Guru Ayurveda

बुधवार, 9 अगस्त 2023

नीम के फायदे in hindi.

 नीम के फायदे in hindi.

नीम Neem tree

नीम के कई फायदे होते हैं, जैसे कि

– यह एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है,

– त्वचा के लिए उपयुक्त होता है, 

– शरीर की पौष्टिकता बढ़ाता है,

– मधुमेह के लिए लाभकारी हो सकता है, और 

– पेट संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। 


#नीम तैल के फायदे:–

– नीम का तेल त्वचा पर लगाने से शिकने कम हो सकते हैं और त्वचा स्वस्थ बनी रह सकती है।

– बालों के स्वास्थ्य के लिए:–

  नीम बालों को मजबूती और चमक देने में मदद कर सकता है, साथ ही रूके हुए बालों को भी कम कर सकता है।

–जोड़ों की सुरक्षा:–

   नीम के गुणों का अध्ययन जोड़ों की सुरक्षा के लिए भी संकेत करता है, जिससे आपके जोड़े स्वस्थ रह सकते हैं।

नीम के पत्तों का चूर्ण:–


–आंखों के स्वास्थ्य के लिए:–

    नीम में पाए जाने वाले गुण आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं, जैसे कि आंखों की सुरक्षा और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करना।

–विषाणुरोधी गुण:–

   नीम के प्राकृतिक गुण विषाणुरोधी होते हैं, जिससे यह अनेक इंफेक्शन्स से लड़ने में मदद कर सकता है।



– नीम शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है नीम शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। 

– नीम एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल है.

– यह डैंड्रफ ख़त्म करता है.

– हड्डियों के लिए नीम उपयोगी

नीम है मुहाँसों के इलाज मे लाभदायक है.

– स्वच्छता में सहायक है

– पुरानी बीमारियों के इलाज मे उपयोगी है

– इम्युनिटी बूस्टर है नीम

० नीम के बारे मे कुछ प्रश्न-उत्तर

Q:-नीम के पत्तों से कौन सी बीमारी ठीक होती है?

Ans:-

नीम इम्यूनिटी बूस्ट करे- 

नीम में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटीवायरल हैं और वायरल सर्दी खासी से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करते हैं. यानि नीम की पत्तियों से इम्यूनिटी बूस्ट होती है. पाचन से जुड़ी समस्या में भी नीम की पत्तियां फायदेमंद है.

Q :–नीम कौन सी बीमारी में काम आता है?

Ans:–

नीम के पत्तों का उपयोग कुष्ठ रोग के लिए किया जाता है. इसके प्रयोग से नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की ख़राबी, भूख न लगना, त्वचा के अल्सर, हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों, बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी (मसूड़े की सूजन) और लीवर के रोग ठीक हो जाते हैं.

Q :–क्या नीम से खून साफ होता है?

Ans:–

नीम की पत्तियों में रक्त शुद्ध करने का अच्छा गुण होता है । शरीर में विषाक्तता के स्तर को कम करने में मदद करते हैं और मुँहासे, एक्जिमा और त्वचा पर चकत्ते जैसी त्वचा की समस्याओं के जोखिम को कम करते हैं। 

 – नीम में तिक्त (कड़वा) और कषाय (कसैला) गुण होता है, जिसके कारण यह रक्त शोधक के रूप में काम करता है और त्वचा की विभिन्न समस्याओं को नियंत्रित करता है।

Q:–नीम कब नहीं खाना चाहिए?

Ans:–

नीम का सेवन लगातार तीन हफ्तों से अधिक नही करना चाहिए, अधिक नीम का सेवन करने से शरीर में एलर्जी की प्रतिक्रिया हुई, जो कि दाने और चक्कते के रूप में नजर आते हैं। 

ध्यान दें कि ये फायदे व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, इसलिए सबसे अच्छा होगा कि आप अपने चिकित्सक से सलाह लें।

धन्यवाद!

रविवार, 6 अगस्त 2023

थायरॉइड है तो क्या खायें?

 थायरॉइड है तो क्या खायें?



