हृदय रोग के लक्षण और उपचार इन हिंदी. Look
#छाती में दर्द रहता हो तो करें 10 उपाय।
Dr.VirenderMadhan.
छाती में दर्द होना
सवाल उठता है छाती में दर्द होने का क्या कारण हो सकता है?
क्यों होता है छाती में दर्द?
#छाती में दर्द होने के कारण (Chest Pain Causes)
ऐसे में इसे नजरअंदाज करने की भूल बिल्कुल भी ना करें। छाती में दर्द का मुख्य कारण *हार्ट अटैक,
*एन्जाइना,
*हार्ट के ब्लड वेसल्स में रुकावट होने,
*हार्ट की मांसपेशियों में सूजन आना,
*दिल की बड़ी रक्त वाहिका में कोई समस्या होने पर भी दर्द हो सकता है।
* हृदय रोग हो जाने पर जब रक्त की धमनी के भीतर वसा[आम] की परतें जम जाने से वह पूर्ण रूप से बंद हो जाती हैं अथवा खून का थक्का (ब्लड क्लोट) बन जाने से धमनी में रक्त प्रवाह का मार्ग एकाएक अवरुद्ध हो जाता है और हृदय को ऑक्सीजनयुक्त रक्त मिलना बिल्कुल बंद हो जाता है, तब छाती में अचानक असहनीय तेज दर्द उठता है,
#हृदय रोग के लक्षण, कारण, और उपचार
-----------------------------
#हृदय_रोग_के_लक्षण,
- हाथ-कमर और जबाडा में दर्द होना।
- हाथों में दर्द होना,
- कमर में दर्द होना,
- गर्दन में दर्द होना और यहां तक की जबाडे में दर्द होना भी दिल की बीमारियों का एक लक्षण हो सकता है।
- चक्कर आना या सिर घूमना: कई बार चक्कर आने,
- बेहोश होने और बहुत थकान होने जैसे लक्षण भी एक चेतावनी हैं।
कुछ कारण:-
------------------
क्यों होता हृदयरोग है?
- हृदयाघात
- रुमेटिक हृदय रोग
- जन्मजात खराबियां
- हृदय की विफलता
- पेरिकार्डियल बहाव
#आयुर्वेद के अनुसार कारण:-
------------------------------
* हृदय रोग का सबसे प्रमुख कारण धूम्रपान करना,
**पारिवार में किसी को इस बीमारी का होना,
** बहुत ज्यादा मोटापा, **मधुमेह और उच्च रक्तचाप होना,
** सुस्त जीवनशैली का होना, ** दैनिक जीवन में शारीरिक श्रम न करना,
** बहुत ज्यादा तनाव लेना और
** फास्टफूड का सेवन करना।
चिकित्सा:–
------------------------------
#हृदय_रोग_के_उपचार
~~~~~~~~~~~~~
#हृदय शूल के आयुर्वेदिक 10 उपाय:-
1- चितल के सिंग की भस्म घी मिलाकर खिलाने से हृदयशूल मे तुरंत आराम मिलता है यह सर्वोत्तम तथा चमत्कारी औषधि है।
2-अर्जुन की छाल का रस 4 किलो घी एक किलो मिलाकर घृतपाक कर जब घी मात्र रह जाये तो छान कर रखें
उसमे से 10-10 ग्राम घी को दूध के साथ लेने से हृदयशूल तथा हृदय के अधिकतर रोग ठीक हो जाते है।
3- बादामी रंग की गाजर लेकर 100 ग्राम रस निकालें उसमें10 ग्राम मिश्री मिलाकर दिन में 2-3 बार पीयें यह दिल के लिए उत्तम टोनिक है।
4-असली सफेद चंदन को घीसकर 1 ग्राम ले उसे एक गिलास पानी में घोलकर पीयें यह दिल के घबराहट की अच्छी दवा है।
5- हृदयशूल के बाद केला गौदूध के साथ खिला देने से मृत्यु का भय कम हो जाता है।
6- बडी ईलायची का पाउडर बना कर रखें 2 ग्राम चूर्ण शहद मे मिला कर चाटने से सभी प्रकार के हृदय रोगो मे आराम मिलता है।
7- तरबूज के बीज की मिगी का चूर्ण 6 ग्राम देते रहने से दिल की घबराहट ठीक हो जाती है।
8- 250 ग्राम घीया (लौकी) कसी हुई लौकी को या तो ग्राइंडर में अथवा सिल-बट्टे पर पीस लें। फिर उसे कपड़े से रस छान लें। लौकी को पीसते समय तुलसी की 7 पत्तियां और पुदीने की 6 पत्तियां डाल लें। घीया के रस में उतनी ही मात्रा में पानी मिला लें। पानी में 4 पिसी हुई कालीमिर्च और 1 ग्राम सेंधा नमक डाल लें। भोजन के आधे घंटे बाद सुबह-शाम और रात को 3 बार इसका सेवन करें। ध्यान रहे कि हर बार रस ताजा ही निकाला जाए। घीया का रस पेट में जो भी पाचन विकार होते हैं, उन्हें दूर कर मलद्वार से बाहर निकाल देता है, संभव है कि इसके सेवन से प्रारंभ के 3-4 दिन पेट में कुछ खलबली या गड़गड़ाहट-सी महसूस हो, परंतु बाद में सब बंद हो जाएगा।
9- पान, लहसुन, अदरक का 1-1 चम्मच रस और 1 चम्मच शहद- इन चारों को एकसाथ मिला ले और सीधे पी जाएं। इसमें पानी मिलाने की जरूरत नहीं है। इसे दिन में एक बार सुबह और एक बार शाम को पिएं, और तनाव लेना बंद कर दें। दिल में कोई कठिनाई महसूस हो तो जो सामान्य दवा लेता हो, वह लेता रहे।
10- एकाएक दर्द होने पर एक हरा या सुखा आंवला खायें।
#हृदय रोगों से सावधानी
हृदय रोग की रोकथाम:–
*चिंता से दूर रहे,
*मेडिटेशन करें,
* धूम्रपान न करें या तम्बाकू का उपयोग न करें,
* अधिकांश दिनों में 30 मिनट के लिए व्यायाम करें
**दिल के लिये स्वस्थ आहार खाएँ
**स्वस्थ वजन बनाए रखें
**नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं