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पतलापन|कृशता किसे कहते है?In hindi. लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

वजन कैसे बढायें|कृशता किसे कहते है?In hindi.

#घरेलूउपाय #आयुर्वेदिकचिकित्सा #Healthtips.

#वजन कैसे बढायें?



#पतलापन|कृशता किसे कहते है?In hindi.

* कृशता क्या है?

By:-Dr.Virender Madhan.

दुबले व्यक्ति के नितम्ब, पेट और ग्रीवा शुष्क होते हैं। अंगुलियों के पर्व मोटे तथा शरीर पर शिराओं का जाल फैला होता है, जो स्पष्ट दिखता है। शरीर पर ऊपरी त्वचा और अस्थियाँ ही शेष दिखाई देती हैं।

#शरीर में दुबलापन क्यों आता है?

मानसिक, भावनात्मक तनाव, चिंता की वजह से व्यक्ति दुबला हो सकता है। यदि शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाए तो व्यक्ति दुबला हो सकता है। चयापचयी क्रिया में गड़बड़ी हो जाने के कारण व्यक्ति दुबला हो सकता है। बहुत अधिक या बहुत ही कम व्यायाम करने से भी व्यक्ति दुबला हो सकता है

दुबलेपन के कारण : -

अग्निमांद्य या जठराग्नि का मंद होना ही अतिकृशता का प्रमुख कारण है। अग्नि के मंद होने से व्यक्ति अल्प मात्रा में भोजन करता है, जिससे आहार रस या 'रस' धातु का निर्माण भी अल्प मात्रा में होता है। इस कारण आगे बनने वाले अन्य धातु (रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्रधातु) भी पोषणाभाव से अत्यंत अल्प मात्रा में रह जाते हैं, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति निरंतर कृश से अतिकृश होता जाता है। इसके अतिरिक्त लंघन, अल्प मात्रा में भोजन तथा रूखे अन्नपान का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से भी शरीर की धातुओं का पोषण नहीं होता।

#दुबलेपन से परेशान है तो क्या करें।

-पौष्टिक आहार लें और खुब सोये।कठिन परिश्रम न करें।

#दुबले-पतले शरीर को मोटा कैसे बनाएं?

आयुर्वेदिक चिकित्सा

संतर्पण क्रिया:-

सर्वप्रथम उसके अग्निमांद्य को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। लघु एवं शीघ्र पचने वाला संतर्पण आहार, मंथ आदि अन्य पौष्टिक पेय पदार्थ, रोगी के अनुकूल ऋतु के अनुसार फलों को देना चाहिए, जो शीघ्र पचकर शरीर का तर्पण तथा पोषण करे। 

- रोगी की जठराग्नि का ध्यान रखते हुए दूध, घी आदि प्रयोग किया जा सकता है। 

-कृश व्यक्ति को भरपूर नींद लेनी चाहिए, इस हेतु सुखद शय्या का प्रयोग करें। 

- कृशता से पीड़ित व्यक्ति को चिंता, मैथुन एवं व्यायाम का पूर्णतः त्याग करना चाहिए।

पंचकर्म :-

- कृश व्यक्ति के लिए मालिश अत्यंत उपयोगी है। पंचकर्म के अंतर्गत केवल अनुवासन वस्ति का प्रयोग करना चाहिए तथा ऋतु अनुसार वमन कर्म का प्रयोग किया जा सकता है। कृश व्यक्ति के लिए स्वेदन व धूम्रपान वर्जित है। 

रसायन एवं वाजीकरण :-

-  कृश व्यक्ति को बल प्रदान करने तथा आयु की वृद्धि करने लिए रसायन औषधियों का प्रयोग परम हितकारी है, क्योंकि अतिकृश व्यक्ति के समस्त धातु क्षीण हो जाती हैं तथा रसायन औषधियों के सेवन से सभी धातुओं की पुष्टि होती है, 

औषधि चिकित्सा क्रम :-

- सर्वप्रथम रोग की मंद हुई अग्नि को दूर करने का प्रयोग आवश्यक है, इसके लिए दीपन, पाचन औषधियों का प्रयोग अपेक्षित है। अग्निमांद्य दूर होने पर अथवा रोगी की पाचन शक्ति सामान्य होने पर जिन रोगों के कारण कृशता उत्पन्न हुई हो तथा कृशता होने के पश्चात जो अन्य रोग हुए हों, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही औषधियों की व्यवस्था करना अपेक्षित है।

#कृशता में उपयोगी औषधियाँ :-

*लवणभास्कर चूर्ण, 

* हिंग्वाष्टक चूर्ण, 

* अग्निकुमार रस, 

* आनंदभैरव रस, *

* लोकनाथ रस( यकृत प्लीहा विकार रोगाधिकार), 

* संजीवनी वटी, 

* कुमारी आसव, 

*द्राक्षासव, 

*लोहासव, 

* भृंगराजासन, 

* द्राक्षारिष्ट, 

* अश्वगंधारिष्ट, 

* सप्तामृत लौह, 

* नवायस मंडूर, 

* आरोग्यवर्धिनी वटी, *च्यवनप्राश, 

* मसूली पाक, 

* बादाम पाक, 

* अश्वगंधा पाक, 

* शतावरी पाक, 

* लौहभस्म, 

* शंखभस्म, 

* स्वर्णभस्म, 

* अभ्रकभस्म 

-- मालिश के लिए 

- बला तेल, 

- महामाष तेल (निरामिष) आदि का प्रयोग आवश्यकतानुसार करना चाहिए।

#दुबलेपन से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय?

* कृशता मे क्या खायें?

भोजन में जरूरी : गेहूँ, जौ की रोटी, मूंग या अरहर की दाल, पालक, पपीता, लौकी, मेथी, बथुआ, परवल, पत्तागोभी, फूलगोभी, दूध, घी, सेव, अनार, मौसम्बी आदि फल अथवा फलों के रस, सूखे मेवों में अंजीर, अखरोट, बादाम, पिश्ता, काजू, किशमिश आदि। सोते समय एक गिलास कुनकुने दूध में एक चम्मच शुद्ध घी डालकर पिएँ, इसी के साथ एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लें, लाभ न होने तक सेवन करें।


धन्यवाद!