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शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2021

निद्रा क्या है?Slumber नींद के बारे main आप kyaजानते hain.in hindi.

 

#निद्रा [Slumber]क्या है?

By:-<Dr.Virender Madhan > 

>> निद्रा  किसे कहते है?

>> निद्रा के लाभ और हानि क्या है?

>> Nind कितने प्रकार की होती है?

>>कौन से समय सोना चाहिए?

>>दिन में सोना वर्जित क्यों है?

>>दिन मे कौन सो सकता है?

>>विकृत नींद {Insomnia} से बचने के उपाय क्या है?

>>उत्तम नींद के लिए जीवनशैली कैसी हो ?

>>अनिद्रा के लिए घरेलू व आयुर्वेदिक उपचार बतायें?

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#निद्रा क्या है निद्रा किसे कहते है?

#what is Sleep ? In hindi.

नींद#रात्रिनिद्रा को "भूताधात्री"कहा जाता है। संस्कृत मे अर्थ है " सम्पूर्ण सृष्टि की माता संतान की तरह पालने वाली ,विश्राम देने वाली…”
*जब मन आज्ञा चक्र पर आता है तो दो स्थिति बनती है।
-१- जब मन आज्ञाचक्र पर आता है और साक्षी भाव का अनुभव करता है इस स्थिति को  "ध्यान ” कहते है।
-२- जब मन आज्ञाचक्र पर आता है और साक्षीभाव को अनुभव नही होता शरीर व इन्द्रियों शांत हो जाती है इस स्थिति को "निद्रा ” कहते है।
इस स्थिति  [ निद्रा ] में अंग प्रत्यंगो को आराम मिलता है। तथा नई ऊर्जा मिलती है।
#निद्रा एक ऊर्जा है। नींद लेने से मन , बुद्धि , इंद्रियों मे नयापन आता है। वैसे नींद से शरीर में तमोगुण बढता है।
#सत्वगुण से नीदं कम होते है और जागना अधिक होता है। सत्व गुणी व्यक्ति को थोडी और स्वभाविक नींद ही आती है। स्वभाव से जागता है थोड़ी नींद से ही तृप्त हो जाता है।

>>नीदं के लाभ व हानि क्या क्या होती है ?

*निद्रा से शरीर में नयापन आता है।
*शरीर को ऊर्जा मिलती है।
*निद्रा से शरीर को पोषण मिलता है।
*नींद न आने से शरीर और मन दोनों बीमार हो जाते हैं।
*नीदं न आने से अनेकों रोग लग जाते है। कब्ज, गैस, भुख न लगना, अपच , एसिडिटी आदि रोग हो जाते है
* वजन घटने या बढने लगता है।
* हार्मोन्स इम्बैलेंस हो जाते है ।

#दिन में सोना वर्जित क्यों है?

#आयुर्वेद मे ,दिन मे सोना प्रकृति विरूद्ध माना है। कयोंकि दिन मे सोने से दौष विषमता होते है।शरीर की हानि होती है और आयु का ह्रास होता है।
#नींद कितने प्रकार की होती है?

#नीदं कितने प्रकार की होती है ?

नीदं तीन प्रकार की होती है ।
१- स्वाभाविक निंद्रा :-
यह नीदं रात मे स्वभाविक रूप से आने वाली निद्रा होती है।

२- तामसिक निद्रा :-
यह निद्रा कभी भी ,रातमें, दिन में सवेरे शाम कभी भी आ जाती है इसमे व्यक्ति उठने के बाद फिर से सो जाता है। इसमे व्यक्ति उठने के बाद भी आलस्य मे रहता है यह नीदं व्यक्ति की सबसे बड़ी शत्रु है ।

३- विकारी निद्रा :-
जब व्यक्ति बीमार हो जाता है तब बार निद्रा आती है विकारी निंद्रा कहते है।

#सोने के लिए कौनसा समय उत्तम है?

<< Time to sleep well .In hindi.

