दूब घास आपके लिए अमृत समान है क्यों ? जाने हिन्दी में।
दूब घास
By:-Dr_Virender_Madhan.
दूब या दुर्वा (वैज्ञानिक नाम- 'साइनोडॉन डेक्टिलॉन') पुरे वर्ष भर पायी जाने वाली घास है जो जमीन पर पसरते हुए या फैलते हुए बढ़ती है। हिन्दू संस्कारों एवं कर्मकाण्डों में इसका उपयोग किया जाता है ।
#दुब के नाम ?
हिंदी में इसे दूब, दुबडा, संस्कृत में दुर्वा, सहस्त्रवीर्य, अनंत, भार्गवी, शतपर्वा, शतवल्ली, मराठी में पाढरी दूर्वा, काली दूर्वा, गुजराती में धोलाध्रो, नीलाध्रो, अंग्रेजी में कोचग्रास, क्रिपिंग साइनोडन, बंगाली में नील दुर्वा, सादा दुर्वा आदि नामों से जाना जाता है।
#दुब घास की धार्मिक मान्यता?
बरमूडा घास (Bermuda grass) भारत में पवित्र पौधा मानी जाती है इसे हिंदी में दूर्वा घास या दूब के रूप में जाना जाता है। यह हिंदुओं के लिए धार्मिक है क्योंकि इससे भगवान गणेश की पूजा की जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि * दूब घास 'अमृत' की उत्पत्ति हैं।
* गणपति की पूजा में दूब घास से जुड़ा एक विशेष उपाय जो धन प्राप्ति के लिए है
- गणेश चतुर्थी को प्रात: काल स्नान करने के बाद गणेशजी के मंदिर में जाकर दुर्वा की 11 या फिर 21 गांठ अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से आपके हर काम से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और आपको धन की प्राप्ति होती है
* सफेद गाय के दूध मे सफेद दुब का तिलक लगाने वाले व्यक्ति का हर कार्य सफल होता है।
* अनलासुर जिसने स्वर्ग मे कोलाहल मचा रखा था गणेश जी उसे निगल गये बाद मे भगवान गणेश जी के पेट मे जलन पैदा हो गई ऋषियों ने उन्हें दूब घास खाने को दी जिससे उन पेट मे शान्ति हुई।
#क्या होता है दुब घास मे?
इसमें Vit.A, D, E ,और प्रोटीन पाया जाता है।
फास्फोरस कम तथा लवण ,कैल्शियम अधिक पाया जाता है।
#दुब घास से कौन कौन से रोग ठीक होते है?
इस पवित्र घास से
* मधुमेह,
* PCOD, पोलिसिस्टिक ओवरी संड्रोम,
* प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
* रक्त शुध्दि होती है
* हृदय बलदायक है।
* मिर्गी मे लाभदायक है।
* सिरदर्द,
* आंखों का दर्द,
* नकसीर मे बहुत उपयोगी होता है।
#दूब घास के फायदे?
यही नहीं दूब की घास शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम भी करती है. इसमें मौजूद एंटीवायरल और एंटीमाइक्रोबिल गुण बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं. दूब की घास थकान, तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं का भी समाधान करती है. डिप्रेशन और टेंशन जैसी मानसिक समस्याओं में भी दूब की घास बहुत लाभकारी है.
दूब पेट, यौन, और लीवर संबंधी रोगों के लिए असरदार मानी जाती है.
* दूब घास शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती है।
* अनिद्रा से राहत मिलती है।
त्वचा संबंधी समस्या जैसे खुजली, त्वचा पर चकत्ते ,एग्जिमा आदि मे आराम मिलता है इनमें दूब को हल्दी के साथ मिलाकर लेप करते है।
* दूब घास का रस पीने से प्यास से राहत मिलती है।पेशाब खुलकर आता है।गर्मी शांत होती है।
* लाईफ स्टाइल बिगड़ने से होने वाले एनीमिया दूर करने के लिए दुब रस अमृत के समान उपयोगी है
*नंगे पैर घास मे चलने से आंखों के लिए फायदेमंद है नेत्र ज्योति बढती है।
* मुंह के छाले पड जाये तो दुब का काढा बना कर कुल्ले करने से ठीक हो जाते है।