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मंगलवार, 28 मई 2024

गर्मियों में गोंद कतीरे के 30 उपयोग|In which diseases is Gond Katira useful? In hindi

 गर्मियों में गोंद कतीरे के 30 उपयोग|In which diseases is Gond Katira useful? In hindi

Dr.VirenderMadhan

गोंद कतीरा (ट्रागाकैंथ गम) एक प्राकृतिक रेजिन है जो पौधों से प्राप्त होता है और इसे विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोग किया जाता है। 

गोंद कतीरे के अनेक फायदे गर्मियों में खाने से मिल जाते है.



गोंद कतीरा के सेवन का तरीका

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रात मे गोंद कतीरे को पानी के गिलास में डाल दें, सुबह तक पानी में फूल जाएगा. अब एक चम्मच गोंद कतीरा लें और एक गिलास छाछ, नींबू पानी या किसी भी ड्रिंक में डालकर मिक्स करें.

* इसको लोग लड्डू बनाकर भी खाते है.

गोंद कतीरे के फायदे:–

शीतलता प्रदान करता है:–

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 गोंद कतीरा शरीर में ठंडक प्रदान करता है, जिससे गर्मियों में ताजगी बनी रहती है।


हाइड्रेशन:–

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 गोंद कतीरा पानी में भिगोकर पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है और गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाव होता है।


पाचन सुधारता है:–

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 यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।


त्वचा की देखभाल:–

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 गोंद कतीरा का उपयोग फेस पैक में किया जा सकता है, जिससे त्वचा को ठंडक मिलती है और त्वचा की जलन कम होती है।


ऊर्जा का स्रोत:–

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 गोंद कतीरा प्राकृतिक ऊर्जा प्रदान करता है और थकान को दूर करता है।


गले की समस्याएं:–

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 गले की खराश और सूजन को कम करने में गोंद कतीरा सहायक है।


वजन घटाने में सहायक:–

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 गोंद कतीरा पानी में फूलकर भूख को कम करता है और वजन नियंत्रण में मदद करता है।


प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है:–

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 यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।


मूत्र संबंधी समस्याएं:–

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यह मूत्र मार्ग में जलन और अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करता है।


अल्सर और पेट की समस्याएं:–

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गोंद कतीरा पेट के अल्सर और अन्य पेट की समस्याओं को ठीक करने में सहायक होता है।


इन सभी लाभों के कारण गर्मियों में गोंद कतीरा का सेवन और उपयोग स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।


सिरदर्द से राहत:–

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गर्मियों में होने वाले सिरदर्द को कम करने में गोंद कतीरा मदद करता है। इसे शर्बत या ड्रिंक में मिलाकर पीने से ठंडक मिलती है और सिरदर्द में आराम मिलता है।


हीट स्ट्रोक से बचाव:–

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 गोंद कतीरा का शरबत पीने से शरीर में ठंडक बनी रहती है और हीट स्ट्रोक (लू) से बचाव होता है।


जलन और घमौरियों में राहत:–

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 गर्मियों में त्वचा पर होने वाली जलन और घमौरियों के लिए गोंद कतीरा का लेप लाभदायक होता है।


गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत:–

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 गोंद कतीरा के सेवन से जोड़ों में चिकनाई बढ़ती है और गठिया के दर्द में आराम मिलता है।


प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत करना:–

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 गोंद कतीरा एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है।


बालों की देखभाल:–

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 गोंद कतीरा का उपयोग बालों के मास्क के रूप में किया जा सकता है, जिससे बालों को पोषण और ठंडक मिलती है।


खून साफ करने में सहायक:–

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 गोंद कतीरा खून को साफ करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।


स्नायु तंत्र को शांत करता है:–

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 गोंद कतीरा के सेवन से स्नायु तंत्र को शांत करने में मदद मिलती है और तनाव कम होता है।


मुँह के छालों में राहत:–

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 गोंद कतीरा मुँह के छालों को ठीक करने में भी सहायक होता है।


एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण:–

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 इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं।


गोंद कतीरा के ये सभी उपयोग इसे एक बहुपयोगी और महत्वपूर्ण प्राकृतिक औषधि बनाते हैं, विशेषकर गर्मियों में जब शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन की अधिक आवश्यकता होती है।


वजन बढ़ाने में सहायक:–

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 कुछ मामलों में, गोंद कतीरा का सेवन करने से भूख बढ़ती है, जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।


