Guru Ayurveda

रविवार, 16 अक्तूबर 2022

मानसिक रोगों से बचने के लिए क्या करें?

 #मानसिक रोगों को कैसे पहचाने?

#मानसिक रोगों से बचने के लिए क्या करें?



#Dr.VirenderMadhan.

#मन के रोग

मनोविज्ञान में हमारे लिए असामान्य और अनुचित व्यवहारों को मनोविकार कहा जाता है। ये धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। 

मनोविकारों के कारण(कारक)क्या क्या है?

- आनुवांशिकता,

- कमजोर व्यक्तित्व, -सहनशीलता का अभाव, -बाल्यावस्था के अनुभव,   -तनावपूर्ण परिस्थितियां और इनका सामना करने की असामर्थ्य होना हैं।

एसी स्थितियां, जिन्हें हल कर पाना एवं उनका सामना करना किसी व्यक्ति को मुश्किल लगने लगता है, 

[उन्हें 'तनाव के कारक' कहते हैं।]

 तनाव किसी व्यक्ति पर ऐसी आवश्यकताओं व मांगों को थोप देता है जिसे पूरा करना वह अति दूभर और मुश्किल समझता है। इन मांगों को पूरा करने में लगातार असफलता मिलने पर व्यक्ति में मानसिक तनाव पैदा होता है।


#मानसिक रोग क्या है

जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं। मानसिक रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे रोज़मर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है।

#मानसिक रोग की पहचान कैसे करें?

तनाव की स्थिति में व्यक्ति को सिरदर्द और पीठ दर्द की समस्या होती है.

- नींद न आना,

- गुस्सा और हताशा का भाव होना,

- किसी एक चीज पर फोकस ना कर पाना,

- दूसरों को नजरअंदाज करना और अपने आप में रहना,   -उदास रहना, इसके प्रमुख लक्षण हैं.

#मानसिक स्वास्थ्य के लिये क्या करें?

- हमेशा निश्चित समय पर व्यायाम करें।

- अपने अच्छे शौक के काम को कुछ समय दें.

- बुरे शौक या आदत को छोड़ दें।

- आहार समय पर, ऋतु के अनुसार, और पौष्टिक भोजन ही करें.

 - अपने पूरे दिन का प्रोग्राम बनायें, व्यस्त रहे.

- बच्चों के साथ खेलें.

- तनाव के लिए हर्ब चाय लें

-प्रतिदिन शरीर की मालिस करें या कराये।

- तरक्की करने वाले पोजेटिव लोगों के साथ समय व्यतीत करें

-अपनी सोच को बदले 

यह मै कर सकता हूँ

I can do.

कोई काम ऐसा नही जो आदमी न कर सके

- सवरे जल्दी उठे ,जल्दी सोने की आदत बना लें.

-प्राणायाम करें,अपने इष्टदेव की प्रार्थना करें।

#अधिक मानसिक परेशानियों से कौन कौन सी बीमारी हो सकती है।

- मानसिक तनाव,अधिक दिनों तक रहने से भयंकर परिणाम भुगतने पडते है।

-रोगी को उच्च रक्तचाप (B.P.)बढने लगता है। लकवा जैसे वातरोग हो सकते है।

-हृदय रोग हो सकता है।

-डाइबिटीज होता है।

धन्यवाद!

शनिवार, 15 अक्तूबर 2022

छाती मे जलन व खट्टी डकारें आती है तो क्या करें क्या न करें?

 #छाती मे जलन व खट्टी डकारें आती है तो क्या करें क्या न करें?

#खट्टे डकारें क्यों आती है?

 #एसिडिटी(अम्लपित्त) में आयुर्वेदिक औषधि ही कारगर है.



[अम्लपित्त|एसिडिटी|खट्टी डकारें|छाती मे जलन|हार्टबर्न|तेजाब बनना]

By:-Dr.Virender Madhan.

