Guru Ayurveda

शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

खुद से अपना आयुर्वेदिक इलाज न करें।in hindi.

 

#खुद से अपना आयुर्वेदिक ईलाज न करें?

By- #Dr_Virender_Madhan.

#क्यों न करें आप अपना आयुर्वेदिक इलाज।

*अत्यंत गुणों को समेटे आयुर्वेदिक औषधियौं मे हर तरह के रोगों को जड़ से खत्म करने की क्षमता है। लेकिन आयुर्वेदिक दवाओं के गलत प्रयोग से घातक भी साबित हो सकती हैं, अगर आप इसका खुद से सेवन करते हैं। 


#आयुर्वेदिक दवाएं कब और कैसे नुकसान पहुंचा सकती हैं?

समय के साथ-साथ लोगों का रहन-सहन भी बदल चुका है,लाईफ स्टाईल बदल चुका है।लेकिन आयुर्वेद आज भी लोकप्रिय है विश्वास है कि आयुर्वेदिक दवा कभी भी नुकसान नहीं करती। शरीर की किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक दवा से अच्छी कोई चिकित्सा पध्दति नही है इसी कारण आजकल आयुर्वेदिक दवाओं की मांग भी खूब है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो आयुर्वेदिक इलाज पर इस कदर भरोसा करते हैं कि खुद से भी आयुर्वेदिक दवाएं खाने लगते हैं। 

इस कारण से कुछ लोग आयुर्वेद के नियम न जानते हुए गलत तरीकों से प्रयोग कर बैठते है।

औषधी हो या आहार, उनके बनाने के खाने के कुछ नियम होते है।

#कब खाना है?#कितना खाना है?#कैसे खाना है?#किसे खाना है?#किसेनहींखाना है ?

इन सब पर विचार करना चाहिए।

बिना सोचे समझे आहार या आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग करना हानिकारक हो जाता है


#आयुर्वेदिक औषधियौं के नियम है जरूरी.

>> अगर आप खुद ही आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करते हैं, तो सबसे पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से,चिकित्सक से सलाह जरुर ले लेनी चाहिए।

>>आपको खास सावधानी बरतने की जरूरत है। इन दवाओं के भी अपने कुछ खास नियम होते हैं। अगर नियमों को ध्यान में रखकर आप आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन नहीं करते हैं, तो यही दवाएं आपके लिए मुश्किलें भी खड़ी कर सकती हैं। आप चाहे जिस वजह से आयुर्वेदिक दवा का सेवन कर रहे हैं, अपनी इच्छा से दवाएं खाते रहने से आपके शरीर पर दवाओं का असर कम होने लगता है और जरूरत पड़ने पर संबंधित बीमारी की सही दवाओं के सेवन से भी आपको लाभ नहीं होता।


>>ऐसे नियमों को जानना है जरूरी.

आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करने के लिए आयुर्वेद ऋषि ऋषियों ने कुछ नियम तय किये हैं,

 जिसके अनुसार, सूर्योदय के समय, दिन के समय भोजन करते समय, शाम के भोजन करते समय और रात में इन दवाओं को लेने का सही समय तय है। कुछ लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती, इस कारण वे इसका नुकसान भी उठाते हैं। इसलिए ऐसी दवाओं का सेवन आपकी बीमारी का उपचार कर रहे आयुर्वेदाचार्य के निर्देशानुसार ही करना चाहिए।

>>ज्यादा अति हमेशा बुरी होती है।

 सेहत को दुरुस्त रखने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करते समय हमें उसकी सही मात्रा के बारे में जानकारी नहीं होती और इसकी ज्यादा मात्रा हमारे लिए नुकसानदेह हो सकती है।


** निर्देशों का रखें ध्यान.

आयुर्वेदिक दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं,मगर 

दोष,धातु की समता-विषमता,काल(ऋतु, रात,दिन,आयु),रोग अवस्थाआदि की अवहेलना कर के प्रयोग की गई औषधियां लाभ के स्थान पर हानिकारक हो सकती है।

#विरुद्ध औषधियां और विरूद्ध आहार क्या है?