 थायरॉइड कार्यक्षमता के लिए, निम्नलिखित आहार सुझाए जा सकते हैं:

*फल और सब्जियाँ:–

 फलों और सब्जियों में योड और अन्य पोषण तत्व होते हैं जो थायरॉइड के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। बनाने, गाजर, टमाटर, स्पिनेच, सेलरी, आदि खाएं।

*उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थ:–

 दूध, पनीर, दही, मांस, मछली, अंडे, दालें आदि योग्य प्रोटीन स्रोत हो सकते हैं।

*हेल्दी आयरन स्रोत:–

आयरन स्रोत शामिल करें, जैसे कि दालें, सब्जियाँ, खजूर, बादाम, अंडे, मछली आदि।

*सेलेनियम और जिंक:–

 इन मिनरल्स को समर्थक आहार में शामिल करना भी महत्वपूर्ण होता है। खासकर  दाल, नट्स  स्रोत हो सकते हैं।

*संतुलित आहार:–

 सुनिश्चित करें कि आपका आहार संतुलित हो और सभी पोषण तत्वों को समाहित करता है।

*पर्याप्त पानी:–

 पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी महत्वपूर्ण है,

फिर भी, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने चिकित्सक से सलाह प्राप्त करें क्योंकि उन्हें आपकी थायरॉइड स्थिति के आधार पर आपके लिए सबसे उपयुक्त आहार की सलाह दी जा सकती है।

आपकी थायरॉइड स्थिति पर अपनी देखभाल और आहार का पालन करना आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। अपने डॉक्टर से नियमित रूप से मामूली परीक्षण करवाना भी जरूरी होता है ताकि उन्हें आपके स्वास्थ्य की स्थिति का सटीक अनुसरण रहे।

धन्यवाद!

बुधवार, 2 अगस्त 2023

आईफ्लू मे आंखों का दर्द घरेलू उपाय

 आईफ्लू मे आंखों का दर्द घरेलू उपाय



ईफ्लू क्या है?

आईफ्लू (Influenza) एक वायरल संक्रमण है जो सामान्यतः–

* नाक बहना, 

*खांसी, 

* बुखार, 

* शरीर में दर्द और 

* थकावट के साथ होता है। इस समय, विशेषतः जब आपकी आँखें इन्फ्लेम्ड (सुजी हुई) होती हैं और आंखों में दर्द होता है, तो इससे राहत पाने के लिए निम्नलिखित कुछ घरेलू उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:

1–आँखों को ठंडे पानी से धोएं:–

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 अपनी आँखों को साफ करने के लिए ठंडे पानी से अच्छी तरह धोएं। यह आपकी आँखों की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

2–आँखों को आराम दें:– 

-----------------------------------अधिक से अधिक आराम करना महत्वपूर्ण है। अपनी आँखों को बेहद ज्यादा देखभाल दें और ज्यादा से ज्यादा आराम करें।

3– शोधन:–

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#घरेलू नुस्खों से करें आंखों का संशोधन:–

 नमकीन गरम पानी से भरा हुआ एक शीशी लें और इसे आंखों के आस-पास के दर्दीले स्थानों पर रखें। इससे आपको राहत मिल सकती है।

4–आंखों को घी से स्वच्छ करें:–

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 अगर आपकी आँखों में खुजली हो रही है या आंखें सूजी हुई हैं, तो थोड़े से घी को हल्का गरम करें और इसे आंखों के चारों ओर लगाएं। इससे आपको राहत मिलेगी।

5–आंखों को सोने की आदत बनाएं:–

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 अगर आपको आईफ्लू है तो आपके शरीर को पूरे दिन आराम की ज़रूरत होती है। इसलिए, आपको अधिक से अधिक सोने का प्रयास करना चाहिए जिससे आपकी आँखों को भी आराम मिल सके।

*  यदि आपके लिए स्थिति गंभीर है या आंखों में अधिक दर्द या सूजन है, तो कृपया अपने चिकित्सक से संपर्क करें और उनसे सलाह लें। वे आपको उचित दवाइयां या उपचार की सलाह देंगे।

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अभी कुछ और उपाय बताता हूँ जो आईफ्लू में आँखों के दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं,

