Guru Ayurveda

मंगलवार, 23 जनवरी 2024

बृहद्रसेन्द्र गुटिका खाँसी की आयुर्वेदिक दवा

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बृहद्रसेन्द्र गुटिका

By :–Dr.VirenderMadhan.

#बृहद्रसेन्द्र गुटिका #kasatreatment #medicineofcough #ayurvedicmedicine

(कासरोग चिकित्सा-रसेन्द्रसार संंग्रह)

बृहद्रसेन्द्र गुटिका निर्माण-द्रव्य व विधि:-

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शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक,अभ्रक भस्म, तांबा भस्म, हरिताल भस्म ,  लौह भस्म, बिष(वत्सनाभ), मैनसिल, जवाखार, सज्जीखार, सुहागा, धतुरे के बीज, और कालीमिर्च

ये सब एक एक भाग(कर्ष) लेकर खरल करें

जयन्ती, चित्रक की जड ,मानकंद, खंडकर्ण, मंडूकी, भांगके पत्ते, कुकुर भांगरा,अदरक और सम्भालू इन सबका एक एक कर्ष रस निकाल कर इनकी भावना दे अच्छी तरह से मर्दन कर के मठर प्रमाण की गोली बना ले।

उपयोग:-

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** बृहद्रसेन्द्र गुटिका का सेवन करने से पाँच प्रकार की कास(खाँसी) ठीक हो जाती है.

** इसके सेवन से हिक्का, श्वास, राजयक्ष्मा, भगन्दर, मंदाग्नि, अरुचि, शोथ,उदररोग, पाण्डू और कामला रोग नष्ट हो जाते है ।

यह रसायन है वीर्यवर्धक, बल और वर्ण बर्द्धक है।

गुरुवार, 18 जनवरी 2024

चाय मसाला


 “ चाय मसाला ”

सर्दियों मे चाय मे कफ,सर्दी, जुकाम, खांसी व स्वाद बढाने के लिऐ डाला जाने वाला मसाला

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सामग्री:-

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– हरी इलायची ११

– सोंठ १ बड़ा टुकड़ा

– गुलाब की सुखी पत्तियां, थोड़ी सी

– सौंफ १ छोटा चम्मच

– काली मिर्च १ छोटा चम्मच

– लौंग १ छोटा चम्मच

– जायफल १/२ टुकड़ा

– दालचीनी २,३ स्टिक


विधि:-

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सभी मसालों को थोड़ी धूप मे सुखा लें या फिर कड़ाही में हल्का सा भून ले,याद रखे केवल नमी हटानी है मसालों को जलाना नही है ।

मिक्सर ग्राइंडर में सभी मसालों को बारीक पीस लें और एयर टाइट कंटेनर में भर कर रख ले( मैंने मसाले कम मात्रा में लिए है आप को स्टोर करना हो तो मसाले की मात्रा बढ़ा लें)

आप का चाय मसाला तैयार है,जब भी मसाला चाय पीने की इच्छा हो चाय में अपने स्वादानुसार चाय मसाला मिलाएं खुद भी पीयें और दुसरो को भी पिलाएं।

फायदे:-

सर्दियों में मसाला चाय सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है यह शरीर को गर्म रखने में बहुत ही कारगर है साथ ही साथ सर्दी जुकाम में भी राहत देती है।

टिप्स:–

 आप चाहे तो तेजपत्ता का भी उपयोग कर सकते हैं चाय मसाला बनाने में।

मसालों की मात्रा आप अपने स्वादानुसार कम ज्यादा कर सकते है।

सोमवार, 8 जनवरी 2024

अपामार्ग, चिरचिटा के फायदे व नुकसान

 


#चिरचिटा का पौधा क्या है?

