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रविवार, 18 दिसंबर 2022

पेट में गैस कैसे बनती है?क्या करें उपाय?In hindi.

 पेट में गैस कैसे बनती है?क्या करें उपाय?In hindi.

Dr.Virender Madhan



How is gas formed in the stomach?

पेट में गैस बनना एक आम बात हैं हर किसी ना किसी व्यक्ति को जिंदगी में एक बार गैस बनने की समस्या जरूर होती हैं। कई बार गैस भयंकर तरह से सर में चढ़ जाती हैं और उलटी करने का मन करने लगता हैं। 

गैस एक आम बीमारी पर यह कई बार हमारे दिल या दिमाग पर भी बहुत असर करती हैं 

जब हमारी जीवनशैली खराब हो जाये तब यकृत विकृति के कारण हमारा भोजन पचने की बजाय सडने लगे तब गैंस बनने लगती है।

गैस के घरेलु उपाए क्या हैं ?

- रोजाना खाली पेट एक चम्मच बेकिंग सोडा में नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए। इसे पीते ही आपको गैस की समस्या से पल भर में छुटकारा मिल जाएगा।

- हींग हमारे खाने का स्वाद बढ़ाता हैं, वही हींग गैस की समस्या में भी बहुत लाभदायक हैं, एक गिलास गरम पानी करके उसमे हींग मिलके उसका सेवन करे आपकी गैस ख़त्म हो जाएगी ऐसा दिन में २ से ३ बार दोहराये।

- काली मिर्च भी गैस की समस्या को दूर करती हैं, काली मिर्च से ना केवल गैस में राहत मिलती है पेट का हाजमा भी सही रहता हैं दूध में काली मिर्च मिला के उसका सेवन करे आपकी गैस कण्ट्रोल में रहेगी।

- दालचीनी से भी गैस की समस्या दूर होती हैं, आप दालचीनी को पानी में डालके उबाल ले फिर उसे ठंडा करले ऐसा करने के बाद आप उसका सेवन करे अगर आपका उसको स्वाद अच्छा ना लगे तो आप उसमे शहद मिला कर उसका सेवन कर सकते हैं।

- पुदीना, अदरक या कैमोमाइल टी का सेवन कर सकते हैं. 

- जीरा और सौंफ की चाय भी पेट में गैस की समस्या को दूर कर सकती है. ऐसे में आप चाय बनाकर गुनगुना करके इस समस्या से राहत पा सकते हैं. 

- सेब के सिरके का सेवन भी कर सकते हैं.

- पेट की गैस से राहत पाने के लिए जीरा, अजवाइन, काला नमक और हिंग के पाउडर से तैयार मिश्रण का सेवन करें। आप मात्र 2 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ दिन में 2 बार लें।

धन्यवाद!

बुधवार, 14 दिसंबर 2022

नपुंसकता impotence को आयुर्वेद से कैसे ठीक करें?In hindi.

 नपुंसकता impotence को आयुर्वेद से कैसे ठीक करें?In hindi.



By :- Dr.Virender Madhan.

नपुंसकता impotence

नपुंसकता के मुख्य कारण-

1- मधुमेह

2-मानसिक तनाव

3-कुछ एलोपैथीक दवा

4- हस्तमैथून

#नपुंसकता impotence की चिकित्सा–

#प्रथम अवस्था में:-

धातुपौष्टिक चूर्ण, 

स्वर्णराज बंगेश्वर तथा 

चन्द्रप्रभा वटी। आरम्भ इनसे करें।

#गम्भीर अवस्था में:-

 पुरुष नपुसंकता गहरा है तो  उनके लिये। 

मनमथ रस वटी, 

पुष्पधन्वा रस वटी। 

बहुमूल्य औषधि–

वृहद्कामचूङामणि रस ( वटी)  एक व


टी सुबह-शाम लें।

और यदि कोई भी समस्या है काम-शक्ति मर्दन करने वाली है।

(मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गैस्ट्रिक, मूत्ररोग) अधिक उम्मीद कि सफल, कोई हानि नहीं। बस अति न करें, हफ्ते में एक दो बार ही लें।

 इस शास्त्रीय दवा को डा

लने का उद्देश्य, रोग बिना पूर्णतः ठीक हुऐ भी सन्तुष्टि और विश्वास मिले।

जब तक गैस्ट्रिक की कोई समस्या है या फेफङा पूर्णतः साफ नहीं, पौरुष-शक्ति तो लुका-छिपी ही करती रहेगी। 

#गैस्ट्रिक की समस्या मे–

यदि गैस्ट्रिक की समस्या है पर गम्भीर नहीं, सरल चूर्ण ( स्वानुभूत) काफी है। 

#फेफडे की समस्या है तो–

यदि फेफङे हेतु त्रिकटु चूर्ण, वासा, मुलैठी सम्भाग मिश्रण चूर्ण- काफी है।

योग–

गुदा-संकोचन क्रिया।

मूत्र-विसर्जन हमेशा बैठ कर करना। एक धार में लगातार विसर्जन - 

– दो या तीन बार बीच-बीच में रोकना। धातु-क्षीणता दूर करने में ये उपाय काफी सहयोग करते हैं।

Dr.virenderMadhan.