6–आंखों को ठंडे चाय बैग से सूखाएं:–

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 ठंडे चाय बैग को बिलकुल आँखों के ऊपर रखें और इसे आराम से ठहराएं। यह आँखों की सूजन को कम कर सकता है और दर्द को शांत कर सकता है।

7–गुलाब जल या आंवला जूस के कम्प्रेस:–

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 कुछ बूंदे गुलाब जल के या आंवले के जूस के चेहरे के चारों ओर के आस-पास रखें। इससे आंखों की सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है।

8–आईफ्लू में हाइड्रेशन:–  

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          रोज़ाना पर्याप्त पानी पिएं। आईफ्लू जैसे संक्रमण में, आपके शरीर को पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। यह आपके आंखों की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

कृपया ध्यान दें कि ये उपाय आपको स्थिति में आराम पहुंचाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन यदि आपकी स्थिति गंभीर है और समस्या बढ़ती जा रही है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।


इन उपायों के साथ-साथ, आपको आईफ्लू रोग के लक्षणों को कंट्रोल करने वाले उपचारों का भी ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर दी गई दवाइयों का सेवन करें और पूरी तरह से आराम करें। इससे आपकी शीघ्र सुधार हो सकती है और स्वास्थ्य तेजी से सुधर सकता है।

धन्यवाद!

मंगलवार, 1 अगस्त 2023

हरसिंगार

 हरसिंगार :



 हर बीमारी में असरदार, जानें 10 लाभ


नारंगी डंडी वाले सफेद खूबसूरत और महकते हरसिंगार के फूलों को आपने जरूर देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी हरसिंगार की पत्तियों से बनी चाय पी है? या फि‍र इसके फूल, बीज या छाल का प्रयोग स्वास्थ्य एवं सौंदर्य उपचार के लिए क्या है?  आप नहीं जानते तो, जरूर जान लीजिए इसके चमत्कारी औषधीय गुणों के बारे में। इसे जानने के बाद आप हैरान हो जाएंगे...

हरसिंगार के फूलों से लेकर पत्त‍ियां, छाल एवं बीज भी बेहद उपयोगी हैं। इसकी चाय, न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि सेहत के गुणों से भी भरपूर है। इस चाय को आप अलग-अलग तरीकों से बना सकते हैं और सेहत व सौंदर्य के कई फायदे पा सकते हैं। जानिए विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए इसके लाभ और चाय बनाने का तरीका - 


वि‍धि 1 : हरसिंगार की चाय बनाने के लिए इसकी दो पत्तियां और एक फूल के साथ तुलसी की कुछ पत्त‍ियां लीजिए और इन्हें 1 गिलास पानी में उबालें। जब यह अच्छी तरह से उबल जाए तो इसे छानकर गुनबुना या ठंडा करके पी लें। आप चाहें तो स्वाद के लिए शहद या मिश्री भी डाल सकते हैं। यह खांसी में फायदेमंद है। 


 

वि‍धि 2 : हरसिंगार के दो पत्ते और चार फूलों को पांच से 6 कप पानी में उबालकर, 5 कप चाय आसानी से बनाई जा सकती है। इसमें दूध का इस्तेमाल नहीं होता। यह स्फूर्तिदायक होती है।


 

चाय के अलावा भी हरसिंगार के वृक्ष के कई औषधीय लाभ हैं। जानिए कौन-कौन सी बीमारियों में कैसे करें इसका इस्तेमाल - 



1 जोड़ों में दर्द - हरसिंगार के 6 से 7 पत्ते तोड़कर इन्हें पीस लें। पीसने के बाद इस पेस्ट को पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि इसकी मात्रा आधी न हो जाए। अब इसे ठंडा करके प्रतिदिन सुबह खालीपेट पिएं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से जोड़ों से संबंधित अन्य समस्याएं भी समाप्त हो जाएगी।


2 खांसी - खांसी हो या सूखी खांसी, हरसिंगार के पत्तों को पानी में उबालकर पीने से बिल्कुल खत्म की जा सकती है। आप चाहें तो इसे सामान्य चाय में उबालकर पी सकते हैं या फिर पीसकर शहद के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं।



