#पेट की गैस|कारण|उपाय।आयुर्वेदिक चिकित्सा in hindi.
By:- Dr.VirenderMadhan.
पेट की गैस
आजकल आहार और जीवनशैली खराब होने के कारण पेट की गैस की समस्या होना आम बात हो गई है।
* गैस की बीमारी कोई स्वतंत्र रोग न होकर पाचनतंत्र की कमजोरी से उत्पन्न होने वाली एक लक्षण मात्र है।पाचनतंत्र मे विकार या विकृत पाचकरस के कारण पेट मे गैस बन जाती है।
पेट मे गैस बनने से पेट या आँतों की गैस भर कर फूलने लगता है।
#गैस बनने के लक्षण क्या है?
पेट मे दर्द होना।
एसिडिटी होना।
सिरशूल होना।
पेट का फूलना।
वोमिटिगं टैंडंसी (उल्टी जैसा होना।
आलस्य मे रहना।
डकारें आना।
हृदय की धडकन बढ जाना।
भोजन के बाद पेट भारी होना
बार बार मुहं मे पानी आना आदि गैस बनने के लक्षण होते हैं।
< अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-
https://youtu.be/ZPVyzcf8N98
#गैस बनने के कारण क्या क्या है?
-अत्यधिक भोजन करना।गरिष्ठ भोजन करने से।
-बैक्टीरिया का पेट में ज्यादा उत्पादन होना।आंतों में सुजन होने के कारण।
-भोजन करते समय बातें करना और भोजन को ठीक तरह से चबाकर न खाना।
- पेट में अम्ल का निर्माण होना।
- किसी-किसी दूध के सेवन से भी गैस की समस्या हो सकती है।
- अधिक शराब पीना
- मानसिक चिंता या स्ट्रेस
एसिडिटी, बदहजमी, विषाक्त खाना खाने से,
-सुबह नाश्ता न करना या लम्बे समय तक खाली पेट रहना।
- जंक फूड या तली-भुनी चीजें खाना।
- बासी भोजन करना।
- अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल न करना।
- बीन्स, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल का अधिक सेवन करना।
- कुछ खाद्य पदार्थों से कुछ लोगों को गैस बन जाता है जबकि कुछ लोगों को उससे कोई गैस नहीं बनता है जैसे; सेम, गोभी, प्याज, नाशपाती, सेब, आडू, दूध और दूध उत्पादों से अधिकांश लोगों को गैस बनती है।
- खाद्य पदार्थ जिनमें वसा या प्रोटीन के बजाय कार्बोहाइड्रेट का प्रतिशत ज्यादा होता है, के खाने से ज्यादा गैस बनती है।
- उम्र बढ़ती है, कुछ एंजाइमों का उत्पादन कम होने लगता है अधिक गैस भी बनने लगती है।
- निठल्ला रहने से भी गैस का कारण बनता है।
#गैस बनने पर जीवनशैली -
- उदरवायु वात दोष के कारण होने वाली समस्या है अत वातशामक आहार एवं उचित जीवनशैली के द्वारा गैस की समस्या से राहत मिलती है।
- सुबह उठकर प्राणायाम एवं योगासन करें।
-भोजन को चबा-चबा कर खाएं, जल्दी-जल्दी भोजन न खाएं।
- पवनमुक्तासन, वज्रासन तथा उष्ट्रासन करें।
- वज्रासन, खाने के बाद करने से गैस होने से रोका जा सकता है। इसको करने के लिए घुटने मोड़कर बैठ जाएं। दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें। गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन शक्ति बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।
वज्रासन करने से पेट में गैस नहीं बनती। योग की अग्निसार क्रिया से आँतों की ताकत बढ़कर पाचन में सुधार होता है।
#गैस रोगी क्या खायें क्या न खायें?
० तले भोजन न खायें।
० सोडा और प्रीजरवेटिव युक्त जूस न पिएं।
० पानी अधिक पिएं।
० जंक फूड, बासी भोजन तथा दूषित पानी से जितना हो सके बचें।
०भोजन करने से पहले और बाद मे 1धण्टे तक पानी न पीयें।
०कोल्डड्रिंक न पीयें।
०वातबर्द्धक आहार जैसे मठर चना, गोभी आदि न लें।
०मैदे से बनी हुई चीचों को न खायें।
०साप्ताहिक व्रत भी करे।
०समय पर ही भोजन करें।
#गैस की आयुर्वेदिक दवा।
*हिंग्वाष्टक चूर्ण
*शिवाक्षार पाचन चूर्ण
*लवणभास्कर चूर्ण
स्वादिष्ट पाचन चूर्ण
मुकोलिव सिरप
मुकोजाईम सिरप
मुकोलिव टेब
एलासिड टेब
#गैस के लिए घरेलू उपाय।
-सौठ और हरड को सम मात्रा में लेकर चूर्ण बनालें उसमे से 1-1 चम्मच सवेरे साय पानी से लें।
-भोजन के एक घण्टे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानों को 1/2 चम्मच लेकर चूर्ण बना कर 1/2 से 1चम्मच पानी के साथ मिला कर पिएं।
-करेले का रस या करेले की सब्जी खाने से गैस मे राहत मिलती है।
-1/2 चम्मच सूखा अदरक पाउडर लें और उसमें एक चुटकी हींग और सेंधा नमक मिला कर एक कफ गरम पानी में डाल कर पीएं।
- एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।
- हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खाना चाहिए।
- अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें।
बड़ों के लिए 2 से 6 ग्राम, खाने के तुरन्त बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।
- अदरक
अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हल्का होगा और भूख खुलकर लगेगी।
- भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर काला नमक डालकर खायें ।
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-
https://youtu.be/ZPVyzcf8N98
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धन्यवाद!