सोमवार, 12 दिसंबर 2022

Migraine pain,आधासीसी का दर्द समूल नष्ट कैसे होता है?In hindi.

 Migraine pain,आधासीसी का दर्द समूल नष्ट कैसे होता है?In hindi.



 आधासीसी का दर्द|migraine pain,

 Dr.VirenderMahan. 

यह एक सिरशूल रोगो मे से एक है यहां इस समस्या को दूर करने के 9 आयुर्वेदिक दिव्य उपाय बताते है।

 1- पुनर्नवा

 लाल पुनर्नवा[साठी] की जड जौ के बराबर लेकर सुई मे पिरोकर जिधर के सिर मे दर्द है उसी तरफ कान मे सुर्योदय से पूर्व बांध दें।जैसे जैसे जड सुखेगी दर्द दूर होता जायेगा।दर्द ठीक होने पर उस जड को बहते पानी मे प्रवाहित कर दें।

 2–केशर 

असली केशर को गोधृत मे मिलाकर सूंधने से (migraine pain)आधा सीसी का दर्द ठीक हो जाता है। 

3–गुमा 

जिस ओर दर्द हो उस तरफ के कान मे द्रोणपुष्पी (गुमा) के पत्तों का रस डालने से (migraine pain)आधासीसी का दर्द बन्द हो जाता है। 

4- सौंठ

 सौंठ का चूर्ण 3ग्राम बकरी का दूध 50ग्राम दोनो को अचछे से मिला लें फिर उसक नस्य(नाक मे डाले)करें।या सूंधने से तुरन्त दर्द बन्द होता है।

 5–गन्ने का सिरका 

गन्ने का सिरका 200ग्राम और नमक 10ग्राम मिलाकर 3-3 बूंद नाक मे डालने से  भयंकर आधासीसी का दर्द तुरंत ठीक हो जाता है।

 6–ब्राह्मी 

ब्राह्मी बूटी 50ग्राम, सौंफ50ग्राम, बादाम गिरी 100 ग्राम, तीनो को कूटपीसकर रख लें।3-3ग्राम रोज दूध के साथ लेने से सिरदर्द ठीक हो जाता है। और स्मरण शक्ति बढ जाती है।कम से कम एक माह सेवन करें।

 7– कटफल

 कटफल की जड 50ग्राम 250 ग्राम पानी मे उबालकर काढा बना ले इसकी 4-5 बूंद नाक मे सुबकने से आराम मिलता है।

 8–सिरस के बीज

 सिरस के बीजों को बहुत सूक्ष्म पीस कर शीशी में भरकर रख लें। इसे जिस तरफ सिर दर्द हो उसतरफ के नाक से सुंध ने से आधासीसी का दर्द ठीक हो जाता है। 

9–समुद्रफल

 समुद्रफल का चूर्ण सुधंने से भी आधासीसी कि दर्द गायब हो जाता है। 

डा०वीरेंद्र मढान.

गुरुवार, 8 दिसंबर 2022

बरगद के पत्ते फल दूध और जड को कैसे और कब प्रयोग करें?In hindi.


 #बरगद के पत्ते फल दूध और जड को कैसे और कब प्रयोग करें?In hindi.

How and when to use banyan leaves, fruit, milk and root? In hindi.

