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मंगलवार, 30 जनवरी 2024

युरिक एसिड बढने पर क्या खाये|Best Extra wonderfull 51 Food for Uric Acid


 युरिक एसिड बढने पर क्या खाये|Best Extra wonderfull 51 Food for Uric Acid

प्यूरिन के टूटने से शरीर में यूरिक एसिड बनता है अतः बिना प्यूरिन वाले भोजनकरने चाहिए

बिना प्यूरिन वाले भोजन की लिस्ट

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सब्जियां:–

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 शिमला मिर्च, ककड़ी, तोरी, करेला, फरसी बटर, तेंदुआ

फल:–

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 सेब, नाशपाती, अंगूर, केला, तरबूज

दालें:–

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 मूंग दाल, तुअर दाल

अनाज:–

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 चावल, जौ, बाजरा, सोया बीन्स

दूध और दैहिक उत्पाद:–

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 दूध, दही, पनीर

तेल और वसा:–

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 जैतून का तेल, कोकोनट ऑयल

मिठाई:–

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 गुड़, शहद

यह एक सामान्य रूप से प्यूरिन-मुक्त भोजनों की सूची है, 

फसलें:–

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 गेहूं, मक्का, जौ, रागी

मसाले: हल्दी, धनिया, जीरा, सौंफ़, काली मिर्च

स्वादिष्ट पौष्टिक भोजन:–

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 पोहा, साबुदाना, सूजी, रज़ाई, मखाना

खजूर, अखरोट, किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स


फूड ग्रेइन्स:–

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 ओट्स, बार्ली, क्विनोआ

तड़के के लिए तेल:–

 मस्तूर तेल, सरसों तेल

नुट्स और सीड्स:–

 अलमंड, वॉलनट, चिया बीज, फ्लैक्स सीड्स

आटे के निर्मित उत्पाद:–

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 रोटी, पूरी, पराठा


हेर्ब्स और स्पाइसेस:–

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 पुदीना, धनिया, तुलसी, जावित्री

गेहूं के आटे के निर्मित उत्पाद:–

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 पास्ता, नूडल्स, ब्रेड

फूड कलरी:–

तेज पत्तियां, लौंग, इलायची

दारचीनी, अदरक, लहसुन, लहसुन का रस

शहद के साथ तुलसी वाली चाय

ड्रिंक्स:–

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 नारियल पानी, पुदीना पानी, अदरक वाला गरम पानी

सूप्स:–

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 लौकी सूप, टमाटर सूप, दाल सूप

सैलरी, ब्रोकोली, फूलगोभी, 


 तेल:–

 सरसों का तेल, तिल का तेल

ड्राय हर्ब्स: पुदीना, तुलसी, धनिया


स्टीम्ड और ग्रिल्ड विकल्प:–

 स्टीम्ड सब्जियां, ग्रिल्ड चिकन, फिश टिक्का

चाय के प्रकार:–

 हर्बल चाय, तुलसी चाय, अदरक वाली चाय

फ्रेश हर्ब्स:–

 रोज़मैरी, थाइम, बेसिल

चाटनी:–

 पुदीना चटनी, टमाटर चटनी, अदरक चटनी

पानी:–

 खीरा पानी, नींबू पानी, फ्रूट इंफ्यूज्ड पानी

ये स्वास्थ्यपूर्ण और रसदार विकल्प आपको अच्छी तरह से पोषित रख सकते हैं और प्यूरिन की मात्रा को संतुलित रूप से बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

मंगलवार, 23 जनवरी 2024

बृहद्रसेन्द्र गुटिका खाँसी की आयुर्वेदिक दवा

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बृहद्रसेन्द्र गुटिका

By :–Dr.VirenderMadhan.

#बृहद्रसेन्द्र गुटिका #kasatreatment #medicineofcough #ayurvedicmedicine

(कासरोग चिकित्सा-रसेन्द्रसार संंग्रह)

बृहद्रसेन्द्र गुटिका निर्माण-द्रव्य व विधि:-

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शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक,अभ्रक भस्म, तांबा भस्म, हरिताल भस्म ,  लौह भस्म, बिष(वत्सनाभ), मैनसिल, जवाखार, सज्जीखार, सुहागा, धतुरे के बीज, और कालीमिर्च

ये सब एक एक भाग(कर्ष) लेकर खरल करें

जयन्ती, चित्रक की जड ,मानकंद, खंडकर्ण, मंडूकी, भांगके पत्ते, कुकुर भांगरा,अदरक और सम्भालू इन सबका एक एक कर्ष रस निकाल कर इनकी भावना दे अच्छी तरह से मर्दन कर के मठर प्रमाण की गोली बना ले।

उपयोग:-

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** बृहद्रसेन्द्र गुटिका का सेवन करने से पाँच प्रकार की कास(खाँसी) ठीक हो जाती है.

