Guru Ayurveda

पेट का गोला कैसे ठीक किया जाता है?In hindi लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
पेट का गोला कैसे ठीक किया जाता है?In hindi लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 29 मई 2022

पेट का गोला कैसे ठीक किया जाता है?In hindi

 #पेट का गोला कैसे ठीक किया जाता है?In hindi.

#Gulm|पेट में वायु का गोला बनना।May 2022.



Dr.VirenderMadhan.

#gulm,गुल्म|वायु का गोला क्या है?

</> गैस का गोला क्या होता है?


 गैस्ट्रिक ट्रबल को वायु गोला जैसे नामों से भी पुकारा जाता है। बार-बार गैस बनना, डकारें अधिक लेना तथा पेट में गुड़गुड़ाहट होना इसके मुख्य लक्षण हैं। जिनकी पाचन शक्ति अकसर खराब रहती है एवं जो प्राय: कब्ज के शिकार रहते हैं, वे लोग गैस की तकलीफ से परेशान रहते हैं। 

-  पेट में नाभि के ऊपर एक गोल स्थान है. जहां वायु जमा होकर गोला बन कर रुक जाता है या पेट में गांठ की तरह उभार बना देता है. वायु को एकत्रित होने को वायु गोला या गुल्म कहते हैं. 

यह पांच प्रकार का होता है

 वात, पित्त, कफ, त्रिदोष और रक्त दोष के कारण उत्पन्न होता है. यह पेट के कई हिस्सों में हो सकता है जैसे-

- पेट के दाहिनी तरफ।

- बाई तरफ ।

 - हृदय के पास।

 - पेडू या 

- मूत्राशय में वायु का गोला बन जाता है ।

 

#क्या है गुल्म (वायु का गोला) होने के कारण?

---------------------------------

कारण:-

-अधारणीय वेग (मल मूत्र का वेग) रोकने से।

 - चोट लगने से ।

 - गरिष्ठ भोजन खाने से ।

 - बासी,रुखा सुखा भोजन करने से ।

- चिन्ता मे रहने से और दूषित भोजन करने के कारण वायु दूषित हो कर हृदय से मूत्राशय तक के भाग में गांठ की तरह बन जाता है जिसे वायु का गोला या गुल्म नाम से जानते हैं.

#पेट में वायु के गोले के क्या क्या लक्षण होते हैं?

------------------------------

> पेट में गोला होने के लक्षण


- वायु का गोला बनने पर मल बंद हो जाता है।

- कब्ज व गैस बनने लगती है, - - मुंह सूखने लगता है ।

- अरुचि- भोजन करने का मन नहीं करता है।

 -पेट में दर्द रहता है।

 -भूख नहीं लगती है।

 -डकारे अधिक आती है, 

- आध्यमान-पेट फूल जाता है, आंतों में गुड़गुड़ाहट होती है और 

- शरीर का रंग धीरे-धीरे काला पड़ने लगता है.

- महिलाओं को गुल्म गर्भ गिरने, गलत खानपान करनेसे भी होता है।

- प्रारंभिक अवस्था में, खूनी वायु का ठहरना ।

- उदर में जलन और पीड़ा होना आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं.

# आयुर्वेदिक चिकित्सा क्या करें ?

------------------------

वायु के गोले (गुल्म) के 15 उपाय।

1 .हरड़-

- हरड़ के चूर्ण को गुड़ में मिलाकर दूध के साथ सेवन करने से पित्त के कारण होने वाले रोग ठीक होता है।

बड़ी हरड़ का चूर्ण और अरंड का तेल गाय के दूध में मिलाकर पीने से आराम मिलता है।

2 .सज्जी खार-

- सज्जी खार, जवाखार, और केवड़ा के चूर्ण को अरंड के तेल में मिलाकर सेवन करने से गुल्म ठीक हो जाता है ।

सज्जीखार आंवला रस में मिलाकर सेवन करने से पेट में गैस का गोला नही बनता।

3 .अपामार्ग-

-   कालीमिर्च  और अपामार्ग को पीसकर घी के साथ सेवन करने से वायु गोला का दर्द और वायु गोला से आराम मिलता है.

