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शनिवार, 3 दिसंबर 2022

जीरा Cumin seed किसे कहते हैं?In hindi.

 जीरा Cumin seed किसे कहते हैं?In hindi.

जीरा–



जीरे को Cuminum cyminum कहते है इसे जीरक ,जरण,अजाजी, दीर्धजीरक,जीरा, सफेद जीरा, आदि नामों से जानते है।

 यह कई मसाले मिश्रणों (जैसे गरम मसाला) का एक अनिवार्य हिस्सा है, या तो साबुत या पीसा हुआ। पहले बीजों को भूनने से उनकी तेज सुगंधित सुगंध बढ़ेगी।

 यह पूर्वी भूमध्य सागर से लेकर भारत तक के क्षेत्र का देशज है। इसके प्रत्येक फल में स्थित एक बीज वाले बीजों को सुखाकर बहुत से खानपान व्यंजनों में साबुत या पिसा हुआ मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह दिखने में सौंफ की तरह होता है।

#जीरा क्या काम करता है?

जीरे के आयुर्वेदिक गुण:-

गुण– लघु , रूक्ष है

रस:- कटु 

विपाक :- कटु

वीर्य:- उष्ण

कर्म-जीरे के कार्य:-

दोषकर्म – 

यह उष्ण होने से कफ वात शामक और पित्त बर्द्धक है।इसलिए इसका प्रयोग    कफवात रोगो मे करते है।

संस्थान अनुसार कर्म

बाह्य:- 

इसका लेप करने से लेखन, शोथहर,और वेदना स्थापन गुण है।इसका प्रयोग वर्णविकार,कंडू,पामा,आदि त्वचा रोगों में करते है।तथा बिच्छू विष मे लेप करते है।

जीरे का आन्तरिक प्रयोग–

पाचनतंत्र पर–

यह रोचक,दीपक, पाचन, वातानुलोमन,शूलप्रशमन,ग्राहीऔर कृमिनाशक है।

यह अरूचि, वमन,अग्निमांद्य,अजीर्ण,आध्मान,ग्रहणी,अर्श एवं कृमिरोगो मे प्रयोग करते है।

रक्तवह संस्थान पर–

यह उत्तेजक और रक्तशोधक है। इसका प्रयोग हृदयरोग ,रक्तविकार मे किया जाता है।

मूत्रवहसंस्थान पर –

 यह मूत्रल है। इसे मूत्रघात,पूयमेह, तथा अश्मरी (पथरी) मिश्री के साथ देते है।

प्रजननसंस्थान पर–

 यह गर्भाशय के शोथ को दूर करता है तथा स्तन्यजनन है यानी दुध बढाता है तथा इसका प्रयोग श्वेतप्रदर मे करते है।

* यह कटुपौष्टिक के रूप मे काम करता है क्रमशः बल बढाता है।

जीरे के योग:- 

जीरकादि मोदक,जीरक चूर्ण, जीरकादि तैल,और जीरकारिष्ट।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

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