3 बुखार - किसी भी प्रकार के बुखार में हरसिंगार की पत्तियों की चाय पीना बेहद लाभप्रद होता है। डेंगू से लेकर मलेरिया या फिर चिकनगुनिया तक, हर तरह के बूखार को खत्म करने की क्षमता इसमें होती है।


 

4 साइटिका - दो कप पानी में हरसिंगार के लगभग 8 से 10 पत्तों को धीमी आंच पर उबालें और आधा रह जाने पर इसे अंच से उतार लें। ठंडा हो जाने पर इसे सुबह शाम खाली पेट पिएं। एक सप्ताह में आप फर्क महसूस करेंगे।



5 बवासीर - हरसिंगार को बवासीर या पाइल्स के लिए बेहद उपयोगी औषधि माना गया है। इसके लिए हरसिंगार के बीज का सेवन या फिर उनका लेप बनाकर संबंधित स्थान पर लगाना फायदेमंद है।


 

6 त्वचा के लिए - हरसिंगार की पत्त‍ियों को पीसकर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याएं समाप्त होती हैं। इसके फूल का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा उजला और चमकदार हो जाता है।


7 हृदय रोग - हृदय रोगों के लिए हरसिंगार का प्रयोग बेहद लाभकारी है। इस के 15 से 20 फूलों या इसके रस का सेवन करना हृदय रोग से बचाने में कारगर है।

 

8 दर्द - हाथ-पैरों व मांसपेशियों में दर्द व खिंचाव होने पर हरसिंगार के पत्तों के रस में बराबर मात्रा में अदरक का रस मिलाकर पीने से फायदा होता है।


9 अस्थमा - सांस संबंधी रोगों में हरसिंगार की छाल का चूर्ण बनाकर पान के पत्ते में डालकर खाने से लाभ होता है। इसका प्रयोग सुबह और शाम को किया जा सकता है।

10 प्रतिरोधक क्षमता - हरसिंगार के पत्तों का रस या फिर इसकी चाय बनाकर नियमित रूप से पीने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर हर प्रकार के रोग से लड़ने में सक्षम होता है। इसके अलावा पेट में कीड़े होना, गंजापन, स्त्री रोगों में भी बेहद फायदेमंद है।

शनिवार, 29 जुलाई 2023

सर्दी जुकाम क्यों होता है?

 सर्दी जुकाम क्यों होता है?

सर्दी जुकाम के कारण

#साधारण सर्दी जुकाम के कारण:-

साधारण सर्दी और जुकाम के कई कारण हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

* वायुमंडलीय संक्रमण:– वायुमंडल में विषाणु और बैक्टीरिया हो सकते हैं, जिनसे ये संक्रमण होता है.

* रिलेटेड विकार:– 

सर्दी जुकाम के कई बार विकारों जैसे कि नाक की पट्टी में सूजन या फेफड़ों में इन्फेक्शन से भी हो सकता है.

* मौसम के परिवर्तन:–

 मौसम के बदलने पर भी ये समस्या हो सकती है.

* अलर्जी:–

 धूल, पोल्यूशन, या किसी खास चीज़ से अलर्जी होने पर भी सर्दी जुकाम हो सकता है.

यदि आपको लंबे समय से सर्दी जुकाम हो रहा है, तो एक चिकित्सक से परामर्श करना सुझावित है


** विशेष आहार:–

 अधिक ठंडे या ठंडे आहार का सेवन करने से भी सर्दी जुकाम हो सकता है।

* निमोनिया वायरस:–

 कई बार सर्दी जुकाम का कारण निमोनिया वायरस के संक्रमण से भी हो सकता है।

* धूल और धुआं:–

 धूल और धुआं में मौजूद तत्व सर्दी और जुकाम को बढ़ा सकते हैं।

* धूप या ठंडी हवा:–

 बहुत अधिक धूप में या ठंडी हवा में रहने से भी सर्दी जुकाम हो सकता है।

* विशेष रोगों का संक्रमण:–

 कई बार विशेष रोगों जैसे कि स्वाइन फ्लू या कोरोना वायरस से भी सर्दी जुकाम की समस्या हो सकती है।