4 .सोठ-

-  सफेद तिल 150 ग्राम, सोठ 40 ग्राम,और पुराना गुड़ 80 ग्राम को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें. अब इस चूर्ण में से 5 से 10 ग्राम गर्म दूध के साथ पीने से कब्ज, वायु का गोला और दर्द दूर होता है ।

5 .मुलेठी-

- मुलेठी, चंदन और मुन्नका को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को दूध के साथ सेवन करने से पित्त के कारण हुए वायु का गोला दूर होता है.

6 .मुनक्का-

- पित्तज गुल्म से पीड़ित व्यक्ति को द्राक्षा यानी मुनक्का और हरड़ का एक से दो चम्मच चूर्ण गुड़ मिलाकर पानी के साथ खाने से लाभ होता है ।

7 .अजवाइन-

- कफज गुल्म मे अजवाइन का चूर्ण और थोड़ा सा सौंचरनमक साथ में मिलाकर पानी से लेने से कफ से उत्पन्न गुल्म में लाभ होता है।

8 . हिंग्वादि चूर्ण-

- हींग, पीपल की जड़, धनिया, जीरा, काली मिर्च, चीता, चव्य, कचूर, काला नमक, सेंधा नमक, बिरिया संचरनमक , छोटी पीपल, सोंठ, जवाखार, हरड, अनारदाना, पोहकर मूल, हाउबेर और काला जीरा आदि को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें. अब इसमें बिजौरा नींबू का रस मिलाकर अच्छी तरह से सुखाकर फिर से पीसकर चूर्ण बना लें 3 से 4 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ खाना खाने के बाद सेवन करें । इससे किसी भी तरह के वायु का गोला कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है.

9 .गोरखमुंडी-

- गोरखमुंडी के चूर्ण का काढ़ा बनाकर पीने से रक्त गुल्म ठीक हो जाता है।

10 .आक-

- आक के फूलों की कलियां 20 ग्राम और अजवाइन 20 ग्राम को बारीक पीसकर इसमें 50 ग्राम चीनी मिलाकर एक 1 ग्राम सुबह-शाम खाने से गुल्म रोग ठीक हो जाता है।

11 .शरपुंखा-

- शरपुंखा का रस और बडी हरड़ का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर 3-4 ग्राम की मात्रा में खाने के बाद खाने से गुल्म के कारण उत्पन्न दर्द ठीक होता है और कब्ज भी दूर हो जाती है।

12 .नींबू-

-  नींबू के रस को आधे गिलास गर्म पानी में मिलाकर पीने से आराम मिलता है। 

13 .एरण्ड तेल-

- दो चम्मच एरण्ड के तेल को गर्म दूध में मिलाकर पीने से वायु का गोला खत्म हो जाता है।

14 .बैगन-

- पेट में गैस बनने तथा पानी पीने के बाद पेट फूलने पर बैगन के मौसम में लंबे बैगन की सब्जी बनाकर खाने से गैस की बीमारी दूर होती है. लीवर और तिल्ली का बढ़ना भी ठीक हो जाता है. हाथ की हथेलियों और पैरों के तलवों में पसीना आने पर बैगन का रस लगाने से फायदा होता है।

15 .त्रिफला चूर्ण-

- त्रिफला चूर्ण को 3 से 5 ग्राम की मात्रा में चीनी में मिलाकर दिन में तीन बार खाने से गुल्म रोग में राहत मिलती है.

 अन्य :-

बकरी का दूध, गाय का दूध, छोटी मूली, बथुआ, सहजन, लहसुन, जमीकंद, परवल, बैगन, करेला, केले का फूल, सफेद कद्दू, कसेरू, नारियल, बिजोरा निंबू, फालसे, खजूर, अनार, आंवला, पका पपीता, कच्चे नारियल का पानी, 1 साल पुराना चावल, दाल- चावल आदि का सेवन करना फायदेमंद होता है।

- रात के समय हलवा खाना ।

- रोटी और दूध पीना अच्छा होता है।


#परहेज क्या करें? 

------------

- बादी करने वाले अनाज।

- तासीर के विपरीत पदार्थों का सेवन ।

-सूखा मांस, मछली आदि का सेवन नहीं करे।

- गरिष्ट करने वाले पदार्थ ।

- रात को जागना, अधिक मेहनत करना।

- आलू, मूली, मीठे फल आदि का प्रयोग करना भी गुल्म रोगी के लिए नुकसानदायक होता है।

-  मल मूत्र का वेग रोकने से भी वायु का गोला बनता है।

- इसलिए मल- मूत्र का भी कभी न रोकें।

धन्यवाद!