चिरचिटा एक सामान्य पौधा है जो आसानी से हर जगह मिल जाता है

#चिरचिटा का दूसरा नाम:–

संस्कृत नाम अपामार्ग है

इसका वैज्ञानिक नाम 'अचिरांथिसअस्पेरा' (ACHYRANTHES ASPERA) है। हिन्दी में इसे 'चिरचिटा', 'लटजीरा', 'चिरचिरा ' आदि नामों से जाना जाता है।

अपामार्ग (लटजीरा) बारिश के मौसम की शुरुआत में अपामार्ग का पौधा अंकुरित होने लगता है। ठंड के मौसम में फलता-फूलता है, और गर्मी के मौसम में पूरी तरह बड़ा हो जाता है। इसी मौसम में फल के साथ पौधा (apamarga plant) भी सूख जाता है।

यह दांतों की सडन,दांतों की संवेदनशीलता ,मसूड़ों की सुजन ,दर्द मे पारम्परिक रुप से काम आता रहा है

#चिरचिटा किन रोगों में काम आता है

1-लटजीरा के बीजों को एकत्र कर कुछ मात्रा लेकर पानी में उबाला जाए और काढ़ा बन जाने पर भोजन के २-३ घंटे बाद देने से लीवर (यकृत) की समस्या में आराम मिलता है। 2. सर्दी और खांसी में लटजीरा के पत्तों का रस लेना अत्यंत गुणकारी है। आदिवासियों के अनुसार दिन में दो से तीन बार इस रस का सेवन पुराना कफ भी ठीक कर देता है।

3- इसका उपयोग अधिक भूख लगने (भस्मक रोग), अधिक प्यास लगने, 

4-मोटापा कम करने, 

5-इन्द्रियों की निर्बलता और संतानहीनता को दूर करने वाला होता है। 

6- इस पौधे से सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जंतु के काटे हुए को ठीक किया जा सकता है।

7- दांतों के दर्द को ठीक करने के लिए आप चिरचिटे की जड़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं. चिरचिटा की जड़ का इस्तेमाल दातुन की तरह कर सकते हैं. दांतों के दर्द को ठीक करने का ये एक बहुत ही अच्छा तरीका है. चिड़चिड़े की जड़ों से दातों का दर्द दूर होता

8– चिरचिटा की जड़ खाने से क्या होता है?

मुंह के छालों से मिलता है छुटकारा

मुंह में छाले होने पर चिरचिटा की पत्तियों से काढ़ा बनाएं और इससे गरारा करें। 

9- अपामार्ग के बीज (तंडुल) की खीर खाने से 1 महीने तक भूख-प्यास नहीं लगती

रविवार, 24 दिसंबर 2023

दूध के साथ क्या न खायें|दूध के विरुद्ध आहार.

 दूध के साथ क्या न खायें|दूध के विरुद्ध आहार.

दुध के साथ ऐसी चीचें खाने से जो हमें बीमार कर देती है यानि बैड कोम्बिनेशन यहां कुछ पदार्थों का वर्णन करते है

1- मूली और दूध

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मूली और दूध को एक साथ 

नहीं खाना चाहिए। मूली में एक यौगिक होता है जिसे राइनोल कहा जाता है, जो दूध में मौजूद प्रोटीन के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। यह प्रतिक्रिया गैस, सूजन, और पेट दर्द का कारण बन सकती है। आयुर्वेद में भी मूली और दूध को एक साथ खाने से बचने की सलाह दी जाती है।

2–दुध और नमकीन

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दूध के साथ नमकीन स्नैक्स: माता-पिता को बच्चों को दूध के साथ नमकीन स्नैक्स जैसे चिप्स आदि देने से बचना चाहिए. क्योंकि नमकीन स्नैक्स डिहाइड्रेशन की समस्या पैदा कर सकते हैं, जिसकी वजह से शरीर के लिए दूध को पचाना कठिन हो जाता है. इस कॉम्बिनेशन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स हो सकती है

3- दूध के साथ खट्टे फल

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दूध के साथ खट्टे फलों का सेवन करने से भी बचना चाहिए. अगर आप दूध और खट्टे फल का सेवन एक साथ करते हैं तो इससे पेट दर्द और उल्टी की दिक्कत हो सकती है. खट्टे फल खाने के दो घंटे के बाद ही दूध पिएं.

