Guru Ayurveda

शनिवार, 25 जनवरी 2020

हार्ट पैन की पहचान ।Sing of heart pain .

हार्ट पेन की पहचान ।
छाती में होने वाले दर्द जरूरी नही कि दर्द हृदय का ही हो !
-वह दर्द गैस - तेजाब का भी हो सकता है।
-वह दर्द पेनिक अटैक भी हो सकता है जो मन का रोग है।
-वह दर्द माॅसपेशियोॅ मे भी हो सकता है।
-पित्ताशय मे सुजन या पथरी होने से भी छाती में दर्द हो सकता है।
✔अगर आपकी छाती में लफ्ट साईड में दिल मे भींचने जैसी तेज दर्द होता है और साथ में पसीने भी बहुत हो रहे है।तो यह हृदय रोग है।
✔यदि दर्द रूक रूक कर हो रहा है।तो यह हृदय रोग है।
✔दर्द के साथ-साथ साॅस भी फुल रही है ।साॅस लेने में तकलीफ हो रही है तो आपको सावधान हो जाना चाहिऐ।कि अच्छे चिक्तसक को दिखाना चाहिऐ।
✔हमारा उद्देश्य जनता को जागरूक करना है।आपको भ्रम में रह कर हृदय की कोई भी औषधी नही करनी चाहिए।एलोपैथी मेडिसिन करने से पहले निश्चित कर लें।कि हृदय रोग है भी या नही।
अन्यथा भयंकर परिणाम भूगतने पड सकते है।
डा॰वीरेन्द्र मढान
गुरू आयुर्वेद फरिदाबाद।
हरियाणा ।भारत।

रविवार, 20 अक्तूबर 2019

आसव अरिष्ट -Aashev .Arishta is ayurvedic wine Dr.Virender madhan

आसव-अरिष्ट Aasheva-Arishta is ayurvedic wine.आसव और अरिष्ट बाजार मे बिकने वाले wine वाईन ही है।दोनो मे 6-7 % से लेकर 12% तक एल्कोहल की मात्रा होती है।इनके बनाने की विधी लगभग समान है।आयुर्वेद मे किसी औषधी को लम्बे समय तक चलाने के लिये और औषधी के गुणो को काफी समय तक सुरक्षित रखने के लिये ॠषियों ने आसव और अरिष्टों को बनाया।आसव अरिष्ट मे एल्कोहल स्वम् पैदा होती है ।वह अलग से नही मिलाई जाती है।आसव-अरिष्ट शीध्र प्रभावकारी है।अतःचिक्तिसक को आसव-अरिष्ट का प्रयोग जरूर करना चाहिए। मात्रा:- आसव-अरिष्ट की मात्रा 30ml से60 ml होती है।इसमे बराबर मात्रा मे पानी मिला कर पीना चाहिए। किसी भी आसव अरिष्ट को पीने से पहले आपको किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से सलाह ले लेनी चाहिए।