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मंगलवार, 27 सितंबर 2022

किडनी का सिकुड़ना क्या होता है?In hindi

किडनी का सिकुड़ना|kidney shrinkage

kidanee ka sikudana kya hota hai?

#किडनी का सिकुड़ना क्या होता है?In hindi

#DrVirenderMadhan.

#What is kidney shrinkage?



जब फेफड़ों और रक्त नलिकाओं में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है। ऐसे में रक्त कम पहुंचने से किडनी सिकुड़ जाती हैं। कम मात्रा में पानी पीने से किडनी व मूत्राशय में संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता है।
किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसका काम हमारे शरीर से विषैले पदार्थों बाहर निकाले का हाेता है।  

#कारण जो किडनी काे नुकसान पहुंचाते हैं:-

- दूषित भोजन करना

गुर्दों को खराब करने में कुछ अन्य आदतें जैसे:-
- शराब पीना, पर्याप्त आराम न करना, सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा ज्यादा लेना,

- अधिक नमक लेना

आहार मे जो नमक हम खाते हैं उसका 95 प्रतिशत हिस्सा किडनी अवशोषित कर लेती है। लेकिन अत्यधिक नमक खाने पर गुर्दों की कार्यक्षमता बढ़ जाती है। जिससे इस अंग को नुकसान पहुंचता है।

- देर तक भूखे रहना,  

   -तला-भुना या मसालेदार चीजें खाना, 
- मांसाहार खाना भी किडनी को दूषित करता है।

- धूम्रपान-

तम्बाकू की लत
भी किडनी पर दबाव बनाते हैं। - फेफड़ों और रक्त नलिकाओं में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है। ऐसे में रक्त कम पहुंचने से किडनी सिकुड़ जाती हैं।

- पानी कम पीना

कम मात्रा में पानी पीने से किडनी व मूत्राशय में संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता है।  इससे किडनी में स्टोन की आशंका भी बढ़ जाती है। दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए।

- मधुमेह में लापरवाही:-

मधुमेह के शिकार लगभग 35% लोगों को किडनी से जुड़ी बीमारी हो जाती है मधुमेह रोगी को भोजन पर,विहार पर नियंत्रण रखना जरूरी है।

- मूत्र रोकने की आदत

रातभर में मूत्राशय पूरी तरह मूत्र से भर जाता है, जिसे सुबह उठते ही खाली करना जरूरी है। लेकिन आलस्य के कारण मूत्र न जाने पर या लंबे समय तक इसे रोकने की आदत किडनी पर दबाव बढ़ा देती है। जो धीरे-धीरे हमारी मूत्र रोकने की क्षमता को खत्म करती है।

- दर्दनिवारक दवाएं-

गलत रूप से दर्दनिवारक या किसी अन्य रोग के लिए ली जाने वाली दवा किडनी पर दुष्प्रभाव छोड़ती हैं। इसलिए किसी भी तरह की दवा लेने से पहले डॉक्टरी राय जरूर लें।


#किडनी सिकुड़ने पर इसकी पहचान कैसे की जा सकती है?

 - शुरु में इसके लक्षण काफी सूक्ष्म होते हैं, जिसके चलते उनकी पहचान करना काफी मुश्किल होता है। किडनी से जुड़ी किसी भी बीमारी की पहचान तब की जाती है जब वह 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ चुकी होती है। 
- किडनी की सिकुड़न काफी बढ़ जाने पर शरीर में इसके कई लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे:-
- पेशाब की मात्रा में परिवर्तन
- त्वचा का काला पड़ना.
- शरीर में खनिज जमा होने के कारण रूखी या खुजलीदार त्वचा होना.
- मतली और उल्टी आना
- क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ना
- अनिद्रा.
- किडनी की कार्यक्षमता कम होना
- खाने की असहनीयता
- एसिडोसिस,एनोरेक्सिया, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन होना.
- भयानक सरदर्द होना
-  नज़रों की समस्या होना.
- छाती में दर्द होना.
- सांस लेने मे तकलीफ होना
-अनियमित दिल की धड़कन का होना.
-  मूत्र में रक्त होना.
-  छाती, गर्दन, या कान में तेज दर्द होना

