Guru Ayurveda

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2022

आयुर्वेदिक दवा से मोटापा कैसे दूर करें ?In hindi.

 मोटापा दूर कैसे करें?

#आयुर्वेदिक दवा से मोटापा कैसे दूर करें ?In hindi.

#Charbi kaise kam kere?



>> Obesity treatment|मोटापे का ईलाज|

#DrVirenerMadhan.

मोटापा-

शरीर में अत्यधिक वसा के कारण होने वाला विकार है जो स्वास्थ्य को खराब कर देता है.अनेक बीमारियों को जन्म देता है।

मोटापा- खर्च होने वाली कैलोरीज़ से ज़्यादा कैलोरीज़ लेने के कारण बढ़ता है.

#मोटापे के सामान्य लक्षण:-

-Motape ke samanya lakshan,

 - जोड़ या पीठ मे  दर्द होना.

 - वजन ज़्यादा होना, 

- खर्राटे आना, 

- तोंद का बढना,

- थकान रहना, या 

- बहुत ज़्यादा खाना मोटापे के  सामान्य लक्षण हो सकते है।



मोटापे के मुख्य लक्षण निम्न प्रकार से हैं। :-

- सांस फूलना – 

बार-बार साँस फूलने की समस्या का होना मोटापे का लक्षण है जो कई कारणों से हो सकता है और कई रोगों का कारण बनता है।

- पसीना में वृद्धि – 

अचानक से बार-बार पसीना आना 

वजन बढना

- बिना कोशिश करे वजन बढना।

#मोटापे का आयुर्वेद मे कैसे उपचार कर सकते है?

- शारिरिक स्थूलता को दूर करने के लिए कुछ सावधानियां करनी पड़ती है जैसे-


#आहार में सावधानी:-

-पुराने चावल, मुंग, कुलथी, वनकोदों आदि अन्नो का हमेशा प्रयोग करना चाहिए।

#कर्म-

बस्तिकर्म, चिन्ता ,व्यायाम, धुम्रपान , उपवास, रक्तमोक्षण,

कठोर स्थान पर सोना, तमोगुण का त्याग करना चाहिए।

* आहार विहार मे संयम रखें।

* पहला भोजन पचाने के बाद ही दोबारा भोजन करें 

बार बार थोडी थोड़ी देर में भोजन न करें।

- परिश्रम, मार्गगमन यानि पैदल खुब चले।

- मधु का सेवन करें, रात्रि जागरण करें।

- पतिदिन अन्नो का माण्ड बनाकर पीयें।

- वायविंडग, सौठ, जवाखार, कालेलोहे का मण्डुर ,और मधु का सेवन करें।

- आंवला और यवचूर्ण  मिलाकर कर खाने से मोटापा दूर होता है।

- चव्य,जीरा,त्रिकटु (सौठ, कालीमिर्च, पीपल),हिंग, कालानमक, चित्रक, इन सबके चूर्ण बना कर सत्तु मे मिला लें फिर इसे दही के पानी (दही नही) के साथ प्रयोग करने से चर्बी नष्ट हो जाती है।

#एक मोटापा नष्ट करने का महायोग:-

त्रिकटु(सौठ, कालीमिर्च, पीपल), सहजन की जड,त्रिफला, कटुकी, कटहरी, हल्दी, दारुहल्दी, पाठा, अतीस, शालवन, केतकी की जड, अजवाइन, चित्रक, कालानमक, कालाजीरी, हाऊबेर, इन सबका चूर्ण बना लें।

बाद मे

1भाग चूर्ण

1भाग धी

1भाग मधू

16 भाग यव का सतू (जौ का सतू) इसको किसी रुचि कर शीतल पेय के साथ पान करें

*इसके प्रयोग से 

प्रमेह,मूढवात, कुष्ठ, अर्श, कामला, पाण्डू रोग, प्लीहा सूजन, मूत्रकृच्छ,  अरोचकति,  हृदय सम्बंधित रोग, क्षयरोग, खाँसी , श्वास रोग, गलग्रह ,कृमि, ग्रहणी ,शैत्य यानि शीतका प्रकोप, मोटापा जैसे कठिन रोगों को शीध्र ही उन्मूलन कर देता है।

[यह योग “रावण संहिता” के “रोग चिकित्सा ज्ञान" से लिया है]

इस योग से क्षुधाग्नि , शक्ति, बुध्दि, तथा स्मरणशक्तिभी बढती है।

किसी भी चिकित्सा करनेसे पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर करें.