 #Banyan tree|बरगद का पेड़| 

बरगद के पेड़ के सभी भागों (जड़, तना, पत्तियां, फल और छाल) को औषधीय उपयोग में लाया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट (सूजन घटाने वाला) और एंटी-माइक्रोबियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) प्रभाव के कारण इसे दांतों में सड़न और मसूड़ों में सूजन की समस्या को कम करने में सहायक माना गया है 

#बरगद के फल(fruit of Banyan tree) :-

बरगद के फल के पोषक तत्व

होते है भरपूर मात्रा में कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन बी1, विटामिन बी3 होता है।

फल को 1 या 2 ग्राम की मात्रा में, सूर्योदय के समय गाय के दूध के साथ सेवन करने से बार-बार पेशाब आने की समस्‍या दूर हो जाती है. इम्‍यूनिटी कम होने में बरगद के फल इम्‍यूनिटी बढा़ने में बहुत उपयोगी होते है। बरगद के फलों में एंटीएंटीऑक्सिडेंट , एनाल्जेसिक, गुण होते हैं,  

– बरगद के फलों में कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फाइबर, प्रोटीन, कैलोरी, विटामिन, ओमेगा 3-6 और कैल्शियम व फास्फोरस भी प्रचुर मात्रा में होता है। इसमें मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जैसे प्राकृतिक खनिज भी होते हैं, और पॉलीफेनॉल जो रक्तचाप को कम करने और कोरोनरी हृदय रोग को रोकने के लिए उपयोगी होता है। 

- बरगद के पेड़ के फल का सेवन करने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो जाता है।

#बरगद का दूध(Milk of Banyan tree) :-

* बरगद का दूध बताशे में डालकर खाने से क्या होता है?

–बरगद का दूध ठंडा होता है। यह शरीर से अनावश्यक गर्मी को निकालता है। इसका दूध शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों ही दोषों को नष्ट करता है। 

– यह धातुबर्द्धक होता है तथा नपुंसकता जैसी समस्या को दूर करता है।

#बरगद के पत्ते;-

इसकी पत्तियों में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। बरगद में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करने में फायदेमंद होता है।

#बरगद की जड़:-

बरगद की जड़ से क्या होता है?

-इसकी जड़ धारण करने से ना केवल मानसिक शांति और विचारों की शुद्धता प्राप्त होती है बल्कि दिमाग फोकस्ड भी होता है। अनेक बीमारियों में भी इसकी जड़ लाभकारी होती है। इसकी जड़ को यदि दूध के साथ घीसकर महिला को पिलाई जाए तो नि:संतानता की समस्या दूर होती है।

#बरगद के पेड़ के फायदे – Benefits of Banyan Tree in Hindi

बरगद के पत्ते, फलों का चूर्ण प्रयोग करने से–

-दांत और मसूड़ों स्वस्थ रहते है।

-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है।

- बवासीर में भी आराम मिलता है।

-डायबिटीज को दूर करने में सहायक है।

- डिप्रेशन को कम करता है।

-डायरिया में राहत मिलती है।

- बांझपन और नपुंसकता में अतिलाभदायक है।

सरगद को इसीलिए पुज्य वृक्ष माना है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

मंगलवार, 6 दिसंबर 2022

हाइड्रोसील क्या है?कारण और ईलाज क्या है ? In hindi.

 अण्डकोष बृद्धि|हाइड्रोसील

हाइड्रोसील क्या है?कारण और ईलाज क्या है ? In hindi.



What is hydrocele? What is the cause and treatment?  In hindi.

- यह समस्या पुरुषों के एक अंडकोष में या फिर दोनों अंडकोषों में भी हो सकती है.  - जब किसी कारणों से अंडकोष में अधिक पानी जमा हो जाता है. इसके कारण अंडकोष की थैली फूल जाती है। इसे हाइड्रोसील या प्रोसेसस वजायनेलिस भी कहते हैं.

- अंडकोष वृद्धि(Hydrocele) स्क्रोटम में सूजन का एक प्रकार होता है, हाइड्रोसील नवजात शिशुओं में आम है, यह बिना उपचार के गायब हो जाता है|

- वयस्क पुरुष स्क्रोटम के भीतर सूजन या चोट के कारण अण्डकोष वृद्धि विकसित कर सकते हैं| एक अण्डकोष वृद्धि आमतौर पर दर्दनाक या हानिकारक नहीं होता है, और किसी भी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है| लेकिन अगर आपके पास सूजन है, तो चिकित्सक से परामर्श जरुर करें|

#Symptoms of Hydrocele

- अंडकोष की नसों में सूजन होने पर यह लक्षण नजर आते है। 

- अंडकोष में दर्द जो अचानक से तीव्र या कम हो सकता है

- कड़ी एक्सरसाइज या लम्बे समय तक खड़े रहने पर दर्द बढ़ जाता है।

- पीठ के बल लेटने से दर्द कम होता है

#अण्डकोष बृद्धि के आयुर्वेदिक 4 दिव्य उपचार:-

1– छोटी कटेरी की ताजा जड 20ग्राम.

