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Guru Ayurveda
शुक्रवार, 29 अगस्त 2025
गुग्गुल के फायदे और नुकसान | Guggul Benefits and Side Effects in Hindi
गुग्गुल के फायदे और नुकसान | Guggul Benefits and Side Effects in Hindi गुग्गुल के फायदे और नुकसान – वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल और जोड़ों के दर्द में लाभकारी | Guggul Benefits in Hindi
जानिए गुग्गुल (Guggul) के फायदे और नुकसान। वजन घटाने, गठिया, कोलेस्ट्रॉल, त्वचा रोग और थायरॉइड में लाभकारी। सेवन विधि और सावधानियाँ भी पढ़ें।
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गुग्गुल क्या है?
गुग्गुल (Commiphora Mukul) आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण औषधि है, जो इसकी राल (gum resin) से प्राप्त होती है। आयुर्वेद में गुग्गुल को सूजन नाशक, रक्त शुद्धिकारक और वज़न घटाने वाला माना गया है। इसका प्रयोग विभिन्न रोगों में प्राचीन काल से होता आ रहा है।
गुग्गुल के फायदे
1. गठिया और जोड़ों का दर्द
• गुग्गुल सूजन और दर्द को कम करता है।
• Arthritis, Rheumatism, Osteoarthritis में लाभकारी।
2. कोलेस्ट्रॉल और हृदय स्वास्थ्य
• खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है।
• हृदय की धमनियों को साफ रखने में सहायक।
3. वजन घटाने में सहायक
• मेटाबॉलिज्म को तेज करता है।
• मोटापा कम करने और पेट की चर्बी घटाने में मददगार।
4. त्वचा रोगों में लाभकारी
• मुहाँसे, फोड़े-फुंसी और दाद जैसे रोगों में फायदेमंद।
• रक्त शुद्ध कर चेहरे पर निखार लाता है।
5. थायरॉइड और हार्मोन संतुलन
• थायरॉइड को सक्रिय करने में सहायक।
• महिलाओं में पीसीओएस और मासिक धर्म की अनियमितता में उपयोगी।
6. घाव भरने में उपयोगी
• एंटीबैक्टीरियल गुण से घाव जल्दी भरते हैं।
गुग्गुल के नुकसान (Side Effects)
• गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ इसका सेवन न करें।
• अधिक मात्रा में लेने पर पेट दर्द, दस्त और मतली हो सकती है।
• कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है।
• थायरॉइड या ब्लड थिनर दवा लेने वाले मरीज डॉक्टर से पूछकर ही सेवन करें।
सेवन विधि
• सामान्य खुराक: 250mg से 500mg (दिन में 2-3 बार)
• इसे त्रिफला गुग्गुल, योगराज गुग्गुल, कांचनार गुग्गुल जैसे आयुर्वेदिक योगों में भी उपयोग किया जाता है।
• हमेशा आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही सेवन करें।
निष्कर्ष
गुग्गुल एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है, जो जोड़ों का दर्द, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और त्वचा रोगों में लाभकारी है। लेकिन इसका सही उपयोग और मात्रा केवल चिकित्सक की देखरेख में ही करनी चाहिए, तभी यह सुरक्षित और प्रभावी है।
शनिवार, 3 मई 2025
गर्मियों में मखाने खाने के 5 फायदे in hindi.
गर्मियों में मखाने खाने के 5 फायदे in hindi.
मखाने क्या होते हैं?
