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शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

विरुद्ध आहार किसे कहते है?In hindi


 #विरुद्ध आहार किसे कहते है?In hindi.

By:- Dr.VirenderMadhan.

 अघिकतर लोग ये बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते कि किस चीज के साथ क्या नहीं खाना चाहिए। बहुत से खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो एक साथ नही खा सकते है।जिनका मेल सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।  आयुर्वेद में खानपान को लेकर कई नियम बताए गये हैं जिसमें से विरूद्ध आहार का नियम प्रमुख है।

#विरूद्ध आहार  Viruddha Aahar:-

 किन खाद्य पदार्थों को साथ में क्या नहीं खाना चाहिए। इस लेख में हम आपको विरुद्ध आहार के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

#विरूद्ध आहार किसे कहते है ?

Who says the diet against:-

कुछ पदार्थ बहुत गुणकारी और स्वास्थ्य-वर्धक होते हैं, लेकिन जब इन्हीं पदार्थों को किसी अन्य खाद्य-पदार्थ के साथ लिया जाए तो ये फायदे की बजाय नुकसान पहुँचाते हैं। ये ही विरुद्धाहार कहलाते हैं। विरुद्ध आहार का सेवन करने से कई तरह के रोग होने का खतरा रहता है। क्योंकि ये रस, रक्त आदि धातुओं को दूषित करते हैं, दोषों को बढ़ाते हैं तथा मलों को शरीर से बाहर नहीं निकालते।

कई बार आपको कुछ गंभीर रोगों के कारण समझ नहीं आते हैं, असल में उनका कारण विरुद्धाहार होता है। क्योंकि आयुर्वेद में कहा है कि इस प्रकार के विरुद्ध आहार का लगातार सेवन करते रहने से ये शरीर पर धीरे-धीरे दुष्प्रभाव डालते हैं और धातुओं को दूषित करते रहते हैं। अतः विरुद्धाहार कई तरह के रोगों का कारण बनता है। ये विरुद्धाहार अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे-

1- देश की दृष्टि से 

विरुद्धाहार :  जैसे- नमी-प्रधान स्थानों में नमी वाले, चिकनाई युक्त, ठंडी गुण वाली चीजों का सेवन करना मना होता है।

2- मौसम की दृष्टि से 

विरुद्धाहार- जैसे- जाड़ों में ठंडी व रुखी चीजें खाना सेहत के लिए हानिकारक होता है।

3- पाचक-अग्नि की दृष्टि से :

जैसे- मन्द अग्नि वाले व्यक्ति को भारी, चिकनाई युक्त, ठण्डे और मधुर रस वाले या मिठास युक्त भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

4- मात्रा की दृष्टि से:-

 जैसे- शहद और घी का समान मात्रा में सेवन करना विष के समान है, परन्तु अलग अलग मात्रा में सेवन करना अमृत माना गया है।

5- दोषों की दृष्टि से:- 

जैसे- वात-प्रकृति वाले लोगों को वात बढ़ाने वाले पदार्थ और कफ-प्रकृति वाले लोगों को  कफ-वर्द्धक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

6- संस्कार या पाक की दृष्टि से:-

 जैसे- खट्टे पदार्थों को ताँबे या पीतल के बर्तन में पका कर खाना।

7-  वीर्य की दृष्टि से :-

  शीतवीर्य पदार्थों को उष्ण वीर्य पदार्थों के साथ खाना, जैसे – शीतवीर्य संतरा, मौसम्मी, अनानास आदि को दही अथवा लस्सी के साथ सेवन  करना।

8-  पाचन के आधार पर :- 

कुछ लोगों का पाचन तंत्र बहुत ख़राब होता है जिसकी वजह से वे बहुत कठोर मल का त्याग करते हैं। आज के समय में अधिकांश लोग कब्ज़ से पीड़ित हैं और उन्हें मलत्याग करने में कठिनाई होती है। ऐसे लोगों को कब्ज़ बढ़ाने वाले, वात और कफ बढ़ाने वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ऐसे लोग जिन्हें मलत्याग करने में बिल्कुल भी कठिनाई नहीं होती है। जिनके मल विसर्जन की क्रिया द्रव्य रूप में होती है। उन्हें सर व रेचक द्रव्यों का सेवन नहीं करना चाहिए।  

10- शारीरिक अवस्था की दृष्टि से:- 

जैसे- अधिक चर्बी वाले अर्थात् मोटे व्यक्तियों द्वारा चिकनाई युक्त पदार्थों (घी, मक्खन, तेल आदि) का सेवन तथा कमजोर मनुष्यों द्वारा रूक्ष और हल्के (लघु) पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