** इसके सेवन से हिक्का, श्वास, राजयक्ष्मा, भगन्दर, मंदाग्नि, अरुचि, शोथ,उदररोग, पाण्डू और कामला रोग नष्ट हो जाते है ।

यह रसायन है वीर्यवर्धक, बल और वर्ण बर्द्धक है।

गुरुवार, 18 जनवरी 2024

चाय मसाला


 “ चाय मसाला ”

सर्दियों मे चाय मे कफ,सर्दी, जुकाम, खांसी व स्वाद बढाने के लिऐ डाला जाने वाला मसाला

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सामग्री:-

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– हरी इलायची ११

– सोंठ १ बड़ा टुकड़ा

– गुलाब की सुखी पत्तियां, थोड़ी सी

– सौंफ १ छोटा चम्मच

– काली मिर्च १ छोटा चम्मच

– लौंग १ छोटा चम्मच

– जायफल १/२ टुकड़ा

– दालचीनी २,३ स्टिक


विधि:-

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सभी मसालों को थोड़ी धूप मे सुखा लें या फिर कड़ाही में हल्का सा भून ले,याद रखे केवल नमी हटानी है मसालों को जलाना नही है ।

मिक्सर ग्राइंडर में सभी मसालों को बारीक पीस लें और एयर टाइट कंटेनर में भर कर रख ले( मैंने मसाले कम मात्रा में लिए है आप को स्टोर करना हो तो मसाले की मात्रा बढ़ा लें)

आप का चाय मसाला तैयार है,जब भी मसाला चाय पीने की इच्छा हो चाय में अपने स्वादानुसार चाय मसाला मिलाएं खुद भी पीयें और दुसरो को भी पिलाएं।

फायदे:-

सर्दियों में मसाला चाय सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है यह शरीर को गर्म रखने में बहुत ही कारगर है साथ ही साथ सर्दी जुकाम में भी राहत देती है।

टिप्स:–

 आप चाहे तो तेजपत्ता का भी उपयोग कर सकते हैं चाय मसाला बनाने में।

मसालों की मात्रा आप अपने स्वादानुसार कम ज्यादा कर सकते है।

सोमवार, 8 जनवरी 2024

अपामार्ग, चिरचिटा के फायदे व नुकसान

 


#चिरचिटा का पौधा क्या है?

चिरचिटा एक सामान्य पौधा है जो आसानी से हर जगह मिल जाता है

#चिरचिटा का दूसरा नाम:–

संस्कृत नाम अपामार्ग है

इसका वैज्ञानिक नाम 'अचिरांथिसअस्पेरा' (ACHYRANTHES ASPERA) है। हिन्दी में इसे 'चिरचिटा', 'लटजीरा', 'चिरचिरा ' आदि नामों से जाना जाता है।

अपामार्ग (लटजीरा) बारिश के मौसम की शुरुआत में अपामार्ग का पौधा अंकुरित होने लगता है। ठंड के मौसम में फलता-फूलता है, और गर्मी के मौसम में पूरी तरह बड़ा हो जाता है। इसी मौसम में फल के साथ पौधा (apamarga plant) भी सूख जाता है।

यह दांतों की सडन,दांतों की संवेदनशीलता ,मसूड़ों की सुजन ,दर्द मे पारम्परिक रुप से काम आता रहा है

#चिरचिटा किन रोगों में काम आता है

1-लटजीरा के बीजों को एकत्र कर कुछ मात्रा लेकर पानी में उबाला जाए और काढ़ा बन जाने पर भोजन के २-३ घंटे बाद देने से लीवर (यकृत) की समस्या में आराम मिलता है। 2. सर्दी और खांसी में लटजीरा के पत्तों का रस लेना अत्यंत गुणकारी है। आदिवासियों के अनुसार दिन में दो से तीन बार इस रस का सेवन पुराना कफ भी ठीक कर देता है।

3- इसका उपयोग अधिक भूख लगने (भस्मक रोग), अधिक प्यास लगने, 

4-मोटापा कम करने, 

5-इन्द्रियों की निर्बलता और संतानहीनता को दूर करने वाला होता है। 

6- इस पौधे से सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जंतु के काटे हुए को ठीक किया जा सकता है।

7- दांतों के दर्द को ठीक करने के लिए आप चिरचिटे की जड़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं. चिरचिटा की जड़ का इस्तेमाल दातुन की तरह कर सकते हैं. दांतों के दर्द को ठीक करने का ये एक बहुत ही अच्छा तरीका है. चिड़चिड़े की जड़ों से दातों का दर्द दूर होता

8– चिरचिटा की जड़ खाने से क्या होता है?

मुंह के छालों से मिलता है छुटकारा

मुंह में छाले होने पर चिरचिटा की पत्तियों से काढ़ा बनाएं और इससे गरारा करें। 

9- अपामार्ग के बीज (तंडुल) की खीर खाने से 1 महीने तक भूख-प्यास नहीं लगती