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शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2021

#मोटापा [Obesity]क्या है और क्या करें उपाय? In hindi.


 <Obesity><मोटापा>

#Obesity,मोटापा क्या है?

#मोटापा क्यों होता है?

#कौन कौन सी चीजें खाने से मोटापा होता है?

#मेदोरोग की सम्प्राप्ति?

#आयुर्वेद के अनुसार मोटापे से होने वाली हानियाँ क्याक्या है ?

#मोटापे से कैसे बचें ?

#आयुर्वेदिक औषधियां क्या क्या है?

#मेदोरोग मे घरेलू उपाय क्या करें ?

#मोटापा कम करने के लिए जीवनशैली कैसी होनी चाहिये?

[स्थौल्यता,मोटापा]

मोटापे के बारे मे बताने से पहले जान लें कि

अष्ठांग हृदय मे ऋषि वांग्डभट्ट के अनुसार सभी रोगों को दो भागों में बांटा है

१-सामरोग (आमयुक्त)

२-निरामरोग(आम दोष रहित)

इन सबकी चिकित्सा को भी दो भागों मे बांटा है

१-संतर्पण (बृंहण)शरीर की बृद्धि व संतृप्त करना।

२-अपतर्पण (लेखन ) शरीर को हल्का व अतृप्त करना।

इनके जानने के बाद चिकित्सा करने मे सुविधा मिलेगी।

चिकित्सा के दो प्रकार

१-शोधन ( शरीर का शोधन करना)

२-शमन (रोगों का शमन कर देना।

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*मोटापा अधिक संतर्पण के फलस्वरूप होता है।और

*कृशता अधिक अपतर्पण के कारण होता है।

https://youtube.com/shorts/saw3LJP6bmk?feature=sha

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#मोटापा Obesity:-

 वह स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है। यह आयु संभावना को भी घटा सकता है।


#मोटापा क्यों होता है ?

कारण:-

*आजकल लोगो में मोटापे की समस्या बहुत हो रही है।  

*आदमी का व्ययाम नहीं हो पाता है व कैलोरी कम नहीं होती और मोटापा बढ़ने लगता है। 

*ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। 

*अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। 

*कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है। 

*असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।

*मोटापा का कारण कुछ लोगो में जेनेटिक अनुवांशिक होता है।

उदाहरण – अगर माता-पिता मोटे है तो उनका बच्चा भी मोटा रहता है।

*मीठा व गरिष्ठ भोजन अधिक। करना।

*सही पोषक आहार ना लेने के कारण भी मोटापा होने लगता है।

*अधिक तैलीय पदार्थ व फास्टफूड खाने के कारण मोटापा होने लगता है।

*अधिक धूम्रपान करने के कारण मोटापा शुरू हो जाता है।

*दिन में सोने के अभ्यास से ।

*थायोरोयड जैसी बीमारीयों के कारण भी मोटापा बढ जाता है।


#कौन कौन सी चीजें खाने से मोटापा बढ़ता है?


*मीट, मक्खन, घी, चीज और क्रीम मोटापे को तेजी से बढ़ाते हैं. 

*आलू का परांठा, आलू की टिक्की, फ्रेंच फ्राइज, दम आलू की सब्जी।


[मेदोरोग की सम्प्राप्ति]

मेद के बढ जाने से धातुओं के मार्ग रुक जाते है फिर अन्य धातुओं का पौषण नही होता है।मेद इक्कठा होता जाता है।मनुष्य अपने कार्यों में असमर्थ हो जाता है।

यह रोग पुरूषों की अपेक्षा स्त्रियों में अधिक होता है।

मेद से वात के मार्ग रूक जाते है वह कोष्टो मे धुमती है वह अग्निप्रदीप्त करती है जिसके कारण रोगी की भुख बढती है।इसी कारण से रोगी बार बार कुछ न कुछ खाता रहता है फल स्वरूप अनेकों प्रकार के रोगों से ग्रस्त होता जाता है।

*छोटे-छोटे कार्यों को करने में सांस फूलना तथा 

*पसीना आना, 

*आवश्यकता से ज्यादा या कम सोना, 

*थोड़ा सा चलने पर सांस में रूकावट पैदा होना या सांस तेजी से चलना,

*शरीर के अलग अलग हिस्सो में सूजन होना, 

*शरीर के विभन्न भागो में वसा जमना, 

*मानसिक और मनोवैज्ञानिक लक्षण जैसे आत्मसम्मान, आत्मविश्वास में कमी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। 

*खर्राटें लेना

*अचानक शारीरिक गतिविधि में असमर्थता

*बहुत थका हुआ महसूस करना

*पीठ और जोड़ों में दर्द

*अकेला महसूस करना, इत्यादि।


#आयुर्वेद के अनुसार मेदोरोग के कारण होने वाली हानियां:-

< मोटापा बहुत सी बीमारियों को जन्म देता है जैसे- बवासीर, भगंदर , कुष्ठ ,ज्वर , अतिसार ,प्रमेह (शुगर आदि ), श्लीपद (हाथीपांव) , अपची, कामला,उच्च रक्तचाप( हाइ ब्लड प्रेशर), हृदयदौर्बल्यं (दिल की बीमारिया, स्ट्रोक), अनिद्रा, किडनी की बीमारी, फैटी लिवर, आर्थराइटिस- जोड़ों की बीमारी, आदि।  

