#वजन क्यों घटता है ?
<Dr.virenderMadhan>
#व्यक्ति का सामान्य वजन कितना होता है?
*5 फीट 6 इंच लंबे व्यक्ति का सामान्य तौर पर वजन 53 से 67 किलोग्राम के बीच होना चाहिए.
*5 फीट 8 इंच लंबे व्यक्ति का सामान्य वजन 56 से 71 किलोग्राम के बीच होना चाहिए.
*5 फीट 8 इंच लंबे व्यक्ति का सामान्य वजन 56 से 71 किलोग्राम के बीच होना चाहिए.
*5 फीट 10 इंच लंबे व्यक्ति का सामान्य वजन 59 से 75 किलोग्राम के बीच होना चाहिए.
#कम वजन से होने वाली बीमारियां?
* बिना किसी कोशिश के वजन कम होना, वजन घटना और थकान बहुत सी बीमारियों के लक्षण हैं। अचानक वजन घटना शरीर में गंभीर बीमारियों के लक्षण होते हैं।
>मानक वजन से 10 प्रतिशत से ज्यादा वजन कम होने पर कार्यक्षमता कम होने लगती है।
> वजन बहुत कम हो तो संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। वास्तव में वजन ज्यादा घट जाने का सीधा मतलब है कि शरीर में पोषक तत्त्वों की भी कमी है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
>त्वचा के नीचे चर्बी कम हो तो जरा-सी चोट भी सीधे हड्डियों पर असर करती है।
>अचानक वजन में कमी आ जाए तो असर त्वचा पर दिखता है।
#वजन घटने का क्या कारण है?
भोजन-
- वजन कम होने का एक कारण है कि आप पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं कर रहे हैं।
बृद्धावस्था
- जैसे -जैसे उम्र बढ़ती है, आपको अपना पेट भरा हुआ लगता है। इसके अलावा भूख और परिपूर्णता को कंट्रोल करने वाले मास्तिष्क के कुछ संकेत डैमेज हो जाते हैं।
थायोरोयड
- शरीर में थायराइड हार्मोन की अधिकता तेजी से वजन घटने का कारण बन जाती है और इसकी कमी वजन बढ़ने का। यदि काफी प्रयास करने के बाद भी आप अपना वजन कम नहीं कर पा रहीं हैं, तो संभव है कि आपको हाइपोथाइरॉएडिज्म हो, जिसकी वजह से आपका वजन बढ़ रहा है। हाइपोथाइरॉएडिज्म का मतलब है मेटाबॉलिज्म का धीमे काम करना।
डायबिटीज़
डायबिटीज़ एक मेटाबॉलिक समस्या है जिसमें आपके शरीर में ब्लड शुगर स्तर उच्च होता है। इसके दो कारण हो सकते हैं, या तो ये कि आपके शरीर में इंसुलिन का निर्माण न हो पा रहा हो या फिर ये कि आपका शरीर इंसुलिन के लिए प्रतिक्रिया नहीं कर पा रहा हो, या फिर ये दोनों ही कारण हो सकते हैं।
ट्यूबरक्लॉसिस यानी टीबी
टीबी रोग को तपेदिक, क्षय और यक्षमा जैसे कई नामों से जाना जाता है। तपेदिक संक्रामक रोग होता है।
इसमे भी रोगी का वजन कम होता है।
डिप्रेशन
डिप्रेशन एक ऐसा मूड डिसॉर्डर है जिसमें कई कई दिनों तक उदासी, परेशानी, चिंता या चिड़चिड़ापन महसूस होता रहता हैऔर वजन कम होता है।
#आयुर्वेद के अनुसार वजन कम [कृशता] होने के कारण क्या है?
[दुबलापन अपतर्पण का परिणाम है।]
*अग्निमांद्य या जठराग्नि का मंद होना ही अतिकृशता [वजन कम होने] का प्रमुख कारण है। *अग्नि के मंद होने से व्यक्ति अल्प मात्रा में भोजन करता है, जिससे आहार रस या 'रस' धातु का निर्माण भी अल्प मात्रा में होता है।
*इस कारण आगे बनने वाले अन्य धातु (रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्रधातु) भी पोषणाभाव से अत्यंत अल्प मात्रा में रह जाते हैं, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति निरंतर कृश से अतिकृश [वजन कम ]होता जाता है।
*इसके अतिरिक्त [अतिलंघन] करने से,अल्प मात्रा में भोजन तथा
*रूखे अन्नपान का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से भी शरीर की धातुओं का पोषण नहीं होता।
*वमन, विरेचन, निरूहण आदि पंचकर्म के अत्यधिक मात्रा में प्रयोग करने से धातुक्षय होकर अग्निमांद्य तथा अग्निमांद्य के कारण पुनः अनुमोल धातुक्षय होने से शरीर में कृशता उत्पन्न होती है।
*अधिक शोक,
*जागरण तथा
*अधारणीय वेगों को बलपूर्वक रोकने से भी अग्निमांद्य होकर धातुक्षय होता है।
#वजन कम न हो ऐसा क्या करें?
*पाचन ठीक रखें।
*भोजन समय पर करें ।
*जिसे भोजन के करने से तृप्ति हो ऐसा भोजन करें।
*भोजन मे उडद,मीठा, धी,तैल से स्निग्ध भोजन करें।
*रात्रिजागरण न करें।
*रात्रि में खुब अच्छे से सोयें।
*अश्वगंधा,विधारा आदि के उत्पादन प्रयोग करें?
*ग्रोविटा सीरप व कैपसूल पुष्टि (गुरु फार्मास्युटिकल) का प्रयोग करें।
धन्यवाद!
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