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शनिवार, 22 अप्रैल 2023

क्या हमें दिन सोना चाहिए या नही?In hindi.

 क्या हमें दिन सोना चाहिए या नही?In hindi.



#क्या दिन के समय सोना ठीक है या नही?

Dr.Virender Madhan,

– दिन में सोने के लिए अधिकतर डॉक्टर प्रसन्नशा नहीं करते हैं। स्वस्थ व्यक्ति को सुबह उठकर देर रात तक काम करने के बाद रात में पर्याप्त आराम करना चाहिए।

– एक अच्छी नींद व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है।

फिर भी कुछ मरीजों को डॉक्टरों की सलाह के अनुसार दिन में सोना आवश्यक हो सकता है, जैसे कि निद्रा असंतुलन,(अनिद्रा का रोग) शिफ्ट वर्क या दैनिक शेड्यूल के कारण समय पर नींद नहीं आती हो।

– स्पष्ट कहें तो, स्वस्थ व्यक्ति को रात में ही सोना चाहिए।

#दिन में सोने के नुकसान ?

– दिन में सोने के कुछ नुकसान हो सकते हैं।

असंतुलित शिफ्ट वर्क:–

  यदि आपका काम शिफ्ट वर्क है और आप दिन में सोते हैं,और रात में जागते हैं तो इससे आपके समय-अनुकूल जीवन शैली को बिगाड़ने का खतरा हो सकता है। इससे आपके शरीर की बायोलॉजिकल घड़ियां बिगड़ सकती हैं और अनियमित शिफ्ट वर्क आपके नींद संबंधी रोग पैदा कर सकता है।

–दर्दे, खिंचाव और स्पाइनल कॉर्ड दबाव हो सकता है,

बढ़ी हुई दिनभर की थकान:- 

यदि आप दिन में लम्बे समय तक काम करते हैं और फिर दिन में सोते हैं, तो आपके शरीर के अनुभव करने वाली थकान आपके दिमाग पर हावी हो सकती है, जो आपके काम में धीमेपन का कारण बन सकता है।


बढ़ी हुई वजन:-

 दिन में सोने से आपके शरीर का बढ़ाव और उभरना बढ़ सकता है। यह आपके वजन में वृद्धि का कारण बन सकता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

इन नुकसानों से बचने के लिए, दिन में सोने से बचें और रात मे ही नियमित नींद लें। अपने काम से असंतुलित शिफ्ट वर्क को कम करने का प्रयास करें और धूप में सोने से बचें। 

–  दिन में थकान को कम करने के लिए नियमित व्यायाम करें और अपने आहार का ध्यान रखें। 

[यदि आप अनियमित शिफ्ट वर्क करते हैं और दिन में सोते हैं, तो एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें।]

#क्या गर्मियों मे दोपहर मे सो सकते है?

हां, गर्मियों में दोपहर में सोना संभव है, लेकिन अधिकतम सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। 

– गर्मियों में दोपहर के समय अत्यधिक तापमान होता है, जो सोने की नींद को बाधित कर सकता है। इसलिए, दोपहर को सोने से पहले, अपने कमरे को ठंडा करने का प्रयास करें। एयर कंडीशनर या पंखे का उपयोग करें या खिड़कियों और दरवाजों को खुले रखें ताकि शामिल हवा का फ्लो आसान हो सके।

आप एक शांत और ठंडे कमरे में सोने की कोशिश कर सकते हैं। आप फैन या एयर कंडीशनर का उपयोग कर सकते हैं, या आप रूम के दरवाजे और खिड़कियों को खुले रखने के लिए जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने शरीर को ठंडा करने के लिए शॉवर भी ले सकते हैं। उचित आहार और पौष्टिक वस्तुओं का सेवन करने का प्रयास करें 

जल्दी सोने और जल्दी सुबह उठने की आदत बनाए रखें।

[सावधान रहे कि दिन में लंबी नींद करने से बचें, जिससे रात को आप अच्छी नींद ले सको।]

#गर्मियों मे दिन मे कितनी देर सोना चाहिए

– आपको गर्मियों में दिन में कितनी देर सोना चाहिए, यह आपकी आयु, स्वास्थ्य और जीवनशैली पर निर्भर करता है। एक व्यक्ति को सोने की आवश्यकता दिन भर में भिन्न-भिन्न हो सकती है। लेकिन, आमतौर पर, एक व्यक्ति को 24घण्टों में कम से कम 6-8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।

– आपकी नींद की आवश्यकता उस समय की आवश्यकता पर भी निर्भर करती है, जब आप रात को कितनी नींद लेते हैं। यदि आप रात को पर्याप्त समय तक नहीं सोते हैं, तो आप दिन में अधिक नींद लेने की आवश्यकता महसूस करते हैं।

– अक्सर, दिन में सोने की अधिकतम सीमा 30-45 मिनट की होती है। लेकिन इससे ज्यादा समय नींद करने से आपके दिनचर्या पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। 

– अधिक नींद लेने से आपका शरीर अधिक थका और निराश हो सकता है।

अतिआवश्यक होने पर,अगर आप दिन में सोना चाहते हैं, तो  आपका कमरा ठंडा और अंधेरा होना चाहिए, ताकि नींद लेने में आसानी हो। 

#किन रोगीयों को दिन मे नही सोना चाहिए?

