Guru Ayurveda

बुधवार, 5 जुलाई 2023

शहद खाने के 5 फायदे व नुकसान इन हिंदी.

 शहद खाने के 5 फायदे व नुकसान इन हिंदी.

#आयुर्वेद में शहद के 5 गुण

आयुर्वेद में शहद को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है और इसे अनेक गुणों से युक्त माना जाता है। यहां पांच मुख्य गुण हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए:

**रसायनिक गुण (Rasayana Properties):–

 शहद को रसायनिक गुणों से युक्त माना जाता है, जो शरीर को बल, प्रतिरक्षा और यौवन देते हैं। इसका नियमित सेवन शरीर की संतुलित गतिविधियों को सुनिश्चित करने में मदद करता है और स्वस्थ्य और विटामिन की वृद्धि को बढ़ाता है।

**ज्वरनाशक गुण (Jwaranashak Properties):–

 शहद को ज्वरनाशक गुणों से भी जाना जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो अणुओं और पैथोजेनों के खिलाफ लड़ते हैं और शरीर को ज्वर के खिलाफ लड़ने में मदद करते हैं।

**पाचनशक्ति (Pachanashakti):–

 शहद पाचनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है और पाचन तंत्र को संतुलित रखने में सहायता प्रदान करता है। यह आमतौर पर पाचन को सुधारने, अपच, एसिड

लेकिन अत्यधिक पाचन बिगडऩे पर शहद अपने चिकित्सक की सलाह लेकर ही प्रयोग करें अन्यथा हानि की अधिक सम्भावना होती है,थोड़ी मात्रा में लेने से पाचनशक्ति को नियंत्रित करने, अम्लपित्त, एसिडिटी और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।

** प्रतिश्यायशोधक (Pratishyayashodhak):–

कफ नाशक होने से शहद श्वासनली संबंधी समस्याओं, जैसे साइनसाइटिस, जुकाम, कफ और गले में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। यह श्वासनली को साफ़ करने, नाक संक्रमण को दूर करने और श्वासनली की संरक्षण शक्ति को बढ़ाने में सहायता प्रदान करता है।

** पुरिफायर (Purifier):–

शोधनकर्म करने से शहद शरीर की स्नायुओं, रक्त और त्वचा को शुद्ध करने में मदद कर सकता है। यह आंत्र, रक्तमांश, मूत्रमार्ग, त्वचा और विभिन्न अंगों की परिष्कृति को बढ़ावा देता है और शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करने में मदद करता है।

> ये थे कुछ मुख्य गुण जो आयुर्वेद में शहद को संबोधित करते हैं। आपको ध्यान देना चाहिए कि ये गुण व्यक्ति के शरीर और प्रकृति पर निर्भर कर सकते हैं, 


#शहद के5 नुकसान:-

  शहद (हनी) एक प्राकृतिक पदार्थ है जिसे बहुत सारे लोग मिठास के स्वाद के लिए उपयोग करते हैं। यह असाधारण औषधीय गुणों के साथ-साथ शरीर के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में शहद का उपयोग नुकसानकारी भी हो सकता है। यहां शहद के कुछ नुकसानों की एक सूची है:

* मधुमेह के लिए खतरा:–

 शहद में मिठाई की मात्रा उच्च होती है और इसलिए मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी को इसका सेवन संख्याग्रहण के साथ करना चाहिए। इसलिए, मधुमेह के लिए शहद का उपयोग करने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श करना अच्छा रहेगा।

*शहद के संक्रमण का खतरा:– 

यदि शहद न सही ढंग से उपयोग किया जाए, तो इसमें बैक्टीरिया, वायरस और अन्य पथोजनों के संक्रमण का खतरा हो सकता है। विशेष रूप से, बच्चों, अधिक उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं और इम्यूनोकंप्रोमाइज़्ड व्यक्तियों को शहद के सेवन के संबंध में सतर्क रहना चाहिए।

*अलर्जी की संभावना:–

 कुछ लोगों को शहद के प्रति अलर्जी हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को शहद खाने पर चुभन, त्वचा में खुजली, चकत्ते या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण आते हैं, तो उन्हें शहद का सेवन बंद करना चाहिए और चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

*बच्चों के लिए खतरा:–

 शहद को बच्चों के अल्पाहार में देने से पहले विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। शहद में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो छोटे बच्चों के अवयस्क प्रणाली के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए, बच्चों को शहद का सेवन करवाने से पहले उचित साफ-सफाई और परामर्श करना जरूरी होता है।

