
* नींद न आना ।

 उल्टी के कुछ सामान्य लक्षण हैं।

* स्त्रियों में गर्भावस्था मे उल्टीयां हो सकती है।

* मानसिक रोगों में, तनाव मे भी उल्टीयां होते देखा गया है ।


उल्टी ( वमन ) Vomiting हो तो क्या करें ?

छोटे मात्रा में भोजन करें।
* कम से कम 3घण्टे सेे 6घण्टे  के बड़े अंतराल पर करना चाहिए।

* सामान्य आहार और मसालेदार या तैलीय खाद्य पदार्थों के स्थान पर नरम खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

* आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे कम फाइबर, कम वसा और कम चीनी वाले खाद्य पदार्थ।
*  केला, चावल, सेब की चटनी और टोस्ट या सोडा क्रैकर्स को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

* निर्जलीकरण(डिहाइड्रेशन) से निपटने के लिए तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना चाहिए।

* शराब, कैफीन, दूध, पनीर, खट्टे फल और जूस से बचना चाहिए।

* अगर उल्टीयां अधिक है तो अपने चिकित्सक को जरुर दिखायें।

* उल्टी होना अपने आपमें रोग नही है यह किसी दूसरे रोगों का लक्षण होता है अतः उल्टीयां हो तो कारण का पता करें कि किस रोग के कारण उल्टीयां हो रही है।

आप उल्टी कैसे रोक सकते हैं?

उल्टी - वह तरीका है जिसके द्वारा शरीर अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालता है। मस्तिष्क और पेट शरीर को दूषित भोजन को शरीर से बाहर निकालने की अनुमति देते हैं। हालांकि कई बार शरीर को उल्टी की आवश्यकता होती है, इसे रोकने की जरूरत है ।

- गहरी साँस लेना:
यदि किसी व्यक्ति को उल्टी का अनुभव हो रहा है तो उसे फेफड़ों और नाक के माध्यम से गहरी साँस लेने की कोशिश करनी चाहिए और साँस लेते समय आपके फेफड़ों में विस्तार होना चाहिए। यह उल्टी के समय मदद करता है। 

- शोधों में यह देखा गया है कि गहरी सांसें चिंता को शांत करने में भी मदद करती हैं जो उल्टी का एक और कारण है।

उल्टीयां रोकने के कुछ अन्य उपाय :-

1. अदरक – अदरक में पेट की हर समस्या से निपटने का इलाज होता है। इसके एक टुकड़े को कूचकर पानी में मिला लीजिए। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन कीजिए। उल्टी से तुरंत लाभ मिलेगा।

2. लौंग – उल्टी आने की स्थिति में दो चार लौंग लेकर दांतो के नीचे दबा लें और इसका रस चूसते रहें। 

3. सौंफ – दिन में कई बार सौंफ चबाना उल्टी में बेहद फायदेमंद है। यह मुंह के स्वाद को बदलने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इसे खाने के बाद उल्टी से काफी राहत मिलती है। इसमे मिश्री मिला कर खाने से शीध्र लाभ मिलता है।

4. संतरे का जूस – ताजा संतरे का जूस उल्टी में काफी लाभदायक है। इसके कई अन्य फायदे भी हैं। जैसे, यह शरीर में ब्लड प्रेशर के नियंत्रण के लिए भी बेहद लाभदायक है।

5. पुदीना – कभी भी उल्टी आने पर पुदीने की चाय बनाकर पी लीजिए या फिर केवल उसकी पत्ती को चबाइए। उल्टी से तुरंत राहत मिल जाएगी।

6. नींबू – उल्टी जैसा जी होने पर नींबू का एक टुकड़ा मुंह में रख लें। इससे उल्टी में काफी राहत मिलती है।

अपने चिकित्सक से सलाह जरुर करें ।
😀

7. इलायची – पेट की एसिडिटी शांत रखने के लिए तथा खाना हजम करने के लिए इलायची भी काफी कारगर उपाय है।







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