खट्टी डकारें,छाती मे जलन होने को एसिडिटी (अम्लपित्त)कहते है।

- एसिडिटी को चिकित्सकीय भाषा में गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (GERD) कहते है। 

- आयुर्वेद में इसे 'अम्ल पित्त' कहते हैं।हमारे शरीर में तीन दोष हैं वात, पित्त और कफ। इनमें संतुलन रहता है तो शरीर सामान्य स्थिति में रहता है। जब शरीर की जठराग्नि में विकृति आ जाती है तो गैस या एसिडिटी की समस्या पैदा होती है।

- आमाशय के भित्ति में उपस्थित जठर ग्रंथियों के द्वारा जठराम्ल (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल) का स्राव किया जाता है पाचन के लिए आवश्यक है।

आमाशय तथा भोजन नली के जोड पर विशेष प्रकार की मांसपेशियां होती है जो अपनी संकुचनशीलता से आमाशय एवं आहार नली का रास्ता बंद रखती है तथा कुछ खाते-पीते ही खुलती है। जब इनमें कोई विकृति आ जाती है तो कई बार अपने आप खुल जाती है और एसिड तथा पेप्सिन भोजन नली में आ जाता है। जब ऐसा बार-बार होता है तो आहार नली में सूजन तथा घाव हो जाते हैं।

लक्षण:-

एसिडिटी का प्रमुख लक्षण है 

-रोगी के सीने या छाती में जलन होना।

अनेक बार एसिडिटी की वजह से सीने में दर्द और मुंह में खट्टा पानी आता है। जब यह परेशानी बार-बार होती है तो बडी समस्या का रूप धारण कर लेती है। रात्रि में सोते समय इस तरह की शिकायत ज्यादा होती है। कई बार एसिड भोजन नली से सांस की नली में भी पहुंच जाता है, जिसके कारण रोगी को दमा या खांसी की हो सकती है। कभी-कभी मुंह में खट्टे पानी के साथ खून भी आ सकता है।

तीखा भोजन, मानसिक तनाव लेने के कारण भी हमारे शरीर में पित्त बढ़ता है। इसके अलावा खट्टी चीजें, गर्म तासीर, सिरके से बनी चीजों का अधिक सेवन करने वाले लोगों के शरीर में पित्त बढ़ जाता है।

पित्त दोष (Pitta Dosha) वाले लोगों को पेट में एसिडिटी और कब्ज (Acidity and Constipation ) की समस्या बनी रहती है. पित्त दोष होने पर खाना अच्छी तरह से पाचन नहीं हो पाता है. स्वस्थ रहने के लिए शरीर में पित्त का संतुलन होना जरूरी है. ऐसे लोगों को खाने में ठंडी और मीठी चीजों का सेवन करना चाहिए

#एसिडिटी होने पर क्या करें उपाय?

- 1ग्राम मुलहठी को 1 लीटर पानी डालकर गर्म करके पिलाने से वमन होगी जिससे शीध्र ही आराम मिल जाता है।

- अम्लपित्त रोग में मृदु विरेचन  देना चाहिए। इसके लिये 

-त्रिफला का प्रयोग या 

- दूध के साथ गुलकंद का प्रयोग या

- दूध में मुनक्का उबालकर सेवन करना चाहिए। 

- मानसिक तनाव कम करने हेतु योग, आसन एवं औषध का प्रयोग करें। 

- अम्लपित्त रोगी को मिश्री, आँवला, गुलकंद, मुनक्का आदि मधुर द्रव्यों का प्रयोग करना चाहिए।

#आयुर्वेदिक औषधियां-

- अविपत्तिकर चूर्ण
- सुतशेखर रस 
- लधूसुतशेखर रस
- नारियल खण्ड

आयुर्वेदिक चमत्कारिक औषधि

- बडी हरड ,शहद या गुड 6-6 ग्राम खाने से अम्लपित्त नष्ट हो जाता है।
- सुखा घनिया ,सौठ 10 - 10 ग्राम ,400 ग्राम पानी मे पका कर 100 ग्राम शेष रहने पर  शहद मिलाकर पीने से अम्लपित्त नष्ट हो जाता है।


#एसिडिटी में कौन सा फल खाना चाहिए?