यदि सर्दी और जुकाम की समस्या बहुत अधिक हो रही है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह बेहतर होगा कि आप एक चिकित्सक की सलाह लें और उचित जांच कराएं। साथ ही, योग और सही आहार के साथ अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण होता है।

सर्दी और जुकाम का उपाय,

#सर्दी और जुकाम का घरेलू उपाय

सर्दी और जुकाम का घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं। याद रखें कि ये उपाय सामान्य सर्दी और जुकाम के लिए हैं और यदि समस्या गंभीर है या लंबे समय से चल रही है, तो चिकित्सक की सलाह लेना उचित होगा।

* गरम पानी से भाप लें:–

 गरम पानी में एक चम्मच विकसित हल्दी मिलाकर भाप लेना सर्दी जुकाम के लिए लाभकारी हो सकता है।

* गरम दूध में हल्दी और शहद:–

 रात को सोने से पहले गरम दूध में एक चुटकुली हल्दी और शहद मिलाकर पिएं।

* अदरक और शहद:–

 अदरक के छोटे टुकड़ों को शहद में डुबोकर चुसने से गले की सूजन और खराश कम होती है।

* नमक के गरारे:–

 गरम पानी में एक चम्मच नमक मिलाकर गरारे करना गले की समस्या में राहत पहुंचाता है।

*गर्म तेल का मालिश:–

 सर्दी जुकाम के समय गर्म तेल का छोटा मालिश सीने, पीठ, गर्दन और पांवों पर करना राहत प्रदान कर सकता है।

* हरी चाय और शहद:–

 हरी चाय में शहद मिलाकर पीने से गले की सूजन कम हो सकती है।


ध्यान दें कि ये घरेलू उपाय वैद्यकीय उपचार की जगह नहीं ले सकते हैं, और यदि समस्या बिगड़ रही है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो चिकित्सक की सलाह लेना उचित होगा।

सर्दी जुकाम के समय में सही आहार खाना आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने और शीघ्रता से स्वस्थ होने में मदद कर सकता है। निम्नलिखित खाद्य पदार्थ सर्दी जुकाम के दौरान आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं'

#सर्दी जुकाम है तो क्या खायें?

* गरम पानी और हर्बल चाय:–

 गरम पानी, तुलसी, अदरक और मुलेठी वाली हर्बल चाय पीना गले की सूजन और खराश में लाभकारी हो सकता है।

* सूप:–

  सब्जियों और मसालों से बनी हल्की सूप पीना गरमागरम सर्दी जुकाम में राहत पहुंचाता है।

* नमकीन घी:–

 गरम चावल खाने के साथ नमकीन घी मिलाकर खाना फेफड़ों को शुद्ध करने में मदद कर सकता है।

* अदरक, लहसुन और हल्दी:–

 अदरक, लहसुन और हल्दी का उपयोग खाने में और दाल खिचड़ी में करना भी लाभकारी होता है।

*विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ:–

 अंगूर, संतरा, नींबू, अमरूद, आंवला आदि में मौजूद विटामिन सी सर्दी जुकाम से लड़ने में सहायक होता है।

* गर्म दूध:–

 गरम दूध में शहद मिलाकर पीना सर्दी जुकाम में लाभकारी होता है।

* प्याज़ और लहसुन:–

 सर्दी जुकाम में प्याज़ और लहसुन का उपयोग करना भी फायदेमंद होता है।


साथ ही, पर्याप्त पानी पिएं और आराम करें। बाजार में उपलब्ध सर्दी जुकाम से राहत प्रदान करने वाले दवाइयों का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करें।

#जुकाम मे सावधानी 

    जुकाम एक सामान्य समस्या होती है जो वायुमंडलीय संक्रमण से होती है। इसके लिए कुछ सावधानियां आपको बरतने चाहिए:

*हाथ धोना:–

 अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोते रहें, खासकर खाना खाने से पहले और जुकाम से प्रभावित होने पर।