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

बुधवार, 12 अक्तूबर 2022

सफेद दाग को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?In hindi.

 #सफेद दाग को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?In hindi.

शरीर पर सफेद दाग हो जाये तो क्या करें?



By:-DrVirenderMadhan.

#श्वेत कुष्ठ|सफेद दाग|#फुलबहरी| (Leukoderma / #ल्यूकोडर्मा

#फुलबहरी (सफेद दाग)को जड से ठीक करने के लिए 1 घरेलू उपाय:-

- 125 ग्राम बाबची के बीज किसी कांच या चीनीमिट्टी के बर्तन मे डालकर गोमूत्र से डूबा कर 12 दिन तक रखें बीच बीच मे मूत्र बदलते रहे 13वें दिन निकाल कर पानी से धोकर छिलका उतार दें धूप में अच्छी तरह सुखा कर चूर्ण कर ले फिर उसमें शुद्ध गंधक मिला कर रखलें।

जरूरत होने पर रोगी को6-6 ग्राम चूर्ण मे दोगुना शहद मिला कर चाटायें 

दिन मे जब.पानी पीये तो गंगाजल डालकर पीयें।

इस योग से शीतपित्त भी ठीक हो जाती है।



क्या करें सावधानी:-

- तांबे के बर्तन म पानी रख कर पीऐ.

- दागो पर नारियल का तेल लगाएं.

- बाबची के बीच का गोमूत्र मे लेप बना कर लगायें।

-छाछ मे नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर दागों पर लेप करें।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान

गुरु आयुर्वेद फरिदाबाद.

सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

अगर जुकाम-नजला है तो कैसे करें उपचार. हिंदी में.

 अगर जुकाम-नजला है तो कैसे करें उपचार. हिंदी में.

प्रतिश्याय|जुकाम।सरदी|पीनस रोग।Rhinitis|जुकाम



By:- DrVirenderMadhan.

#जुकाम का रोग परिचय, कारण, एवं लक्षण:-

बहती हुई नाक तथा आंखों में खुजली होना हवा में उपस्थित दूषित कण एलर्जी का कारण बनते है जो सांस के द्वारा अन्दर खीच जाते है।शरीर में प्रतिरोधक शक्ति के कारण रोगी को बार बार छिकें आती है।

प्रतिश्याय दो प्रकार से होता है

1- सद्दोजनक ( जिसमे तुरंत रोग उत्पन्न होता है)

2- संचयक्रम से उत्पन्न होकर, जिससे दोष संचय होकर कुपित होता है.

अन्य या सहायक कारण:-

मल,मूत्रादि का वेग रोकना ,अजीर्ण, नाक मे धूल जाना, बहुत अधिक बोलना, अतिक्रोध करना, ऋतु परिवर्तन, रात्रि जागरण व दिन में सोना के कारण, अत्यधिक जल पीना,सर्दी लगने के कारण, ओस मे रहने से, अत्यधिक रोने से, शोक करनेसे जुकाम शुरू हो जाता है।

प्रतिश्याय के लक्षण:-

* छिकें आना.

* सिर मे बोझा होना.

* अंग जकडन

* रोंगटे खड़े होना.

* नाक मे धूवाँ सा भरना.

*नाक मुंह से स्राव होना.

प्रतिश्याय 18 प्रकार का होता है.

1. वातज प्रतिश्याय

2. पित्तज प्रतिश्याय

3. कफज प्रतिश्याय

4. सन्निपातज प्रतिश्याय

5. रक्तज प्रतिश्याय

6. पीनस या दूष्ट प्रतिश्याय

7. पतिनाश प्रतिश्याय

8. नाशार्श प्रतिश्याय

9.भ्रंशथु प्रतिश्याय

10. क्षवथु प्रतिश्याय

11. नासानाह प्रतिश्याय

12. पूतिरक्त प्रतिश्याय

13. अर्बुद प्रतिश्याय

14. दूष्ट पीनस प्रतिश्याय

15.नाशाशोथ प्रतिश्याय

16. घ्राण पाक प्रतिश्याय

17. पूयस्राव प्रतिश्याय

18. दिप्तक प्रतिश्याय

जुकाम (प्रतिश्याय) के लिये 20 घरेलू अनुभूत प्रयोग:-

- गरम दूध में 10-12 कालीमिर्च और मिश्री मिलाकर पीने से सिर का भारीपन,कफ व जुकाम से आराम हो जाता है।