*केला- कैल्शियम, फाइबर रिच केला गैस तेजाब से राहत पाने में काफी फायदेमंद होता है

*तरबूज खाने से भी अम्लपित्त मे शान्ति मिलती है।

*कीवी भी लाभदायक है।

*अंजीर,खीरा,स्ट्रॉबेरी खट्टे डकार जलन मे आराम देते है।

क्या न खायें?



परहेज़:-

- दिन मे सोना, रात मे जागना रोगों को बढाता है।

- आचार या बहुत ज्यादा नमक और सिरके वाली चीजें न खाये.

 - टमाटर का रस या चटनी खाना भी आपकी परेशानी बढ़ा सकता है.

 - मिर्च मसाले न खायें।

 - नशा, शराब आदि पीने से अम्लपित्त बढ जाता है।

धन्यवाद!

शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2022

पेट में कीडे बन गये तो क्या करें उपाय?हिंदी में.

 पेट में कीडे बन गये तो क्या करें उपाय?हिंदी में.

#pet main kide bangaye  to kya kere?



#उदर- कृमि के 10 घरेलू उपाय.

* 10 home remedies for stomach worms.

#Treatment of worms:-

By:- DrVirenderMadhan.

Kidon ka ilaz.

1- बायविडंग 10 ग्राम

कमेला 10 ग्राम

ढाक के बीज 10 ग्राम इन सबको बारीक चूर्ण बना कर 

सबके भार से दोगुना पुराना गुड मिला कर 10 -10 ग्राम सवरे शाम गर्म पानी से 4-5 दिन खाने के बाद छठवें दिन गोदुग्ध मे कास्ट्रायल 20 -30 ग्राम डाल कर पिलायें।इससे दस्त होकर कीडे बाहर निकल जायेंगे।इसके बाद 2ग्राम बायविडंग चूर्ण 11 दिन तक शहद मे चटाने से फिर से कीडे नही होते है।

2- नीबूं के पत्तों का रस 10 ग्राम ,शहद 10 ग्राम मिलाकर 15-20 दिनों तक पीने से उदर के कीडे मर जाते है।

3- बडी हरड का छिलका 10 ग्राम सोते समय गर्म पानी से 3-4 दिन लेने से पेट के कीडे मर जाते है।

4- एरण्ड के पत्तों का 8-9 ग्राम रस पीने से पेट के कीडे मर जाते है। यह रस गुदा पर लगाने से चून्ने मर जाते है।

5- एक सप्ताह लगातार गाजर खाने से पेट के कीडे मर जाते है।



6- बच्चों को.5 मि०ली० नारियल तेल पीलाने से कीडे मर जाते है।

7- खट्टी दही मे नमक मिलाकर पीने से कृमि नष्ट हो जाते है।

8- प्याज का रस पीलाने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट हो जाते है।

9- खुरासानी अजवाइन एक प्रसिद्ध कृमिनाशक औषधि है।

10-नीम के पत्ते का रस शहद मे मिलाकर पीने से कीडे नष्ट हो जाते है।

नोट:- कोई भी औषधि प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरुर करें

धन्यवाद!

#गरु आयुर्वेद फरीदाबाद.

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2022

आयुर्वेदिक दवा से मोटापा कैसे दूर करें ?In hindi.

 मोटापा दूर कैसे करें?

#आयुर्वेदिक दवा से मोटापा कैसे दूर करें ?In hindi.

#Charbi kaise kam kere?



>> Obesity treatment|मोटापे का ईलाज|

#DrVirenerMadhan.

