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११ तरह के पौधे- नवरात्रों मे-लगाने से- कैसे बरसती-लक्ष्मी ? लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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रविवार, 10 अक्तूबर 2021

११ तरह के पौधे नवरात्रों में लगाने से कैसे बरसती है लक्ष्मी ?

 #११तरह के पौधे नवरात्रों में लगाने से कैसे बरसती है लक्ष्मी? 

<<{आयुर्वेद ने कहा है इन पौधों को अतिशुभ और उपयोगी।}>>

#कौन कौन से पौधे नवरात्रों पर लगायें ?

#इन पवित्र पौधों के क्या क्या लाभ है।

#क्या इन पवित्र पौधों की खेती कर के लाभ बढेगा?

आजकल नवरात्रों के पवित्र व्रत पुजा चल रही है ।इन नौ दिनो मे नौ दैविक शक्तियों की पुजा की जाती है।
यह पुजा परम्परागत रूप ऋषि मुनि काल से चली आ रही है।
हिन्दू धर्म मे जितने भी त्यौहार है उनके पीछे मानव जीवन के रहस्य छिपे है ऐसा मेरा मानना है।ऋषियों ने उत्सवों को समय-काल के अनुसार होने वाली आपदा-रोग आदि को ध्यान में रखते हुए बनाया है।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि हमारे अधिकतर बडे बडे उत्सव ऋतुओं की सन्धिकाल मे स्थित किये गए है।

जब सर्दियों से गर्मी का समय आता है यानि फरवरी से मार्च के समय तथा अक्टूबर से नवम्बर के माह मे
नवरात्रे,होलिका, दिपावली ,दशहरा आदि को गौर करने पर पता चलेगा और इन कालो के गुणों को देखोगे या आयुर्वेद में वर्णित वाय,पित्त, कफ के संचय,प्रकोप, व शमन काल को 
देखते हुए स्पष्ट हो जाता है कि उत्सवो के पीछे एक वैज्ञानिक तथ्य है जो मानव के लिये उसकी शारिरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए काम करता है।
जितने भी पदार्थ पुजा पाठ मे काम आते है। वे सभी हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी है।
जितने भी हमारे पवित्र पेड पौधे है हमारे लिए अत्यंत लाभकारी है।इनमे हमें और हमारे जीवन के लिए अथाह शक्ति भरी है।

पवित्र पेड पौधों के नाम जो नवरात्रों में लोगों को अपने घरों व बगीचे मे लाना चाहिए

१-तुलसी -

तुलसी का प्रयोग अधिकतर पुजा पाठ करने मे प्रयोग होता है।तुलसी पवित्र होने के कारण घर घर मे इसको घर के ईशान कोण मे लगाते है नवरात्रों मे भी तुलसी को घर के दरवाजो पर या आंगन मे या ईशान कोण मे लगाते है तुलसी की पुजा से लक्ष्मी प्रसन्न होती है ऐसा माना जाता है।
साथ साथ मे तुलसी मे औषधीय गुण बहुत होते है। 
तुलसी के पत्ते, पंचागं, बीज आदि बहुत ही काम की औषधि है।
यह कास ,नजला,जुकाम, श्वास ज्वर आदि रोगों मे काम आता है।
तुलसी का काढा, तुलसी का अर्क, तुलसी का शरबत, बहुत रुपो मे प्रयोग किया जा सकता है।
किसान भाई तुलसी की खेती करके अपनी परम्परागत खेती।  से ४ से ५गुणा अधिक धन कमा सकते है। लक्ष्मी आप पर कृपा करेगी।

(अगर किसी को तुलसी की खेती के बारे मे जानना चाहता है तो आगे के लेख मे वर्णन करेंगे इसलिए आप टिप्पणी Comment. मे लिखे कि आप क्या जानना चाहते है?)

२-केला:-

केला भी एक पवित्र पौधा है जो घरों में, गमलो मे भी लगाया जा सकता है ध्यान रहे केला अगर घर में लगाना हो तो इसके साथ तुलसी भी लगानी अनिवार्य है।इसको आग्नेय कोण मे लगाना वर्जित है।
केला वही व्यक्ति लगाये जो साफ सफाई रख सके पौधे की देखभाल कर सके अन्यथा न लगाये।।
केले की खेती में भी वही सफल होता है जो केले की जडों मे खाद पानी और सफाई का ध्यान रख सके।
खेती की अधिक जानकारी अगले लेखों मे मिल जायेगी 
केला भी आयुर्वेद के अनुसार बहुत लाभकारी पौधा है।
आयुर्वेद में इसकी जड या जड का स्वरस औषघियौं के निर्माण मे काम आता है क्षयरोग की दवा मे भावना देने के काम आता है।
केला धातु पौष्टिक है क्षयरोग मे उपयोगी है बल्य,और वजन बढाने वाला है।