4- दूध के साथ मछली

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आयुर्वेद में कहा गया है कि मछली के साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. दोनों की तासीर और गुण अलग-अलग होते हैं. इन्हें एक साथ खाने से आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

 मछली और दूध साथ में पीने से सफेद दाग की समस्या का खतरा बढ़ जाता है.

5–दुध के साथ चटपटी चीचें


आपको दूध के साथ स्पाइसी मसालों का सेवन करने से भी बचना चाहिए. ऐसा करने से एसिड रिफ्लक्स के साथ-साथ इनडाइजेशन का खतरा भी बड़ सकता है.

6-दूध और सुअर

सुअर मांस खाने के बाल या साथ मे दुध नही पीना चाहिये

7. प्रोटीन से भरपूर चीजें

दूध में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. इसलिए इसके साथ प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए. ऐसा करने से आपके डाइजेशन सिस्टम पर जोर बढ़ सकता है. साथ ही पाचन से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं. 

8 दूध और शराब

शराब (Alcohol) पीने से उन डाइजेस्टिव एंजाम्स को नुकसान पहुंचता है. जिससे अगर आप शराब के बाद दूध पीते हैं तो दूध में मौजूद पोषक तत्वों का पूरा लाभ आपको नहीं मिलता. अल्कोहोल पेट में मौजूद इन सेल्स को नुकसान पहुंचाता है. जिससे खाने में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं.

9 दूध और खीरा

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खीरा और दूध से बनी चीजों को साथ में न खाएं

क्योंकि यह सेहत के लिहाज से एकदम खतरनाक है. ये दोनों साथ मिलकर मेटाबोलिज्म को स्लो कर देता है. आप खीरा खाने के तुरंत बाद या ठीक पहले चाय या दूध न पिएं. यह ब्लोटिंग और पेट दर्द का कारण बन सकता है.

10-दूध और नारियल

11-दूध और सुखे साग

12- दूध और खिचड़ी

13-दूध और सहंजना

14-दूध और बेल फल

15-दूध और सत्तू

16-दूध और कटहल

17-दूध और तिलकुट

18-दूध और नींबू

19-दूध और करौंदा

20-दूध और काकमाची (मकोय)

21-दूध और कुलथी

22-दूध और तैल

23-दूध और छाछ, दही

24-दूध और अंकुरित अनाज

25-दूध और शकरकंद

26-दूध और बकरी मांस


बुधवार, 13 दिसंबर 2023

रोज खाने से 11 फायदे|How Eat Curd To Extra Power

 रोज खाने से 11 फायदे|How Eat Curd To Extra Power



#दही क्या है?

दही दूध का उत्पादन है। दही में खट्टापन पैदा हो जाता है। इसे ही योगर्ट कहते हैं। इससे छाछ मक्खन मिलता है। दही में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट शुगर कैल्शियम, आयरन मैग्नीशियम फॉस्फेट और सोडियम, जिंक ,कॉपर, विटामिन सी, विटामिन बी 6, विटामिन ए, विटामिन बी12, विटामिन के, फैटिक एसिड होता है।

#दही खाने के फायदे?

*दही खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर की इम्युनिटी बढ़ जाती है।

* दही के खाने से मांसपेशियां मजबूत होती है और यह दिल के लिए भी बहुत सेहतमंद होता है। 

* दही में कैलोरी कम होती है। इसके खाने से अधिक भोजन करने की इच्छा नहीं रहती। इसलिए वजन कम किया जा सकता है। इसके लिए फैटलेस दही होनी चाहिये।

#दही कब नही खानी चाहिए?

दही खट्टा होता है। इसकी तासीर खट्टी होती है।

दही की तासीर खट्टी होने से, खट्टी चीजों से जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है।

* यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है।

*दही कमजोर पाचन तंत्र वालों को और रात को दही खाने वालों को एसिडिटी, अपच, खट्टी डकारें आने लगते हैं। इसलिए रात को दही नहीं खाना चाहिए।

* दही खाने से जुकाम खांसी दवा बढ़ जाता है क्योंकि दही कफकारक होती है।

#दही के उपयोग क्या है?