मोटापा-

शरीर में अत्यधिक वसा के कारण होने वाला विकार है जो स्वास्थ्य को खराब कर देता है.अनेक बीमारियों को जन्म देता है।

मोटापा- खर्च होने वाली कैलोरीज़ से ज़्यादा कैलोरीज़ लेने के कारण बढ़ता है.

#मोटापे के सामान्य लक्षण:-

-Motape ke samanya lakshan,

 - जोड़ या पीठ मे  दर्द होना.

 - वजन ज़्यादा होना, 

- खर्राटे आना, 

- तोंद का बढना,

- थकान रहना, या 

- बहुत ज़्यादा खाना मोटापे के  सामान्य लक्षण हो सकते है।



मोटापे के मुख्य लक्षण निम्न प्रकार से हैं। :-

- सांस फूलना – 

बार-बार साँस फूलने की समस्या का होना मोटापे का लक्षण है जो कई कारणों से हो सकता है और कई रोगों का कारण बनता है।

- पसीना में वृद्धि – 

अचानक से बार-बार पसीना आना 

वजन बढना

- बिना कोशिश करे वजन बढना।

#मोटापे का आयुर्वेद मे कैसे उपचार कर सकते है?

- शारिरिक स्थूलता को दूर करने के लिए कुछ सावधानियां करनी पड़ती है जैसे-


#आहार में सावधानी:-

-पुराने चावल, मुंग, कुलथी, वनकोदों आदि अन्नो का हमेशा प्रयोग करना चाहिए।

#कर्म-

बस्तिकर्म, चिन्ता ,व्यायाम, धुम्रपान , उपवास, रक्तमोक्षण,

कठोर स्थान पर सोना, तमोगुण का त्याग करना चाहिए।

* आहार विहार मे संयम रखें।

* पहला भोजन पचाने के बाद ही दोबारा भोजन करें 

बार बार थोडी थोड़ी देर में भोजन न करें।

- परिश्रम, मार्गगमन यानि पैदल खुब चले।

- मधु का सेवन करें, रात्रि जागरण करें।

- पतिदिन अन्नो का माण्ड बनाकर पीयें।

- वायविंडग, सौठ, जवाखार, कालेलोहे का मण्डुर ,और मधु का सेवन करें।

- आंवला और यवचूर्ण  मिलाकर कर खाने से मोटापा दूर होता है।

- चव्य,जीरा,त्रिकटु (सौठ, कालीमिर्च, पीपल),हिंग, कालानमक, चित्रक, इन सबके चूर्ण बना कर सत्तु मे मिला लें फिर इसे दही के पानी (दही नही) के साथ प्रयोग करने से चर्बी नष्ट हो जाती है।

#एक मोटापा नष्ट करने का महायोग:-

त्रिकटु(सौठ, कालीमिर्च, पीपल), सहजन की जड,त्रिफला, कटुकी, कटहरी, हल्दी, दारुहल्दी, पाठा, अतीस, शालवन, केतकी की जड, अजवाइन, चित्रक, कालानमक, कालाजीरी, हाऊबेर, इन सबका चूर्ण बना लें।

बाद मे

1भाग चूर्ण

1भाग धी

1भाग मधू

16 भाग यव का सतू (जौ का सतू) इसको किसी रुचि कर शीतल पेय के साथ पान करें

*इसके प्रयोग से 

प्रमेह,मूढवात, कुष्ठ, अर्श, कामला, पाण्डू रोग, प्लीहा सूजन, मूत्रकृच्छ,  अरोचकति,  हृदय सम्बंधित रोग, क्षयरोग, खाँसी , श्वास रोग, गलग्रह ,कृमि, ग्रहणी ,शैत्य यानि शीतका प्रकोप, मोटापा जैसे कठिन रोगों को शीध्र ही उन्मूलन कर देता है।

[यह योग “रावण संहिता” के “रोग चिकित्सा ज्ञान" से लिया है]

इस योग से क्षुधाग्नि , शक्ति, बुध्दि, तथा स्मरणशक्तिभी बढती है।

किसी भी चिकित्सा करनेसे पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर करें.