एंटी-बैक्टीरियल गुण:–

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 गोंद कतीरा में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा संक्रमण और अन्य बैक्टीरियल समस्याओं से बचाव में सहायक होते हैं।


एंटी-ऑक्सीडेंट गुण:–

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 यह शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करता है और कोशिकाओं को क्षति से बचाता है, जिससे उम्र बढ़ने के लक्षण धीमे होते हैं।


हृदय स्वास्थ्य:–

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 गोंद कतीरा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।


दस्त का उपचार:–

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 गोंद कतीरा दस्त के इलाज में सहायक हो सकता है क्योंकि यह पाचन तंत्र को शांत करता है।


शरीर की थकान कम करना:–

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 गोंद कतीरा एनर्जी बूस्टर के रूप में काम करता है और शारीरिक थकान को कम करता है।


हड्डियों की मजबूती:–

----------------------------------- गोंद कतीरा में कुछ ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हड्डियों की मजबूती में सहायक होते हैं।


स्वस्थ बाल और नाखून:–

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 नियमित रूप से गोंद कतीरा का सेवन बालों और नाखूनों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है।


एंटी-फंगल गुण:–

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 गोंद कतीरा में एंटी-फंगल गुण होते हैं जो फंगल संक्रमण से बचाव में सहायक होते हैं।


ध्यान और एकाग्रता बढ़ाना:–

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 गोंद कतीरा का सेवन मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में सुधार कर सकता है, जिससे पढ़ाई और काम में ध्यान केंद्रित करना आसान हो जाता है।


गोंद कतीरा के ये अतिरिक्त उपयोग इसे एक व्यापक और प्रभावी प्राकृतिक उपचार बनाते हैं, खासकर गर्मियों के महीनों में।

रविवार, 26 मई 2024

प्याज के खाने से 10 बडे फायदे|Benefits Of Onion

प्याज के खाने से 10 बडे फायदे|Benefits Of Onion

Dr.VirenderMadhan

प्याज (Allium cepa) को आयुर्वेद में कई औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसके विभिन्न गुण निम्नलिखित हैं:

1- वात-पित्त-कफ का संतुलन:–

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 प्याज का सेवन वात और पित्त को संतुलित करता है और कफ को कम करने में मदद करता है यह कफध्न होता है खांसी, जुकाम और श्वास रोग मे बहुत लाभकारी है.

2– पाचन में सुधार:–

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 प्याज पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और पाचन समस्याओं जैसे कब्ज और गैस को कम करता है।प्याज लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है|

3– रक्तसंचार में सुधार:–

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प्याज रक्त को शुद्ध करता है और रक्तसंचार में सुधार करता है।

4– श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी:– 

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प्याज श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखता है और खांसी, जुकाम, और अस्थमा जैसी समस्याओं में राहत देता है।

5– त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद:–

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प्याज के रस का उपयोग त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। यह त्वचा को निखारता है और बालों की जड़ों को मजबूत करता है।

6– एंटीसेप्टिक गुण:–

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प्याज में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो संक्रमण को रोकते हैं और घाव भरने में मदद करते हैं।

7– प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना:–

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 प्याज में मौजूद विटामिन C और अन्य पोषक तत्व प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।

8–एंटीऑक्सीडेंट गुण:–

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 प्याज में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।

9– मधुमेह नियंत्रण:–

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 प्याज का सेवन रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

10– हृदय स्वास्थ्य:–

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 प्याज हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करता है।
इन सभी गुणों के कारण, प्याज को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है।

शुक्रवार, 24 मई 2024

Diabetes मे कैसा दुध पीयें और कितना पीयें?

 Diabetes मे कैसा दुध पीयें और कितना पीयें?

Dr.VirenderMadhan

डायबिटीज़ के मरीजों को दूध का सेवन करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि उनका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहे। यहाँ 15 मुख्य बिंदु दिए गए हैं:


लो फैट दूध:–

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 डायबिटीज़ के मरीजों के लिए लो फैट या स्किम्ड दूध सबसे बेहतर विकल्प होता है क्योंकि इसमें कम कैलोरी और कम फैट होता है।

अलमंड मिल्क:–

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 बिना शक्कर के बादाम का दूध एक अच्छा विकल्प है, इसमें कम कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होता है।

सोया मिल्क:–

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 सोया दूध में उच्च प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट होता है, जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए लाभकारी है।

किण्वित दूध (दही,छाछ):–

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 जैसे कि बटरमिल्क या लस्सी, जिसमें प्रीबायोटिक्स होते हैं जो पाचन में सहायक होते हैं।