- वायविंडग, सैंधानमक, हींग, गुग्गुल, मैनसिल, और वच बारीक पीसकर छान लें। इस चूर्ण को सुंघाने से प्रतिश्याय नष्ट हो जाता है।

- अदरक रस व शहद 6-6 ग्राम मिलाकर चाटने से जुकाम दूर हो जाता है।

- बडी हरड का छिलके का बारीक चूर्ण 6 ग्राम बराबर शहद मे मिलाकर चाटने से प्रतिश्याय ठीक हो जाता है।

- बन्फशा का शर्बत 25 ml मात्रा में सेवन करने से गरमी का नजला ,जुकाम ठीक हो जाता है।

-  सतू मे घी तैल मिलाकर आग मे डालकर रोगी को धुंवा देने से  हिचकी, प्रतिश्याय, खाँसी ठीक होती है

- इमली के पत्तों का काढा बनाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।

- काले जीरे के सुंघने से जुकाम मे आराम मिल जाता है।

-दशमुल का काढा जुकाम के लिये बहुत लाभदायक है।

- गुड मे अदरक मिलाकर खाने से प्रतिश्याय ठीक हो जाता है।

- जुकाम अन्दर ही सुख जाने पर मिश्री युक्त दूध पीयें साथ मे वच का चूर्ण सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।

- अनार के फूलों का रस अथवा

दूब का रस अथवा गुलाब जल सूंधने से जुकाम के साथ नाक से रक्त आना भी बन्द हो जाता है।

- कालीमिर्च, मुन्नका, मिश्री, और मुलहठी बराबर मात्रा में लेकर 1-1 ग्राम की गोली बना लें.2-2 गोली सवेरे शाम खाने से सब प्रकार की जुकाम, खाँसी ठीक हो जाती है।

-रूमाल मे कपूर रखकर सूंधने से राहत मिल जाती है।

- सौठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल समान मात्रा मे लेकर चूर्ण बनाकर चौगुणा गुड मिलालें 500 mg.की गोली बना ले. सवेरे शाम खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।

-कालीमिर्च, हल्दी, कालानमक आधा आधा चम्मच 250 ग्राम पानी मे डालकर उबालें जब 125 ग्राम रह जाय तो गुणगुणा रोगी को पीलायें तो सर्दी, जुकाम ठीक हो जाता है।

- सुखी तुलसी के पत्तों का काढा नाक मे कुछ बूंदें टपकाने से नजला जुकाम ठीक होता है।

धन्यवाद!

#डा०वीरेंद्र_मढान.

शनिवार, 8 अक्तूबर 2022

खाँसी की 20 चमत्कारिक घरेलू व आयुर्वेदिक औषधियाँ,हिंदी में।

 खाँसी की 20 चमत्कारिक घरेलू व आयुर्वेदिक औषधियाँ,हिंदी में।



#डा०वीरेंद्र मढान.

#खाँसी, कास के 20 उपाय:-

1.बाँसे के हरे पत्तों का रस 10 ग्राम,शहद 10 ग्राम दोनों को मिलाकर थोड़ा थोड़ा चाटने से खाँसी नष्ट हो जाती है।

2. बहेडे के छिलके, पीपल छोटी - दोनों बराबर बराबर लेकर बारीक चूर्ण बना लें. 1-1 ग्राम लेकर शहद मे मिला कर रोगी को चटायें। यह खाँसी की अद्भुत दवा है।

3. केवल बहेडे के छिलक को चूसने से खाँसी ठीक हो जाती है।

4. 10 ग्राम गुड मे 20 ग्राम घी मिलाकर खाने से सूखी खांसी ठीक हो जाती है।

5. सरसौ के 10 ग्राम तैल मे 10 ग्राम गुड मिलाकर 21 दिन खिलाने से खाँसी और हर प्रकार का दमा दूर हो जाता है।

6.गर्म दूध 400 ग्राम गरमागरम जलेबी खाने से सुखी खाँसी जड से ठीक हो जाती है।

7. गुदा पर दिन में3-4 बार सरसों का तैल लगाने से खाँसी ठीक हो जाती है।

8. 250 ग्राम पानी में 10 ग्राम गेहूं डालकर उबालें 80 ग्राम रहने पर छानकर 1ग्राम नमक मिलाकर पीने से हर प्रकार की खाँसी ठीक हो जाती है।