* शहद की अधिक मात्रा से परेशानियाँ:–

 शहद में मिठाई की मात्रा उच्च होती है, जिसके कारण अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से पेट संबंधी अवस्थाओं जैसे अपाच, पेट में गैस, डायरिया या वजन बढ़ने की संभावना हो सकती है। इसलिए, शहद का सेवन करते समय मात्रा का ध्यान रखना चाहिये,

**शहद में विषाक्तता:–

 शहद को सफाई और गुणवत्ता के साथ लेना महत्वपूर्ण है। यदि शहद में विषाक्तता हो, तो इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले प्रमाणित या संग्रहीत शहद का उपयोग करें और अनधिकृत या असंकेतित स्रोतों से दूर रहें।

**शहद के वजन बढ़ने का खतरा:–

 शहद में मिठास होती है, और यदि आप अधिक मात्रा में शहद का सेवन करते हैं, तो आपका वजन बढ़ सकता है। शहद को एक सेहतमंद आहार का हिस्सा मानते हुए, उसका सेवन मात्रा को नियंत्रित रखें और एक संतुलित आहार पर ध्यान रखें। अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से अतिरिक्त कैलोरी मिलती है जो आपके वजन में वृद्धि का कारण बन सकती है।

** शहद का दांतों पर असर:–

 यदि आप अधिक मात्रा में शहद का सेवन करते हैं, तो इसका दांतों पर असर हो सकता है। शहद में मिठास होती है जो कैरीएस विकृति (दांतों की खराबी) का कारण बन सकती है। इसलिए, शहद के सेवन के बाद अच्छे दांतों की सफाई और देखभाल करना महत्वपूर्ण है।

**गर्भवती महिलाओं के लिए असुरक्षित:–

 गर्भवती महिलाओं को शहद का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। शहद में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो गर्भवती महिला और बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। सावधानी बरतने के लिए, गर्भवती महिलाएं शहद की जगह अन्य सुरक्षित विकल्पों का उपयोग कर सकती हैं।

यदि आपको शहद के सेवन के संबंध में किसी विशेष चिकित्सा सलाह की जरूरत होती है, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। वे आपको विशेष रूप से आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले निर्देश और सलाह प्रदान कर सकते हैं। यह आपके व्यक्तिगत स्थिति और स्वास्थ्य पर आधारित होगा।

>>ध्यान देने योग्य बातें:–

शहद को सदा से बारे में एक पेशेवर चिकित्सक से परामर्श करना सुनिश्चित करें। वे आपको विशेष तरीकों के साथ अपनी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर सही दिशा निर्देशित करेंगे।

शहद का सेवन मात्रा को नियंत्रित करें और अधिकता से बचें। अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से पहले, अपने चिकित्सक की सलाह लें और अपने आहार योजना को उपयुक्त रूप से नियंत्रित करें।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

सोमवार, 3 जुलाई 2023

चर्बी दूर कैसे करें? In hindi

 चर्बी दूर कैसे करें? In hindi


मोटापा दूर कैसे करें?

#रावण का मेदोबृद्विहर आयुर्वेदिक योग

#मोटापा आयुर्वेदिक दवा से कैसे दूर करें ?In hindi.

#Charbi kaise kam kere?

>> Obesity treatment|मोटापे का ईलाज|

#DrVirenerMadhan.

मोटापा-

शरीर में अत्यधिक वसा के कारण होने वाला विकार है जो स्वास्थ्य को खराब कर देता है.अनेक रोगों को जन्म देता है।

मोटापा- 

खर्च होने वाली कैलोरीज़ से ज़्यादा कैलोरीज़ लेने के कारण बढ़ता है.

#मोटापे के सामान्य लक्षण:-

-Motape ke samanya lakshan,

-चलने मे सांस फुलना,

-भुख अधिक लगना,

 - जोड़ या पीठ मे  दर्द होना.

 - वजन ज़्यादा होना, 

- खर्राटे आना, 

- तोंद का बढना,

-अधिक पसीना आना,

- थकान रहना, या 

- बहुत ज़्यादा खाना मोटापे के  सामान्य लक्षण हो सकते है।



#मोटापे के मुख्य लक्षण निम्न प्रकार से हैं। :-

- सांस फूलना – 

बार-बार साँस फूलने की समस्या का होना मोटापे का लक्षण है जो कई कारणों से हो सकता है और कई रोगों का कारण बनता है।

- पसीना में वृद्धि – 

अचानक से बार-बार पसीना आना 

- बिना कोशिश करे वजन बढना।

#मोटापे का आयुर्वेद मे कैसे उपचार कर सकते है?

