शिलाजीत के आयुर्वेदिक गुण व उपयोग क्या है जाने हिंदी में।.
शिलाजीत
By:-Dr.VirenderMadhan.
#शिलाजीत के नाम.
शिलाजीत,शिलाजतु,आद्रिजतु,शैलनिर्यास, गैरेय,अश्मज,गिरिज,शैलधातुज आदि नामों से जाना जाता है।
#कैसा होता है शिलाजीत?
शिलाजीत एक गाढ़ा भूरे रंग का, चिपचिपा पदार्थ है जो मुख्य रूप से हिमालय की चट्टानों से पाया जाता है। इसका रंग सफेद, गाढ़ा भूरा रंग का होता है।
#शिलाजीतका उपयोग:-
शिलाजीत का उपयोग आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। आयुर्वेद ने शिलाजीत की बहुत प्रशंसा की है जहाँ इसे बलपुष्टिकारक, ओजवर्द्धक, दौर्बल्यनाशक एवं धातु पौष्टिक अधिकांश नुस्खों में शिलाजीत के प्रयोग किये जाते है।
शिलाजीत के गुण:-
चरपरा, कडवा, गर्म , पाक मे चरपरा, रसायन , मलछेदन करने वाला ,योग वाही और कफ,मेद ,पथरी, शर्करा, मूत्रकृच्छ, क्षय, श्वास, वातरोग, बवासीर, पाण्डू, मृगी, उन्माद, सूजन, कुष्ठ, उदररोग, तथा उदरक्रमि नाशक होता है।
#शिलाजीत के खाने से क्या क्या लाभ होते है?
-पेट साफ करता है।
-रसायन होने से यह जराव्याधि को दूर करता है।
- ऊर्जा और पुनरोद्धार प्रदान करता है।
-मस्तिष्क बल को बढ़ावा देता है।
- मोटापा करने मे लाभदायक है।
- बलदायक है,क्षयरोग,श्वास रोग मे लेने से लाभ मिलता है।
- हार्मोन और इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करता है।
- प्रमेह,मधुमेह को दूर करने में मदद करता है।
- कैंसर जैसे रोगों में बचाव और रक्षा में मदद करता है।
- सूजन कम करता है
- पेट के कीडो को नष्ट करता है।
- बवासीर रोग में लाभकारी है।
- वात रोगों में भी बहुत कारगर है।
(इसके खाने से कोई हानि नहीं होती फिर भी शिलाजीत खाने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर करें)
धन्यवाद!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें