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शुक्रवार, 9 जून 2023

कैल्शियम की कमी के 7 रोग,

 

कैल्शियम की कमी के 7 रोग,

कैल्शियम की कमी के 7 रोगों के नाम

कैल्शियम की कमी शरीर में कैल्शियम के स्तर का कम हो जाने को दिखाती है। यह कमी विभिन्न रोगों के लक्षणों में उभर सकती है।

 यह सात ऐसे रोग जिनके संबंध में कैल्शियम की कमी होती है:-

1– ओस्टियोपोरोजिस (Osteoporosis):–

 यह एक हड्डी की कमजोरी की स्थिति है जहां हड्डियों का कैल्शियम स्तर कम हो जाता है, जिसके कारण हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं।

2– हाइपोकैल्सीमिया (Hypocalcemia):–

 यह स्थिति तब होती है जब शरीर में कैल्शियम की मात्रा अत्यंत कम हो जाती है। इसके लक्षण में छाती में दर्द, अधिक थकान, न्यूरोमस्कुलर गतिविधि में कमी, तंत्रिका नमी, और दर्द हो सकते हैं।

3– टेटनस (Tetany):–

  यह एक न्यूरोमस्कुलर नामक बीमारी है जो कैल्शियम की कमी के कारण हो सकती है। इसमें सिरदर्द, मांसपेशियों के ऐंठन, अचानक गांठों का उभयान, और उंगलियों और उँगलियों का उभारना शामिल हो सकता है।

4–ऊतकर्ष (Tetany):–  

   ऊतकर्ष एक न्यूरोमस्कुलर बोलती बीमारी है जिसमें कैल्शियम की कमी होती है। यह सामान्यतः पराथायरॉयड ग्रंथि की समस्या के कारण होता है, जिससे पराथामूलक हार्मोन का निर्माण और उद्दीपन मार्गनिर्देशित होता है। इससे संबंधित लक्षणों में माथे का दर्द, अकारण मांसपेशियों के स्पास्म, उंगलियों और जीभ की टिंगलिंग या झनझनाहट शामिल हो सकती है।

5–रिकेट्स (Rickets): –

  रिकेट्स एक बच्चों की बीमारी है जो कैल्शियम, विटामिन डी और फॉस्फेट की कमी के कारण होती है। 

*यह बालों की कमजोरी, हड्डियों के मुड़ जाने का कारण बनती है, जिससे संकुचित और रुका हुआ शरीरिक विकास होता है।

6–हाइपोपराथायरॉयडिज़म (Hypoparathyroidism):–

   यह एक ग्रंथि विकार है जिसमें पराथायरॉयड ग्रंथियों की कार्यशीलता में कमी होती है। यह कैल्शियम की कमी के कारण हो सकता है और इससे टेटनस, तंत्रिका नमी, दिल की धड़कन की कमी होना,

7–हाइपोकैल्सीमिक एनेफलोपैथी (Hypocalcemic Encephalopathy):–

     यह एक गंभीर स्थिति है जो कैल्शियम की कमी के कारण होती है और मस्तिष्क पर अस्पष्ट प्रभाव डालती है। इसमें डिज़िनेशिया, एपिलेप्सीज़ी, मांसपेशियों की कमजोरी, अस्थायी या स्थायी प्रमाणित न्यूरोलॉजिक विकार और मस्तिष्कीय विफलता शामिल हो सकती है।

* कैल्शियम की कमी के इन रोगों के लक्षण और प्रभाव को जानना महत्वपूर्ण है, और यदि आपको ऐसे किसी लक्षण का सामना होता है, तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। 

#कैल्शियम युक्त भोजनों के नाम

कैल्शियम युक्त 7 भोजन के नाम

कैल्शियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हड्डियों, दांतों, नसों, और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। 


यहां कुछ कैल्शियम युक्त 7 भोजनों के नाम दिए जाते हैं:–

1–दूध और दूध उत्पाद:–

 दूध, दही, छाछ, चीज़, पनीर, घी आदि कैल्शियम समृद्ध आहार हैं।

2–सेसम सीड्स(Sesame Seeds) :–

 सेसम सीड्स कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। इन्हें सलाद, रोटी, या व्यंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

3–गोंद कतीरा(gond katira):–

  कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। इसे दूध, पानी, या खाने में प्रयोग किया जा सकता है।

4– ब्रोकोली Broccoli:–

   यह सब्जी कैल्शियम, विटामिन C, विटामिन K, और फोलेट का अच्छा स्रोत हैं।

5–मछली:–

  सामान्यतः सभी प्रकार की मछली जैसे सालमन, सर्दीन, और मैकरेल कैल्शियम का अच्छा स्रोत होती हैं।

