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गुरुवार, 24 अक्तूबर 2024

घुटनों में गैप होने पर ओपरेशन से बचने के लिए क्या करें


 घुटनों में गैप होने पर ओपरेशन से बचने के लिए क्या करें


घुटनों में गैप (knee joint space narrowing) होने पर ऑपरेशन से बचने के लिए कुछ उपाय और जीवनशैली में बदलाव मददगार हो सकते हैं। ये उपाय घुटने के दर्द और सूजन को कम करने और स्थिति को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं:


वजन नियंत्रित करें:–

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 अधिक वजन घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। वजन कम करके आप घुटनों पर दबाव कम कर सकते हैं और उनकी सेहत में सुधार कर सकते हैं।


फिजिकल थेरेपी:–

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 फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श लें और उनके द्वारा बताए गए व्यायामों को करें। यह मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे घुटनों पर दबाव कम होता है।


हल्के व्यायाम:–

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 तैराकी, साइकिल चलाना और योग जैसे हल्के व्यायाम घुटनों के लिए अच्छे होते हैं। ये घुटनों पर दबाव नहीं डालते और उन्हें सक्रिय रखते हैं।


गर्म और ठंडी सिकाई:–

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 दर्द और सूजन को कम करने के लिए ठंडी और गर्म सिकाई का प्रयोग करें। यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और दर्द को नियंत्रित करता है।


ओमेगा-3 और विटामिन सप्लीमेंट्स:–

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 ओमेगा-3 फैटी एसिड, ग्लूकोसामीन और कोंड्रोइटिन जैसे सप्लीमेंट्स जोड़ दर्द को कम कर सकते हैं और जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के बाद ही इन्हें लें।


हर्बल उपचार और आयुर्वेदिक उपाय:–

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 कुछ जड़ी-बूटियाँ जैसे हल्दी और अदरक सूजन को कम करने में सहायक हो सकती हैं। आयुर्वेदिक तेल मालिश भी घुटनों के लिए फायदेमंद हो सकती है।


इंजेक्शन थेरेपी:-

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 डॉक्टर की सलाह से हायल्यूरोनिक एसिड या स्टेरॉयड इंजेक्शन भी एक विकल्प हो सकते हैं। यह घुटनों में लुब्रिकेशन बढ़ाकर दर्द को कम करता है और चलने में मदद करता है।


आराम और उचित मुद्रा:–

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 लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से बचें। सही मुद्रा में बैठें और घुटनों को अतिरिक्त दबाव से बचाएं।


इन उपायों से ऑपरेशन को टालने में मदद मिल सकती है, लेकिन किसी भी तरह के उपचार से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना ज़रूरी है।


आयुर्वेदिक उपाय

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घुटनों में गैप और दर्द के लिए आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपाय हैं जो सूजन को कम करने, दर्द से राहत देने और घुटनों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं। कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय निम्नलिखित हैं:


1. हर्बल तेल मालिश (अभ्यंग)–

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महानारायण तेल या अश्वगंधा तेल: इन तेलों से मालिश करने से जोड़ों के दर्द और सूजन में आराम मिलता है। यह मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।

रोजाना हल्के गर्म तेल से घुटनों की मालिश करें, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है और घुटनों का दर्द कम होता है।

2. हल्दी और अदरक

हल्दी:–

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 इसमें मौजूद करक्यूमिन सूजन को कम करता है। आप हल्दी को दूध में मिलाकर या पानी में उबालकर पी सकते हैं।

अदरक:–

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 अदरक में सूजनरोधी गुण होते हैं। आप इसे चाय में डालकर सेवन कर सकते हैं या भोजन में उपयोग कर सकते हैं।

3. गुग्गुल–

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गुग्गुल एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग जोड़ों की सूजन और दर्द के इलाज में किया जाता है। यह वात दोष को संतुलित करता है और जोड़ को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

4. अश्वगंधा–

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अश्वगंधा एक प्रभावी जड़ी-बूटी है, जो शरीर को ताकत देती है और घुटनों के जोड़ों को मजबूत बनाती है। यह तनाव और सूजन को भी कम करती है।

5. रस्नादि काढ़ा–

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रस्नादि काढ़ा का सेवन घुटने के दर्द और सूजन में राहत देने के लिए किया जाता है। यह वात दोष को संतुलित करता है और जोड़ो की लचीलापन बढ़ाता है।