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

बुधवार, 12 अक्तूबर 2022

सफेद दाग को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?In hindi.

 #सफेद दाग को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?In hindi.

शरीर पर सफेद दाग हो जाये तो क्या करें?



By:-DrVirenderMadhan.

#श्वेत कुष्ठ|सफेद दाग|#फुलबहरी| (Leukoderma / #ल्यूकोडर्मा

#फुलबहरी (सफेद दाग)को जड से ठीक करने के लिए 1 घरेलू उपाय:-

- 125 ग्राम बाबची के बीज किसी कांच या चीनीमिट्टी के बर्तन मे डालकर गोमूत्र से डूबा कर 12 दिन तक रखें बीच बीच मे मूत्र बदलते रहे 13वें दिन निकाल कर पानी से धोकर छिलका उतार दें धूप में अच्छी तरह सुखा कर चूर्ण कर ले फिर उसमें शुद्ध गंधक मिला कर रखलें।

जरूरत होने पर रोगी को6-6 ग्राम चूर्ण मे दोगुना शहद मिला कर चाटायें 

दिन मे जब.पानी पीये तो गंगाजल डालकर पीयें।

इस योग से शीतपित्त भी ठीक हो जाती है।



क्या करें सावधानी:-

- तांबे के बर्तन म पानी रख कर पीऐ.

- दागो पर नारियल का तेल लगाएं.

- बाबची के बीच का गोमूत्र मे लेप बना कर लगायें।

-छाछ मे नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर दागों पर लेप करें।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान

गुरु आयुर्वेद फरिदाबाद.

सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

अगर जुकाम-नजला है तो कैसे करें उपचार. हिंदी में.

 अगर जुकाम-नजला है तो कैसे करें उपचार. हिंदी में.

प्रतिश्याय|जुकाम।सरदी|पीनस रोग।Rhinitis|जुकाम



By:- DrVirenderMadhan.

#जुकाम का रोग परिचय, कारण, एवं लक्षण:-

बहती हुई नाक तथा आंखों में खुजली होना हवा में उपस्थित दूषित कण एलर्जी का कारण बनते है जो सांस के द्वारा अन्दर खीच जाते है।शरीर में प्रतिरोधक शक्ति के कारण रोगी को बार बार छिकें आती है।

प्रतिश्याय दो प्रकार से होता है

1- सद्दोजनक ( जिसमे तुरंत रोग उत्पन्न होता है)

2- संचयक्रम से उत्पन्न होकर, जिससे दोष संचय होकर कुपित होता है.

अन्य या सहायक कारण:-

मल,मूत्रादि का वेग रोकना ,अजीर्ण, नाक मे धूल जाना, बहुत अधिक बोलना, अतिक्रोध करना, ऋतु परिवर्तन, रात्रि जागरण व दिन में सोना के कारण, अत्यधिक जल पीना,सर्दी लगने के कारण, ओस मे रहने से, अत्यधिक रोने से, शोक करनेसे जुकाम शुरू हो जाता है।

प्रतिश्याय के लक्षण:-

* छिकें आना.

* सिर मे बोझा होना.

* अंग जकडन

* रोंगटे खड़े होना.

* नाक मे धूवाँ सा भरना.

*नाक मुंह से स्राव होना.

प्रतिश्याय 18 प्रकार का होता है.

1. वातज प्रतिश्याय

2. पित्तज प्रतिश्याय

3. कफज प्रतिश्याय

4. सन्निपातज प्रतिश्याय

5. रक्तज प्रतिश्याय

6. पीनस या दूष्ट प्रतिश्याय

7. पतिनाश प्रतिश्याय

8. नाशार्श प्रतिश्याय

9.भ्रंशथु प्रतिश्याय

10. क्षवथु प्रतिश्याय

11. नासानाह प्रतिश्याय

12. पूतिरक्त प्रतिश्याय

13. अर्बुद प्रतिश्याय

14. दूष्ट पीनस प्रतिश्याय

15.नाशाशोथ प्रतिश्याय

16. घ्राण पाक प्रतिश्याय

17. पूयस्राव प्रतिश्याय

18. दिप्तक प्रतिश्याय

जुकाम (प्रतिश्याय) के लिये 20 घरेलू अनुभूत प्रयोग:-

- गरम दूध में 10-12 कालीमिर्च और मिश्री मिलाकर पीने से सिर का भारीपन,कफ व जुकाम से आराम हो जाता है।

