वसंत कुसुमाकर रस मधुमेह की प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा.in hindi.
Basantkusmaker ras.
वसंत कुसुमाकर रस मधुमेह की प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा है.
क्योंकि यह ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य और स्थिर करता है। इसका उपयोग एंटी-हाइपरग्लाइकेमिक, कामोत्तेजक और कार्डियोप्रोटेक्टिव एजेंट के रूप में भी किया जाता है।
#रसेन्द्रसारसंग्रह के अनुसार वसंत कुसुमाकर रस।
वसंत कुसुमाकर रस के घटक द्रव्य:-
सोनाभस्म 2 भाग,
चांदी भस्म 2 भाग,
वंग भस्म 3 भाग,
वंगभस्म 3 भाग,
कांतलौह भस्म 3 भाग,
अभ्रक भस्म 4भाग,
मूंगा भस्म और मोती 4-4 भाग,
भावना द्रव्य -
गाय का दूध, ईख का रस, अडूसे के पत्तों का रस, लाख का क्वाथ, सुगंधवाला रस , केले के की जड का रस,केले के फूलों का रस, शतावर का रस, मालती के फूलों का रस,
सुगंध के लियें कस्तूरी का क्वाथ,
बसन्तकुसुमाकर रस बनाने की विधि:-
सभी भस्मो को मिलाकर खरल करें फिर भावना द्रव्यों मे से एक-एक द्रव्यो की अलग अलग भावना 7-7 बार दें.
बाद मे 2-2 रत्ती की गोली बना लें।
अनुपान:-
मिश्री, शहद,धृत के साथ दें।
मात्रा:-
1से2गोली सवेरे शाम या
चिकित्सक के अनुसार
इस औषधि का प्रयोग चिकित्सक की सलाह लेकर ही करें।
उपयोग:-
बसंतकुसुमार रस-कान्ति ,काम ,पुष्टि की बृद्धि करता है।
बसन्तकुसुमाकर रस के प्रयोग से वली,पलीत,और श्रुतिभ्रंश रोड को नष्ट करता है।
यह पुष्टि, बल,और आयुबर्द्धक है।पुत्रदा(संन्तान ) दायक है.
इससे बीस प्रकार के प्रमेह,11प्रकार के क्षय,और साध्यसाध्य सोमरोग नष्ट होते है.
इस औषधि के अब तक कोई साईड इफ्कट सामने नही आये है।
(रसेन्द्रसारसंग्रह)