मखाने के प्रमुख आयुर्वेदिक लाभ
वृद्धजनों के लिए उपयोगी
डायबिटीज़ में उपयोगी
हृदय स्वास्थ्य में सहायक
सेवन विधि और सावधानियाँ
गर्मियों में मखाने (Fox Nuts) खाना सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है। यहाँ इसके 5 प्रमुख फायदे दिए गए हैं:
शरीर को ठंडक पहुँचाते हैं –
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मखाने की तासीर ठंडी होती है, जिससे गर्मियों में शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और गर्मी जनित बीमारियों से बचाव होता है।
ऊर्जा बढ़ाते हैं –
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इनमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होते हैं, जो दिनभर ऊर्जावान बनाए रखते हैं बिना शरीर को भारी किए।
पाचन में मददगार –
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मखाने हल्के होते हैं और फाइबर युक्त होने के कारण पाचन क्रिया को ठीक रखते हैं, जिससे कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
डिहाइड्रेशन से बचाते हैं –
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इनमें मौजूद पोषक तत्व शरीर में जल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं और लू लगने की संभावना कम करते हैं।
वज़न नियंत्रित करने में सहायक –
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मखाने लो कैलोरी और हाई फाइबर युक्त होते हैं, जिससे भूख कम लगती है और ओवरईटिंग से बचाव होता है।
बुधवार, 19 फ़रवरी 2025
बसंत ऋतु में सेहतमंद रहने के लिए कौन सा काढ़ा पिएं
बसंत ऋतु में सेहतमंद रहने के लिए कौन सा काढ़ा पिएं
बसंत ऋतु में मौसम बदलने के कारण सर्दी-गर्मी का मिश्रण रहता है, जिससे सर्दी, खांसी, एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और सेहतमंद रहने के लिए कुछ खास काढ़े लाभदायक होते हैं।
बसंत ऋतु के लिए सेहतमंद काढ़े:
गिलोय-तुलसी काढ़ा
गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होता है और तुलसी सर्दी-जुकाम से बचाती है।
सामग्री: 1 गिलोय स्टिक या 1 चम्मच गिलोय पाउडर, 5-6 तुलसी पत्ते, 1 चुटकी काली मिर्च, 1 कप पानी
विधि: सभी सामग्री को पानी में उबालें और छानकर पिएं।
हल्दी-अदरक काढ़ा
हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी होती है और अदरक सर्दी-जुकाम से बचाव करता है।
सामग्री: 1/2 चम्मच हल्दी, 1 चम्मच अदरक का रस, 1 चुटकी काली मिर्च, 1 कप पानी
विधि: सामग्री को पानी में उबालें, शहद मिलाकर पिएं।
मुलेठी-दालचीनी काढ़ा
मुलेठी गले की खराश और खांसी में लाभदायक होती है, जबकि दालचीनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
सामग्री: 1/2 चम्मच मुलेठी पाउडर, 1/4 चम्मच दालचीनी पाउडर, 1 कप पानी
विधि: पानी में सामग्री डालकर उबालें, छानकर पिएं।
नीम-गुड़ काढ़ा
नीम शरीर को डिटॉक्स करता है और बसंत ऋतु में होने वाली एलर्जी से बचाव करता है।
सामग्री: 4-5 नीम पत्ते, 1 चम्मच गुड़, 1 कप पानी
विधि: पानी में नीम पत्ते उबालें, गुड़ मिलाकर पिएं।
काढ़ा पीने के फायदे:
✅ इम्यूनिटी मजबूत होती है
✅ एलर्जी और संक्रमण से बचाव होता है
✅ पाचन तंत्र सही रहता है
✅ मौसमी बुखार और थकान से राहत मिलती है
आप अपनी जरूरत के अनुसार इन काढ़ों में बदलाव कर सकते हैं। इन्हें रोज सुबह या शाम को पीना ज्यादा फायदेमंद रहेगा।
शनिवार, 21 दिसंबर 2024
गला बैठ गया है आवाज नही निकलती क्या करें|Health Tips
गला बैठ गया है आवाज नही निकलती क्या करें|Health Tips
गला बैठने और आवाज न निकलने की समस्या आमतौर पर गले में संक्रमण, अत्यधिक बोलने, या गले पर दबाव के कारण होती है। इसे ठीक करने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं:
1. गुनगुना पानी पिएं
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दिन में बार-बार गुनगुने पानी से गरारे करें।
गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करना भी फायदेमंद है।
2. शहद और अदरक का सेवन करें
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एक चम्मच शहद में थोड़ा सा अदरक का रस मिलाकर दिन में 2-3 बार लें।
यह गले को आराम देगा और सूजन को कम करेगा।
3. भाप लें
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गर्म पानी में यूकेलिप्टस ऑयल डालकर भाप लें।
यह गले को आराम देने और गले की रुकावट को दूर करने में मदद करता है।
4. तुलसी और काली मिर्च की चाय
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तुलसी के पत्ते, काली मिर्च और अदरक को पानी में उबालकर पीएं।
यह गले को साफ करता है और संक्रमण को ठीक करता है।
5. बोलने से बचें
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आवाज को आराम दें और ज्यादा बोलने से बचें।
जबरदस्ती बोलने से गला और खराब हो सकता है।
6. धूल और धुएं से बचें–
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गले की समस्या को बढ़ाने वाले धूल और धुएं से बचें।
ठंडी चीजों का सेवन न करें।
7. डॉक्टर से परामर्श लें
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अगर 3-4 दिन में आराम न मिले या तेज बुखार हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
इन उपायों से आपको राहत मिलेगी। आराम करें और गले को आराम दें।