अनेक रोगों के लिए डॉक्टर दिन में सोने की सलाह नहीं देते हैं। इन रोगों में शामिल हैं:–

अस्थमा:-

 अस्थमा वाले रोगी दिन में सांस की दुर्गन्ध या दमा की गंध को अधिक अनुभव करते हैं। इसलिए, इन रोगियों को दिन में सोने से बचना चाहिए।

आयुर्वेद के अनुसार दिन में सोने से कफ विकृत अधिक होता है,

गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम:-

 पेट के कुछ रोगों जैसे एसिडिटी, गैस्ट्रो-ओइसोफागियल रिफ्लक्स रोग (GERD) आदि में दिन में सोने से बचना चाहिए।

मधुमेह के रोग में:-

मधुमेह के रोग में दिन मे सोने से बचना चाहिए,

कफ के रोगी:-

कफ के रोगियों को दिन मे साने से रोग के बढने की सम्भावना बढ जाती है।

[यदि आप इन रोगों में से किसी से पीड़ित हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए ]

#DrVirenderMadhan,
#guruayurvedafaridabad,

शुक्रवार, 21 अप्रैल 2023

Heart attack के लक्षण, कारण,व आयुर्वेदिक उपाय in hindi.

 Heart attack क्या होता है?

हार्ट अटैक की परिभाषा



Dr.virendermadhan

हार्ट अटैक क्या होता हैं इस लेख मे हम बताने वाले हैं 

Heart attack के लक्षण क्या होते है?

Signs of a heart attack?

हार्ट अटैक होने का क्या कारण है?

हार्ट अटैक से पहले क्या महसूस होता है? और बतायेगे कि हृदयदौबल्यता के लिए क्या करें आयुर्वेदिक उपाय जानने के लिए लेख को अंत तक पढे,

#Heart attack क्या होता है?

– हार्ट अटैक (Heart attack) एक जानलेवा मेडिकल स्थिति होती है जब दिल का एक हिस्सा अपने विवर्तन या संचालन के कारण बंद हो जाता है, जिससे उस हिस्से को ऑक्सीजन और पोषण देने वाले धमनियों में रक्त का अभाव हो जाता है।

[हृदय की मांसपेशियों के रक्त प्रवाह की रूकावट.

दिल का दौरा चिकित्सकीय आपातकालीक होता है. अक्सर दिल का दौरा तब होता है जब रक्त का कोई थक्का हृदय की ओर रक्त के बहाव को रोक देता है. रक्त के बिना ऊतक को ऑक्सिजन नहीं मिल पाती और वह मर जाता है.]

#हार्ट अटैक (Heart attack) क्यों होता है? 

- यह अक्सर कोलेस्ट्रॉल जमाव, 

– निकटतम धमनियों के नियंत्रण के विकार, या फिर अन्य कारणों से होता है। जब धमनियों में रक्त का पर्याप्त मात्रा नहीं होता, तो दिल के एक हिस्से को अक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ता है जो उस हिस्से के मरने का कारण बन सकता है।

Heart attack के लक्षण क्या होते है?

हार्ट अटैक के लक्षण:-

Heart attack symptoms:-

हार्ट अटैक के लक्षण में से कुछ शामिल होते हैं - दर्द, बेहोशी, थकान, सांस लेने में परेशानी, और उल्टी आदि। हार्ट अटैक के लक्षणों को अनदेखा न करें और तुरंत चिकित्सा की सलाह लें।

 – हार्ट अटैक के लक्षण व्यक्ति के आयु, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ आम लक्षण निम्नलिखित होते हैं:–

–दिल की धड़कन तेज हो जाना

–जलन या दर्द का अनुभव छाती के मध्य में या बाएं हाथ में, शोल्डर, जबड़ा, पेट या बाएं जांघ में दर्द होना।

–श्वसन में कठिनाई और दमा की तरह की अनुभूति होना,

–छाती मे भारीपन या तनाव का अनुभव होना,

– शरीर मे थकान या असमर्थता का अनुभव करना,

– तेज से उठने या अचानक बेहोश होने का अनुभव होना,

– उल्टी की तरह का अनुभव हो सकता है,

– पसीना आना और चक्कर आना भी हो सकता है

Signs of a heart attack?

