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बुधवार, 29 मार्च 2023

एंग्जाइटी है तो क्या करें उपाय? In hindi.

 एंग्जाइटी है तो क्या करें उपाय? In hindi.

एंग्जाइटी क्या होता है ?



What is anxiety?

#चिंता

हर दिन की स्थितियों के बारे में तीव्र, अत्यधिक और लगातार चिंता व डर. तेज़ दिल की धड़कनें, तेज़ी से श्वास-प्रश्वास, पसीना, और थकान महसूस हो सकते हैं.

#आम वजहें

सार्वजनिक भाषण या परीक्षा देने जैसी तनावपूर्ण स्थितियों में बहुत ज़्यादा चिंता होना सामान्य-सी बात है. किसी बीमारी के होने के बारे में यह तभी बताता है जब भावनाएं बहुत बढ़ जाएं, बाकी चीज़ों पर हावी हो जाएं और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर करने लगें.

 एंग्जाइटी एक मानसिक रोग है, जिसमें रोगी को तेज़ बैचेनी के साथ नकारात्मक विचार, चिंता और डर का आभास होता है । 

जैसे, अचानक हाथ कांपना, पसीने आना आदि । अगर समय पर इसका सही इलाज न किया जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है और मिर्गी का कारण भी बन सकता है ।

#एंग्जायटी क्यों होती है?

चिंता और उदासी का कारण

– चिंता और उदासी बढ़ने का कारण एंग्जायटी हॉर्मोन होता है, जिसे कोर्टिसोल कहते हैं। जब दिमाग की एड्रेनल ग्लैंड इसका उत्पादन ज्यादा करने लगती है, तो मरीज को तनाव व अवसाद घेर लेता है। इसके अलावा, सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे फील-गुड हॉर्मोन का गिरना भी विंटर ब्लूज का कारण बनता है।

#एंजायटी को कैसे दूर करे?

#How to remove anxiety?

- हल्के व्यायाम करें

इस हार्मोन के बढ़ने पर मूड में सुधार आ सकता है। तनाव होने पर हल्के व्यायाम जैसे कि वॉकिंग या स्विमिंग फायदेमंद साबित सकती है। इस दौरान एक्सरसाइज करने बहुत मदद मिलती है। 

#एंग्जायटी में क्या नहीं खाना चाहिए?

What should not be eaten in anxiety?

– हाई सोडियम फूड

चिप्स, केक, पेस्ट्री, बेक्ड आइटम व पैक्ड फूड आदि का अधिक सेवन आपके लिए परेशानी भरा हो सकता है। सोडियम की अधिकता हार्ट रिस्क को बढ़ाता है। साथ ही, यह आपके साइकोलॉजिकल हेल्थ के लिए भी अच्छा नहीं है। इतना ही नहीं, डिप्रेशन व एंग्जाइटी के रोगी कुछ दवाईयों का सेवन करते हैं, जो वजन बढ़ाती हैं।

#Anxiety मे क्या खायें?

What to eat in anxiety?

अपने भोजन में संतुलित पोषण के साथ सुगंधित खाद्य पदार्थ शामिल करना आपकी चिंताओं को कम करने में मदद कर सकता है। कुछ खाद्य पदार्थ जो आपकी चिंताओं को कम करने में मदद करते हैं :–

खजूर:-

 खजूर शांतिदायक खाद्य पदार्थ होते हैं जो एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं। खजूर में मौजूद ग्लूकोज शरीर के लिए उपयोगी होता है, जो चिंताओं को कम करने में मदद करता है।

ब्राउन राइस:-

 ब्राउन राइस में मैग्नीजियम होता है जो चिंताओं को कम करने में मदद करता है। ब्राउन राइस मे बी विटामिन की अच्छी स्रोत होता है।इससे भी मन मे शांति मिलती है।

अलसी के बीज:-

 अलसी के बीजों में मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड चिंताओं को कम करने में मदद करता है। अलसी के बीज आपको तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

खजूर:-

 खजूर में भरपूर मात्रा में मैग्नीजियम और विटामिन बी-कंप्लेक्स से भरपूर होता है जो चिंताओं को कम करने में मदद करते हैं।

तुलसी चाय:- 

 तुलसी चाय में मौजूद तत्वों में तुलसी आपको तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। तुलसी आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।