#किडनी सिकुडने के बाहरी लक्षण:-

- हाथ, पैर, टखना और चेहरा में सूजन मिलती है।
- सामान्य से पेशाब का रंग गाढ़ा होना।
- पेशाब की मात्रा का बढ़ना या अधिक कम होना।
- बार-बार पेशाब आने का अहसास होना
- पेशाब में झाग आना।
- शरीर में कमजोरी, थकान या हार्मोन स्तर गिर जाना.
- शरीर में ऑक्सीजन का कम होना।
- गर्मी में ठंड महसूस होना
- बुखार होना।
- रक्त में यूरिया का स्तर बढ़ जाना.
- मुंह से बदबू आना.
- फेफड़ों में फ्लूइड जमा हो जाना, जिससे सांस लेने में असुविधा होना.

#किडनी की सिकुड़न का आयुर्वेदिक उपचार :-

#सिकुडी हुई किडनी का घरेलू ईलाज क्या?

* जीवनशैली ठीक करना-
व्यक्ति को बीमार होने के बाद उपचार देने से अच्छा है कि व्यक्ति की जीवनशैली को स्वस्थ कर उसे बीमारी होने से ही रोका जाए।   
* किडनी के लिए निम्नलिखित औषधियों का उपयोग कर सकते हैं :-
- वरूण की छाल का काढा बना कर 30-40 मि०लि० की मात्रा मे दिन में 2 बार रोगी को पीलायें।
-धनिया और गोखरु का क्वाथ दिन मे दो बार दें।
- विधारा के पत्तों को पानी में डालकर कर छोड दे फिर उसका केवल पानी पिलाते रहें.
-चम्पा के फूलों की पेस्ट बनाकर पानी मे शरबत की तरफ बनाकर रोगी को पीलायें.
- अन्नानास के रस मे मिश्री मिलाकर दें.
- कुलथी की दाल का पानी पीलायें.
- गिलोय :-
इस बेल के तने, पत्ते और जड़ का रस निकालकर या सत्व निकालकर प्रयोग किया जाता है। 
- अश्वगंधा :-
अश्वगंधा की जड़ को सुखाकर चूर्ण बनाकर इसे प्रयोग में लाया जाता है। इस चूर्ण को उबालकर इसके सत्व का प्रयोग किया जाता है 
- नीम :-
 नीम का रस बनाकर पीने से किडनी मे बहुत लाभ मिलता है।
-पीपल की छाल का काढा पीने से भी बहुत लाभ मिलता है
-पुनर्नवा के पत्तों को कालीमिर्च के साथ घोटकर पीलायें.
-नारियल के पानी को बार बार पीने को दें।

#शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधियां.

- चन्द्रप्रभा वटी-2-2 गोली गोक्षुरु क्वाथ के साथ लें।
- चित्रकादि धृत - 1-1 चम्मच दूध मे मिलाकर पीने को दें.
- चन्दनादि बटी 1 से 2 गोली पानी से दें.
- चन्दनासव की 20- 30 ml बराबर पानी मिलाकर पीने को दे.

#क्या खाये क्या न खाये?

*पथ्य- 

जो खाना चाहिए.
-गोक्षुरु, धीकवार(एलोवेरा),खजुर, नारियल गिरी, नारियल पानी, ताड वृक्ष का अगला भाग,ताड फल की गिरी, ककडी, छोटी ईलायची, शीतल बालु मे उत्पन्न बेल के फल,जैसे ककडी, खरबूजे, तरबूज आदि खाने चाहिए.

*अपथ्य-

 जो नही खाने चाहिए,जो नही करना चाहिए।
-  सभी  प्रकार की मध (शराब) ,अधिक प्ररिश्रम, स्त्री संग,हाथी धोडे,मोटर साईकिल, साईकिल, की सवारी न करें,
- विरुद्ध आहार न करें,
- पान,मछली, लवण,अदरक ,तेल मे तले भोजन, तिल और तिल के बने पदार्थ, हिंग ,सरसौ का प्रयोग न करें.
- न कम खायें और न अधिक खायें,
-मल मूत्र आदि वेगों को न रोके.
- विदाही यानी जलन करने वाले, रुक्ष , अम्ल (खट्टे) पदार्थों का परहेज़ रखना है।
धन्यवाद!

#GuruAyurvedainFaridabad.