- कालीमिर्च के 7 दाने 

दोनो को पीसकर 100 ग्राम पानी में मिलाकर 7 दिनों तक सवेरे प्रातःकाल पिला दें।

अण्डकोष सम्बंधित सब रोग दूर हो जाते है।

भोजन मे बेसन की रोटी के साथ धी खायें और कुछ न खायें।

2– वायविंडग, कुंदरू, पुरानी ईंट तीनो 5-5 ग्राम लेकर चूर्ण करके 35 ग्राम धी के साथ खायें ।यदि पहले दिन वमन हो तो अण्डकोष अपनी पहली दिशा पर आ जाए।

3– कटकरज्जा के तीन दाने को भुभल मे भुनकर खिलाने से  7 दिनों में अण्डकोष बृद्धि ठीक हो सकती है।

4– हींग, सेंधानमक, जीरा,– तीनों बराबर लेकर चार गुणा सरसौ का तैल मे पकाकर लेप करने से अण्डकोषबृद्धि दूर होती है। इस के अलावा सभी प्रकार के दर्द, मोच,चोट आदि के विकार दूर होते है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान।

शनिवार, 3 दिसंबर 2022

जीरा Cumin seed किसे कहते हैं?In hindi.

 जीरा Cumin seed किसे कहते हैं?In hindi.

जीरा–



जीरे को Cuminum cyminum कहते है इसे जीरक ,जरण,अजाजी, दीर्धजीरक,जीरा, सफेद जीरा, आदि नामों से जानते है।

 यह कई मसाले मिश्रणों (जैसे गरम मसाला) का एक अनिवार्य हिस्सा है, या तो साबुत या पीसा हुआ। पहले बीजों को भूनने से उनकी तेज सुगंधित सुगंध बढ़ेगी।

 यह पूर्वी भूमध्य सागर से लेकर भारत तक के क्षेत्र का देशज है। इसके प्रत्येक फल में स्थित एक बीज वाले बीजों को सुखाकर बहुत से खानपान व्यंजनों में साबुत या पिसा हुआ मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह दिखने में सौंफ की तरह होता है।

#जीरा क्या काम करता है?

जीरे के आयुर्वेदिक गुण:-

गुण– लघु , रूक्ष है

रस:- कटु 

विपाक :- कटु

वीर्य:- उष्ण

कर्म-जीरे के कार्य:-

दोषकर्म – 

यह उष्ण होने से कफ वात शामक और पित्त बर्द्धक है।इसलिए इसका प्रयोग    कफवात रोगो मे करते है।

संस्थान अनुसार कर्म

बाह्य:- 

इसका लेप करने से लेखन, शोथहर,और वेदना स्थापन गुण है।इसका प्रयोग वर्णविकार,कंडू,पामा,आदि त्वचा रोगों में करते है।तथा बिच्छू विष मे लेप करते है।

जीरे का आन्तरिक प्रयोग–

पाचनतंत्र पर–

यह रोचक,दीपक, पाचन, वातानुलोमन,शूलप्रशमन,ग्राहीऔर कृमिनाशक है।

यह अरूचि, वमन,अग्निमांद्य,अजीर्ण,आध्मान,ग्रहणी,अर्श एवं कृमिरोगो मे प्रयोग करते है।

रक्तवह संस्थान पर–

यह उत्तेजक और रक्तशोधक है। इसका प्रयोग हृदयरोग ,रक्तविकार मे किया जाता है।

मूत्रवहसंस्थान पर –

 यह मूत्रल है। इसे मूत्रघात,पूयमेह, तथा अश्मरी (पथरी) मिश्री के साथ देते है।

प्रजननसंस्थान पर–

 यह गर्भाशय के शोथ को दूर करता है तथा स्तन्यजनन है यानी दुध बढाता है तथा इसका प्रयोग श्वेतप्रदर मे करते है।

* यह कटुपौष्टिक के रूप मे काम करता है क्रमशः बल बढाता है।

जीरे के योग:- 

जीरकादि मोदक,जीरक चूर्ण, जीरकादि तैल,और जीरकारिष्ट।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

रविवार, 27 नवंबर 2022

पाइल्स (बवासीर) क्या है?In hindi. What is piles (hemorrhoids)?


 #पाइल्स (बवासीर) क्या है?In hindi.

What is piles (hemorrhoids)?

#बवासीर

 बवासीरके नाम:-

अर्श,पाईल्स,बवासीर या हीमोरॉइड्स:-

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मलाशय और गुदा नलिका की दीवारों के अंदर मौजूद रक्त वाहिकाएं होती हैं। बवासीर तब होता है जब इन रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है, जिसके कारण मस्से बन जाते है। जिनमें मल त्यागने के समय और भी ज़्यादा तनाव आता है, जिससे दर्द और परेशानी होती है।

#बवासीर होने के कारण क्याहै? 