- शारिरिक स्थूलता को दूर करने के लिए कुछ सावधानियां करनी पड़ती है जैसे-

#आहार में सावधानी:-

-पुराने चावल, मुंग, कुलथी, वनकोदों आदि अन्नो का हमेशा प्रयोग करना चाहिए।

#कर्म-

बस्तिकर्म, चिन्ता ,व्यायाम, धुम्रपान , उपवास, रक्तमोक्षण,

कठोर स्थान पर सोना, तमोगुण का त्याग करना चाहिए।

* आहार विहार मे संयम रखें।

* पहला भोजन पचाने के बाद ही दोबारा भोजन करें 

बार बार थोडी थोड़ी देर में भोजन न करें।

- परिश्रम, मार्गगमन यानि पैदल खुब चले।

- मधु का सेवन करें, रात्रि जागरण करें।

- पतिदिन अन्नो का माण्ड बनाकर पीयें।

- वायविंडग, सौठ, जवाखार, कालेलोहे का मण्डुर ,और मधु का सेवन करें।

- आंवला और यवचूर्ण  मिलाकर कर खाने से मोटापा दूर होता है।

- चव्य,जीरा,त्रिकटु (सौठ, कालीमिर्च, पीपल),हिंग, कालानमक, चित्रक, इन सबके चूर्ण बना कर सत्तु मे मिला लें फिर इसे दही के पानी (दही नही) के साथ प्रयोग करने से चर्बी नष्ट हो जाती है।

#एक मोटापा नष्ट करने का महायोग:-

त्रिकटु(सौठ, कालीमिर्च, पीपल), सहजन की जड,त्रिफला, कटुकी, कटहरी, हल्दी, दारुहल्दी, पाठा, अतीस, शालवन, केतकी की जड, अजवाइन, चित्रक, कालानमक, कालाजीरी, हाऊबेर, इन सबका चूर्ण बना लें।

बाद मे

1भाग चूर्ण

1भाग धी

1भाग मधू

16 भाग यव का सतू (जौ का सतू) इसको किसी रुचि कर शीतल पेय के साथ पान करें



*इसके प्रयोग से 

प्रमेह,मूढवात, कुष्ठ, अर्श, कामला, पाण्डू रोग, प्लीहा सूजन, मूत्रकृच्छ,  अरोचकति,  हृदय सम्बंधित रोग, क्षयरोग, खाँसी , श्वास रोग, गलग्रह ,कृमि, ग्रहणी ,शैत्य यानि शीतका प्रकोप, मोटापा जैसे कठिन रोगों को शीध्र ही उन्मूलन कर देता है।

[यह योग रावण संहिता के रोग चिकित्सा ज्ञान से लिया है]

इस योग से क्षुधाग्नि , शक्ति, बुध्दि, तथा स्मरणशक्तिभी बढती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.

शनिवार, 1 जुलाई 2023

हृदय रोग के लक्षण और उपचार इन हिंदी.

 हृदय रोग के लक्षण और उपचार इन हिंदी. Look

#छाती में दर्द रहता हो तो करें 10 उपाय।

Dr.VirenderMadhan.

छाती में दर्द होना

सवाल उठता है छाती में दर्द होने का क्या कारण हो सकता है?

क्यों होता है छाती में दर्द?

#छाती में दर्द होने के कारण (Chest Pain Causes)


ऐसे में इसे नजरअंदाज करने की भूल बिल्कुल भी ना करें। छाती में दर्द का मुख्य कारण *हार्ट अटैक, 

*एन्जाइना, 

*हार्ट के ब्लड वेसल्स में रुकावट होने, 

*हार्ट की मांसपेशियों में सूजन आना, 

*दिल की बड़ी रक्त वाहिका में कोई समस्या होने पर भी दर्द हो सकता है।

* हृदय रोग हो जाने पर जब रक्त की धमनी के भीतर वसा[आम] की परतें जम जाने से वह पूर्ण रूप से बंद हो जाती हैं अथवा खून का थक्का (ब्लड क्लोट) बन जाने से धमनी में रक्त प्रवाह का मार्ग एकाएक अवरुद्ध हो जाता है और हृदय को ऑक्सीजनयुक्त रक्त मिलना बिल्कुल बंद हो जाता है, तब छाती में अचानक असहनीय तेज दर्द उठता है, 