12- निषेध की दृष्टि से:- 

कुछ विशेष पदार्थों के सेवन के बाद उनके कुप्रभाव से बचने के लिए किसी अन्य विशेष पदार्थ का सेवन अवश्य करना चाहिए या उसके बाद किसी पदार्थ का सेवन एकदम नहीं करना चाहिए।  इस नियम का उल्लंघन करना निषेध की दृष्टि से विरुद्धाहार है। जैसे- घी के बाद ठण्डे जल आदि पदार्थों का सेवन करना, जबकि घी के बाद गर्म जल या गर्म पेय लेने का नियम है। गेहूँ व जौ से बने गर्म भोजन के साथ ठण्डा पानी पीना, भोजन के पश्चात् व्यायाम करना, इत्यादि।


14 – संयोग की दृष्टि से:- 

कुछ पदार्थों को एक-साथ या आपस में मिला कर खाना संयोग की दृष्टि से विरुद्धाहार है, जैसे खट्टे पदार्थों को दूध के साथ खाना, दूध के साथ तरबूज व खरबूजा खाना, दूध के साथ लवण युक्त पदार्थों का सेवन करना।

15- रुचि की दृष्टि से:- 

अच्छे न लगने वाले भोजन को विवशता से तथा रुचिकर भोजन को भी अरुचि से खाना।

#किन चीजों के साथ क्या नहीं खाना चाहिए? (Food Combinations to Avoid) : 

 * दूध के साथ :-

 दही, नमक, मूली, मूली के पत्ते, अन्य कच्चे सलाद, सहिजन, इमली, खरबूजा, बेलफल, नारियल, नींबू, करौंदा,जामुन, अनार, आँवला, गुड़, तिलकुट,उड़द, सत्तू, तेल तथा अन्य प्रकार के खट्टे फल या खटाई, मछली आदि चीजें ना खाएं।

Milk and Fish

*दही के साथ :-

  खीर, दूध, पनीर, गर्म पदार्थ, व गर्म भोजन, खीरा, खरबूजा आदि ना खाएं।

Curd and Cucumber


*खीर के साथ :-

  कटहल, खटाई (दही, नींबू, आदि), सत्तू, शराब आदि ना खाएं।

शहद के साथ:-

 घी (समान मात्रा में पुराना घी), वर्षा का जल, तेल, वसा, अंगूर, कमल का बीज, मूली, ज्यादा गर्म जल, गर्म दूध या अन्य गर्म पदार्थ, शार्कर (शर्करा से बना शरबत) आदि चीजं ना खाएं। शहद को गर्म करके सेवन करना भी हानिकारक है।

 *ठंडे जल के साथ:- 

घी, तेल, गर्म दूध या गर्म पदार्थ, तरबूज, अमरूद, खीरा, ककड़ी, मूंगफली, चिलगोजा आदि चीजें ना खाएं।

 * गर्म जल या गर्म पेय के साथ:- 

शहद, कुल्फी, आइसक्रीम व अन्य शीतल पदार्थ का सेवन ना करें।

 *घी के साथ:– 

समान मात्रा में शहद, ठंडे पानी का सेवन ना करें।

 *खरबूजा के साथ:- 

लहसुन, दही, दूध, मूली के पत्ते, पानी आदि का सेवन ना करें.

 * तरबूज के साथ:–  ठण्डा पानी, पुदीना आदि विरुद्ध हैं।

डा०वीरेंद्र मढान,

मंगलवार, 15 मार्च 2022

विरोधी आहार| विरूद्ध आहार।Incompatible Foods.in hindi.


 #Health tips

#विरोधी आहार| विरूद्ध आहार।Incompatible Foods.in hindi.

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By:- #Dr_Virender_Madhan.

बिषय:-

# विरुद्ध आहार क्या है

# विरुद्ध आहार कौन-कौन से हैं

# एक साथ क्या नहीं खाना चाहिए।

# विरुद्ध आहार से हानि।


</> विरूद्ध आहार क्या है (What is Incompatible Foods) :

जबकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो अकेले तो बहुत गुणकारी और स्वास्थ्य-वर्धक होते हैं, लेकिन जब इन्हीं पदार्थों को किसी अन्य खाद्य-पदार्थ के साथ लिया जाए तो ये फायदे की बजाय सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं। ये ही विरुद्धाहार कहलाते हैं।इन्हें एक साथ कभी ना खाएं 

विरुद्ध आहार’ के नियमों के अनुसार, कुछ चीज़ों का सेवन एकसाथ कभी नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इन चीज़ों को बार-बार एकसाथ खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं। कभी कभी मृत्यु भी हो सकती है।


#विरूद्ध आहार करने से क्या होता है?