*चेहरे को छूने से बचें:–

  जुकाम के समय अपने चेहरे, नाक, और मुंह को छूने से बचें, इससे संक्रमण का फैलना कम होगा।

* टिश्यू पेपर या रूमाल का उपयोग करें:–

 जब आप सांस लेते हैं या छींकते हैं, तो टिश्यू पेपर या रूमाल का उपयोग करें और उसे तुरंत फेंक दें।

* घरेलू सामग्री से उपचार:–

 हल्दी, शहद, अदरक, तुलसी, और नींबू जैसी घरेलू सामग्री का उपयोग करके जुकाम से राहत प्राप्त करें।

* हॉट पैक:–

 जुकाम के समय नाक बंदी और सूजन को कम करने के लिए हॉट पैक का उपयोग कर सकते हैं।

* अपने शरीर की देखभाल करें:–

 पर्याप्त आराम लें, पर्याप्त पानी पिएं, और स्वस्थ आहार खाएं जिसमें विटामिन सी शामिल हो।

* संक्रमण का छः फीट दूरी रखें:–

 जब आप किसी संक्रमण से प्रभावित हों तो अन्य लोगों से दूर रहें, खासकर बच्चों और बूढ़ों से।


जुकाम के लिए अपने शरीर का ध्यान रखने से आप इसे कम समय में सही कर सकते हैं और अन्य लोगों को संक्रमण से बचाएं।

धन्यवाद,

गुरुवार, 27 जुलाई 2023

चिरायता के क्या फायदे हैं?

चिरायता के क्या फायदे हैं?


चिरायता एक पौधे का नाम है जिसका वैज्ञानिक नाम "Swertia chirayita" है। इस पौधे के बारे में विज्ञान में विभिन्न अध्ययन हुए हैं और इसके कई फायदे हो सकते हैं। यह आयुर्वेदिक और जड़ी-बूटी चिकित्सा में भी प्रयोग होता है। 

चिरायता में सूखापन, गर्म, कड़वापन और तीखापन का गुण मौजूद होने के कारण इसका उपयोग कफ, पित्त और वात में संतुलनल बनाने के लिए भी किया जाता है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स, अल्केलॉइड्स और ग्लायकोसाइड्स जैसे झेंथोन्स, चिराटानिन, पालमिटिक एसिड आदि से भरपूर चिरायता में सर्दी-खांसी से लेकर कैंसर को ठीक करने के गुण होते हैं।

यहां कुछ प्रमुख चिरायता के फायदे बताए गए हैं:

** पाचन तंत्र को सुधारने में मददगार:–

 चिरायता में विशेष रूप से  एन्थेमिक, विषमज्वर और पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के गुण होते हैं।

**बुखार में चिरायता:–

बुखार में चिरायता के पत्ते बड़ा कारगर तरीके से काम करता है। ये रिंग स्टेज पर मलेरियल पैरासाइट के विकास में बाधा डालते हैं और इसलिए संक्रमण को बढ़ने से रोकते हैं। मलेरिया के अलावा, चिरता विभिन्न प्रकार के बुखार के इलाज में मदद करते हैं। यह शरीर के दर्द, सिरदर्द और बुखार के अन्य अंतर्निहित लक्षणों को भी कम करता है।


** एंटीबैक्टीरियल गुण:–

 चिरायता का इस्तेमाल कुछ इंफेक्शन्स और बैक्टीरिया के कारण होने वाली रोगों के इलाज में किया जा सकता है।

** विष का नाश:–

 इससे किसी भी प्रकार के सर्पविष या कीटाणु से लड़ने में मदद मिलती है।

** दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद:–

 चिरायता में विशेष रूप से कृत्रिम हृदय विकारों को दूर करने में मदद करने वाले गुण होते हैं।