9. शहद 10 ग्राम सौठ 2 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण 1 ग्राम मिलाकर सवेरे शाम चटने से बलगम वाली खाँसी ठीक हो जाती है।

10. कालीमिर्च चूर्ण 50 ग्राम मे 200 ग्राम गुड कूटपीसकर मिलाकर आधा आधा ग्राम की गोली बना लें 1-1 गोली दिन में3-4 बार चूसने से हर प्रकार की खाँसी ठीक हो जाती है।

11. मदार के 3-4 सूखे पत्ते जलाकर राख कर लें रात को 1गिलास पानी मे धोलकर रख दें सवेरे छानकर 30-40 मि०ली० पीने से खाँसी ठीक हो जाती है यह अचूक और चमत्कारिक औषधि है।

12. छोटी पीपल 1ग्राम शहद 6ग्राम मे मिलाकर रात्रि में चाटकर सो जाये खाँसी ठीक हो जाती है।

13. पीपल शहद सवेरे शाम चाटने से बलगमी खाँसी ठीक हो जाती है।

14. लिसौडे दाने 14 जौ कूटकर 250 ग्राम पानी में भिगोकर रख दें सवेरे उबाल ले जब एक चौथाई रहे कुछ ठंडा करके गुनगुना पिला दें वात,पित से उत्पन्न जुकाम व सुखी खाँसी शर्तिया ठीक होती है। यह खाँसी की अद्वितीय औषधि है।

15. काकडासींगी के चूर्ण की पानी से चने के बराबर गोली बना ले 1-1 गोली सवेरे शाम सेवन करने से सब प्रकार की खाँसी ठीक हो जाती है।यह परिक्षित प्रयोग है।

16. बनफशा, ईसबगोल, लिहसौडिया,उन्नाव, बीहिदाना- प्रत्येक 5-5 ग्राम वंशलोचन, दालचीनी 30-30 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें 2-3 बार 1-1 ग्राम मुख मे रखकर चूसने से खाँसी नष्ट हो जाती है यह रामबाण औषधि है।

17. पान के पत्ते मे 1 ग्राम अजवाइन रखकर चबायें रस पी ले । सूखी खाँसी की यह अत्यंत लाभकारी है।

18.पिसी हुई हल्दी 3-3 ग्राम दिन मे 2-3 बार पानी से खाने से पुरानी से पुरानी खाँसी थोड़े ही दिनों मे ठीक हो जाती है।19. मुलहठी 40 ग्राम , कीकर का गोंद 40 ग्राम छोटी पीपल 10 ग्राम  सबको पीसकर शीशी में भरकर रख लें। फिर 1-2 ग्राम मुख में रखकर चूसे ।

फिर इसका चमत्कार देखें सब प्रकार की खाँसी ठीक हो जाती है।

20. मुन्नका के बीज निकाल कर 3 कालीमिर्च रख कर चबा कर सो जाये 6-7 दिनों मे खाँसी ठीक हो जाती है।

धन्यवाद!

गुरुवार, 6 अक्तूबर 2022

दुग्धिका|दुद्धी के गुण व उपयोग क्या क्या है? हिन्दी में.

 दुग्धिका|दुद्धी के गुण व उपयोग क्या क्या है? हिन्दी में.



#दुद्धी सामान्य घास नही दिव्य औषधि है।

दुग्धिका(Euphorbiaceae)Asthma-plant.

By:-DrVirenderMadhan.

>> दुग्धिका के अन्य नाम - 

नागार्जुनी,स्वादुपर्णी,विक्षीरिणी,दुद्धी ,केरई,दोहक, हजार दाना,

यह बहुशाखायुक्त रोमश क्षुप भुमि पर प्रसरणशील होता है इसकी पत्तियां तोडने से दूध निकलता है।पुष्प - फल वर्षा ऋतु में आते है.

