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बुधवार, 13 अप्रैल 2022

कमरदर्द|कटीशूल|Katishul|LUMBAGO,क्या है?In hindi.

कमरदर्द|कटीशूल|Katishul|LUMBAGO,क्या है?In hindi.



Dr_Virender_Madhan,

#आयुर्वेद में कमर दर्द को #कटिशूल कहा जाता है। इस दर्द में पीठ के निचले हिस्‍से में #सूजन और #अकड़न रहती है। #वात दोष के असंतुलन के कारण पीठ के निचले हिस्‍से में दर्द होता है जिसे पीठ या #कमर दर्द के नाम से जाना जाता है।

#क्यों होता है कमरदर्द?

आयुर्वेद में कमरदर्द|कटिशूल, का कारण वातदोष बताया गया है। तीखे व कसैलेरस युक्त आहार जैसे अधिक मिर्च व तेलयुक्त आहार, चटपटा खाना, फ्रिज में रखा हुआ खाना, अधिक शीतल पेय, आइसक्रीम, अत्यअधिक बीज वाले फल व सब्जी जैसे अमरूद, बैगन, काचरी, परवल आदि लेने से कमरदर्द की समस्या होती है।

गलत आसान पर बैठने से,

अधिक थकने वाले काम करने से,

आगे झुक कर काम करने से भी कमर दर्द होता है।

गर्भावस्था में, ज्यादा काम से कटीशूल हो जाता है।

#कटिशूल|कमरदर्द का घरेलू उपाय?

कमर दर्द के इलाज में शुंथि (सूखी अदरक), रसना, रसोनम (लहसुन) और अरंडी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्‍तेमाल किया जाता है। 

आयुर्वेदिक औषधि

 जैसे कि योगराज गुग्‍गुल, सिंहनाद गुग्‍गुल, दशमूल कषाय और बालारिष्‍ट से कमर दर्द का इलाज किया जा सकता है। #आयुर्वेदिक ग्रंथों में कमर दर्द के इलाज के लिए प्राचीन चिकित्‍सा पद्धतियों का उल्लेख मिलता है जिसमें #उदवर्तन (पाउडर से मालिश), स्‍वेदन (पसीना निकालने की विधि), #अभ्‍यंग (तेल मालिश), बस्‍ती कर्म (एनिमा चिकित्‍सा), विरेचन कर्म (मल त्‍याग की विधि), #लेप (शरीर के प्रभावित हिस्‍से पर औषधि लगाना) और #अग्‍निकर्म (शरीर के किसी हिस्‍से को जलाने की विधि) शामिल है।

अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी #आयुर्वेदिक #चिकित्सक से परामर्श करें और अपने रोग का निवारण करें l

GuruAyurvedainfaridabad,