** ज्वर के उपचार में उपयोगी:–

 चिरायता का पानी अधिक मात्रा में पिलाने से ज्वर के इलाज में लाभ हो सकता है।

** पेट के कीड़ों का इलाज:–

  यह पेट में होने वाले कीड़ों को नष्ट करने में मदद कर सकता है।

** त्वचा के लिए उपयोगी:–

एंटीऑक्सीडेंट, रोगाणुरोधी और सूजन-रोधी गुणों से भरपूर, चिरायता रक्त शुद्ध करने की गतिविधि प्रदान करता है । तिक्त (कड़वा) स्वाद और पित्त संतुलन गुण के कारण, यह रक्त से विषाक्त पदार्थों को निकालता है और इसलिए त्वचा रोगों को प्रबंधित करने में मदद करता है।

 चिरायता त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे दाद, खाज, और त्वचा के संक्रमण के इलाज में मदद कर सकता है।

यहां ध्यान देने वाली बात है कि चिरायता का सेवन सावधानी से करना चाहिए, और विशेषज्ञ के सलाह के बिना इसका उपयोग न करें। खासकर, गर्भावस्था, स्तनपान काल, या किसी अन्य चिकित्सा स्थिति में इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना अच्छा होता है।

** पेट दर्द के उपचार में उपयोगी:–

 चिरायता में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट दर्द को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

** रक्तशोधक और पुरिफायर:–

 चिरायता में रक्तशोधक गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण रक्त में आयरन की मात्रा बढ़ती है और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।

** आंखों के रोगों का उपचार:–

 चिरायता का नियमित सेवन कुछ आंख संबंधी समस्याओं के इलाज में मदद कर सकता है।

** मसूड़ों के रोगों का उपचार:–

 इसे मुँह के छालों, मसूड़े संबंधी समस्याओं जैसे ज्वर या रक्त दोष से होने वाले रोगों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

**अल्सर के उपचार:–

   चिरायता के प्रयोग से पेट में होने वाले अल्सर के इलाज में सहायक रह सकता है।


कृपया ध्यान दें कि यह जानकारी सिर्फ सामान्य जानकारी है और चिरायता का प्रयोग किसी भी चिकित्सा समस्या के इलाज के लिए खुदसे करने से पहले विशेषज्ञ वैद्यकीय सलाह लेना अनिवार्य है। आयुर्वेदिक उपचार और जड़ी-बूटी से संबंधित जानकारी प्राकृतिक तत्वों पर आधारित होती है और इसलिए समझदारी से उपयोग करना चाहिए।

बुधवार, 26 जुलाई 2023

अधिक खट्टे भोजन खाने से कौन सी बीमारी होती है?

 अधिक खट्टे भोजन खाने से कौन सी बीमारी होती है?

अम्ल रस:-



#Dr.Virender Madhan.

अम्ल रस (खट्टा) पृथ्वी और अग्नि महाभूत से बने होते है.

इस रस के प्रयोग से पित्त और कफ बढता है

अधिक खट्टे भोजन का सेवन करने से कई बीमारियां हो सकती हैं। कुछ मुख्य बीमारियां निम्नलिखित हैं:

* अपच:–

 खट्टा भोजन खाने से अपच (डाइजेस्टिव अपनाह) हो सकता है। खाना अच्छे से पच नहीं पाता है, जिससे पेट में गैस, बुखार, असहनीय पेट दर्द और आंतों की समस्याएं हो सकती हैं।


* गैस्ट्राइटिस:–

 अधिक खट्टे भोजन का सेवन गैस्ट्राइटिस (पेट की अंतःशोथ) का कारण बन सकता है, जिससे पेट में जलन, तकलीफ और वायु का बढ़ना हो सकता है।

*अलसर:–

 खट्टा खाने से पेट में अलसर होने की संभावना होती है, जिससे पेट में दर्द, भारीपन, उलटी, और पेट के निचले हिस्से में जलन हो सकती है।


* दांतों की सड़ना:–

 अधिक खट्टा खाने से दांतों की सड़ने की समस्या हो सकती है, क्योंकि खट्टे भोजन से दांतों की मिनरल लेयर घट सकती है।

* रेफ्लक्स बीमारी:–

 अधिक खट्टे भोजन के कारण रेफ्लक्स बीमारी (गले में जलन) हो सकती है, जिसमें खाने का पचन पेट से वापस जल्दी हो जाता है और इससे गले में जलन और तकलीफ होती है।