What is the cause of piles?

>>बार बार बवासीर क्यों होती है?कारण क्या हैं?

 - कब्ज पाइल्स की सबसे बड़ी वजह होती है। कब्ज होने की वजह से कई बार मल त्याग करते समय जोर लगाना पड़ता है और इसकी वजह से बवासीर की शिकायत हो जाती है।

 - जिन्हें ज्यादा देर तक खड़े रहने का होता है, उन्हें पाइल्स की समस्या हो सकती है। - गुदा मैथुन करने से भी पाइल्स की समस्या हो सकती है।

#बवासीर के लक्षण क्या होते है?

What are the symptoms of piles?

– मलत्याग करते समय खून आना।

– खुजली होना।

– मलाशय में दर्द करनेवाली गांठ होना।

–गुदा में सूजन हो जाना।

–मलत्याग करते समय खून आना।

#बवासीर ठीक करने का सबसे फास्ट तरीका क्या है?

What is the fastest way to cure piles?

सेव का सिरक (एपल साइडर वेनेगर) की मदद से आप पाइल्स का इलाज कर सकते हैं. एपल साइडर वेनेगर में इंफेक्शन को नहीं बढ़ने देने का गुण पाया जाता है. इसके प्रयोग से रेक्टल एरिया में इंफेक्शन नहीं बढता है और ये दर्द कम करने में भी मदद करता है. इसके अलावा इसके इस्तेमाल से जलन में भी राहत मिलती है

#बवासीर की बीमारी को जड़ से खत्म कैसे करें?

देसी घी अपने गुणों के लिए जाना जाता है. अगर आप नियमित रूप से देसी घी का सेवन करते हैं तो कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए देसी घी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और बवासीर वाली जगह पर नियमित तौर पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या ठीक हो जाती है.

― बवासीर को ठीक करने के लिए क्या खाएं?

दूध और नींबू

दूध और नींबू पाइल्स की समस्या को ठीक करने के लिए बहुत उपयोगी है। यह खूनी बवासीर को भी 3 दिनों के अंदर ठीक कर देता है। इसके लिए सुबह खाली पेट एक कप ठंडे दूध में आधा नींबू निचोड़ कर तुंरत पी जाए। 

#क्या गर्म पानी पीने से बवासीर होता है?

Does drinking hot water cause piles?

गुनगुना पानी पीना–

गुनगुना पानी पीना, बवासीर का उपचार करने में सहायक होगा। कब्ज न होने के कारण आपको मलत्याग में आसानी होगी और दर्द नहीं होगा, फलस्वरूप बवासीर को ठीक होने में मदद मिलेगी। एक गिलास पानी गर्म करें और गुनगुना होने पर इसे सादा ही पी लें।

#क्या खाने से बवासीर ठीक हो जाएगा?

– बवासीर में क्या खाना चाहिए?


बवासीर होने पर अपने आहार में साबुत अनाज- जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, होल व्हीट एड करें। 

 साबुत अनाज में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इनके सेवन से मल नरम हो जाता है और मल त्याग के दौरान होने वाले दर्द में कमी आती है।

#बवासीर में मदद करने के लिए मैं क्या पी सकता हूं?

बवासीर में छाछ लेने से बहुत जल्दी आराम मिलता है।

फाइबर में उच्च खाद्य पदार्थ खाने से मल नरम और आसान हो सकता है और बवासीर के इलाज और रोकथाम में मदद मिल सकती है। पीने का पानी और अन्य तरल पदार्थ, जैसे फलों के रस और साफ सूप , 

#बवासीर में क्या नहीं करना चाहिए?

– बवासीर है तो उन खाद्य पदार्थों से बचें जो वसायुक्त या फाइबर में कम हैं.

–बवासीर पर मत उठाओ; भारी वस्तुओं को उठाने से बचें; – तनाव और चिंता से बचें; और

 –जुलाब के अति प्रयोग से बचें 

#बवासीर कब तक रहता है?

बवासीर कितने समय तक रहता है यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होगा। सामान्य तौर पर, छोटे बवासीर कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो सकते हैं । बड़े बवासीर, जो बहुत अधिक दर्द, सूजन और खुजली का कारण बनते हैं, अपने आप दूर नहीं जा सकते हैं और उन्हें ठीक करने के लिए चिकित्सक से उपचार की आवश्यकता होती है।

धन्यवाद!

Dr.Virender Madhan.