दही बहुत उपयोगी हैं

* दही को बालों में लगाने से बालों के लिए बहुत लाभदायक है। 

*दही एंटीफंगल है और डैंड्रफ को दूर करती है। 

*दही सर मे लगाने से सिर की खुजली को शांत करती है। 

* दही पौषक है। इसलिए बालों को झड़ने से रोकते हैं और बालों को सॉफ्ट करती है और बालों को टूटने से बचाती है। 

* दही और बेसन का लेप चेहरे पर लगाने से झांईयां दूर होती है.

* चेहरे झुर्रियां साफ होती है।

*त्वचा की एलर्जी के लिए भी दही का प्रयोग किया जाता है

* दही बेसन मे हल्दी मिलाकर लगाने से चेहरे का रंग गोरा हो जाता है.

[दही और गुड]

*दही गुड खाने से ताकत बढती है

*इम्यूनिटी बढती है

*शरीर मे तृप्ति मिलती है

#दही कब नही खानी चाहिए?

रात मे दही नही खानी चाहिए तथा जिनकी पाचनशक्ति बहुत कमजोर हो उन्हें दही नही खानी चाहिए 

दही गरिष्ठ होती है तथा पचने में भारी होती है।

रक्तविकार मे दही नही खानी चाहिए

कफविकारो मे जैसे सर्दी जुकाम, दमा, खांसी मे दही से दूर रहना चाहिए.

धन्यवाद!

#drVirendermadhan

रविवार, 12 नवंबर 2023

3 कली लहसुन और शहद खाने से होगा|How to eat garlic and honey in winter

 3 कली लहसुन और शहद खाने से  होगा|How to eat garlic and honey in winter

शहद में डुबा हुआ लहसुन खाली पेट खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है।

लहसुन की उत्पत्ति मध्य एशिया से मानी जाती है। आज लहसुन भारत, चीन, फिलीपीन्स, ब्राजील, मैक्सिको आदि सभी देशों में बहुत बड़े पैमाने पर पैदा होता है।

रोग निवारक गुणों में लहसुन का प्रयोग दमा, बहरापन, कोढ़, छाती में बलगम, बुखार, पेट के कीड़े, यकृत के रोग, हृदय रोग, रक्त-विकार, वीर्य-विकार, क्षय आदि रोगों में लाभकारी है।

लहसुन में खनिज एवं विटामिनों की काफी अधिक मात्रा होती है। इसमें आयोडीन, गंधक, क्लोरीन, कैल्शियम, फाॅस्फोरस, लोहा, विटामिन ‘सी’ ‘बी’ काफी मात्रा में पाए जाते हैं।

#कमजोरी:-

शहद में डुबे हुए लहसुन की 2-3 कलियों को सर्दियों के दिनों में खाली पेट खाने से शारीरिक कमजोरी हमेशा के लिए ठीक हो जाती है और बड़ी हुई चर्बी भी कम होती है। यह सेक्सुअल लाइफ को प्रभावित करता है और सकारात्मक असर दिखाता है।

#कोलेस्ट्रॉल:-

इसका सेवन करने से असमय ही बुढ़ापे का शिकार होने से बचा जा सकता है। बुढ़ापे का अर्थ है कि धमनियों को सिकुड़ कर रोग-ग्रसत हो जाना। यह धमनियों को सिकुड़ने से बचाता है और जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकाल पुनः ठीक कर देता है।

#सर्दी के रोग:-

शहद में डूबे हुए लहसुन में भरपूर मात्रा में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिसके सेवन करने से शरीर में गर्मी आती हैं। जिससे सर्दी-जुकाम जैसी समस्या से निजात पाई जा सकती है और साइनस की समस्या भी काफी कम हो जाती है।

#सूजन:-

शहद में डुबे लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है जिससे गले में खराश और सूजन से राहत मिलती है।

#Asthma:-

अस्‍थमा रोगियों के लिए तो लहसुन और शहद किसी वरदान से कम नहीं है।

#ब्लोकेज :-

शहद में डूबा हुआ लहसुन हार्ट से सम्बंधित लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है। इसके कुछ महीने सेवन से हार्ट में होने वाले ब्लॉकेज से छूटकारा पाया जा सकता है। दिल की धमनियों में जमा फैट बाहर निकल जाता है। जिसके कारण रक्त संचार ठीक ढंग से होने लगता हैं, जो दिल के लिए फायदेमंद हैं।