[अपच होना हार्ट अटैक आने का सबसे मुख्य लक्षण बेचैनी और घबराहट है। 

 सीने में जकड़न, भारीपन और कुछ दबाव महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने में भलाई है।

जबड़े में दर्द, ब्लड प्रेशर बढना,मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा बढा देता है,

उल्टी जैसा होना,टखने और हाथों में दर्द होना]

यदि आपको ये लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति को जानने के लिए, आप अपने डॉक्टर से इस बारे में विस्तार से बात कर सकते हैं और आपके लिए कौन सा उपचार सही है, उसकी सलाह ले सकते हैं।

#हार्ट अटैक होने का क्या कारण है?

हार्ट अटैक होने के कई कारण हो सकते हैं। 

सबसे बढा कारण एक आधुनिक जीवनशैली है जो दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। निम्नलिखित कुछ और कारण हैं:

–धमनियों में जमा हुए धातुओं के कारण आर्टरीज़ ब्लॉक कर जाने से,

–मोटापा और अधिक शराब का सेवन से,

–उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन रहने से,

–उच्च खराब (बैड)कोलेस्ट्रॉल स्तरके होने पर,

– डायबिटीज या मधुमेह रहने पर,

–धुम्रपान या निकोटीन का सेवन से,

– जीवनशैली में कमी या नियमित व्यायाम की कमी से,

–पुरानी आयु होने से,

–परिवार में हृदय रोगों का इतिहास होने पर,

–अत्यधिक चिंता व मानसिक आघात होना आदि,

हार्ट अटैक के संबंध में कई अन्य फैक्टर भी हो सकते हैं, 

[पर्याप्त खून ना मिल पाने के कारण आपका दिल काम करना बंद कर देता है जिस वजह से हार्ट अटैक आता है. यह आमतौर पर धमनियों (ब्लड वेसल्स) में रुकावट के कारण होता है जो आपके दिल तक ब्लड सप्लाई (खून की आपूर्ति) करती हैं]

#हार्ट अटैक से पहले क्या महसूस होता है?

ये हैं हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण:-

दिल का दौरा पड़ने के सामान्य लक्षणों में सीने में दर्द, बेचैनी या सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ, गर्दन, पीठ, बांह या कंधे में दर्द, जी मिचलाना, सिर घूमना या चक्कर आना, थकान, सीने में जलन/अपच का अहसास, ठंडा पसीना आना शामिल हैं.

#हृदय को मजबूत कैसे करें?

#हृदय को मजबूत करने के आयुर्वेदिक उपाय:-

–छरिला 1ग्राम प्रतिदिन शहद से सेवन करने से हृदय पुष्ट हो जाता है,

– अर्जुन की छाल का काढा कुछ दिनो तक पीने से हृदय रोग मुक्त हो जाता है,

–अर्जुन छाल का चूर्ण हजार पुटी अभ्रक भस्म के साथ मर्दन करके  3-4 ग्राम चूर्ण को शहद मे मिला कर लेने से हृदय हृदयदौबल्यता, हृदयाघात आदि रोगों से मुक्त हो जाता है,

–अरणी के पत्ते 3-4 लेकर धनिया के साथ पकाकर कुछ दिन पीने से हृदय पुष्ट होता है

–अर्जुन की छाल,बकरी का दूध,गाय का धी,मिश्री, और शदह मिलाकर चाटने से दिल कुछ दिनों में ही सर्वरोग मुक्त हो जाता है।

-जटामांसी के चूर्ण का लेप बनाकर छाती पर लेप करने से दिल की धडकनों मे राहत मिलती है,

– पोखरमूल के चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से हृदय रोग और श्वास रोग मे आराम मिलता है।

–इलायची दाना,पीपलामूल को पीसकर धी मिला कर चाटने से हृदय मे लाभ मिलता है,

– जटामांसी का शर्बत बनाकर पीने से दिल के रोग ठीक हो जाते है,

–कुटकी का काढा या कुटकी और मुलहठी कि चूर्ण मिला कर शहद के साथ चाटने से कफ,और हृदयके रोग ठीक हो जाते है,

– रात मे सोते समय सर्पगंधा चूर्ण 1-2 ग्राम लेने से तनाव और हृदयरोग दूर होते है।

– 1-2 ग्राम सौठ गुनगुने पानी में डालकर कर पीने से छाती का भारीपन व हृदयशूल मे आराम मिलता है,

–गाजर का मुरब्बा खाने से दिल को बहुत बल मिलता है,

#Heart attack के रोग मे क्या खाना चाहिए?

पालक,तोरई,कुल्फा,नाशपाती, सेव,संतरा, अंगुर,खीरा, ककडी, आवला खाना लाभकारी होता है,

#हृदयाघात heart attack के रोग क्या न खायें क्यान करें

उडद की दाल, तलें भोजन,तेज मसाले, 

चाय,कोफी,शराब,गरिष्ठ भोजन,न करें

अधिक शारीरक मानसिक तनाव न लें,

कब्ज न रहने दें

धन्यवाद

डा०वीरेंद्र मढान

गुरु आयुर्वेद