#हृदय रोग के लक्षण, कारण,  और उपचार

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#हृदय_रोग_के_लक्षण,

- हाथ-कमर और जबाडा में दर्द होना।

- हाथों में दर्द होना,

- कमर में दर्द होना,

- गर्दन में दर्द होना और यहां तक की जबाडे में दर्द होना भी दिल की बीमारियों का एक लक्षण हो सकता है।

- चक्कर आना या सिर घूमना: कई बार चक्कर आने, 

- बेहोश होने और बहुत थकान होने जैसे लक्षण भी एक चेतावनी हैं।

कुछ कारण:-

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क्यों होता हृदयरोग है?

- हृदयाघात

- रुमेटिक हृदय रोग

 - जन्मजात खराबियां

- हृदय की विफलता

- पेरिकार्डियल बहाव

#आयुर्वेद के अनुसार कारण:-

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* हृदय रोग का सबसे प्रमुख कारण धूम्रपान करना, 

**पारिवार में किसी को इस बीमारी का होना, 

** बहुत ज्यादा मोटापा, **मधुमेह और उच्च रक्तचाप होना, 

** सुस्त जीवनशैली का होना, ** दैनिक जीवन में शारीरिक श्रम न करना,

** बहुत ज्यादा तनाव लेना और 

** फास्टफूड का सेवन करना।

चिकित्सा:–

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#हृदय_रोग_के_उपचार

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#हृदय शूल के आयुर्वेदिक 10 उपाय:-

1- चितल के सिंग की भस्म घी मिलाकर खिलाने से हृदयशूल मे तुरंत आराम मिलता है यह सर्वोत्तम तथा चमत्कारी औषधि है।

2-अर्जुन की छाल का रस 4 किलो घी एक किलो मिलाकर घृतपाक कर जब घी मात्र रह जाये तो छान कर रखें 

उसमे से 10-10 ग्राम घी को दूध के साथ लेने से हृदयशूल तथा हृदय के अधिकतर रोग ठीक हो जाते है।

3- बादामी रंग की गाजर लेकर 100 ग्राम रस निकालें उसमें10 ग्राम मिश्री मिलाकर दिन में 2-3 बार पीयें यह दिल के लिए उत्तम टोनिक है।

4-असली सफेद चंदन को घीसकर 1 ग्राम ले उसे एक गिलास पानी में घोलकर पीयें यह दिल के घबराहट की अच्छी दवा है।

5- हृदयशूल के बाद केला गौदूध के साथ खिला देने से मृत्यु का भय कम हो जाता है।

6- बडी ईलायची का पाउडर बना कर रखें 2 ग्राम चूर्ण शहद मे मिला कर चाटने से सभी प्रकार के हृदय रोगो मे आराम मिलता है।

7- तरबूज के बीज की मिगी का चूर्ण 6 ग्राम देते रहने से दिल की घबराहट ठीक हो जाती है।

8- 250 ग्राम घीया (लौकी)  कसी हुई लौकी को या तो  ग्राइंडर में अथवा सिल-बट्टे पर पीस लें। फिर उसे कपड़े से रस छान लें। लौकी को पीसते समय तुलसी की 7 पत्तियां और पुदीने की 6 पत्तियां डाल लें। घीया के रस में उतनी ही मात्रा में पानी मिला लें। पानी में 4  पिसी हुई कालीमिर्च और 1 ग्राम सेंधा नमक डाल लें। भोजन के आधे घंटे बाद सुबह-शाम और रात को 3 बार इसका सेवन करें। ध्यान रहे कि हर बार रस ताजा ही निकाला जाए। घीया का रस पेट में जो भी पाचन विकार होते हैं, उन्हें दूर कर मलद्वार से बाहर निकाल देता है, संभव है कि इसके सेवन से प्रारंभ के 3-4 दिन पेट में कुछ खलबली या गड़गड़ाहट-सी महसूस हो, परंतु बाद में सब बंद हो जाएगा। 

9-  पान, लहसुन, अदरक का 1-1 चम्मच रस और 1 चम्मच शहद- इन चारों को एकसाथ मिला ले और सीधे पी जाएं। इसमें पानी मिलाने की जरूरत नहीं है। इसे दिन में एक बार सुबह और एक बार शाम को पि‍एं, और तनाव लेना बंद कर दें। दिल में कोई कठिनाई महसूस हो तो जो सामान्य दवा लेता हो, वह लेता रहे।

10- एकाएक दर्द होने पर एक हरा या सुखा आंवला खायें।

#हृदय रोगों से सावधानी

हृदय रोग की रोकथाम:–

*चिंता से दूर रहे,

*मेडिटेशन करें,

* धूम्रपान न करें या तम्बाकू का उपयोग न करें,

* अधिकांश दिनों में 30 मिनट के लिए व्यायाम करें

**दिल के लिये स्वस्थ आहार खाएँ

**स्वस्थ वजन बनाए रखें

**नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं

[अपने चिकित्सक से सलाह करना जरूरी है]

धन्यवाद!

शुक्रवार, 30 जून 2023

करी पत्ते के 10 फायदे

 करी पत्ते के 10 फायदे

#करीपत्ता

Dr.VirenderMadhan,

करी पत्ता, जिसे अंग्रेजी में "Curry Leaves" कहा जाता है, एक पौधे की पत्ती है जिसका उपयोग भारतीय खानों में खुशबूदार मसालों और तड़के में किया जाता है। यह न केवल एक टेस्टी खाद्य पदार्थ में एक खुशबू और स्वाद जोड़ता है, बल्कि इसके उपयोग से कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। यहां कुछ करी पत्ते के महत्वपूर्ण फायदे हैं:–


*पाचन को सुधारता है:–

 करी पत्ते में पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट और फाइबर पाचन को सुधारते हैं। इसका उपयोग अपच, गैस, एसिडिटी और और पाचन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है।

*शरीर के वजन को नियंत्रित करता है:–

 करी पत्ते में पाया जाने वाला कैर्बोहाइड्रेट और फाइबर एक व्यक्ति को भोजन के बाद लंबे समय तक भूख नहीं महसूस करने में मदद करता है। इसके बारे में अध्ययनों में देखा गया है कि करी पत्तों का सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है।

*रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है:–

करी पत्ते में मौजूद अंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी के कारण, इसका उपयोग रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करके मधुमेह के प्रबंधन में सहायता प्रदान कर सकता है।

*हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है:–

 करी पत्तों में पाया जाने वाला महत्वपूर्ण तत्व, जैसे कि महत्त्वपूर्ण तेल, अंटीऑक्सिडेंट्स, और विटामिन सी, हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। इसका नियमित सेवन, हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है, जैसे कि हार्ट अटैक, दिल की बीमारी, और हाई ब्लड प्रेशर।

*बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है:–

 करी पत्तों में प्राकृतिक तौर पर पाये जाने वाले पोषक तत्व बालों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। इसका नियमित सेवन बालों को मजबूत और चमकदार बनाने, बालों के झड़ने को कम करने और बालों के सफेद होने को रोकने में मदद कर सकता है।

   यहां कुछ और करी पत्ते के फायदे हैं जो निम्नलिखित हैं:–

*आंखों के स्वास्थ्य को सुधारता है:–

 करी पत्ते में पाये जाने वाले विटामिन ए और कैरोटीनॉयड्स आंखों के स्वास्थ्य को सुधारते हैं। इसका नियमित सेवन दृष्टि को मजबूत रखने, रेटिना की सुरक्षा करने और आंखों से जुड़ी बीमारियों को कम करने में मदद कर सकता है।

* एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव:–



 करी पत्ते में प्राकृतिक तौर पर पाये जाने वाले कंपाउंड्स एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। इसका सेवन शरीर के इंफ्लेमेशन को कम करने, सूजन को कम करने और शारीरिक दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

* त्वचा को सुंदरता प्रदान करता है:–

 करी पत्ते में पाये जाने वाले विटामिन ए और एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा के स्वास्थ्य को सुधारते हैं। इसका नियमित सेवन त्वचा को रोशनी, नमी और मुलायमी बनाने, मुहासों और दाग-धब्बों को कम करने और उम्र के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

* एंटीमाइक्रोबियल गुण:–

 करी पत्ते में प्राकृतिक रूप से मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं। यह बैक्टीरिया, फंगल और वायरल संक्रमणों के खिलाफ संरक्षा प्रदान कर सकता है।