३-शंखपुष्पी

शंखपुष्पी भी हिंदू धर्म के अनुसार घर मे लगाना भाग्य वर्द्धक माना है।यह घर के अन्दर भी लगाया जा सकता है।इसके लिए आद्रता वाली जगह चाहिए ।इसकी खेत हर जगह नहीं हो सकती है।
यह बुद्धि बर्ध्दक होती है रक्तचाप ठीक रखती है।मन मे शान्ति पैदा करती है। स्मृति मे बृध्दि होती है आयुर्वेद के अनुसार यह एक रसायन जीवन को खुशहाल व दीर्ध करती है।

४-हारसिंगार:-

हारसिंगार को पारिजात भी कहते है इस पेड के साथ एक पौराणिक कथा भी जुडी है।मान्यता है कि इसे भगवान कृष्ण स्वर्ग से लेकर आये थे। शास्त्रों के अनुसार पारिजात भी पवित्र व पुज्यनीय है।
यह १०-से १५फीट ऊँचा वृक्ष होता है। कभी कभी ३० फुट तक हो जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार यह कफ-वात नाशक है। 
शरीर की नाडीयों की सुजन तथा वेदना को दूर करता है।
हारसिंगार के प्रभाव से सियाटिका जैसे वेदना वाले रोग ठीक हो जाते है।
इसकी पत्तियों का रस सर्प दंश मे दिया जाता है।

५-मोरपंखी

मोर पंख के समान दिखने वाले पौधे मोरपंखी नाम से जाना जाता है अक्षर यह घर की बागवानी मे पार्कों मे सजावट के लिये लागाते है।
घर मे गमलो मे लगाना शुभ मानते है नवरात्रों मे मोरपंखी लगाने से शुभ वातावरण होता है तथा धन का के आगमन के रास्ते खुलते हैं ऐसी मान्यता है।
आयुर्वेद के अनुसार यह सिरदर्द नाडीशूल, तनाव दूर करने मे अहम भूमिका निभाता है।

६-नारियल का पेड

नारियल त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक माना जाता है। इसमें त्रिनेत्र के निशान भी साफ साफ दिखते हैं।पुजा मे या घर मे रखने से लक्ष्मी विष्णु प्रसन्न होते है ऐसी मान्यता है। इसे श्रीफल भी कहा जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार नारियल एक बहुत अच्छा पित्त नाशक औषधि है शरीर की जलन ,पित प्रकोप को नष्ट करता है जीवनीशक्ति देता है इम्यून सिस्टम को बल देता है हृदय रोगों को होने से बचाता है शरीर की अम्लता को दूर करता है।
इसका पौधा बडे गमलो मे घरो मे या बगीचों मे जरूर लगाना चाहिए।

७-अश्वगंधा :-

धर्म ग्रन्थों मे तथा आयुर्वेद मे इसका पौधा बहुत महत्वपूर्ण व उपयोगी है। इसको भी घर के आगे या आंगन ,या बगियाँ मे लगा लेना चाहिए शुभ व पवित्र होने के कारण घर मे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
आयुर्वेद के अनुसार इसके पत्तों का चू्र्ण लेखन का काम करता है यानि फालतु की चरबी को कम करता है। फोडे फुंसियां को पकाने के लिए अश्वगंधा के पत्तों का लेप करते है
इसकी जड बल बर्ध्दक है इसका अवलेह बनाकर खाने से पौष्टिक व बल बढता है।
किसान इसी खेती करके माँ लक्ष्मी की कृपा पा सकते है तथा ४ से ५गुणा खेत से कमा सकते है।

८-रजनीगंधा

व अनार

९-अनार का पौधा भी धार्मिक मान सम्मान रखतें है अनार को घर मे लगाने से तथा बागों मे लगाने से धन आता है। आरोग्यता बढती है।
अनार रक्तबर्धक है पित्त शामक है ।
शीध्र बलदायक है शरीर को सुन्दर बनाता है।धातु को पुष्ट करता है।

१०- गुडहल 

गुडहल भी शुभ माना गया है।घरों मे शुभ वातावरण व शुभ ऊर्जा का संचार होता है।
आयुर्वेद के मे इसका बालों के रोगों की औषधि तथा शरीर मे पत्थरी की औषघियों बनाई जाती है।

११-वेलपत्थर -वेल शिवप्रिय है शिव पुजा मे बिना बेलपत्त या वेलफल के पुजा अधूरी मानी जाते है।

बेल का आयुर्वेद में बडा महत्व है इरिटेबल बाउल संड्रोम जैसे रोगों को ,ग्रहणी और आंत्रशोथ जैसे रोगों मे ब्रह्मशस्त्र की तरह काम करता है।
<पवित्र पौधे>

लेख कैसा लगा टिप्पणी मे बतायेंं। आपके Comments  से मुझे खुशी मिलगी।

डा०वीरेंद्र मढान।