सर्प विष से बचाने वाली औषधि-द्रौणपुष्पी|गुमा क्या है?In hindi.
[द्रौणपुष्पी|गुमा]
<साँप के काटने से बचाने वाली औषधि>
By:- Dr.VirenderMadhan.
द्रौणपुष्पी पौधे की गाँठों पर सफेद फूलों के गुच्छे लगते हैं। द्रोणपुष्पी का पौधा बारिश के मौसम में लगभग हर जगह पैदा होता है, गर्मी के मौसम में इसका पौधा सूख जाता है। इसकी ऊंचाई 1-3 फुट और टहनी रोमयुक्त होता है।
द्रोणपुष्पी या 'गोफा' या 'गुमा' औषधीय गुणों से युक्त पौधा है।
#द्रौणपुष्पी के नाम:-
लै०Leucas cephalotes spring.
स०-द्रौणपुष्पी,फलपुष्पा,हिंदी- गोफा,गूमा, ब०-हलकमा,घलघसे, म०- तुबा,कुमा,
#द्रौणपुष्पी के आयुर्वेदिक गुण:-
गुण―गुरु, रुक्ष,तीक्ष्ण
रस–कटु, विपाक–कटु,
वीर्य–उष्ण
#द्रौणपुष्पी के कर्म और प्रयोग:-
- यह कफवात शामक और पित्त शोधक है।यह शोधन के लिये प्रयोग किया जाता है।
- गुमा कफध्न,जन्तुध्न,बिषध्न है।
#द्रौणपुष्पी किस काम आता है?
- इसका स्वरस का नस्य प्रतिश्याय और शिरशूल के लिए दिया जाता है।
- इसके क्वाथ से घाव को धोते है और सर्पदंश पर भी लगाते है।
- उदररोगोमे-
इसका प्रयोग भूख की कमी, टाइफाइड, बुखार के कारण होने वाली भूख की कमी, और पेट के रोगों के इलाज में किया जाता है।
- आध्यमान (पेट फूलना),शूल (दर्द),विबन्ध (कब्ज), कामला,तथा कृमि रोग में इसका प्रयोग लाभकारी होता है।
- श्लैष्मिक ज्वरों मे मे भी लाभप्रद है।,सर्पविष मे भी प्रयोग होता है।
- रक्तविकार, शोथ,मे प्रयोग किया जाता है।
- कास,श्वास रजोवरोध, कष्टरजःमे उपयोगी है।
#द्रौणपुष्पी का विशेष चमत्कारी उपयोग :-
सर्प के काटने पर थोडी थोड़ी देर बाद द्रौणपुष्पी के रस की 3-4 बूंदें नाक मे डालते रहने से सर्प विष समाप्त हो जाता है और रोगी का जीवन बच जाता है।
#प्रयोज्य अंग-
पंचाग ( विशेषता पत्र),स्वरस,