Guru Ayurveda

पागलपन की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? In hindi लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
पागलपन की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? In hindi लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, 12 मई 2022

पागलपन की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? In hindi

 पागलपन की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? In hindi.



मानसिक विकृति:-

By- Dr.Virender Madhan.

यह एक मानसिक रोग है। चीखना- चिल्लाना, कपड़े फाड़ना, बकवास करना, खुद-ब-खुद बातें करना, हंसना अथवा रोना, मारने अथवा काटने को दौड़ना, अपने बाल आदि नोंचना ही इसके प्रमुख लक्षण हैं।

 यह रोग कई प्रकार की विकृतियों के कारण हो सकता है। जैसे - अत्याधिक प्रसन्न होना, कर्जदार अथवा दिवालिया हो जाना, अत्यधिक चिन्तित रहना, भय, शोक, मोह, क्रोध, हर्ष मैथुन में असफलता, काम-वासना की अतृविप्त अथवा मादक पदार्थों का अत्याधिक सेवन करना। अतः पागलपन के मूल कारण को जानकर ही औषधियों का प्रयोग करना चाहिए।

#पागलपन के घरेलू उपाय?

- खिरेंटी ( सफेद फूलों वाली ) का चूर्ण साढ़े तीन तोला 10 ग्राम पुनर्नबा की जड़ का चूर्ण इन दोनों को क्षीर - पाक की विधि से दूध मे पकाकर तथा ठण्डा कर नित्य प्रातः काल पीने से घोर उन्माद भी नष्ट हो जाता है।

- पीपल, दारूहल्दी, मंजीठ, सरसों, सिरम के बीज, हींग, सोंठ, काली मिर्च, इन सबको 10-10 ग्राम लेकर कुंट- पीसकर छान लें। इस चूर्ण को बकरी के मूत्र में पीसका नस्य देने तथा आंखों में आजमाने से उन्माद, ग्रह तथा मिर्गी रोग नष्ट होते हैं।

- सरसों के तेल की नस्य देने तथा सरसों का तेल आंखों में आंजने से पागलपन का रोग दूर होता है। ऐसे रोगी के सारे शरीर पर सरसों का तेल लगाकर और उसे बांधकर धूप में चित्त सुला देने से भी इस रोग से छुटकारा मिल जाता है।

#मानसिक रोग की आयुर्वेदिक दवा क्या है?

- ब्राह्मी, मंडूक पुष्पि, स्वर्ण भस्म आदि से मस्तिष्क को बल मिलता है और मन को शांति। इनका उपयोग अवसाद के उपचार में किया जाता है।   -आयुर्वेद में अवसाद दूर करने के लिए खानपान में भी बदलाव करने पर बल दिया जाता है।

* ब्रह्मी का स्वरस और शहद

- पेठे का स्वरस और शहद,

- वच का स्वरस और शहद,

- शंखाहूली का स्वरस और शहद, का सेवन करने से मानसिक रोग ठीक हो जाता है।

ब्रह्मी का रस 30 से40 ग्राम मे कुठ का चूर्ण 50 मि०ग्राम मिलाकर शहद के साथ सेवन करें।

पेठे के चूर्ण मे एक चौथाई भाग में कूठ का चूर्ण मिलाकर रखे उसमे से 2-3ग्राम चूर्ण शहद मे मिलाकर चाटने से आराम मिलता है।

#आयुर्वेदिक शास्त्रीय औषधियों ?

उन्माद भंजन रस,

ब्रह्मी चूर्ण,

चतुभुर्ज रस,

महावातविध्दवनसन रस,

सारस्वतादि चूर्ण,

सारस्वतारिष्ट

सारस्वत घृत,

बलारिष्ट आदि का आयुर्वेद में मानसिक रोगो मे प्रयोग किया जाता है।

#ब्रेन टॉनिक क्या है?

“ब्रेनिका सिरप”

मन शक्ति अतिरिक्त मस्तिष्क टॉनिक सिरप एक आराम और सुखदायक सिरप है।

 हमारे जीवन तनाव से भरे हुए हैं। चाहे वह अध्ययन तनाव, कार्यालय तनाव या रिश्ते तनाव हो यह सिरप तनाव जारी करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। 

इस टॉनिक ने वच, शंखपुष्पी, ब्रह्मी,जठामांसी जैसे प्राकृतिक अवयवों से निष्कर्षण प्राप्त किए हैं।