- वायविंडग, सैंधानमक, हींग, गुग्गुल, मैनसिल, और वच बारीक पीसकर छान लें। इस चूर्ण को सुंघाने से प्रतिश्याय नष्ट हो जाता है।

- अदरक रस व शहद 6-6 ग्राम मिलाकर चाटने से जुकाम दूर हो जाता है।

- बडी हरड का छिलके का बारीक चूर्ण 6 ग्राम बराबर शहद मे मिलाकर चाटने से प्रतिश्याय ठीक हो जाता है।

- बन्फशा का शर्बत 25 ml मात्रा में सेवन करने से गरमी का नजला ,जुकाम ठीक हो जाता है।

-  सतू मे घी तैल मिलाकर आग मे डालकर रोगी को धुंवा देने से  हिचकी, प्रतिश्याय, खाँसी ठीक होती है

- इमली के पत्तों का काढा बनाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।

- काले जीरे के सुंघने से जुकाम मे आराम मिल जाता है।

-दशमुल का काढा जुकाम के लिये बहुत लाभदायक है।

- गुड मे अदरक मिलाकर खाने से प्रतिश्याय ठीक हो जाता है।

- जुकाम अन्दर ही सुख जाने पर मिश्री युक्त दूध पीयें साथ मे वच का चूर्ण सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।

- अनार के फूलों का रस अथवा

दूब का रस अथवा गुलाब जल सूंधने से जुकाम के साथ नाक से रक्त आना भी बन्द हो जाता है।

- कालीमिर्च, मुन्नका, मिश्री, और मुलहठी बराबर मात्रा में लेकर 1-1 ग्राम की गोली बना लें.2-2 गोली सवेरे शाम खाने से सब प्रकार की जुकाम, खाँसी ठीक हो जाती है।

-रूमाल मे कपूर रखकर सूंधने से राहत मिल जाती है।

- सौठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल समान मात्रा मे लेकर चूर्ण बनाकर चौगुणा गुड मिलालें 500 mg.की गोली बना ले. सवेरे शाम खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।

-कालीमिर्च, हल्दी, कालानमक आधा आधा चम्मच 250 ग्राम पानी मे डालकर उबालें जब 125 ग्राम रह जाय तो गुणगुणा रोगी को पीलायें तो सर्दी, जुकाम ठीक हो जाता है।

- सुखी तुलसी के पत्तों का काढा नाक मे कुछ बूंदें टपकाने से नजला जुकाम ठीक होता है।

धन्यवाद!

#डा०वीरेंद्र_मढान.

शनिवार, 8 अक्तूबर 2022

खाँसी की 20 चमत्कारिक घरेलू व आयुर्वेदिक औषधियाँ,हिंदी में।

 खाँसी की 20 चमत्कारिक घरेलू व आयुर्वेदिक औषधियाँ,हिंदी में।



#डा०वीरेंद्र मढान.