6. पंचकर्म थेरेपी–

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पंचकर्म आयुर्वेद का एक प्रमुख उपचार है, जो शरीर को शुद्ध करता है और जोड़ों में आई अशुद्धियों को बाहर निकालता है। इसमें वस्ती (एनिमा) और कटीबस्ती (घुटनों के लिए औषधीय तेल का प्रयोग) प्रमुख हैं, जो विशेष रूप से घुटनों के लिए उपयोगी होते हैं।

7. मेथी, सोंठ और हल्दी पाउडर–

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इन तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लेने से घुटनों के दर्द में राहत मिलती है और सूजन कम होती है।

8. त्रिफला चूर्ण–

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त्रिफला चूर्ण शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक है। इसे रात में गर्म पानी के साथ लेने से शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है, जो घुटनों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

9. आहार और दिनचर्या–


संतुलित आहार:–

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 आयुर्वेद के अनुसार, वात दोष को कम करने वाले आहार का सेवन करना चाहिए, जैसे कि गर्म, तेलयुक्त, और पौष्टिक खाद्य पदार्थ।

हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम युक्त भोजन: जैसे तिल के बीज, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, और दूध से बने उत्पाद।

अत्यधिक ठंडी चीजों से बचें:–

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 ठंडा भोजन और पानी वात दोष को बढ़ा सकता है, जिससे दर्द और सूजन बढ़ सकते हैं।

इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने से घुटनों के दर्द और गैप में राहत मिल सकती है, लेकिन किसी भी उपाय को नियमित रूप से और विशेषज्ञ की सलाह के साथ ही करना चाहिए।

केला खाने से क्या फायदे होते है|Health Benefits in hindi.

केला खाने से क्या फायदे होते है|Health Benefits in hindi.

Dr.VirenderMadhan

केला खाने से कई फायदे होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यहाँ कुछ मुख्य फायदे दिए गए हैं:



ऊर्जा का स्रोत:–

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केला एक अच्छा प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। यह तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है, इसलिए व्यायाम से पहले या बाद में इसे खाना फायदेमंद होता है।


पाचन में सुधार:–

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 केले में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करता है।


पोटैशियम का स्रोत:–

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केला पोटैशियम से भरपूर होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।


मूड सुधारता है:–

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केले में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है, जो शरीर में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाकर मूड को सुधारने में मदद करता है और तनाव को कम करता है।


हड्डियों को मजबूत बनाता है:-

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केले में मैग्नीशियम होता है, जो हड्डियों के विकास और मजबूती में सहायक होता है।


वजन बढ़ाने या घटाने में मदद:–

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केले को वजन बढ़ाने के लिए खाया जा सकता है, खासकर जब इसे दूध के साथ लिया जाए। वहीं, कम मात्रा में इसका सेवन वजन घटाने में भी सहायक हो सकता है क्योंकि यह आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखता है।



त्वचा के लिए फायदेमंद:– 

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केले में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ रखते हैं और इसे चमकदार बनाने में मदद करते हैं।

केला सेहत के लिए एक आसान और स्वादिष्ट फल है, जिसे आप अपने नियमित आहार में शामिल कर सकते हैं।


दिल के लिए लाभकारी:–

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केले में फाइबर, पोटैशियम, विटामिन C और B6 होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है और फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।


ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है:–

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 केले में मौजूद पेक्टिन नामक फाइबर और प्रतिरोधी स्टार्च (विशेषकर अधपके केले में) रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। यह मधुमेह रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है, लेकिन उन्हें इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।



मांसपेशियों के लिए फायदेमंद:–

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केले में पोटैशियम और मैग्नीशियम की मौजूदगी मांसपेशियों के संकुचन और शिथिलता में मदद करती है, जिससे मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द की समस्या कम होती है।


खून की कमी (एनीमिया) से बचाता है:–

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 केले में आयरन की थोड़ी मात्रा होती है, जो शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही यह विटामिन B6 का अच्छा स्रोत है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है।


इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है:–

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 केले में विटामिन C और अन्य एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।


बालों के लिए फायदेमंद:–

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 केले में सिलिका (Silica) होती है, जो बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। यह बालों की मजबूती और चमक को बढ़ाने में मदद कर सकता है।


