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मंगलवार, 13 अगस्त 2024

बरसात में पकौड़े खाने से फायदे व नुकसान in hindi

 बरसात में पकौड़े खाने से फायदे व नुकसान in hindi.

Dr.VirenderMadhan

बरसात में पकौड़े खाने के फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं:

फायदे:–

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मौसम का आनंद:–

 बरसात के मौसम में पकौड़े खाने से मौसम का मजा बढ़ जाता है और यह एक लोकप्रिय भारतीय परंपरा है।

स्वादिष्ट और गर्माहट:–

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 बरसात में पकौड़े खाने से शरीर को गर्मी मिलती है, जो ठंड और नमी से राहत दिला सकती है।

सोशल इवेंट्स:–

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 पकौड़े दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खाने का मजा बढ़ाते हैं, जिससे सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं।


नुकसान:–

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तेल और कैलोरी:–

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 पकौड़े तले हुए होते हैं और इनमें अधिक तेल और कैलोरी होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।

पाचन समस्याएं:–

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 बरसात के मौसम में पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है और तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से पाचन समस्याएं हो सकती हैं।

वायरल इंफेक्शन का खतरा:–

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  बरसात में खाने की स्वच्छता का ध्यान न रखने पर वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है, खासकर अगर पकौड़े बाहर से खरीदे जा रहे हों।

संतुलन और स्वच्छता का ध्यान रखते हुए बरसात में पकौड़े खाने का आनंद लिया जा सकता है।


स्नैक्स का विकल्प:–

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 बरसात के मौसम में पकौड़े एक अच्छा स्नैक विकल्प होते हैं, जो भूख मिटाने के साथ-साथ मन को भी संतुष्टि प्रदान करते है।

वजन बढ़ना:– 

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अधिक मात्रा में पकौड़े खाने से वजन बढ़ने का खतरा रहता है, क्योंकि इनमें उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और वसा होते हैं।

हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव:–

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 तले हुए खाद्य पदार्थ हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, खासकर यदि पकौड़ों में इस्तेमाल होने वाला तेल सही न हो।

बाहरी पकौड़ों का जोखिम:–

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 बाहर से खरीदे गए पकौड़े स्वच्छता और गुणवत्ता के मानकों को पूरा नहीं कर सकते, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।

अम्लता की बृद्धि:–

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शरीर में तेजाब बढाता है

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सुझाव:–

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 बरसात में पकौड़े का आनंद लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखें:


तेल की गुणवत्ता और मात्रा का ध्यान रखें।

पकौड़े ताजे और स्वच्छ सामग्री से बनाएं।

संतुलित मात्रा में पकौड़े खाएं और साथ में हरी चटनी या दही का सेवन करें, जिससे पोषण में वृद्धि हो।

गुरुवार, 8 अगस्त 2024

अपच होने के 10 आयुर्वेदिक कारण in hindi


 अपच होने के 10 आयुर्वेदिक कारण

Dr.VirenderMadhan

आयुर्वेद के अनुसार, अपच (डिस्पेप्सिया) के विभिन्न कारण हो सकते हैं। यहाँ अपच होने के 10 प्रमुख आयुर्वेदिक कारण दिए जा रहे हैं:


असंतुलित आहार:–

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 गलत समय पर और असंतुलित भोजन करना।

अतिपान: 

अधिक मात्रा में खाने और पीने से पाचन तंत्र पर बोझ बढ़ता है।

अपथ्य आहार:–

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 अपाच्य और भारी भोजन करना।

अजीर्ण:–

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 पिछले भोजन के पूर्ण पाचन से पहले ही नया भोजन करना।

अवस्थापन:–

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 भोजन के तुरंत बाद लेट जाना या शारीरिक गतिविधियों का अभाव।

अम्लता:–

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 अधिक मसालेदार और तली हुई चीजों का सेवन।

विरुद्ध आहार:–

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 विरोधाभासी खाद्य पदार्थों का एक साथ सेवन।

मानसिक तनाव:–

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 तनाव, चिंता और अवसाद का पाचन पर नकारात्मक प्रभाव।

अनियमित दिनचर्या:–

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 अनियमित सोने और जागने का समय।

कुपित दोष:–

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 वात, पित्त, और कफ दोषों का असंतुलन।


प्रकृति विरोधी आहार:–

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 अपनी प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के खिलाफ आहार लेना।

दुर्बल अग्नि:–

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 कमजोर पाचन शक्ति या अग्नि मन्दता।

अन्य रोग:–

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 शरीर में अन्य बीमारियों के कारण पाचन शक्ति का कम होना।

संक्रमण:–

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 पेट में कीड़े या अन्य संक्रमण होना।

औषधियों का प्रभाव:–

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 कुछ दवाइयों के दुष्प्रभाव के कारण।

अतिप्रवृत्त:–

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 अत्यधिक शारीरिक श्रम या व्यायाम करना।

अपचन से होने वाले रोग:–

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–कब्‍ज, 

–एसिडिटी, 

–आंतों में सूजन, 

–संक्रमण, 

–सीलिएक रोग, 

–क्रोहन रोग, 

-अल्सरेटिव कोलाइटिस, –इंटेस्टाइनल इस्किमिया जैसी बीमारियों का खतरा अधिक रहता है।