शरीर के निर्माण में रस, रक्त, मास, मेद, अस्थि, मज्जा, और शुक्र कुल सात धातुओं का योगदान होता है। इनमें से सभी धातुओं का अलग अलग महत्वपूर्ण कार्य होता है। मेद का कार्य शरीर में स्नेह गुण बनाए रखना है और इसी मेद से अस्थियां बनती हैं। अस्थियों के अंदर रहने वाले लाल वर्ण के मेद से रक्त यानी ब्लड का निर्माण होता है। 

आचार्य सुश्रुत के अनुसार मेद के क्षय से संधियों यानी जोड़ो में दर्द होने लगता है, खून की कमी होने लगती है और शरीर में रुक्षता होने लगती है। इसी मेद की वृद्धि से पेट के ऊपर और कमर पर चर्बी इकट्ठा होने लगती है और शरीर से दुर्गंध आने लगती है।

* इसी बात को आयुर्वेद के महान आचार्य चरक ने बताया है की अत्यधिक मेदवर्धक आहार लेने से मनुष्य में स्थूलता की वृद्धि होने लगती है 


#मोटापा रोग से कैसे करें बचाव?

●मेदोरोग व मधुमेह मे कफनाशक उपाय करें।

●मेदोरोग रोग मे लेखन कर्म व द्रव्यों का प्रयोग करें।

●उपवास व लघंन करें।

* जौ की रोटी खायें ।

#आयुर्वेदिक औषधियां क्या है ?

*कैप्सूल-सील्म-सी [ गुरु फार्मास्युटिकल] १-२ कैप० दिन में २-३ बार लें।

* फैटकोन सीरप -२-३ चम्मच दिन में २-३ बार ।

* ओबेनिल ( चरक )१-१ गोली दिन में दो-तीन.बार लें।

#शास्त्रीय योग:-

- अमृतादि गुग्गुल

- नवक गुग्गुल

- बडवानल रस

-लौह रसायन

-मेदोहर गुग्गुल

-आरोग्यबर्द्धिनी वटी

अन्य -

1. गुडूची, नागरमोथा, त्रिफला का सेवन मधूदक यानी शहद के पानी के साथ लेने से मोटापा कम होता है।

2. आमला के चूर्ण, शुंठी, क्षार आदि के प्रयोग से मोटापा कम किया जा सकता है।

3. जौ के आटे, बृहद पंचमूल के सेवन से लाभ मिलता है।

4. अग्निमंथ का सेवन शिलाजीत के साथ करने से भी मोटापा दूर होता है।

5. खान पान के अलावा रातभर जागने से, व्यायाम से और मानसिक परिश्रम से भी वजन कम होता है।

6. पंचकर्म चिकित्सा  जैसे वमन, विरेचन, उपवर्तन, स्वेदन और वस्ति द्वारा भी मोटापे को नियंत्रित किया जा सकता है।

7. कम प्रोटीन और वसा वाली हल्की दालों मूंग, मसूर को प्राथमिकता देनी चाहिए। उड़द राजमा छोले आदि से परहेज करना चाहिए।

#मेदोरोग मे घरेलू उपाय:-

-धतूरे के पत्तों का रस निकाल कर बढी हुई फैट (पेट-कुल्हो ) पर लगा कर मालिस करें।

-ताड के पत्तों का क्षार और हींग चावलों के मांड के साथ लें।

- पीपल का चूर्ण शहद के साथ प्रतिदिन खायें।

-कुलथी की दाल पका कर खाये।

-प्रतिदिन त्रिफला और गिलोय का काढा पीयें।

- जवासे का क्वाथ सवेरे शाम पीने से आराम मिलता है।

<<इन सभी उपायों का लगातार कुछ दिन तक प्रयोग करने से ही आराम मिलेगा>>

#मोटापे मे क्या परहेज़ करें?

- जितने भी कफवर्ध्दक पदार्थ है,

चिकनाई, दूध, दही, मक्खन,मांस , धी से बने पदार्थ, पका केला, नारियल, पुष्टदायक भोजन, दिन में सोना, हमेशा आराम से रहने से परहेज करें।

-रसायन द्रव्यों व औषधियो का प्रयोग, उडद ,गेहूं, ईख के प्रोडक्ट खाना बन्द कर देना चाहिए ।

#मोटापा कम करने के लिए आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle for Weight Loss)कैसा हो ?

- साप्ताहिक उपवास करें।

-तमगुण को जीतने से मोटापा कम हो जाता है। अतः दिन में न सोयें।

- उदार बने।

-परिश्रम करें।

- सुबह उठकर सैर पर जाएँ, और व्यायाम करें।अधिक पैदल चलें।

- सोने से दो घण्टे पहले भोजन कर लेना चाहिए।

- रात का खाना हल्का व आराम से पचने वाला होना चाहिए।

- संतुलित और कम वसा वाला आहार लें।

- वजन घटाने के लिए आहार योजना में पोषक तत्वों को शामिल करें।

#चेतावनी:-किसी भी औषधि या द्रव्यों के प्रकार से पहले आप किसी आयुर्वेदिक विषेशज्ञ से सलाह जरूर ले क्योंकि प्रतिएक व्यक्ति की प्रकृति, दोष ,अवस्था आदि अलग अलग होती है यहां यह लेख केवल ज्ञान अर्जन हेतू है।


धन्यवाद!

<डा०वीरेंद्र मढान>

आप अपनी सलाह कोमेंट मे जरूर लिखे हमे खुशी होगी।







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