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गुरुवार, 12 जनवरी 2023

सर्दियों में सभी रोगों से कैसे दूर रहें?हिंदी में.


 सर्दियों में सभी रोगों से कैसे दूर रहें?हिंदी में.

How to stay away from all diseases in winter? In Hindi.

Dr.Virender Madhan.

मुख्य सिद्धांत:-

–सर्दियों में सभी रोगों से दूर रहने के लिये वात-पित्त और कफ का समान होना जरूर है

–पाचन क्रिया का ठीक होना जरुरी है।

–जीवनशैली ठीक होनी चाहिये।

–पौष्टिक आहार होना चाहिए।

</>कैसे करें वात,पित्त कफ का संतुलन?

How to balance Vata, Pitta Kapha?

>इन्हें ठीक रखने के लिए आयुर्वेदिक रसायनोंका सेवन करना चाहिए।यहां कुछ रसायन फलो का वर्णन करना आवश्यक है जिन्हें हम अमृतफल कहते है

1–आँवला:-

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>आँवला सर्दियों में आराम से मिल जाता है यह लवण रस को छोड़ कर पाँच सभी रसो से युक्त होता है।(मधुर, अम्ल, कटू, तिक्त,कषाय।)यह 5 रस इसमे होते है।

इसमें विटामिन सी, एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन, ऐन्थो साइनिन, फ्लैवोनोइड्स और पोटेशियम होता है जो शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं. 

#आँवला खाने से क्या लाभ होता है?

What is the benefit of eating Amla?

*सर्दियों में इसका सेवन बहुत ज्यादा लाभकारी होता है. - खाली पेट आंवला खाने से शरीर अच्छे ढंग से डिटॉक्स हो जाता है.

– मेटाबॉलिज्म और इम्यून को बूस्ट करता है.

–कच्चा आंवला खाने से आपका इम्यूनिटी सिस्टम और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। – खाली पेट में कच्चा आंवला खाने से आपकी आंखों की रोशनी और बालों में चमक आती है। 

– कब्ज और दस्त से भी आराम मिलता है।

2– बहेडा Terminalia bellirica

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बहेड़ा मे भी लवण छोड़ कर अन्य पाँच रस होने है।इसे भी अमृतफलो मे गिनते है।

बिभीतकी में कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जैसे कि एलेजिक एसिड, टैनिन, लिग्नन्स और फ्लेवोन। यौगिक रक्त शर्करा के स्तर और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है।

#बहेड़ा खाने से क्या लाभ मिलता है?

What is the benefit of eating Beheda?

>बहेड़ा भूख, प्यास, सूजन और पेट फूलने की कमी को प्रबंधित करने में मदद करता है।

 यह इसकी उष्ण (गर्म) शक्ति के कारण है। बहेड़ा पाचक अग्नि (पाचन अग्नि) को बढ़ाता है जो भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है। 

― यह अपने रेचन (रेचक) प्रकृति के कारण कब्ज को प्रबंधित करने में भी मदद करता है।

– बहेड़ा का उपयोग गैस्ट्रिक, अल्सर और गैस्ट्राइटिस से निजात पाने के लिए किया जाता है। 

– इसका हाइड्रोक्लोरिक अर्क एसिडिटी को कम करने में मदद करता है, 

– बहेड़ा कीड़ों को मारने वाली औषधि है।

– बहेड़े के फल की मींगी मोतियाबिन्द को दूर करती है। –इसकी छाल खून की कमी, पीलिया और सफेद कुष्ठ में लाभदायक है। 

–इसके बीज कड़वे, नशा लाने वाले, अत्यधिक प्यास, उल्टी, तथा दमा रोग का नाश करने वाले हैं।

3–हरीतकी (हरड)

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*हरीतकी (वानस्पतिक नाम:Terminalia chebula) एक ऊँचा वृक्ष होता है  हिन्दी में इसे 'हरड़' और 'हर्रे' भी कहते हैं। 

आयुर्वेद मे इसे अमृता, प्राणदा, कायस्था, विजया, मेध्या आदि नामों से जाना जाता है।

हरड भी 5 रसो से युक्त होता है ।हरड़ का इस्तेमाल बुखार, पेट फूलना, उल्टी, पेट गैस और बवासीर जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में किया जाता है.

यह एक रसायन है।

–यह पेट की गैस को खत्म करने में मदद करता है। –Terminalia chebula के पाचक और क्षुधावर्धक गुण पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं।

–कब्ज के लिए रामबाण है हरड़ जिन लोगों को कब्ज है उनके लिए भी हरड़ का इस्तेमाल करना काफी लाभदायक साबित हो सकता है।

– त्वचा संबंधी रोगों का इलाज-

 त्वचा संबंधी रोगों का इलाज करने में भी हरड़ का इस्तेमाल काफी लाभदायक होता है। 

–डायबिटीज के रोगियों को राहत मिलती है।

–एक कप गर्म पानी में 1-3 ग्राम हरड़ का सेवन आपको पाचन संबंधी परेशानियों में राहत दिलाता है।

 –हरड़ का सेवन उल्टी में भी आराम दिला सकता है। 

#ऋतु अनुसार हरीतकी का प्रयोग :-

Use of greenery according to season: -

>हरीतकी एक प्रभावी औषधि भी है| इसके गुणों का लाभ लेने के लिए सभी ऋतुओं में ही इसका सेवन करना चाहिए।

>हरड खाने की सब ऋतुओं मे सेवन विधि अलग अलग है

–वर्षा ऋतु में सेंधा नमक के साथ।

–शरद ऋतु में शकर के साथ।

–हेमंत ऋतु में सोंठ के साथ।

–शिशिर ऋतु में पीपल के साथ।

–वसंत ऋतु में शहद के साथ।


#उपरोक्त तीनों फलों को मिलाकर बनाये महारसायन.

त्रिफला

हरड,बेहडा और आँवला को मिलाकर जो योग बनता है उसे हमारे ऋषियों ने त्रिफला नाम दिया है।

त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक रासायनिक फ़ार्मुला है जिसमें आमलकी, बिभीतक और हरीतकी के बीज निकाल कर 1:2:3 मात्रा में लिया जाता है। त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ है "तीन फल"

आजकल अधिकतर लोग तीनो की समान मात्रा मे प्रयोग करते हैं।

#त्रिफला क्या करता है?

–कब्ज़ दूर करने में सहायक

–पेट में गैस की समस्या –(एसिडिटी) से राहत

–आंखों के लिए फायदेमंद

–वजन घटाने और मोटापा कम करने में सहायक

–पाचन शक्ति बढ़ाता है

–बालों का झड़ना रोकता है

–भूख बढ़ाता है

–मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी

–इम्यूनिटी बढाता है

 त्रिफला का चूर्ण का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है और शरीर में कोई बीमारी भी नहीं लगती। 

–त्वचा के लिए फायदेमंद 

–यह रक्त शर्करा के स्तर,  –त्रिफला में जीवाणुरोधी, इम्यूनोमॉड्यूलेटर, एंटीऑक्सिडेंट, रक्त शुद्ध करने और घाव भरने के गुण होते हैं।

–त्रिफला का सेवन करने से हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप में आराम मिलता है. 

#त्रिफला किस तरह मे खा सकते है?

चूर्ण बनाकर 1-1चम्मच दिन मे दो बार खा सकते है

सवेरे पानी से, रात मे दुध के साथ ।

चाय (काढा):-

काढा बनाकर 20 मि०लि० –40  मि०लि०।

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