शुगर-फ्री दूध:–

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 शुगर-फ्री दूध चुनें ताकि ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहे।

गाय का दूध:–

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 गाय का दूध में नेचुरल शुगर कम होती है, लेकिन फिर भी इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए।

कोकोनट मिल्क:–

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 इसमें कम कार्बोहाइड्रेट और फैट होता है, लेकिन सीमित मात्रा में सेवन करें।

फोर्टिफाइड मिल्क:–

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 विटामिन D और कैल्शियम से भरपूर दूध का सेवन करें।

कम मात्रा में सेवन:–

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 दूध की मात्रा को सीमित रखें, सामान्यत: 1 कप प्रतिदिन।

संतुलित आहार:–

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 दूध के साथ अन्य संतुलित आहार का सेवन भी जरूरी है।

खाना बनाते समय, दूध का प्रयोग करते समय बिना शक्कर के और कम फैट वाले दूध का ही उपयोग करें।

चीनी रहित दूध पेय:-

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 बाजार में उपलब्ध चीनी रहित दूध पेय का चुनाव करें।

नियमित जांच:–

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 दूध का सेवन करने के बाद नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच करें।

डॉक्टर की सलाह:–

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 किसी भी प्रकार के दूध का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।

लेबल पढ़ें: –

 दूध खरीदते समय लेबल पढ़ें और शुगर तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा देखें।

इन सभी बातों का ध्यान रखकर डायबिटीज़ के मरीज सुरक्षित रूप से दूध का सेवन कर सकते हैं।

गुरुवार, 9 मई 2024

भोजन करने के 10 नियम अपना लें नही होगें 100 रोग जीवन भर|How To Eat Food

 भोजन करने के 10 नियम अपना लें नही होगें 100 रोग जीवन भर|How To Eat Food

Dr.VirenderMadhan

खाना खाने के नियम स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने और भोजन का अधिकतम लाभ उठाने में मदद कर सकते हैं। यहाँ खाना खाने के 10 नियम दिए गए हैं:


1– समय पर खाएं:–

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नियमित समय पर खाना खाने से चयापचय (मेटाबोलिज्म) ठीक से काम करता है।

2– चबा-चबाकर खाएं:–

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अच्छी तरह से चबाने से खाना अच्छे से पचता है और पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण होता है।

3– भोजन का संतुलन रखें:– 

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हर भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, और फैट का सही संतुलन होना चाहिए।

4– ताजा खाना खाए:–

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ताजा बना हुआ खाना पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

5– हाइड्रेटेड रहें:–

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भोजन के साथ पर्याप्त पानी पीना चाहिए, लेकिन बहुत अधिक पानी एक साथ न पिएं क्योंकि इससे पाचन पर असर पड़ सकता है।

6– मौसम के अनुसार खाएं:– 

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मौसमी फल और सब्जियां खाने से वे अधिक ताजगी और पोषण प्रदान करते हैं।

7– मात्रा पर ध्यान दें:–

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अधिक खाने से बचें; हमेशा अपनी भूख से थोड़ा कम खाएं।

8– खाने का माहौल:–

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शांत और सुखद माहौल में खाना खाएं, टीवी या मोबाइल से दूर रहकर।

9– स्नैक्स पर नियंत्रण रखें:– 

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अनावश्यक स्नैक्स खाने से बचें, खासकर चीनी और फैट से भरपूर स्नैक्स से।

10– आनंद लें:–

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💐👌🏾खाने का आनंद लेना भी जरूरी है, इसलिए कभी-कभार अपने पसंदीदा खाने का भी लुत्फ उठाएं।

ये नियम आपके खान-पान की आदतों को बेहतर बना सकते हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।

* खाना खाने के नियमों को अपने जीवन में लागू करने के अलावा, आपको यह भी ध्यान देना चाहिए कि भोजन की गुणवत्ता और उसके स्रोत भी महत्वपूर्ण होते हैं। यहां कुछ और सुझाव दिए जा रहे हैं जो आपके भोजन को और भी स्वस्थ बना सकते हैं:


ऑर्गेनिक खाएं:–

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 जब संभव हो, ऑर्गेनिक फल और सब्जियों का चयन करें। इससे पेस्टीसाइड्स और अन्य हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने का जोखिम कम होता है।

संसाधित खाद्य पदार्थों से बचें:–

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 संसाधित खाद्य पदार्थों में अक्सर उच्च मात्रा में नमक, चीनी, और ट्रांस फैट होते हैं। इनसे बचकर आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