#खाँसी, कास के 20 उपाय:-

1.बाँसे के हरे पत्तों का रस 10 ग्राम,शहद 10 ग्राम दोनों को मिलाकर थोड़ा थोड़ा चाटने से खाँसी नष्ट हो जाती है।

2. बहेडे के छिलके, पीपल छोटी - दोनों बराबर बराबर लेकर बारीक चूर्ण बना लें. 1-1 ग्राम लेकर शहद मे मिला कर रोगी को चटायें। यह खाँसी की अद्भुत दवा है।

3. केवल बहेडे के छिलक को चूसने से खाँसी ठीक हो जाती है।

4. 10 ग्राम गुड मे 20 ग्राम घी मिलाकर खाने से सूखी खांसी ठीक हो जाती है।

5. सरसौ के 10 ग्राम तैल मे 10 ग्राम गुड मिलाकर 21 दिन खिलाने से खाँसी और हर प्रकार का दमा दूर हो जाता है।

6.गर्म दूध 400 ग्राम गरमागरम जलेबी खाने से सुखी खाँसी जड से ठीक हो जाती है।

7. गुदा पर दिन में3-4 बार सरसों का तैल लगाने से खाँसी ठीक हो जाती है।

8. 250 ग्राम पानी में 10 ग्राम गेहूं डालकर उबालें 80 ग्राम रहने पर छानकर 1ग्राम नमक मिलाकर पीने से हर प्रकार की खाँसी ठीक हो जाती है।

9. शहद 10 ग्राम सौठ 2 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण 1 ग्राम मिलाकर सवेरे शाम चटने से बलगम वाली खाँसी ठीक हो जाती है।

10. कालीमिर्च चूर्ण 50 ग्राम मे 200 ग्राम गुड कूटपीसकर मिलाकर आधा आधा ग्राम की गोली बना लें 1-1 गोली दिन में3-4 बार चूसने से हर प्रकार की खाँसी ठीक हो जाती है।

11. मदार के 3-4 सूखे पत्ते जलाकर राख कर लें रात को 1गिलास पानी मे धोलकर रख दें सवेरे छानकर 30-40 मि०ली० पीने से खाँसी ठीक हो जाती है यह अचूक और चमत्कारिक औषधि है।

12. छोटी पीपल 1ग्राम शहद 6ग्राम मे मिलाकर रात्रि में चाटकर सो जाये खाँसी ठीक हो जाती है।

13. पीपल शहद सवेरे शाम चाटने से बलगमी खाँसी ठीक हो जाती है।

14. लिसौडे दाने 14 जौ कूटकर 250 ग्राम पानी में भिगोकर रख दें सवेरे उबाल ले जब एक चौथाई रहे कुछ ठंडा करके गुनगुना पिला दें वात,पित से उत्पन्न जुकाम व सुखी खाँसी शर्तिया ठीक होती है। यह खाँसी की अद्वितीय औषधि है।

15. काकडासींगी के चूर्ण की पानी से चने के बराबर गोली बना ले 1-1 गोली सवेरे शाम सेवन करने से सब प्रकार की खाँसी ठीक हो जाती है।यह परिक्षित प्रयोग है।

16. बनफशा, ईसबगोल, लिहसौडिया,उन्नाव, बीहिदाना- प्रत्येक 5-5 ग्राम वंशलोचन, दालचीनी 30-30 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें 2-3 बार 1-1 ग्राम मुख मे रखकर चूसने से खाँसी नष्ट हो जाती है यह रामबाण औषधि है।

17. पान के पत्ते मे 1 ग्राम अजवाइन रखकर चबायें रस पी ले । सूखी खाँसी की यह अत्यंत लाभकारी है।

18.पिसी हुई हल्दी 3-3 ग्राम दिन मे 2-3 बार पानी से खाने से पुरानी से पुरानी खाँसी थोड़े ही दिनों मे ठीक हो जाती है।19. मुलहठी 40 ग्राम , कीकर का गोंद 40 ग्राम छोटी पीपल 10 ग्राम  सबको पीसकर शीशी में भरकर रख लें। फिर 1-2 ग्राम मुख में रखकर चूसे ।

फिर इसका चमत्कार देखें सब प्रकार की खाँसी ठीक हो जाती है।

20. मुन्नका के बीज निकाल कर 3 कालीमिर्च रख कर चबा कर सो जाये 6-7 दिनों मे खाँसी ठीक हो जाती है।

धन्यवाद!