बवासीर कैसे ठीक करें|How To Ayurvedic Treatment|Piles
Dr.VirenderMadhan
बवासीर
–––––
बवासीर, जिसे पाइल्स (Piles) या हेमोरॉइड्स (Hemorrhoids) भी कहा जाता है, एक सामान्य स्थिति है जिसे कई उपायों से ठीक किया जा सकता है। यहाँ कुछ घरेलू उपचार और चिकित्सा विधियाँ दी जा रही हैं:
***********
घरेलू उपचार:–
–––––––
फाइबर युक्त आहार:-
–––-–––––––
आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियाँ, और अनाज शामिल करें। यह कब्ज को कम करने में मदद करेगा।
पर्याप्त पानी पियें:–
–––––––––
दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पियें। यह मल को मुलायम रखता है और पाइल्स से राहत दिलाने में मदद करता है।
बर्फ की सिकाई:–
––––––––––
बवासीर के क्षेत्र पर बर्फ का पैक लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
गर्म पानी का सेवन:–
––––––––––-
टब में गर्म पानी भरकर उसमें 15-20 मिनट तक बैठें। इसे सिट्ज़ बाथ (Sitz Bath) कहा जाता है और यह पाइल्स के दर्द और खुजली से राहत दिलाने में मदद करता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी क्रीम:–
–––––––––––-
डॉक्टर से सलाह लेकर एंटी-इंफ्लेमेटरी क्रीम या मलहम का उपयोग करें।
चिकित्सा उपचार:–
–––––––––
ओवर-द-काउंटर मेडिकेशंस:
–––––––––––––––
डॉक्टर से सलाह लेकर पेन रिलीफ मेडिकेशंस और स्टूल सॉफ्टनर्स का उपयोग कर सकते हैं।
बैंड लिगेशन:–
–––––––
इसमें बवासीर के चारों ओर एक बैंड बांध दिया जाता है जिससे उसकी ब्लड सप्लाई रुक जाती है और वह सूखकर गिर जाता है।
स्क्लेरोथेरेपी:–
––––––-
इसमें एक केमिकल इंजेक्ट किया जाता है जो बवासीर को सिकोड़ देता है।
सर्जरी:–
–––––
गंभीर मामलों में, बवासीर को सर्जिकल तरीके से हटाया जाता है। यह हेमोरॉइडेक्टॉमी (Hemorrhoidectomy) कहलाता है।
लेज़र उपचार:–
––––-–––
लेज़र तकनीक से बवासीर को जलाया जाता है। यह आधुनिक और कम दर्दनाक विधि है।
सामान्य सुझाव:–
* बाथरूम में अधिक समय न बिताएं।
* कसरत करें और सक्रिय रहें।
* भारी वजन उठाने से बचें।
* तंग कपड़े पहनने से बचें।
यदि आपको लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं या गंभीर होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। बवासीर का इलाज जल्दी कराने से जटिलताओं से बचा जा सकता है।
बवासीर की आयुर्वेदिक दवा
–––––––––––––––
बवासीर (पाइल्स) के लिए आयुर्वेदिक उपचार भी काफी प्रभावी हो सकते हैं। आयुर्वेद में, बवासीर को "अर्श" कहा जाता है, और इसके इलाज के लिए विभिन्न जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक उपचारों का उपयोग किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक दवाओं और उपायों का वर्णन किया गया है:
आयुर्वेदिक दवाएँ:
त्रिफला चूर्ण:–
–––––––
त्रिफला चूर्ण कब्ज को दूर करने और आंतों को साफ रखने में मदद करता है। इसे रात में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है।
अर्शकुठार रस:–
––––––––
यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो बवासीर के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होती है।
कांचनार गुग्गुलु:–
–––––––––
कांचनार गुग्गुलु सूजन और गांठों को कम करने में मदद करता है। यह विशेष रूप से बवासीर के लिए उपयोगी है।
नागकेसर चूर्ण:
––––––––
नागकेसर का चूर्ण बवासीर से होने वाले रक्तस्राव को रोकने में प्रभावी है। इसे मक्खन और चीनी के साथ मिलाकर लिया जा सकता है।
अर्शोहर वटी:
–––––––
यह एक और आयुर्वेदिक गोली है जो बवासीर के इलाज में उपयोगी है।
आयुर्वेदिक घरेलू उपाय:–
छाछ:
––––
भोजन के बाद छाछ पीने से पाचन शक्ति में सुधार होता है और बवासीर के लक्षणों से राहत मिलती है। इसमें अजवाइन और काला नमक मिला सकते हैं।
अलसी के बीज:
––––––––
अलसी के बीज कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं। इन्हें पानी में भिगोकर सेवन किया जा सकता है।
अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल):
–––––––––––––––
रात में सोते समय एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर पीने से मल त्याग में सहूलियत होती है।
अंजीर:
––––
सूखे अंजीर को रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाने से बवासीर के लक्षणों में आराम मिलता है।
आयुर्वेदिक जीवनशैली और आहार:
––––––––––––-
फाइबर युक्त आहार:–
––––––––---
* हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फल, और साबुत अनाज खाएँ।
*पानी अधिक पीएँ–
दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
*भोजन के बाद टहलें:–
खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलें।
*योग और ध्यान:–
नियमित योग और ध्यान से मानसिक और शारीरिक तनाव कम होता है।
आयुर्वेदिक उपचार के लिए, किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है। वे आपकी व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर सही उपचार का सुझाव देंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें