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शुक्रवार, 20 मई 2022

रसोई के मसालों से कैसे करें ईलाज?In hindi.

#रसोई के मसालों से कैसे करें ईलाज?In hindi.

#Dr.VirenderMadhan.

[रसोई के मसाले|आयुर्वेदिक औषधि]



रसोई के मसाले गुण व फायदे

 हल्दी , धनिया , जीरा , मेथी , अजवाइन , हींग आदि रोजाना के खाने में शामिल होते है। ये सब शरीर के लिए लाभदायक हैं 
ये भोजन के सहज पाचन में सहायक होते हैं. खाद्य पदार्थों में मसालों की उचित मात्रा इनमें जीवाणुओं की वृद्धि को रोककर नष्ट करने में सहायक है. 

#गरम मसाले को कैसे इस्तेमाल करें?

- जिससे यह खाने में खुशबू और फ्लेवर लाने में मदद करता है। गरम मसाले को फ्रैश मसालों से बनाया जाता है।जिसको कुछ दिनों में ही इस्तेमाल कर लिया जाए तो अच्छा है इसलिए इसकी शेल्फ लाइफ भी कम होती है। गरम मसाले को मीट, अंडे आदि पर छिड़का जाता है।जिससे इनमें गरम स्वाद आ जाता है।
* घरेलु नुस्खे के रूप में इनका उपयोग दवा के रूप मे काम करता है। ज्यादातर मसाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन ए, विटामिन बी6, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे खनिजों के समृद्ध स्रोत होते हैं।

#कौन सा मसाला किस रोग मे काम आता है?

 #हल्दी|Turmeric ( Haldi ):-

हल्दी ( Haldi ) में एक विशेष प्रकार का उड़नशील तेल होता है जिसमें करक्यूपिन नामक tarpent होता है इस tarpent में धमनियों में जमे कोलेस्ट्रोल को घोलने की शक्ति होती है। 
- हल्दी ( Haldi ) में विटामिन “ए ” , प्रोटीन , कार्बोहाईड्रेट व कई लाभकारी खनिज तत्व होते है।
इसमें एक विशेष प्रकार का क्षारीय तत्व कर्कुमिन होता है जो कैंसर को रोकने में सहायक होता है। हल्दी खून को साफ व पतला करती है , कफ को मिटाती है , इसमें एंटीसेप्टिक , एंटी बायोटिक और एंटी एलर्जिक गुण होते है।
- शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द , चोट , घाव , खून की कमी , आदि में हल्दी बहुत असरकारक होती है। गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से टूटी हुई हड्डी तेजी से जुडती है और अंदरूनी चोट ठीक होती है।
इसके लड्डू बनाकर उपयोग करने से जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है।
- गर्म पानी में नमक व हल्दी मिलाकर गरारे करने से गले की खराश ठीक होती है। 

#जीरा|Cumin( Jeera ):-

जीरा खाना पचाने में सहायक होता है , गैस बनने से रोकता है।
- कच्चा जीरा पीस कर इसमें समान मात्रा में गुड मिलाकर मटर के दाने के बराबर गोली बनाकर लें। ये गोली दो-दो दिन में तीन बार पानी के साथ लेने से स्त्रियों की गर्भाशय व योनि की सूजन , प्रसव के बाद गर्भाशय की शुद्धि और श्वेत प्रदर में बहुत लाभकारी है।
—  जीरा , धनिया और सौंफ एक एक चम्मच एक गिलास पानी में उबालें। आधा रह जाये तब ठंडा होने पर छानकर एक चम्मच देसी घी मिला दें। इसे सुबह शाम पीने से बवासीर से रक्त गिरना बंद हो जाता है। 
—  छाछ में भुना जीरा डालकर पीने से दस्त ठीक होते है।

#राई|rye( Rai ):- 

राई से पेट के कीड़े नष्ट होते है , गैस नहीं बनती व पाचन में सहायक होती है.
- छाछ में राई का छोंक लगाकर पीने से दस्त ठीक होते है। इसकी प्रकृति गर्म होती है। ये पसीना लाती है।

#धनिया|Coriander( Dhaniya ):-

ये खाना पचाने में मदद करता है । इसकी तासीर ठंडी होती है , ये एसिडिटी , पेट की गर्मी पेशाब की जलन , शरीर की जलन आदि में लाभप्रद है। -गर्मी के मौसम में दो गिलास पानी में 5 चम्मच साबुत धनिया दो कप पानी में रात को भिगो दें। सुबह छानकर पी लें। नकसीर , रक्त बवासीर,वजन कम करने में बहुत कारगर है।
—  पेशाब में या शरीर में जलन या ज्यादा प्यास लगती हो तो तीन चम्मच धनिया रात को पानीं में भिगो दें। सुबह इसे पीसकर छानकर मिश्री और दूध मिलाकर पियें।
—  ख़ाना खाते ही प्रेशर बनता हो तो खाने के बाद एक चम्मच धनिया पाउडर  में काला नमक  मिलाकर फांक लें। 

#लौंग|cloves:-

  इसके एंटीसेप्टिक गुण सड़न को रोकते है और संक्रमण को दूर रखते है। लौंग मुह की बदबू दूर करती है। इसके उपयोग से पाचन शक्ति बढ़ती है।
- यह एसिडिटी को मिटाती है . भूख बढाती है , खाने में रूचि बढाती है.पानी में लौंग उबालकर पीने से बुखार के बाद की पाचन संबधी तकलीफ दूर होती है। सफर में जी मचल रहा हो उल्टी का सा मन हो रहा हो तो लौंग मुंह में रखने से आराम मिलता है। 

#इलायची|Cardamom ( Ilayachi )

इलायची दूध व केले को पचाने के लिए उत्तम होती है । ये एसिडिटी रोकती है , इसके सेवन से मुहँ सूखा-सूखा रहना मिटता है।  ज्यादा मात्रा में खाना खा लेने पर इलायची खाने से बैचेनी कम होती है।  इलायची का चूर्ण मिश्री के साथ लेने से उल्टी में आराम मिलता है।

#काली मिर्च|black pepper( Kali Mirch ):-

सर्दी  जुकाम , खांसी से बचाव करती है , मलेरिया व वायरल बुखार में इसके सेवन से आराम मिलता है।  भूख बढाती है व पाचन में सहायक होती है। इसका सेवन आँखों के लिए फायदेमंद है। दो-दो काली मिर्च दिन में तीन बार मुंह में रखकर धीरे धीरे चूसने से खाँसी ठीक हो जाती है। ये प्रयोग पुरानी खांसी भी ठीक कर देता है। 

#हींग|Asafoetida के फायदे ( hing ke fayde ):-

- हींग (heeng ) पित्त प्रधान होती है। इसकी तासीर गर्म होती है। गर्भवती को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। 
- हींग पेट की गैस मिटाती है , गुड़ के साथ खाने से पेट के कीड़े नष्ट करती है , पानी में मिलाकर पेट पर लगाने से अफारे व पेटदर्द को ठीक करती है। 

#मेथी|Fenugreek(Methi):-

मेथी वायु को मिटाती है , मधुमेह , जोड़ो के दर्द आदि से बचाव करती है . पाचन शक्ति बढाती है , बालों के लिए अच्छी होती है , माँ का दूध बढाती है , जिससे शिशु को दूध की कमी नहीं होती। यह खून की कमी दूर करती है। 

#अजवायन|oregano( ajvain ):-

अजवायन पेट में मरोड़ ठीक करती है , अफारा ठीक करती है , पेट के कीड़े नष्ट करती है , माँ का दूध बढाती है , सर्दी जुकाम में आराम देती है। 

धन्यवाद!