#दुद्धी सामान्य धास नही है।

यह बहुत फायदेमंद घास होती है। इसका भी उपयोग उपचार और औषधि के रूप में किया जाता है। यह स्वाद में कड़वी होती है। दस्त, मुंहासे, दमा, शुगर, खुजली, गंजापन आदि जैसी बीमारियों में दूधी घास का इस्तेमाल किया जाता है।

#आयुर्वेद के अनुसार दुग्धिका के गुण:-

गुण- गुरु, रुक्ष, तीक्ष्ण

रस(स्वाद)- कटू, तिक्त, मधुर

विपाक- कटू

वीर्य(तासीर) - उष्ण

#दुद्धी का शरीर के संस्थानों पर कर्म :-

>> दोषकर्म :-(दोष वात,पित्त,कफ पर):-

यह कफ वात शामक है।

इस लिए इसका प्रयोग कफवात विकारों मे किया जाता है।

>> संस्थानिक कर्म बाह्य (External )--

यह जन्तुध्न, विषध्न और कुष्ठध्न है।

इसलिए इसका प्रयोग चर्मरोग मे लेप करने मे करते है।


>> आभ्यंतर(Internal)- पाचन संस्थान Digestive system:-

यह अनुलोमन, भेदन, कृमिनाशक है.

इसका प्रयोग उदर रोग, विबन्ध(Constipation), कृमि (Worms) मे करते है.

- अतिसार(Diarrhea)-

10 ग्राम दूधी को सुबह-शाम जल के साथ पीसकर पीने से अतिसार में लाभ होता है। कुछ दिनों तक सेवन करने से आंतों को बल मिलता है। अतिसार-दुग्धिका पञ्चाङ्ग का कल्क बनाकर, उसमें शर्करा मिलाकर प्रयोग करने से अतिसार में लाभ होता है। जलोदर (Ascites)-दूधी के पञ्चाङ्ग का अर्क, जलोदर के रोगी को पानी की जगह पिलाया जाय तो बहुत लाभ होता है।

- इसकी सूखी पत्तियों और बीजों को बच्चों को आंत की शिकायतों और कृमि से राहत के लिए दिया जाता है। मिश्री के साथ इस पौधे का रस शरीर को शीतलन प्रभाव देता है और शुक्रपात को भी ठीक करता है।

>> रक्तवह संस्थान Blood Circulatory System:-

यह उत्तेजक और रक्तशोधक है इसलिए हृदयदौर्बल्य, ,उपदंश, फिरंग आदि रक्तविकार के रोगों में इसका प्रयोग करते है।



>> श्वसन संस्थान Respiratory System :-

यह कफनिसारक और श्वास हर होता है इसीलिए यह कास और श्वास मे बहुत उपयोगी है. इसको पीस कर पानी में घोलकर पीने से श्वास मे मे आराम हो जाता है.

-नाक से खून निकलने पर दूधिया के चूर्ण में मिश्री मिलाकर सेवन करें.

>> मूत्रवहसंस्थान urinary system:-

यह मुत्रल है इसका प्रयोग मूत्रकच्छ, और पूयमेह मे लाभप्रद रहता है।

>> प्रजननसंस्थान - 

यह वृष्य और आर्तवजनन है।शुक्र मेह और रजोवरोध मे प्रयोग करने से रोगी ठीक होता है.यह बांझपन, नपुंसकता और शीघ्रपतन जैसी बीमारियों को भी दूर करती है.

>> त्वचा Skin :-

 यह कुष्ठध्न है विषध्न भी है।इसका प्रयोग त्वचा रोगों में लेप करने के लिए करते है.

प्रयोज्य अंग-Part for use:- 

पंचांग का प्रयोग करते है.

मात्रा :-

कल्क (पेस्ट)10 - 20 ग्राम

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

मंगलवार, 4 अक्तूबर 2022

पीठ में दर्द हो तो क्या करें पीठ दर्द का पक्का इलाज ?in Hindi.

 पीठ में दर्द हो तो क्या करें पीठ दर्द का पक्का इलाज ?in Hindi.



#पीठ दर्द का पक्का इलाज?

डा०वीरेंद्र मढान

कमर व पीठ का दर्द

Waist and backache

कमर व पीठ का दर्द आज के समय में एक सामान्य सी बात हो गयी है|   

आजकल Lifestyle की वजह से आज कल युवाओं में भी कमर दर्द काफी  देखने को मिलता हैं|


कमर के दर्द,गर्दन, कुल्हे, पाँव को भी प्रभावित करता है| 

यह दर्द कुल्हे और पैरों में भी जा सकता है| इस स्थिति में रोगी को लेटने, बैठने में भी परेशानी होने लगती है| कुछ लोगों को गर्दन में भी दर्द होने लगता है अर्थात रीढ़ की हड्डी से जुड़े सभी अंगों में दर्द होने लगता है|

#कमर दर्द होने पर क्या करें?