*आंशिक आंत्रिक तंत्र की सुरक्षा:–

 करी पत्तों में प्राकृतिक तौर पर मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और पौष्टिक तत्वों का नियमित सेवन आंशिक आंत्रिक तंत्र की सुरक्षा करने में मदद कर सकता है। इससे आंत्रिक ऑर्गनों को मजबूत रखने, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की सही आपूर्ति सुनिश्चित करने और सामान्य स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिल सकती है।

  करी पत्ते को स्वादिष्ट खाने के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए इसका नियमित उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है। यह अन्य सब्जियों, खिचड़ी, सूप, चाय आदि में भी उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, किसी भी नई आहारी या उपचारिका को आवंटित करने से पहले इसके सदर्भ में, आपको अपने वैद्य या पोषण सलाहकार से संपर्क करके करी पत्ते के सेवन के बारे में सलाह लेनी चाहिए, विशेषतः यदि आपके पास किसी विशेष रोग या शारीरिक स्थिति से जुड़ी कोई समस्या है। यदि आप किसी भी प्रकार की एलर्जी के प्रति संवेदनशील हैं, तो भी अपने डॉक्टर से परामर्श करें क्योंकि करी पत्ते एलर्जी का कारण बन सकते हैं।

करी पत्ते का सेवन सामान्यतः स्वास्थ्य और आंतरिक तंत्र के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन या अवधि से पहले अपने वैद्य की सलाह लेना जरूरी है। वैद्य या पोषण सलाहकार आपकी व्यक्तिगत स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपको सही मात्रा और तरीके से करी पत्ते का उपयोग करने की सलाह देंगे।

प्रश्नोत्तर

Q:– करी पत्ते के फायदे क्या है?

करी पत्ते के गुण:–

– इसके ब्लड प्रेशर कम करने वाले प्रभाव होता हैं

–इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होती है

–यह एंटीवायरल होती है

– यह एंटीफंगल, एंटी प्रोटोज़ोअल है

– यह एक लैक्सटिव प्रभाव रखता है (कब्ज में मदद करता है)

– एंटी-डायरियल गुण होने से यह डायरिया मे लाभप्रद है,

Q:–करी पत्ते का उपयोग कैसे करें?

Ans:– इसके सेवन के लिए कढ़ी पत्तों को पीसकर इसके रस को छाछ के साथ दिन में दो से तीन बार लेना है जिससे आपको जल्द दस्त में आराम मिल जाएगा। करी पत्ते में मौजूद पोषक तत्व बालों को जल्दी सफेद नहीं होने देते और बालों का झड़ना भी कम करते हैं। यह डैंड्रफ जैसी समस्याओं में भी कारगर होता है। खाली पेट करी पत्ते खाने से वजन कम होता है।

Q:–प्रतिदिन कितने करी पत्ते खाने चाहिए?

Ans:– इसका सेवन करने से पाचन से जुड़ी काफी सारी दिक्कतें दूर हो सकती हैं जैसे गैस, एसिडिटी और पेट फूलना जैसी समस्याओं को इसका सेवन करके दूर किया जा सकता है। आप खाना बनाते समय इसका प्रयोग करने के साथ-साथ 3 से 4 पत्तों को रोजाना चबा सकते हैं।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

मंगलवार, 27 जून 2023

#नारियल पानी के अद्भुत लाभ?

 #नारियल पानी के अद्भुत लाभ?


#Dr.VirenderMadhan.

नारियल पानी को अक्सर तरीके से अद्भुत और स्वास्थ्यप्रद घटक के रूप में जाना जाता है। इसके कई लाभ हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं:–

*हाइड्रेशन और ताजगी:– नारियल पानी में मौजूद विटामिन्स, मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट्स की वजह से यह एक उत्कृष्ट पेय स्रोत है। यह शरीर को हाइड्रेट करने के साथ-साथ ऊर्जा प्रदान करता है और ताजगी देता है।

*पाचन क्रिया को सुधारने में मदद:–

 नारियल पानी में पाए जाने वाले एंजाइम्स और फाइबर्स की मौजूदगी पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करती है। इसका नियमित सेवन अपच और कब्ज की समस्याओं को कम करने में सहायता कर सकता है।

*त्वचा के लिए उपयोगी:– नारियल पानी में मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करता है, त्वचा के दाग-धब्बों को कम करता है और उसे निखारता है। यह एक प्राकृतिक मोइस्चराइजर

होता है जो त्वचा को आरामदायक और नरम बनाए रखता है। इसका नियमित सेवन त्वचा के उपास्य प्रदूषण से लड़ने में भी मदद कर सकता है।