विरूद्ध आहार करने से होने वाले रोग

नपुंसकता, अन्धापन, विसर्प, जलोदर, विस्फोट, उन्माद, भगन्दर, मूर्च्छा, मद नशा, आध्यान ,गले के रोग, पान्डुरोग , अलसक, विसूचिका, श्वेत कुष्ठ, ग्रहणी रोग ,रक्तपित्त, ज्वर, प्रतिश्याय, गर्भपात, मृत्यु ये सब ऋषि वांड्भट् जी ने अपने शास्त्रो मे बताई है।


» मुख्य विरुद्ध भोजन कौन कौन से है?

--खट्टाई ,करेला के साथ दूध।

--कुलथी, कंगनी, मठर, बैंगन, तुरई , दही,मोंठ के साथ दूध नही ले।

-दही के साथ दूध, पनीर, खीर, और खारा विरुद्ध है।

- मछली और दूध:

 यह बात सब जानते हैं कि सी-फूड और दूध एकसाथ नहीं खाना चाहिए। 

--खट्टे फल, मांस, उडद,मधू, दूध, अंकुरित धान्य आपस मे विरुद्ध है

- गर्म दूध के साथ शहद,नही लेते है।

--मूली,गुड विरुद्ध है।

--खीर,खोया, मलाई के साथ 

खिचडी न ले,न ही शराब ले।

- अंकुरित धान्यों के सार पका भोजन न ले।

--तैल,या तली चीज के साथ जल न ले।

-चाय और लहसुन: 

कूमारिन चाय में मिलने वाले एंटीकोएग्युलेंट (anticoagulants) हैं, जिनकी अधिक मात्रा से ब्लीडिंग का ख़तरा बढ़ जाता है। लहसुन में एंटीकोएग्युलेंट भी होते हैं, इसलिए 2 चीज़ों का साथ ख़तरनाक साबित हो सकता है। 

- अनार और चकोतरा का रस: 

ये दोनों फल आंतों के कुछ एंजाइम्स सिस्टम को ब्लॉक कर सकते हैं, जिसकी वजह से आपके रक्त में कुछ दवाओं की मात्रा बढ़ सकती है। अगर इन दोनों के जूस को मिलाकर या कॉकटेल के तौर पर पिया जाए, तो यह ख़तरनाक साबित हो सकता है। 

- कच्चे टमाटर, आलू और अल्कोहल: 

टमाटर और आलू खतरनाक नाइटशेड परिवार की सब्ज़ियां हैं, जिनमें सॉलनिन नाम का एक ग्लाइकोलकोलॉयड (glycoalkaloid) विष काफी अधिक होता है। यह केमिकल शराब के साथ मिलकर नशे या बेहोशी की स्थिति बनाता है

- दूध और नमक: 

क्या आपने कभी सोचा है कि हमेशा दूध में चीनी मिलायी जाती है,नमक क्यों नहीं? दरअसल आयुर्वेद के अनुसार नमक और दूध पारस्परिक रूप से असंगत हैं। 

- दूध के साथ फलों का मिल्कशेक पीना कई लोगों को पसंद आता है। लेकिन, पके हुए आम जैसे कुछ चुनिंदा फलों के अलावा किसी अन्य फल के साथ दूध का सेवन वर्जित माना जाता है। इससे पेट की समस्याएं हो सकती हैं। 

- शहद और घी- 

आयुर्वेद में कहा गया है कि घी (Ghee) और शहद (Honey) का समान मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।  

आयुर्वेद अनुसार इनको असमान मात्रा में लेना चाहिए ।


विरुध्द फल और सब्जियां

-संतरे के साथ गाजर नही ,

- अमरूद के साथ केला नही,

-पपीता और नींबू साथ नही,

अनार और खुबानी साथ नही खानी चाहिए।

-आम के साथ खीरा नही,


» बेमेल यानि विरूद्ध भोजन

*खाने के साथ साथ फल न खायें।

*खाने के साथ साथ पानी या जूस न पीयें।

* भोजन के बीच कोल्डड्रिंक न पीयें।

*कोल्डड्रिंक क बाल मिंट च्युंइगम या मिंट वाली चीचों का प्रयोग न करें अन्यथा मृत्यु हो सकती है क्योंकि इससे साइनाइड बनता है।(किसी विशेषज्ञ से सलाह जरुर ले यह लेख केवल जानकारी के लिए है )

विशेष जानकारी के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से भी सलाह ले।

लेख आपके लिए उपयोगी है या नही कोमेंट मे जरूर बतायें।

धन्यवाद!