एसिडिटी से राहत:–

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 केला पेट की एसिडिटी को कम करने में मदद करता है और इसे एक प्राकृतिक एंटासिड के रूप में जाना जाता है, जो पेट के अल्सर और एसिडिटी से आराम दिलाता है।


दिमागी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी:–

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 केले में पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मस्तिष्क के कार्यों में सुधार लाते हैं। यह एकाग्रता और याददाश्त को भी बढ़ाता है।


इन सभी गुणों के कारण केला एक संपूर्ण और पोषण से भरपूर फल है, जिसे नियमित रूप से खाने से संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।

गुरुवार, 17 अक्तूबर 2024

दोबारा गर्म करने से कौन सा भोजन जहर बन जाता है

 दोबारा गर्म करने से कौन सा भोजन जहर बन जाता है

डा०वीरेंद्र

दोबारा गर्म करने से जहर बनने वाले भोजन

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कुछ खाद्य पदार्थों को दोबारा गर्म करने से उनकी संरचना बदल सकती है, जिससे वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ऐसे कुछ खाद्य पदार्थ हैं:


चावल:–

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 पके हुए चावल को अगर कमरे के तापमान पर अधिक समय तक रखा जाए और फिर दोबारा गर्म किया जाए, तो इसमें Bacillus cereus नामक बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो फूड पॉइज़निंग का कारण बन सकते हैं।


अंडे:–

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पके हुए अंडों को दोबारा गर्म करने पर उनमें प्रोटीन की संरचना बदल सकती है, जिससे पाचन में समस्या हो सकती है।


आलू:– 

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अगर पके हुए आलुओं को ठंडा करके लंबे समय तक बाहर रखा जाए, तो उनमें बैक्टीरिया विकसित हो सकते हैं। दोबारा गर्म करने पर यह हानिकारक हो सकता है।


मुर्गी (चिकन):–

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 चिकन में प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है, और इसे दोबारा गर्म करने पर प्रोटीन की संरचना बदल सकती है, जिससे पाचन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।


पालक:–

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 पालक में नाइट्रेट होता है, जो दोबारा गर्म करने पर नाइट्राइट में बदल सकता है। नाइट्राइट कैंसरजनक (carcinogenic) हो सकता है।


इन खाद्य पदार्थों को सही तरीके से स्टोर करना और दोबारा गर्म करने से बचना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।


कुछ अन्य खाद्य पदार्थ भी हैं जिन्हें दोबारा गर्म करने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:


मशरूम:–

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 मशरूम में प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक होती है, और अगर इन्हें पकाने के बाद लंबे समय तक रखा जाए और फिर दोबारा गर्म किया जाए, तो इनकी प्रोटीन संरचना बदल सकती है, जिससे पेट खराब होने या अपच की समस्या हो सकती है।


बीन्स (राजमा, लोबिया आदि):–

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कुछ प्रकार के बीन्स जैसे राजमा या लोबिया में phytohaemagglutinin नामक टॉक्सिन होते हैं, जो इन्हें पर्याप्त तरीके से पकाए बिना खाने पर हानिकारक हो सकते हैं। दोबारा गर्म करने से भी इनके पोषक तत्वों की गुणवत्ता कम हो सकती है।


चुकंदर (Beetroot):–

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 चुकंदर में नाइट्रेट होता है, और इसे दोबारा गर्म करने पर नाइट्रेट नाइट्राइट में बदल सकता है, जिससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।


समुद्री भोजन (Seafood):–

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 जैसे झींगा, मछली आदि को दोबारा गर्म करने पर इनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं, खासकर अगर इन्हें सही तापमान पर स्टोर नहीं किया गया हो। इससे फूड पॉइज़निंग का खतरा बढ़ जाता है।


तेल युक्त भोजन:–

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 खासकर वे खाद्य पदार्थ जो बहुत अधिक तेल में तले जाते हैं, जैसे कि समोसे, पकौड़े आदि। दोबारा गर्म करने पर उनमें ट्रांस फैट्स का निर्माण हो सकता है, जो हृदय रोगों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।


खाद्य पदार्थों को सही तरीके से स्टोर करना और आवश्यकता होने पर ही दोबारा गर्म करना स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित है।