*शरीर के विटामिन और मिनरल की पूर्ति:–

 नारियल पानी में विटामिन C, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, पोटैशियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों की उचित मात्रा शरीर के सामान्य कार्यों को सुनिश्चित करने में मदद करती है और शरीर की पोषण की आवश्यकताओं को पूरा करती है।

*सामरिक गतिविधियों के लिए ऊर्जा का स्रोत:–

 नारियल पानी में मौजूद एलायचीन तत्व और सुक्रोज से युक्त होता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए, यह एक उत्कृष्ट प्राकृतिक ऊर्जा दायक पेय है और व्यायाम या यात्राओं के दौरान ऊर्जा के स्रोत की तरह कार्य कर सकता है।

*नारियल पानी के अद्भुत लाभों के बावजूद, हमेशा ध्यान दें कि हर व्यक्ति के शारीरिक आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती है. कुछ लोगों को नारियल पानी की एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, यदि आपको इसके सेवन करने से कोई अपने शरीर में गड़बड़ी या अनुचित प्रतिक्रिया महसूस होती है, तो आपको इसका सेवन बंद कर देना चाहिए और वैद्यकीय सलाह लेनी चाहिए।


विशेष रूप से, अगर आप किसी विशेष स्वास्थ्य स्थिति के लिए उपचार या उपाय की तलाश में हैं, तो सबसे अच्छा होगा कि आप एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें। चिकित्सा सलाह द्वारा आपको उचित और व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त होगी, जो आपके स्वास्थ्य और आपकी आवश्यकताओं के आधार पर आपको सही दिशा में गाइड करेगी।

शुक्रवार, 23 जून 2023

मटर खाने के फायदे और नुकसान,

 #मटर खाने के फायदे और नुकसान,

मटर (Peas) एक प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं जो खुशबूदार और स्वादिष्ट होते हैं। इसका उपयोग विभिन्न भोजनों, सलादों, सब्जियों, पुलाव, परांठों, अपेटाइज़र और डिशों में किया जाता है। मटर में कई पोषक तत्वों की मात्रा होती है, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं। हालांकि, कुछ लोगों को मटर के सेवन से एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

यहां कुछ मटर खाने के फायदे और नुकसान हैं:

फायदे:–

*पोषण:–

 मटर में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन (विटामिन सी, विटामिन के और बी के) और मिनरल्स (आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम) होते हैं। ये पोषक तत्व हमारे शरीर के विभिन्न गुणों को बढ़ाते हैं, जैसे मजबूत हड्डियाँ, स्वस्थ रक्त, सही पाचन प्रक्रिया, ऊर्जा आपूर्ति और शारीरिक विकास।

*विटामिन सी का स्रोत:– 

मटर विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है। विटामिन सी एंटीऑक्सिडेंट होता है और शरीर के रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। इसके सेवन से आपको सामान्य सर्दियों और इन्फेक्शन से बचाने में मदद मिल सकती है।

*एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा:–

 मटर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को कैंसर और दिल के रोगों से बचाने में मदद कर सकते हैं। इन एंटीऑक्सिडेंट्स आपके शरीर को आंतरिक और बाह्य रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

*पाचन क्रिया:–

 मटर में पाचन को सुधारने और उच्च फाइबर की मात्रा के कारण इसका सेवन आपको पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। यह आपको कब्ज की समस्याओं से राहत दिला सकता है।

*वजन नियंत्रण:–

 मटर कम कैलोरी और फैट की मात्रा के कारण वजन नियंत्रण करने में मदद कर सकता है। इसमें ऊर्जा आपूर्ति और भोजन से बाधा करने की क्षमता होती है, जो सही वजन प्राप्ति और उसे बनाये रखने में मदद करती है।


नुकसान:–

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*एलर्जी:–

 कुछ लोगो को मटर के सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है। यदि आपको मटर खाने के बाद त्वचा लालिमा, खुजली, सांस लेने में कठिनाई, चकत्ते, या उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, तो आपको मटर के सेवन करने से बचना चाहिए।

* अच्छे तरीके से पकाना:–

 मटर को अच्छे तरीके से पकाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि अधिकतर मटर को रॉ या अपक्षेत्र में तोड़ने से पहले पकाने की आवश्यकता होती है। रॉ मटर खाने से पेट में, गैस, और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।