सफेद धनिया:-

 सफेद धनिया एक शांतिदायक खाद्य पदार्थ होता है जो आपकी चिंताओं को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड आपके मन को शांत करने में मदद करता है।

इन खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करने के साथ-साथ, आप आहार में ज्यादा पानी, हरे सब्जियां, फल, नट्स और सीधे खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, ओट्समील इत्यादि को शामिल कर सकते हैं जो पक्के खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक फाइबर होते हैं और आपको स्वस्थ और शांति महसूस करवाते हैं।

और आपको अपने खाद्य पदार्थों में अनुभव करने वाली उत्तेजक पदार्थों जैसे कॉफी, एनर्जी ड्रिंक आदि की मात्रा को कम कर देना चाहिए जो आपके तनाव को बढ़ा सकते हैं।

ध्यान रखें कि ये आहार तरल  होने चाहिए जैसे कि पानी, नारियल पानी, नींबू पानी आदि जो आपको हाइड्रेटेड रखेंगे और आपकी चिंताओं को दूर करने में मदद करेंगे।

** ध्यान रखें कि आपकी खान-पान की आदतों को बदलने के बजाय अनुकूलता के साथ आप इन आहार पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर लेना चाहिए। इन आहार पदार्थों को शामिल करने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, खासकर अगर आपकी कोई शारीरिक समस्याएं हैं

शनिवार, 5 मार्च 2022

#एंग्जायटी (Anxiety) क्या है ?In Hindi.

 


#एंग्जायटी (Anxiety) क्या है ?In Hindi.


Anxiety 

By:- #Dr_VirenderMadhan.


- तनाव पूर्ण परिस्थितियों का सामना न करके उसे भागना चिंता ग्रहस्थ हो जाना और सोचते सोचते समाधान करने की शक्ति समाप्त होने लगना, 


- जीवन के प्रति रूचि न रहना 

- किसी न किसी भय से ग्रहस्थ हो जाना Anxiety कहलाता है।

एंग्जायटी (Anxiety) इंसान के लिए घातक है!  

- रिश्तों में विश्वास की कमी, एक दूसरे से आगे निकलने की दौड़, असुरक्षित महसूस करना, लड़ाई-झगड़ा, ग़लत व्यवहार, अनियमितता, समाज से दूर रहना, अपनी ही जिंदगी में लीन रहना यह सब बेचैनी के कारण हैं। 


#एंग्जायटी (Anxiety) के लक्षण।

अवसाद, निराशा व दुःख से जन्म लेती है। 

* इस स्थिति में व्यक्ति को हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है। 

- यह घबराहट के दौरे (पैनिक अटैक) होते हैं। एंग्जायटी (Anxiety) के दौरे में व्यक्ति को हर समय चिंता, डर व घबराहट महसूस होती है। इसके अलावा उल्टी व जी मिचलाने की समस्या भी महसूस होती है, तो


« चिकित्सक से जरूर संपर्क करें अन्यथा ये जानलेवा भी हो सकता है। »

* बेवजह की चिंता करना

इस रोग मे सुस्ती व चिंता रोगी को घेरे रहती है।किसी भी कार्य मे मन नही लगता है।

* हृदयगति में बढ़ोत्तरी होना।

रोगी को घबराहट बनी रहती है। निर्णय लेने की शक्ति का ह्रास हो जाता है। छाती में खिंचाव महसूस होना

* सांस फूलने लगते है विचारों पर नियंत्रण नहीं होता है। लोगों के सामने जाने से डरना । लोगों से बातचीत करने से बचता है।

* जुनून की हद तक सफाई करना। बार-बार चीजों को सही करते रहना भी इस रोग के लक्षण होते है।

* जीवन से निराश हो जाना

* ये सोचने कि आप मरने वाले हैं या कोई आपको मार देगा

* किसी नुकसान का डर रहना।

*पुरानी बातों को याद करके बेचैन होना।

* मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाना।

* बिना कारण के बेचैनी महसूस करना। जल्दी निराश हो जाना

*समाज से कट कर रहना।

*चिडचिडापन रहना।

* किसी चीज के लिए अनावश्यक आग्रह करना आदि

Anxiety के लक्षण है।


 #एंग्जायटी (Anxiety) के कारण- 


* ज़्यादा चिंता करने लगना।

जब व्यक्ति समस्याओं का सामना न करके नकारात्मक विचारों मे उलझ जाये तब असफलता को सहन न कर पाये तो चिन्ता विक्षिप्त का शिकार हो जाता है। इसके चलते आप खुद के महत्वपूर्ण कामों को अच्छे से नहीं कर पाते।

