आयुर्वेद के अनुसार दीर्घायु के नियम
Dr.VirenderMadhan
आयुर्वेद में दीर्घायु के लिए कुछ मुख्य नियम होते हैं:
आहार संबंधी नियम:–
सत्त्विक आहार, यानी प्राकृतिक, स्वास्थ्यप्रद और हर्मोनियस आहार लेना दीर्घायु के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें शाकाहार, फलाहार, धान्याहार आदि शामिल होते हैं।
व्यायाम और योग:–
नियमित व्यायाम और योग करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, जो दीर्घायु के लिए आवश्यक है।
दिनचर्या:–
योग्य दिनचर्या का पालन करना, जिसमें नियमित निद्रा, समय पर उठना, प्राणायाम, और ध्यान शामिल हो, दीर्घायु के लिए फायदेमंद होता है।
रसायन चिकित्सा:–
आयुर्वेद में रसायन चिकित्सा का उपयोग शारीरिक और मानसिक स्थिति को सुधारने में किया जाता है, जो दीर्घायु को बढ़ावा देता है।
वातावरण और संजीवनीय उपचार:–
स्वस्थ वातावरण में रहना और आयुर्वेदिक संजीवनीय उपचारों का उपयोग करना दीर्घायु को बढ़ाने में सहायक होता है।
इन नियमों का पालन करने से शरीर, मन और आत्मा का संतुलन बना रहता है, जिससे दीर्घायु जीवन की प्राप्ति होती है।