ऋषियों ने दिन रात के सयम को चार-चार यमो मे विभाजित किया है। 
1- 6:30 pm to 9:00pm
2- 9:00 pm to 12:00 am
3- 12:00 am to 3:30 am
4-  3:30am to 6:00am

रात का पहला और चौथा यम समय  ध्यान, अध्ययन,प्रार्थना का समय होता है । ये दोनों समय दिन रात के मिलन का समय होता है।
कोई भी काल का समय प्राप्ति का समय होता है प्रभु की कृपा का समय होता है। ज्ञान प्राप्त करने का समय है इसलिए काल मिलन के समय आलस्य त्याग कर ध्यान योग ,प्रार्थना करना चाहिए उत्सव मनाने चाहिए।

रात में 9:00 बजे से सवेरे 3:30 बजे तक सोने का सर्वश्रेष्ठ समय होता है।
 शास्त्रों के अनुसार रात्रि के 1 बजे से 3 बजे तक राक्षसी काल होता है इस समय जागते रहने से व्यक्ति का पतन होता है यथा धन ,स्वास्थ्य, और आयु की हानि होती है।

#दिन मे कौन कौन सो सकता है?

दिन मे सोने की अनुमति कुछ परिस्थितियों के अनुसार दी है।
१- बालक जो पैदा होने के 7-8 वर्षों तक दिन मे सो सकता है।
२-बुड्ढे जो ६५ वर्षों के हो गये है।
३- जो व्यक्ति रात मे काम करते है।
४- जो लोग श्रम करते है भारी काम करते है जो पैदल यात्रा करते है।
५ - जो दिनभर मानसिक कार्य करते है या मानसिक रोग से ग्रस्त है ।
डर, चिन्ता, तनाव ,उदासी सेग्रस्त है वे लोग दिन मे सो सकते है।
६ -आयुर्वेदिक पंचकर्म जिसने कराया हो वह दिन में सो सकता है।
७- अत्यधिक गर्मी पड रही हो तो सभी व्यक्तियोंं को दिन मे सोने की अनुमति है।

#किन लोगों को दिन मे सोने की सख्त मनाही है?

> कफ प्रकृति के व्यक्ति , कफ के रोगी ,मोटापे के रोगी को दिन मे सोने की सख्त मनाही है।
> जिस व्यक्ति को विष दिया, या खाया हो।
> जिस व्यक्ति ने विषाक्त औषधि एलोपैथीक दवाईयां अधिक खाई हो उन्हें दिन मे सोना सख्त मना है।

# विकृत नीदं [Insomnia] से बचने के क्या क्या उपाय है

<< Prevention tips of sleep ?

* जीवनशैली को ठीक करें।
* आहार में बदलाव करें।
* अपने भोजन में बादाम, अखरोट, दूध ,दलिया ,चन , केला ,किवी, दही, पनीर शामिल करें।
* सलाद ,हरी सब्जियों खाये।
* जिसे नीदं नही आती उसे सवेरे ब्रैकफास्ट मे केला और दूध लेना चाहिए।
* सोने से एक घण्टा पहले दूध पीना चाहिये।
* अल्कोहल, कैफिन न ले।
* चाय की जगह गुरु हर्बल टी पीयें।

#उत्तम नीदं के लिए जीवनशैली कैसी हो ?

जीवनशैली:-
> जल्दी उठे जल्दी सोयें।
> नियमित ध्यान, प्रणायाम करें।
> ठहलने जरूर जाये।
> मधुर संगीत सुने ।
> पौष्टिक भोजन करें। फ्राईड, तेज मसाले, फास्ट फूड न खाये।
> रात को हल्का भोजन करें।
> हल्के व ढीले कपडे पहने कर सोयें।
>दिन में शरीर की मालिस जरुर करें।

#अनिद्रा मे घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार क्या है?

* पैर के तलवों पर तैल मालिस करें।
* सोते समय पैरों को धो कर सोयें।
* दिन मे कले का प्रयोग जरूर करें।
* नीदं न आने पर शरीर की मालिस, अभ्यंग, शरीर को दबाना, थपथपाना चाहिए।
* मैथी के पत्तों का जूस मे शहद मिलाकर पीये।
* दूध मे चूटकी भर दालचीनी पकाकर पी सकते है।
*दूध के साथ आधा चम्मच से १ चम्मच जायफल चूर्ण ले सकते है।
* दूध मे शहद मिलाकर पीयें।

>आयुर्वेदिक औषधी#Brainica Syrup.की १-२ चम्मच दिन मे दो तीन बार लेने से अनिद्रा का रोग ठीक हो जाता है।
> गुरु अश्वगंधा चूर्ण व सर्पगंधा चूर्ण मिलाकर रख लेउसमे से १-१ चम्मच रात में लेने से अच्छी नीदं आती है।
>अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, शतावर, मुलहठी ,आंवला, अजवाइन आदि का प्रयोग करें या इनके योगो का प्रयोग करें।
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