#डायरिया:-

अगर आपको बार-बार डायरिया की समस्या होती है, तो इसे लेना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता हैं।

   इसका सेवन करने से पाचन क्रिया ठीक ढंग से काम करती है जिससे पेट संबंधी किसी भी प्रकार का इंफेक्‍शन नहीं होता हैं।

लहसुन और शहद–इन दोनों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते है, जो फंगल इंफेक्शन को दूर करने का काम करते है।

#इम्यूनिटी–

शहद में डूबा लहसुन लेने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। जिससे कई बीमारीयों से छुटकारा पाया जा सकता है।

#बोडी डीटोक्सिफीकेशन :-

  यह एक प्राकृतिक डिटॉक्स है। इसको खाने से शरीर की अंदर से सफाई हो जाती है। जिसके कारण स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।

#मजबूत हड्डी ;–

लहसुन और शहद में मौजूद फास्फोरस से दांत मजबूत रहते है। यह दांतों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने का काम करता है। इनमें फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस आदि तत्व होते हैं जो दांत, बाल और हड्डियों को मजबूत करने में मदद करते हैं।

#विधि :–

लहसुन की कलियों का छिलका उतारकर शहद की छोटी शीशी में इतनी डालें कि वह शहद में पूरी तरह डूब जाए और दो दिन ऐसे ही पडा रहने दें। लहसुन की 2–3 कलियों को सुबह खाली पेट सेवन करें और 45 मिनट बाद ही कुछ खाए।

शनिवार, 4 नवंबर 2023

यूरिक एसिड का रसौई मे समाधान


 यूरिक एसिड का रसौई मे समाधान

Kitchen Solution For Uric Acid

[Uric acid control tips]

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण:-

 – यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण होते हैं, जैसे-

- पानी का कम सेवन, 

- शराब ज्यादा पीना, 

- सोडा और फ्रक्टोज का सेवन, 

- हाई ब्लड प्रेशर दवाईयों का सेवन, 

- किडनी की परेशानी, 

- मोटापा, अधिक वजन,

-High protin

- प्यूरीन फूडस ज्यादा खाना. 

 इनके कारण आपके यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाती हैं. 

#कितना होना चाहिए यूरिक एसिड

आपको बता दें कि आमतौर पर पुरुषों में 2.5 से 7 एमजी प्रति डीएल और महिलाओं में 1.5 से 6 एमजी प्रति डीएल होता है. 

इससे ज्यादा यूरिक गठिया, किडनी की बीमारी और अन्य सेहत संबंधी परेशानियां पैदा कर सकते हैं. 

#यूरिक एसिड कंट्रोल करने के

 नुस्खा

अगर आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ गया है तो फिर आपको अजवाइन और अदरक 2 ऐसे मसाले हैं जिनका सेवन करने से बढ़े यूरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. ये दोनों ही चीजें जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करते हैं. 

* अजवाइन के गुण- 

 असल में इस मसाले में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिसके सेवन से यूरिक के बढ़े हुए स्तर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है,

अजवायन जोड़ों में जमे क्रिस्टल को तोड़ता है. यह यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकल आता है. ये जोड़ों के दर्द और सूजन को भी कम करता है.

*अदरक के गुण - 

  अदरक भी यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में कारगर साबित होता है. यह एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती है. इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. यह बीमारियों को दूर करता है. 

कैसे करें अदरक और अजवाइन का सेवन,

आप एक चम्मच अजवाइन और कसा हुआ अदरक एक गिलास पानी में अच्छे से उबाल लीजिए. फिर आप इसमें स्वाद के लिए शहद मिलाकर चाय की तरह पी लीजिए. आप इसको सुबह और रात में सोने से पहले पी लीजिए. यह आपके बढ़े यूरिक को कंट्रोल करने में सक्षम हैं.