- पेन किलर का सेवन ना करें.

 पेन किलर के बहुत अधिक नुकसान होते हैं जैसे किडनी फेल, कोमा में जाना, लीवर में समस्या आदि| 

#क्यों उठता है कमर में दर्द

Why arises in waist?

 *मुख्य कारण 

1. आयु:- उम्र बढ़ना 

बढती उम्र में हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं.

2. ज्यादा वजन उठाना

3. कुआसन

गलत तरीके से  बैठना या लेटना.

4.  झुककर काम करते रहना.

5.  नरम गद्दों पर सोना या पडे रहना.

6.  चोट लगना.

7. कुर्सी पर लगातार बैठना रहना.

घरेलू उपाय

- गेहूं की रोटी और तिल का तेल

एक रोटी केवल एक ही तरफ से सकें और दूसरी तरफ से उसे कच्चा छोड़ दें| अब रात को सोते समय रोटी के कच्चे वाले हिस्से पर तिल का तेल लगायें और इस रोटी को अपनी कमर पर दर्द वाले हिस्से पर बांध लें और सो जाएँ| सवरे खोल दें. ऐसा करने से कुछ दिनों में दर्द गायब हो जायेगा.


- सरसों का तेल और लहसुन

दोनों से एक लेप(तैल)तैयार कर लें. इसके लिए आप आधा कटोरी सरसों के तेल 40 ग्राम,लहसुन की कलियाँ छीलकर डाल लें| अब इसमें एक से दो चम्मच अजवायन मिला लें|

हल्की आंच पर गर्म करें| तब तक इसको गर्म करें जब तक लहसुन और आजवायन काले ना पड़ जाएँ| अब इसे ठंडा होने पर प्रयोग में लाये.

- गर्म पानी की भाप लें

 कमर में दर्द उठे तो किसी बड़े बर्तन में पानी गर्म कर लें| अब एक नर्म और सुखा तौलिया लेकर गर्म पानी में डालें और उसे निचोड़ लें|प्रभावित अंग पर सेक करें.

- एलोवेरा के लड्डू बनाकर खाएं

 एलोवेरा जेल निकाल कर 4गुणा आटा मिला दें. इसको आप गाय के शुद्ध देसी घी में भून लीजिये और इसमें थोड़ी खांड मिला लीजिये| अब आपको इसके छोटे छोटे लड्डू बनाने हैं| 

रोजाना सुबह उठकर एक लड्डू का सेवन करें| एक महीने तक रोजाना सुबह खाली पेट इस लड्डू को खाने से पुराने से पुराना दर्द भी ठीक हो जाता है| यह नुस्खा एक चमत्कारी है.

एरण्ड, आक और धतूरे के पत्ते

- एरण्ड, आक और धतूरे के पत्ते 250-250 ग्राम पत्ते तीनों के ले लें| साफ करके पत्तों को कुटपीस कर रस निकाल कर रखले|इसे एक लीटर तिल में इन पत्तों के रस को पका लें| धीमी आंच पर इस मिश्रण को पकने दें| जब यह ठंडा हो जाए तो आप इसे किसी शीशी में भरकर भी रख लें

दर्द वाले हिस्से की मालिश  करने के बाद दर्द वाले हिस्से को किसी सूती कपडे से ढक लें| इस प्रकार आपको रोजाना इस तेल से मालिश करनी है| 


- काली मिर्च, लौंग और सूखी अदरक(सौठ)

 5 काली मिर्च लें और 5 ही लौंग ले लें| एक चौथाई चम्मच सौठ ले.इन्हें एक गिलास पानी में उबालें जब पानी आधा रहे.

इसमें से 30-30ml दिन में दो तीन बार लेने से दर्द में आराम मिलता है।

धन्यवाद!

शनिवार, 1 अक्तूबर 2022

क्या और कैसे करें अगर आपका ब्लडप्रेशर कम रहता है?हिंदी में.

 क्या और कैसे करें अगर आपका ब्लडप्रेशर कम रहता है?हिंदी में.

What and how to do if your blood pressure remains low? In Hindi.



#लो ब्लडप्रेशर|Hypotension

#DrVirenderMadhan.


