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रविवार, 14 अप्रैल 2024

प्रोस्टेट के बढ़ने से क्या होता है और उसके 8 आयुर्वेदिक उपाय|How To Treat

 प्रोस्टेट के बढ़ने से क्या होता है और उसके 8 आयुर्वेदिक उपाय|How To Treat

What happens when prostate enlargement happens and what are its ayurvedic remedies?



[prostate/गदूद]

Dr.VirenderMadhan

#prostate/गदूद क्या है?

गदूद एक ग्रन्थि है। जो ब्लेडर के नीचे होता है और यूरेथ्रा में जाता है। पुरुषों की उम्र के रूप में वे हार्मोनल परिवर्तन का अनुभव करते हैं। जिसका असर ग्रंथियों पर भी पड़ता है।

पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ कुछ शारीरिक बदलाव होते हैं जैसे प्रोस्टेट यानि गदूद ग्रंथि का बढ़ना। जिसके कारण मूत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और प्रोस्टेट कैंसर में भी।


#प्रोस्टेटाइटिस (prostate ka bedhna) के लक्षण :-

प्रोस्टेटाइटिस होने से –

- पेरीनियम, निचली कमर के साथ-साथ अक्सर लिंग और वृषण में दर्द पैदा होता है। 

 - पुरुषों को बार-बार पेशाब भी करना पड़ता है और वो भी तेज़ी से, और

– पेशाब करते समय दर्द या जलन हो सकती है। दर्द से इरेक्शन हासिल करने में या इजेकुलेशन करना मुश्किल या ज़्यादा दर्दनाक हो सकता है।


#प्रोस्टेट की चिकित्सा :-

– दूध के साथ हल्दी और शिलाजीत का सेवन करने से प्रोस्टेट हेल्दी रहेगा। 

–प्रोस्टेट कैंसर के लिए चंद्रप्रभा वटी और गौक्षुरादि गुग्गुल की 2-2 गोली सुबह और शाम को सेवन करें। 

– विषतिंदुक वटी की एक-एक गोली सुबह और शाम सेवन करें।

– सप्ताह में एक बार जौ की दलिया का सेवन जरूर करें।


प्रोस्टेट ग्लैंड के सुजन के उपाय:–

अलसी के बीज:–

 प्रोस्टेट का उपचार करने के लिए आयुर्वेद काफी उपयोगी औषधियां उपलब्ध कराता है. अलसी का बीज प्रोस्टेट के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके लिए अलसी के बीज को मिक्सी में पीसकर पाउडर बनायें. फिर प्रतिदिन इसे 20 ग्राम पानी के साथ लें.

– चंद्रप्रभा वटी प्रोस्टेट के लिए अच्छा है?

इससे घनी स्थिर दृढ़ ग्रंथि संबंधी सूजन पैदा होती है जिसे वाताशिला या बीपीएच कहा जाता है। चंद्रप्रभा वटी लेने से वात को संतुलित करने और प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार को नियंत्रित करने में मदद मिलती है । कम से कम एक से दो महीने तक नियमित रूप से उपयोग करने पर यह दर्दनाक या बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है।

– तुलसी प्रोस्टेट के लिए अच्छी है

– मोथा, नीम, हल्दी और तुलसी का शक्तिशाली सहक्रियात्मक मिश्रण प्रोस्टेट और मूत्राशय नियंत्रण समस्याओं से राहत देने के लिए मूत्र पथ के कार्य को बढ़ाता है और प्राकृतिक प्रतिरक्षा और पुरुष प्रजनन जीवन शक्ति को बढ़ाता है।

प्रश्न** प्रोस्टेट में कौन सा जूस पीना चाहिए?

उत्तर:-  प्रोस्टेट की हेल्थ के लिए  अनार के जूस या दानों को सेवन से पुरुषों में प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।


प्रश्न:- प्रोस्टेट में क्या नहीं खाना चाहिए (Prostate Main Kya Nahi Khana Chahiye)

उत्तर:-

– शराब (Alcohol) न ले

– लाल मांस और प्रोसेस्ड मीट (Red Meat & Processed Meat) न खायें

– पूर्ण वसा दूध और दूध से बने उत्पादों (Full Fat Milk & Milk Products) हानिकारक है

–सैचुरेटेड फैट्स (Saturated Fats) न खायें

– कैफीन (Caffeine),सोडियम (Sodium),चीनी वाले खाद्य पदार्थ (Sugar) का प्रयोग न करें.

प्रश्न:-

प्रोस्टेट में कितना पानी पीना चाहिए?

उत्तर:–

पानी :-

 पानी की भरपूर मात्रा में सेवन करने से कैंसर ही नहीं बल्कि कई रोग समाप्त होते हैं। ज्यादा मात्रा में पानी पीने से टॉक्सिन्स बाहर आते हैं। ऐसे में प्रोस्टेट कैंसर के मरीज को एक दिन में आठ से दस गिलास पानी पीना चाहिए। बार-बार पेशाब आना, विशेष तौर पर रात में।

#प्रोस्टेट में क्या परहेज करें?

तेजी से पकने वाले मसालेदार खाने, प्री-पैकेज्ड खाद्य पदार्थों, अत्यधिक मीठे खाद्य पदार्थों, और प्रोसेस्ड और जंक फूड के सेवन से बचें। प्रोस्टेट इन्फेक्शन के लक्षणों को जानें और स्वस्थ आहार के सही विकल्पों को शामिल करें। यह सुनिश्चित करेगा कि आप प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं और उन्नत जीवनशैली का आनंद लें।

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