सीजनल और लोकल खाद्य पदार्थों का उपयोग करें:–

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 लोकल और सीजनल खाद्य पदार्थ न सिर्फ ताज़ा होते हैं, बल्कि इन्हें उगाने में कम कार्बन उत्सर्जन होता है, जो पर्यावरण के लिए भी अच्छा है।

मल्टीग्रेन विकल्प चुनें:–

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 रिफाइंड अनाज की जगह मल्टीग्रेन विकल्पों को चुनें, जैसे कि ब्राउन राइस, बार्ली, क्विनोआ आदि। ये अधिक पोषक तत्व प्रदान करते हैं और पाचन में मदद करते हैं।

प्रोटीन के विभिन्न स्रोतों का उपयोग करें:–

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 मांसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार के भोजन में प्रोटीन के विभिन्न स्रोतों का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि दालें, नट्स, बीज, दूध उत्पाद, और मछली।

मिठाई का सेवन कम करें:–

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 मिठाई और चीनी युक्त पेय पदार्थों का कम सेवन करें। इनके अत्यधिक सेवन से मोटापा और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि मधुमेह हो सकते हैं।

भोजन को विविध बनाएं:–

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 अपने भोजन में विविधता लाने से आपको सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकते हैं और यह खाने की आदतों को भी रोचक बनाता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें:–

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 खाना खाने के समय तनाव से मुक्त रहने की कोशिश करें। तनाव आपके पाचन और समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

सक्रिय रहें:–

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 स्वस्थ खानपान के साथ ही नियमित व्यायाम

बुधवार, 1 मई 2024

किन 7 आदतों में ही होती है चेहरे पर झुर्रियां|How to 5 Best Treat

किन 7 आदतों में ही होती है चेहरे पर झुर्रियां|How to 5 Best Treat



Dr.VirenderMadhan

झुर्रियां होने के कारण|Due To Wrinkles.


चेहरे पर झुर्रियाँ हो सकती हैं यदि आप निम्नलिखित आदतों को अपनाते हैं:
1–धूप में लंबा समय बिताना:-
 झाइयों का रंग मेलेनिन नामक रंगद्रव्य के कारण होता है। जितना अधिक समय आप धूप में बिताते हैं, उतना अधिक मेलेनिन का उत्पादन होता है, यही कारण है कि धूप वाले दिन में बाहर रहने के बाद आपको त्वचा पर अधिक झाइयां दिखाई दे सकती हैं।
2–तंबाकू या शराब का सेवन
बुरा खाना खाना
धूम्रपान त्वचा की सतह के पास रक्त वाहिकाओं को संकुचित करके त्वचा में बहने वाले रक्त की मात्रा को भी कम कर देता है, जिससे त्वचा में रक्त में ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है
3–नियमित रूप से त्वचा की देखभाल न करना
4–अव्यवस्थित नींद के कारण
5–अधिक चीनी का सेवन से
6–स्ट्रेस रहने से
7– प्रदूषण मे रहने से
8–स्पाइसी और फ्राइड फूड्स (Spicey And Fried Food)
9-मीठे का अधिक सेवन (Sweets)
10–कैफीन वाले ड्रिक्स (Caffeine)


#झुर्रियां के 5 घरेलू उपाय

Ayurvedic treatment for wrinkles

झुर्रियों को कम करने के कुछ घरेलू उपाय शामिल हैं:

नींबू का रस:-

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 नींबू का रस निर्माण करता है और झुर्रियों को कम करने में मदद करता है।

शहद और दही का मिश्रण:–

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शहद और दही का मिश्रण त्वचा को नमी प्रदान करता है और झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है।

बादाम का तेल:–

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बादाम का तेल एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है और झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है।

घर का बना उपयोग करें:–

तुलसी, हल्दी, नीम, आलोवेरा जैसे प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करके चेहरे की देखभाल करें।
पानी:-
प्रतिदिन पानी पिएं। इससे त्वचा की स्वस्थता और झुर्रियों को कम करने में मदद मिलेगी।

#चेहरे की झाइयां हटाने के लिए क्या खाएं- 

Foods to avoid freckles in hindi

* आलू का जूस पीएं –
आलू का जूस पीना डार्क स्पॉट्स, झाईयों और सन टैन को दूर करने में मदद कर सकता है। 
* नींबू पानी:-
 नींबू पानी शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है।
* संतरा खाएं 
* टमाटर खाएं 
* छाछ पीयें