Low blood pressure रोग,

रक्तभार कम होना| क्षीण व्याना कुंचन बल|Hypotension|बी०पी०कम होना आदि नामों से जाना जाता है।

यदि किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 90/60 से भी कम हो जाता है तो ऐसी स्थिति को निम्न रक्त चाप या लो ब्लड प्रेशर कहते हैं. मेडिकल की भाषा में इसे हाइपोटेंशन कहा जाता है. सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों में से कोई भी यदि अपने न्यूनतम स्तर से नीचे जाते हैं तो उसे लो ब्लड प्रेशर माना जाता है.


#Hypotension|रक्तभार कम होने के कारण?

- Medicine:-

ऐलोपैथिक की कई दवाई B.P. को कम कर देती है।

- संक्रमण Infection :-

कुछ रोगों के लम्बे समय तक चलने से बी पी कम हो जाता है जैसे टायफाइड मे।

- हृदय रोग के कारण :-

जैसे हार्टअटैक के समय,

-रक्तस्राव के कारण:-

 जैसे रक्तप्रदर ,बवासीर, पेपटिक अल्सर आदि रोगों में होता है।

- कुपोषण के कारण:-

कमजोरी, रक्ताल्पता, पानी की कमी मे,प्रोटीन न मिलने पर बी पी कम हो जाता है।

-अत्यधिक चिंता:-

अत्यधिक चिंता करने पर या गर्भावस्था में बी०पी०कम हो जाता है।

#बी०पी०कम होने के लक्षण क्या है?

-सिरदर्द होना।

-चक्कर आना,आंखों के आगे अंधकार का होना।

-थोड़े परिश्रम से थकान होना और सांस फुल जाना।

#कुछ अन्य कारण :-

- अधिक देर तक खडा रहने के काम के कारण,

- रक्तनलिकाओ के फुल जाने के कारण, 

-- लू लग जाने से,

- किडनी के रोग के कारण

- बहुत अधिक परिश्रम व चिन्ता से

- रोगी चुपचाप पडा रहता है

- मांसपेशियों में एंठन बनी रहती है।


#आयुर्वेदिक शास्त्रीय औषधियाँ:-

-बादाम पाक

1-1 चम्मच सवेरे शाम दूध से

-मकरध्वज वटी

1-1 गो सवेरे साय दूध से

-नवजीवन रस

1-1 गो सवेरे साय दूध से

-द्राक्षावलेह

1-1 चम्मच सवेरे शाम दूध से

- द्राक्षासव

3-3 चम्मच बराबर पानी मिलाकर सवेरे शाम

-ब्रह्मरसायन

1-1 चम्मच सवेरे शाम दूध से

-अश्वगंधा चूर्ण

1-1 चम्मच शहद मिलाकर सवेरे शाम दूध से

-अश्वगंधारिष्ट

3-3 चम्मच बराबर पानी मिलाकर सवेरे शाम

- च्वनप्राश

1-1 चम्मच सवेरे शाम दूध से

-लोहासव

3-3 चम्मच बराबर पानी मिलाकर सवेरे शाम

#पेटेंट आयुर्वेदिक औषधि :-

* ग्रोविटा सीरप:-

१-२ चम्मच सवेरे शाम ले।

* गुरु पुष्टि कैपशूल

1-2 सवेरे शाम दूध से.



# घरेलू अनुभूत योग:-

- देशी चना 50 ग्राम 40 किशमिश एक कटोरी पानी मे भिगोकर रख दें सवेरे


-चना,किशमिश खाले उपर से शेष पानी भी पी लें।

- 5-7 बादाम को पानी में भिगोकर रख दें सवेरे निकाल कर दूध के साथ खायें।

- सुखे आवलों का चूर्ण बराबर मिश्री मिलाकर कर रख लें रोज 1-1 चम्मच सवेरे शाम पानी से ले।

- आंवलों की रस मे शहद मिलाकर 1-1चम्मच रोज खाये.

- मौनव्रत करके कुछ देर लेटे रहने से बी०पी० ठीक हो जाता है।

- अच्छा हिंग मूंग के दाने बराबर 1गिलास छाछ मे मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।

#क्याकरे क्या न करें?

परहेज़:-

रोगी को प्रोटीन युक्त भोजन दे जैसे-दूध,अण्डे, पनीर, मक्खन सुरजमूखी के बीज,आदि 

धन्यवाद

#डा०वीरेंद्र मढान,