**अधिक खट्टे भोजन का सेवन बीमारियों के बढ़ने का कारण बन सकता है, इसलिए सेहत के लिए यह उचित नहीं है। संतुलित आहार में अन्य भोजन भी शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे आपके शरीर को सभी पोषक तत्व मिलते हैं। यदि आपको किसी विशेष बीमारी के लक्षण या समस्या हो तो चिकित्सक से परामर्श करना सुझावित है।


* ओबेसिटी:–

 अधिक खट्टे भोजन के सेवन से शरीर के वजन का बढ़ना और ओबे

सिटी (मोटापा) का खतरा हो सकता है। खट्टा भोजन अधिक कैलोरी का होता है और इससे भूख बढ़ सकती है, जिससे आप ज्यादा खाने लग सकते हैं।

* दिल संबंधी समस्याएं:–

 खट्टे भोजन के अधिक सेवन से दिल संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, दिल की बढ़ी हुई धड़कन, और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बढ़ोतरी।

* अधिक मुख्यता आहार:–

 खट्टे भोजन के अधिक सेवन से अन्य मुख्यता आहारों की कमी हो सकती है, जिससे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। इससे विटामिन और मिनरल की कमी होने से विभिन्न पोषण संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।

* डेंटल प्रॉब्लम्स:–

 खट्टे भोजन के सेवन से दांतों में कैविटी, दांतों के कीड़े, और मसूड़ों की समस्याएं हो सकती हैं। खट्टे खाने से दांतों का मिनरल लेयर कमजोर होता है और यह आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है।


* इन सभी बीमारियों से बचने के लिए, सेहतपूर्वक और संतुलित आहार का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। खट्टे भोजन के सेवन को मध्यम रूप से रखना अच्छा विकल्प होता है और सभी पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाना जरूरी है। सेहत की दृष्टि से आपको विभिन्न खाद्य पदार्थों को संतुलित रूप से शामिल करना चाहिए, जिससे आपके शरीर को सभी पोषक तत्व मिलें और आपकी सेहत अच्छी रहे।


यदि आपको खट्टे भोजन से संबंधित या किसी अन्य स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या का सामना हो रहा है, तो चिकित्सक से परामर्श करना सराहा जाता है। वे आपको सही उपाय और सलाह प्रदान कर सकते हैं।


#किडनी रोगी को टमाटर खाने से क्या होता है?

**किडनी रोगी को टमाटर का सेवन करने से पहले उन्हें अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि टमाटर में कुछ तत्व होते हैं जो किडनी समस्या वाले व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकते हैं। यहां कुछ बातें हैं जो आपको जानने में मदद कर सकती हैं:

* पोटैशियम:–

 टमाटर अच्छे मात्रा में पोटैशियम युक्त होते हैं, जो किडनी रोगियों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। किडनी समस्या वाले व्यक्ति को पोटैशियम के संबंधित संख्यान वाले आहार का सेवन कम करने के लिए चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है।

* टमाटर की ओर से नुकसान:–

 टमाटर में ऑक्सैलिक एसिड होता है, जो किडनी में कई रूप में रूपांतरित हो सकता है और अवसाद का कारण बन सकता है। इससे पहले अधिक टमाटर के सेवन से बचना उचित होता है।

*बढ़ती हुई गर्मी:–

 टमाटर एक गर्म तथा तीखे स्वाद वाला फल होता है, जिसमें लाल रंग और एसिडिक तत्व होते हैं। किडनी समस्या वाले व्यक्ति को बढ़ती हुई गर्मी से बचने के लिए अधिक टमाटर का सेवन कम करना उचित हो सकता है।


फिर भी, यह सुझाव किया जाता है कि आप किसी प्रमाणित वैद्यकीय विशेषज्ञ से संपर्क करें और उनसे अपने विशिष्ट स्थिति के अनुसार टमाटर और अन्य आहार से संबंधित सलाह लें। उन्हें आपकी मेडिकल हिस्ट्री, प्रकृति और स्थिति के आधार पर आपको सही दिशा में मार्गदर्शन करने में मदद मिलेगी।

धन्यवाद!