6–तिलहनी:–

 तिलहनी में कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन, आयरन, और विटामिन B6 भी पाए जाते हैं।

7–शीशम rosewood(सेसबानिया):-

  शीशम (सेसबानिया) एक प्रकार का पोषक गाँठीदार फली है जो कैल्शियम का अच्छा स्रोत होता है। इसे ताजा या सूखे रूप में खाया जा सकता है या इसका रस निकालकर पीया जा सकता है।

यदि आप कैल्शियम के लिए आहार चुनते हैं, तो इन भोजनों को अपनी आहार में शामिल करें। यहां दिए गए भोजन आपको स्वस्थ आहार प्रदान करेंगे और आपके शरीर की कैल्शियम आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। हालांकि, यदि आपको किसी खाद्य पदार्थ के प्रति अविश्वास हो या किसी विशेष स्वास्थ्य स्थिति हो, तो एक पेशेवर स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित होगा।

धन्यवाद!

गुरुवार, 8 जून 2023

घुटनों के दर्द के कारण और इलाज in hindi.

 

#घुटनों के दर्द के कारण और इलाज in hindi.

Causes and treatment of knee pain.

#Dr.VirenderMadhan,

घुटनों के दर्द के बारे में लोगों के सवाल बहुत आम होते हैं। यहां कुछ आम सवाल और उनके उत्तर दिए गए हैं:–

#घुटनों के दर्द का कारण क्या हो सकता है?

what could be the cause of knee pain.

<घुटनों में दर्द होने के कारण>–

 घुटनों “जोड़ों में दर्द” (Joint Pain) कई कारणों से हो सकता है जैसे:-

- उम्र का बढ़ना,

- खानपान में पोषक तत्वों की कमी या फिर 

- गिरने से लगी चोट,

-कैल्शियम की कमी,

अगर आपके शरीर में प्रोटीन या कैल्शियम की कमी है तो ये परेशानी होना सम्भव है. इसके अलावा किसी तरह की 

- सूजन या संक्रमण से भी घुटनों में दर्द (Knee Pain) होने लगता है.

#घुटनों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:-

* अपर्याप्त ढंग से चलना, 

* अतिरिक्त वजन, 

* घुटनों के जोड़ के घाव,चोट, 

* घुटनों की संरचना में समस्या, * खिलाड़ी या व्यायाम के दौरान चोट लगना या 

* मासिक धर्म समय पर होना।

#knee joints pain है तो क्या खायें?

 कुछ आहार ऐसे हैं जो घुटनों के दर्द को कम करने में सहायता कर सकते हैं:–

*ताजे फल और सब्जियां:– 

अपनी आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें। ये आपको विटामिन सी, ए, और कारोटीन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर करेंगे जो घुटने के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

* हरी पत्तेदार सब्जियां:– 

ब्रोकोली, पालक, मेथी, और केले के पत्ते जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां अच्छे एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन के स्रोत होती हैं जो आपके घुटने के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

*हेल्दी फैट:–

 तरल तेलों में ऊंची मात्रा में पाए जाने वाले मोनोयूनसैचराइड और पॉलीयूनसैचराइड सेहतमंद होते हैं और घुटनों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें जैतून का तेल, कानोला तेल, अवोकाडो, और बादाम शामिल हो सकते हैं।

* अंडे:–

 अंडो में प्रोटीन, विटामिन डी, और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो घुटने के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

*हरी चाय:–

 हरी चाय में पाए जाने वाले फ्लावोनॉयड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स घुटने के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

* हल्दी वाला दूध

* बिना दूध की चाय अदरक पकाकर लें।

* मेवे बादाम आदि,

* प्याज, लहसुन अपने भोजन में मे शामिल करें,

#घुटनों के दर्द का इलाज क्या हो सकता है?

घुटनों के दर्द के इलाज के लिए कई तरह के उपाय हो सकते हैं। यह समाधान रोग के कारण, आपकी स्थिति और दर्द की गंभीरता पर निर्भर करेगा। कुछ सामान्य उपाय शामिल हो सकते हैं, जैसे:-

 आराम करना, ठंडे और गर्म पैक का उपयोग करना,

#घरेलू व आयुर्वेदिक उपाय:-

1-कडुवा सहंजन को तैल मे पकाकर तैल की घुटनों पर मालिस करें,

2-महानारायण तैल की मालिस करें

3–शुद्ध गुगल का प्रयोग अपने चिकित्सक से सलाह कर के प्रयोग करें,

4-महारास्नादि क्वाथ 3-3 चम्मच बराबर पानी मिलाकर पीने से आराम मिलता है।

#घुटने की ताकत बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?

- घुटने की ताकत बढ़ाने के लिए कैल्शियमयुक्त आहार लें। जैसे– दूध ,दही ,पनीर ,हरी पत्तेदार सब्जियां, पिस्ता ,बादाम जैसी चीज़ों का सेवन करें।

-अलसी (फ्लैक्स सीड ) भी कैल्शियम का भंडार होता है। रोज़ाना नियमित रूप से अलसी का सेवन करने से आपके शरीर में कैल्शियम की कमी दूर होती।

#घुटने के दर्द की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

 रास्ना,शतावरी, अश्वगंधा, अशोक, ब्राह्मी और हल्दी, शुद्ध गुग्गुल जैसी अनेक जड़ी-बूटियां स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं और इनका सेवन हर दिन किया जा सकता है

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

रविवार, 8 जनवरी 2023

अलसीके बीज खाने से क्या होता है?हिन्दी में.

 अलसीके बीज खाने से क्या होता है?हिन्दी में.

#अलसी क्या है?

What is linseed?



नाम:-

अतसी,नीलपुष्पी, क्षुमा,तीसी,अलसी,फ्लैक्स flax , Linseed कहते है।

–अलसी या तीसी समशीतोष्ण प्रदेशों का पौधा है। रेशेदार फसलों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसके रेशे से मोटे कपड़े, डोरी, रस्सी और टाट बनाए जाते हैं। इसके बीज से तेल निकाला जाता है और तेल का प्रयोग वार्निश, रंग, साबुन, रोगन, पेन्ट तैयार करने में किया जाता है। 

आयुर्वेदिक गुण:-

गुण–

गुरु यानि भारी, स्निग्ध यानि चिकने,पिच्छल होते हैं.

#अलसी कौन सी बीमारी में काम आती है?

–वात विकारों में काम आता है

–व्रणशोथ पर इसकी पुल्टिस बनाकर बांधते है.

–फुफ्फुस शोथ,व पार्श्वशूल मे इसका लेप करते हैं।

– इसका तैल वातरोगों मे,चर्मरोगों मे अभ्यंग करने के काम आता है.

–कमजोरी मे भी इसके तैल से मालिस करते है।

–अतिसार, ग्रहणी रोग में अलसी को भुन कर खाते हैं।

–विबन्ध Constipation,अर्श(बवासीर)अनाह (अफारा) मे इसके तैल को 5 एम एल की मात्रा में पीलाते है.

–हृदयरोगियों को इसक पुष्प खिलाते हैं।

–कामोत्तेजक के रुप मे इसके बीजों का प्रयोग करते हैं।

#आधुनिक विज्ञान के अनुसार अलसी के बीज के गुण:-

–अलसी में मौजूद फैटी एसिड स्किन को सॉफ्ट बनाए रखने में भी मदद करते हैं। 

– यह बालों के झड़ने, एक्जिमा और रूसी को रोकने में भी मददगार साबित होते हैं। – कैंसर से बचा सकता है-  अलसी में मौजूद कंपाउंड ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और पेट के कैंसर से बचा सकता हैं।

–अलसी का नियमति सेवन करने से आप पाचन शक्ति को बढ़ा सकते हैं.

–हृदय रोग कम करने में मददगार है.

–बेड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में हेल्पफुल अलसी के बीज से बेड कोलेस्ट्रॉल में मददगार होते है. 

–पाचन शक्ति बेहतर होती है –अलसी का नियमति सेवन करने से आप पाचन शक्ति को बढ़ा सकते हैं. 

–त्वचा के लिए फायदेमंद

इसमें प्रोटीन और ओमेगा-3, होता है, बढ़े हुए Cholesterol और Blood Sugar को एक साथ कम करती है।

#अलसी खाने का सही समय (alsi ke beej kab khaye)

अलसी का सेवन सुबह खाली पेट किया जा सकता है. ऐसे में आप सुबह उठकर खाली पेट गर्म पानी के साथ अलसी के पाउडर का सेवन कर सकते हैं.

मात्रा:-

इसे एक दिन में 1चम्मच से अधिक नही खाना चाहिए।

यानि बीज चूर्ण 3-6 ग्राम,

तैल-5 ML

पुष्प कल्क:-3-6 ग्राम.

Dr.VirenderMadhan