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शनिवार, 12 जून 2021

कैंंसर का आयुर्वेदिक ईलाज।

 Cancer ka ayurvedic illaj 

[कैंसर का आयुर्वेदिक ईलाज]

 #डा०वीरेंद्र मढान#

# कैंसर से बचाव के लिए कौन कौन से उपाय करें।

#कैंसर है तो क्या करें?

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कैंसर से बचाव के लिए उपाय।


डा०वीरेंद्र मढान के अनुसार खराब लाइफस्टाइल ही कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण है। कैंसर की समस्या से बचा व निजात पाने के लिए आप योग और प्राणायाम के अलावा इन आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सर्जरी, कीमोथैरेपी जैसे इलाज के ख्याल तेजी से दौड़ने लगते हैं। लेकिन अधिकतर ये इलाज भी इस साइलेंट किलर को रोक नहीं पाते। पुरुषों में ब्रेन, गले, फेफड़े और पेट का कैंसर होना काफी आम हो गया है तो वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं।  विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर 10 में 1 भारतीय को कैंसर होने की आंशका बनी रहती है  इतना ही नहीं 40 फीसदी ही लोग ऐसे हैं जो इस बीमारी की जंग जीत पाते हैं।

कैंसर के कारण हर साल देश में 7 लाख लोग मौंत हो जाती हैं। वहीं पूरी दुनिया में कैंसर के कारण हर साल 96 लाख लोगों की मौंत हो जाती हैं। 

डा०वीरेंद्र मढान के अनुसार खराब लाइफस्टाइल ही कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण है। कैंसर की समस्या से बचाव व निजात पाने के लिए आप योग और  प्राणायाम कर सकते हैं। इसके अलावा इन आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं। 


कैंसर के लक्षण

** शरीर में कही भी गांठ बनना

** खून जमना या बहना

** बिना वजह आवाज बदल जाना

** लगातार बुखार आना

** लगातार वजन कम आना।



कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज।

** कच्ची हल्दी का अधिक प्रयोग करना चाहिए।

** हल्दी को गौमूत्र मे पका कर रख लें फिर दिन मे 2-3 बार 10 ml से 30 ml तक प्रयोग करें।यह योग अति लाभकारी है।यह सभी प्रकार के कैंसर मे प्रयोज्य है।

** ब्रेस्ट कैंसर से निजात पाने के लिए  आंवला, एलोवेरा, व्हीटग्रास, गिलोय, तुलसी, नीम, हल्दी का जूस रोजाना सुबह पिएं। इसके अलावा गांठ को कम करने के लिए कांचनार काढ़ा पिएं।

*शिला सिंदूर माह में करीब 4 ग्राम, ताम्र भस्म 1 ग्राम, स्वर्ण बसंत, मालती प्रवाल पंचामृत 3-3 और मोतीपिष्टी 10 ग्राम लेकर 1-1 ग्राम की 60 पुड़िया बना लें और रोजाना इसका सेवन करे। 

*खाली पेट 1-2 ग्राम हल्दी खाएं। इससे किसी भी तरह की गांठ नष्ट हो जाएगी।  

*कैंसर की समस्या से निजात दिलाने में गौधन अर्क भी काफी कारगर है। रोजाना 2 चम्मच इसे पिएं।

** 11- 21 पत्ते तुलसी के दही के साथ खाली पेट खाएं। इससे भी कैंसर के इलाज में लाभ मिलेगा।


** पेट के कैंसर के लिए भूईआंवला, पूर्ननवा, मकोय का सेवन करे।

** गले का कैंसर के लिए हिरकभस्म [आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेकर] 16मि०ग्राम खाली पेट और लक्ष्मीविलास संजीवनी खाने के बाद लें।  

गले में भयानक दर्द हैं तो मिट्टी में हल्दी , अदरक, एलोवेरा और मिलाकर लेप लगा लें। आप चाहे तो इसमें तुलसी, अपामार्ग भी मिला सकते हैं। इससे गांठ घुलने लगती हैं। इसके साथ ही दर्द से लाभ मिलता है। 

सलाह-आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर करें.।

*** अंगूर के बीजों का सत्व या अर्क ल्यूकेमिया और कैंसर के अन्य प्रकारों को बहुत ही सकारात्मक ढंग से ठीक करने में बेहद मददगार साबित होता है।

 शोध में यह साबित हो चुका है कि अंगूर के बीज सिर्फ 48 घंटे में हर तरह के कैंसर को 76 प्रतिशत तक विकीर्ण करने में सक्षम है। अमेरिकन एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित एक कैसर रिसर्च के अनुसार अगूर के बीज में पाया जाने वाला जेएनके प्रोटीन, कैंसर कोशिकाओं की विकीर्णों को नियंत्रित करने का काम करता है।तो अब अच्छी सेहत के लिए सिर्फ अंगूर का ही सेवन न करें बल्कि इसके चमत्कारिक बीजों से भी दोस्ती करें। कैंसर के इलाज के तौर पर अंगूर के बीज काफी कारगर घरेलु उपाय है।



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