*कुछ आहार, औषधि दुसरे आहार, औषधि के साथ प्रयोग करने से विपरीत प्रभाव दिखाती है। फलस्वरूप रोग,कलेश, मृत्यु तक हो जाती है।उदाहरण के लिये- 

**मछली और दूध का एक साथ प्रयोग करना।

**मूली और दूध का एक साथ प्रयोग करना।

**धी और शहद का सम मात्रा मे प्रयोग करना घातक होता है।

उसी प्रकार कुछ द्रव्यो का प्रयोग एक साथ नही होता है

>>किसी भी आयुर्वेदिक औषधी के योग संयोग का ज्ञान आयुर्वेदिक चिकित्सक,आचार्यो,आयुर्वेदिक विशेषज्ञो को ही होता है अतः आयुर्वेदिक दवाओं के प्रयोग से पहले उनकी सलाह लेना ही उचित रहता है।

आयुर्वेद मे रसायन के प्रयोग करने से पहले शरीर के शोधन (पंचकर्म) करने का विधान है 

लेकिन अधिकतर लोग बाजार से रस-रसायन लेकर प्रयोग कर लेते है बाद मे लाभ न होने पर या किसी प्रकार की हानि होने पर आयुर्वेद को बदनाम करने लगते है।


#अति मात्रा ज्यादा दिनों तक इस्तेमाल के नुकसान

अकसर आयुर्वेदिक दवाओं की उपयोगिता के बारे में सभी लोग बात करते हैं, लेकिन आयुर्वेदिक दवाओं के बीच अन्य दवाओं से होने वाले रिएक्शन के बारे में ज्यादा लोगों को समझ नहीं है। ऐसे लोग किसी खास तत्व की अधिकता या किसी के दुष्परिणामों की फिक्र नहीं करते, जो गलत है।

न ही मात्रा का ध्यान रखते है

न ही काल ऋतु का मान रखते है शीत गुण वाले शीत काल मे, उष्ण पदार्थ उष्ण काल मे प्रयोग करेंगे तो हानि तो होगी ही।

>>ठीक नहीं ज्यादा कुछ औषधियो का सेवन।

*आयुर्वेद में गिलोय को अमृत भी कहा जाता है, जिसमें डायबिटीज से लड़ने के गुण होते हैं। लेकिन इसे भी किसी आयुर्वेदाचार्य के परामर्श से ही इस्तेमाल में लाना चाहिए, क्योंकि इसका सेवन शुगर लेवल को प्रभावित करके पाचन-तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे कब्ज की समस्या हो सकती है।

*जामुन से -

ज्यादातर लोग डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए जामुन का सेवन करते हैं। आयुर्वेद के नजरिये से जामुन को सेहत के लिए सबसे बड़ा वरदान माना जाता है। लेकिन यह बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इसके ज्यादा सेवन से व्यक्ति का पाचन-तंत्र कमजोर हो जाता है।

*मेथी दाना - 

डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर और पेट संबंधी समस्याओं के लिए सबसे फायदेमंद मेथी दाना होता है। आयुर्वेदिक औषधियों में से एक मेथी दाने के इस्तेमाल की सलाह खुद आयुर्वेदाचार्य भी देते हैं, लेकिन मेथी का स्वभाव काफी गर्म होता है। इसकी ज्यादा मात्रा से पित्त, गैस, दस्त और खून पतला होने का जोखिम बना रहता है।


*दालचीनी का इस्तेमाल में -

गर्म मसालों और आयुर्वेदिक औषधि में दालचीनी का इस्तेमाल कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है, लेकिन दालचीनी में लगभग 5 प्रतिशत कामरिन पाया जाता है। यह कामरिन लिवर को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इसे इस्तेमाल करने से पहले आपको इसकी सही मात्रा की जानकारी होनी ही चाहिए, ताकि आप इसके दुष्प्रभाव से बचे रहें।

*करेले का इस्तेमाल -

करेले को आयुर्वेदिक नजरिये से शरीर के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, लेकिन यह आपके पाचन-तंत्र को पूरी तरह खराब करने में भी सक्षम होता है। इसके बीजों में एक ऐसा तत्व पाया जाता है, जो आंतों तक प्रोटीन के संचार को रोक सकता है। इसके रस में मौजूद मोमोकैरीन नाम का तत्व पीरियड्स के फ्लो को बढ़ा देता है।

सावधानी:-

न असर करे, तो सावधान हो जाएं

*अगर आप खुद बिना किसी की सलाह के आयुर्वेदिक दवाएं लेते हैं, तो आपको खास सावधानी बरतने की जरूरत है। जब ये दवाएं आपको लाभ देना बंद कर देती हैं, तो इसका मतलब यही होता है कि या तो आप इसे लेने का सही समय नहीं जानते या फिर इन दवाओं की मात्रा में अधिकता या कमी हो रही है।

अगर आप किसी छोटी या बड़ी बीमारी से पीड़ित हैं और आयुर्वेदिक उपचार को सबसे पहले वरीयता देना चाहते हैं, तो विशेषज्ञ की सलाह के बिना दवाओं का सेवन भूलकर भी ना करें। आम लोगों की सलाह से ज्यादा सफल सलाह किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य की ही हो सकती है। इसलिए इसका लाभ उठाएं और सही दवा खाएं।

किसी की सलाह लेने पहले देख ले कि सलाह देनवाला उस विषय में कितना जानता है कितना उस विषय मे अनुभवी है।

धन्यवाद!

#Dr_Virender_Madhan.





  

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें