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रविवार, 16 अक्तूबर 2022

मानसिक रोगों से बचने के लिए क्या करें?

 #मानसिक रोगों को कैसे पहचाने?

#मानसिक रोगों से बचने के लिए क्या करें?



#Dr.VirenderMadhan.

#मन के रोग

मनोविज्ञान में हमारे लिए असामान्य और अनुचित व्यवहारों को मनोविकार कहा जाता है। ये धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। 

मनोविकारों के कारण(कारक)क्या क्या है?

- आनुवांशिकता,

- कमजोर व्यक्तित्व, -सहनशीलता का अभाव, -बाल्यावस्था के अनुभव,   -तनावपूर्ण परिस्थितियां और इनका सामना करने की असामर्थ्य होना हैं।

एसी स्थितियां, जिन्हें हल कर पाना एवं उनका सामना करना किसी व्यक्ति को मुश्किल लगने लगता है, 

[उन्हें 'तनाव के कारक' कहते हैं।]

 तनाव किसी व्यक्ति पर ऐसी आवश्यकताओं व मांगों को थोप देता है जिसे पूरा करना वह अति दूभर और मुश्किल समझता है। इन मांगों को पूरा करने में लगातार असफलता मिलने पर व्यक्ति में मानसिक तनाव पैदा होता है।


#मानसिक रोग क्या है

जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं। मानसिक रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे रोज़मर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है।

#मानसिक रोग की पहचान कैसे करें?

तनाव की स्थिति में व्यक्ति को सिरदर्द और पीठ दर्द की समस्या होती है.

- नींद न आना,

- गुस्सा और हताशा का भाव होना,

- किसी एक चीज पर फोकस ना कर पाना,

- दूसरों को नजरअंदाज करना और अपने आप में रहना,   -उदास रहना, इसके प्रमुख लक्षण हैं.

#मानसिक स्वास्थ्य के लिये क्या करें?

- हमेशा निश्चित समय पर व्यायाम करें।

- अपने अच्छे शौक के काम को कुछ समय दें.

- बुरे शौक या आदत को छोड़ दें।

- आहार समय पर, ऋतु के अनुसार, और पौष्टिक भोजन ही करें.

 - अपने पूरे दिन का प्रोग्राम बनायें, व्यस्त रहे.

- बच्चों के साथ खेलें.

- तनाव के लिए हर्ब चाय लें

-प्रतिदिन शरीर की मालिस करें या कराये।

- तरक्की करने वाले पोजेटिव लोगों के साथ समय व्यतीत करें

-अपनी सोच को बदले 

यह मै कर सकता हूँ

I can do.

कोई काम ऐसा नही जो आदमी न कर सके

- सवरे जल्दी उठे ,जल्दी सोने की आदत बना लें.

-प्राणायाम करें,अपने इष्टदेव की प्रार्थना करें।

#अधिक मानसिक परेशानियों से कौन कौन सी बीमारी हो सकती है।

- मानसिक तनाव,अधिक दिनों तक रहने से भयंकर परिणाम भुगतने पडते है।

-रोगी को उच्च रक्तचाप (B.P.)बढने लगता है। लकवा जैसे वातरोग हो सकते है।

-हृदय रोग हो सकता है।

-डाइबिटीज होता है।

धन्यवाद!

शनिवार, 5 मार्च 2022

#एंग्जायटी (Anxiety) क्या है ?In Hindi.

 


#एंग्जायटी (Anxiety) क्या है ?In Hindi.


Anxiety 

By:- #Dr_VirenderMadhan.


- तनाव पूर्ण परिस्थितियों का सामना न करके उसे भागना चिंता ग्रहस्थ हो जाना और सोचते सोचते समाधान करने की शक्ति समाप्त होने लगना, 


- जीवन के प्रति रूचि न रहना 

- किसी न किसी भय से ग्रहस्थ हो जाना Anxiety कहलाता है।

एंग्जायटी (Anxiety) इंसान के लिए घातक है!  

- रिश्तों में विश्वास की कमी, एक दूसरे से आगे निकलने की दौड़, असुरक्षित महसूस करना, लड़ाई-झगड़ा, ग़लत व्यवहार, अनियमितता, समाज से दूर रहना, अपनी ही जिंदगी में लीन रहना यह सब बेचैनी के कारण हैं। 


#एंग्जायटी (Anxiety) के लक्षण।

अवसाद, निराशा व दुःख से जन्म लेती है। 

* इस स्थिति में व्यक्ति को हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है। 

- यह घबराहट के दौरे (पैनिक अटैक) होते हैं। एंग्जायटी (Anxiety) के दौरे में व्यक्ति को हर समय चिंता, डर व घबराहट महसूस होती है। इसके अलावा उल्टी व जी मिचलाने की समस्या भी महसूस होती है, तो


« चिकित्सक से जरूर संपर्क करें अन्यथा ये जानलेवा भी हो सकता है। »

* बेवजह की चिंता करना

इस रोग मे सुस्ती व चिंता रोगी को घेरे रहती है।किसी भी कार्य मे मन नही लगता है।

* हृदयगति में बढ़ोत्तरी होना।

रोगी को घबराहट बनी रहती है। निर्णय लेने की शक्ति का ह्रास हो जाता है। छाती में खिंचाव महसूस होना

* सांस फूलने लगते है विचारों पर नियंत्रण नहीं होता है। लोगों के सामने जाने से डरना । लोगों से बातचीत करने से बचता है।

* जुनून की हद तक सफाई करना। बार-बार चीजों को सही करते रहना भी इस रोग के लक्षण होते है।

* जीवन से निराश हो जाना

* ये सोचने कि आप मरने वाले हैं या कोई आपको मार देगा

* किसी नुकसान का डर रहना।

*पुरानी बातों को याद करके बेचैन होना।

* मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाना।

* बिना कारण के बेचैनी महसूस करना। जल्दी निराश हो जाना

*समाज से कट कर रहना।

*चिडचिडापन रहना।

* किसी चीज के लिए अनावश्यक आग्रह करना आदि

Anxiety के लक्षण है।


 #एंग्जायटी (Anxiety) के कारण- 


* ज़्यादा चिंता करने लगना।

जब व्यक्ति समस्याओं का सामना न करके नकारात्मक विचारों मे उलझ जाये तब असफलता को सहन न कर पाये तो चिन्ता विक्षिप्त का शिकार हो जाता है। इसके चलते आप खुद के महत्वपूर्ण कामों को अच्छे से नहीं कर पाते।

*तनावपूर्ण घटनाओ का लगातार या लम्बे समय तक चलना

 -एक कारण हो सकता है। कार्य का बोझ, तनाव, अपने किसी प्रिय व्यक्ति का निधन  अविश्वसनीय घटनाएँ आदि।

* परिवार का इतिहास

जिन व्यक्तियों के परिवार में मानसिक विकार से जुड़ी समस्याएँ होती रही हैं, उन्हें चिंता विकार की समस्या जल्दी हो सकती है जैसे ओसीडी विकार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जा सकता है।

* बीमारी:-

स्वास्थ्य से जुड़े मामले

थायरॉयड की बीमारी, दमा, डायबिटीज या हृदय रोग आदि। 

*अवसाद 

से पीड़ित लोग भी एंग्जायटी (Anxiety) की चपेट में आ सकते हैं। जो व्यक्ति लंबे समय से डिप्रेशन से जूझ रहा हो, उसकी कार्यक्षमता में गिरावट आने लगती है। तब एंग्जायटी (Anxiety) का जन्म होता है।

*नशे का इस्तेमाल करना 

-नशा Anxiety बडा कारण होता है।

असफलता,पीड़ा, ग़म, मायूसी, उदासी व तकलीफ़ को भुलाने के लिए बहुत से लोग शराब, नशीली दवाओं और दूसरे नशों का सहारा लेने लगते हैं। यकीन मानें कभी भी ये चीज़ें एंग्जायटी (Anxiety) का इलाज नहीं हो सकते हैं। नशे का इस्तेमाल समस्याओं को और बढ़ा देता है। नशे का असर खत्म होते ही फिर से वही परेशानियां बढ़ने लगती हैं। 

आयुर्वेद की अधिक जानकारी के लिए :-

https://youtube.com/channel/UCt8y6DawRXrSU9kGfNGHbLg


 {नशा समाधान नही, रोग उत्तपत्ति का कारक होता है।}

* व्यक्तिव से जुड़े विकार ।

कुछ लोगों को पूर्णतः के साथ काम करने की आदत होती है लेकिन जब ये पूर्णतः की जिद सनक बन जाए तो ये एंग्जायटी (Anxiety) के अधीन आ जाता है। यही जिद उन लोगों में बिना वजह की घबराहट और चिंता को जन्म देती है। 

#एंग्जाइटी से बचने के कुछ उपाय।

*जीवनशैली Life style ठीक करें।

* सुपाच्य व पौष्टिक आहार करें।

*आज के बारे में सोचें।

एंग्जाइटी का शिकार इंसान ज्यादातर भविष्य की चिंताओं को लेकर परेशान रहता है। इसलिए भविष्य की चिंताओं को छोडकर आज के बारे में सोचना शुरू कर दें। मुझे आज क्या क्या करना।

*अपने आज के काम मे बिजी हो जाये।

*अपने आप को समझाये कि जिस रोग से आप घबराये है वह केवल आपकी सोच के कारण है।अपने आप को यकीन दिलाये।

* योग व हल्का व्यायाम शुरू करें। जैसे घूमना।

* अपनी सांसों पर ध्यान लगायें या सांसों की गिनती करें।

*छोटे बच्चों या अपने मित्रों से बात करें उनमे व्यस्त हो जाऐ।


* सोने से पहले एक कागज पर 100 से 1 तक उल्टी गिनती करें।

*सवेरे उठकर मष्तिष्क को संदेश दे कि “सब कुछ ठीक है” 

इसे बार बार दोहरायें।

*अपने दोस्तों को फोन करें परिवार के उत्सवो मे शामिल रहें।

#आयुर्वेदिक औषधियों:-

*ब्रेनिका सीरप(गुरू फार्मास्युटिकल)

1-2 चम्मच दिन में2-3 बार ले।

*ब्रेनटो सीरप 

*मेन्टेट टेबलेट

*ब्राह्मी वटी

*स्मारिका वटी

*सारस्वतारिष्ट

*अश्वगंधारिष्ट

आदि औषधियों का प्रयोग करें


[अपने चिकित्सक की सलाह लेकर ही प्रयोग करना चाहिए।]