*तनावपूर्ण घटनाओ का लगातार या लम्बे समय तक चलना

 -एक कारण हो सकता है। कार्य का बोझ, तनाव, अपने किसी प्रिय व्यक्ति का निधन  अविश्वसनीय घटनाएँ आदि।

* परिवार का इतिहास

जिन व्यक्तियों के परिवार में मानसिक विकार से जुड़ी समस्याएँ होती रही हैं, उन्हें चिंता विकार की समस्या जल्दी हो सकती है जैसे ओसीडी विकार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जा सकता है।

* बीमारी:-

स्वास्थ्य से जुड़े मामले

थायरॉयड की बीमारी, दमा, डायबिटीज या हृदय रोग आदि। 

*अवसाद 

से पीड़ित लोग भी एंग्जायटी (Anxiety) की चपेट में आ सकते हैं। जो व्यक्ति लंबे समय से डिप्रेशन से जूझ रहा हो, उसकी कार्यक्षमता में गिरावट आने लगती है। तब एंग्जायटी (Anxiety) का जन्म होता है।

*नशे का इस्तेमाल करना 

-नशा Anxiety बडा कारण होता है।

असफलता,पीड़ा, ग़म, मायूसी, उदासी व तकलीफ़ को भुलाने के लिए बहुत से लोग शराब, नशीली दवाओं और दूसरे नशों का सहारा लेने लगते हैं। यकीन मानें कभी भी ये चीज़ें एंग्जायटी (Anxiety) का इलाज नहीं हो सकते हैं। नशे का इस्तेमाल समस्याओं को और बढ़ा देता है। नशे का असर खत्म होते ही फिर से वही परेशानियां बढ़ने लगती हैं। 

आयुर्वेद की अधिक जानकारी के लिए :-

https://youtube.com/channel/UCt8y6DawRXrSU9kGfNGHbLg


 {नशा समाधान नही, रोग उत्तपत्ति का कारक होता है।}

* व्यक्तिव से जुड़े विकार ।

कुछ लोगों को पूर्णतः के साथ काम करने की आदत होती है लेकिन जब ये पूर्णतः की जिद सनक बन जाए तो ये एंग्जायटी (Anxiety) के अधीन आ जाता है। यही जिद उन लोगों में बिना वजह की घबराहट और चिंता को जन्म देती है। 

#एंग्जाइटी से बचने के कुछ उपाय।

*जीवनशैली Life style ठीक करें।

* सुपाच्य व पौष्टिक आहार करें।

*आज के बारे में सोचें।

एंग्जाइटी का शिकार इंसान ज्यादातर भविष्य की चिंताओं को लेकर परेशान रहता है। इसलिए भविष्य की चिंताओं को छोडकर आज के बारे में सोचना शुरू कर दें। मुझे आज क्या क्या करना।

*अपने आज के काम मे बिजी हो जाये।

*अपने आप को समझाये कि जिस रोग से आप घबराये है वह केवल आपकी सोच के कारण है।अपने आप को यकीन दिलाये।

* योग व हल्का व्यायाम शुरू करें। जैसे घूमना।

* अपनी सांसों पर ध्यान लगायें या सांसों की गिनती करें।

*छोटे बच्चों या अपने मित्रों से बात करें उनमे व्यस्त हो जाऐ।


* सोने से पहले एक कागज पर 100 से 1 तक उल्टी गिनती करें।

*सवेरे उठकर मष्तिष्क को संदेश दे कि “सब कुछ ठीक है” 

इसे बार बार दोहरायें।

*अपने दोस्तों को फोन करें परिवार के उत्सवो मे शामिल रहें।

#आयुर्वेदिक औषधियों:-

*ब्रेनिका सीरप(गुरू फार्मास्युटिकल)

1-2 चम्मच दिन में2-3 बार ले।

*ब्रेनटो सीरप 

*मेन्टेट टेबलेट

*ब्राह्मी वटी

*स्मारिका वटी

*सारस्वतारिष्ट

*अश्वगंधारिष्ट

आदि औषधियों का प्रयोग करें


[अपने चिकित्सक की सलाह लेकर ही प्रयोग करना चाहिए।]