उच्च पेशेवरता आहार:–

 यदि आप डायबिटीज़ हैं या उच्च पेशेवरता आहार पर हैं, तो मटर के खाने की मात्रा को नियंत्रित करना आवश्यक हो सकता है। मटर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा मध्यम से उच्च हो सकती है, जिससे आपका रक्त शर्करा स्तर बढ़ सकता है। अपने आहार योजना में मटर के सेवन के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

यदि आप मटर का सेवन करना चाहते हैं, तो सर्वोत्तम रूप से ताजे मटर का चयन करें। ताजा मटर अधिक पोषण संपत्ति रखते हैं और स्वादिष्ट होते हैं। आप इसे पककर, सब्जी बनाकर, सूप या सलाद में शामिल करके खा सकते हैं।

Q:–मटर में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

 Ans:– मटर में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. मटर को फाइबर के गुणों से भी भरपूर माना जाता है. मटर में कैलोरी की मात्रा कम और प्रोटीन, आयरन और फोलेट की मात्रा अधिक पाई जाती है.

Q:–मटर की तासीर गर्म होती है?

Ans:– हाँ...मटर की तासीर गर्म होती है, इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है तथा फाइबर प्रति 100g में 5g होता है।

Q:–मटर किसे नहीं खाना चाहिए?

Ans:– हरी मटर का उच्च जीआई मान होता है, जो उन्हें मधुमेह रोगियों के लिए अनुपयुक्त बनाता है।नही खाना चाहिए,

Q:–क्या सफेद मटर से गैस होती है?

सफेद मटर और कुछ अन्य फलियां, जैसे मटर और मसूर, गैस उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। बीन्स में उच्च मात्रा में जटिल चीनी होती है जिसे रैफिनोज कहा जाता है, जिसे शरीर को तोड़ने में कठिनाई होती है। सफेद मटर भी फाइबर से भरपूर होते हैं, और उच्च फाइबर का सेवन गैसीयता को बढ़ा सकता है।

Q:– क्या हरी मटर से यूरिक एसिड बढ़ता है?

Ans:– बहुत सारी हरी सब्जियां और अन्य मांसाहारी प्रोटीन का सेवन करें। यानी मटर, बीन्स, दाल, टोफू के साथ-साथ पत्तेदार और स्टार्च वाली सब्जियां। वे यूरिक एसिड के स्तर को नहीं बढ़ाते हैं


Q:– शुगर में हरा मटर खा सकते हैं क्या?

नही.. हरी मटर में अधिक मात्रा में शुगर और स्टार्च पाया जाता है। अगर इसे जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाए, तो यह आपके शुगर बढ़ने का कारण बन सकता है। इसके साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी हाई होता है। इसलिए डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को बहुत कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए

*** ध्यान दें कि यह एक सामान्य सूची है और यह व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकती है। यदि आप किसी खाद्य पदार्थ के प्रति एलर्जी या पाचन संबंधी समस्या रखते हैं, तो सलाह के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

धन्यवाद!

#डा०वीरेन्द्रमढान,

बुधवार, 21 जून 2023

जीवन भर हेल्दी रहने के लिये क्या खाये?

 जीवन भर हेल्दी रहने के लिये क्या खाये?

प्रश्न:-

#हमे स्वस्थ रहने के लिए क्या खाना चाहिए

#स्वस्थ रहने के 10 उपाय 

#फिट रहने के लिए क्या नही खाना चाहिए

#स्वस्थ रहने के लिए हमें क्या क्या करना चाहिए

“स्वस्थ रहने के उपाय”

जीवन भर हेल्दी रहने के लिए सही आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जो आपको स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं:

#फिट रहने के लिए क्या नही खाना चाहिए?

*फल और सब्जियां:–

 आपको प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां खाने चाहिए। ये आपको विटामिन, मिनरल और फाइबर प्रदान करते हैं और आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

*पूरी अनाज:–

 अनाज जैसे गेहूं, चावल, दलिया, जौ, आदि को अपने आहार में शामिल करें। ये आपको कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल प्रदान करते हैं और ऊर्जा का स्रोत होते हैं।

*प्रोटीन:– 

अपने आहार में प्रोटीन को सम्मिलित करें, जैसे कि दूध उत्पाद, मांस, मछली, अंडे, दालें, नट्स और बीन्स। प्रोटीन मसल्स बिल्डिंग, रीकवरी और ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।

* नियमित पौष्टिक नाश्ता:–

 दिन की शुरुआत एक पौष्टिक नाश्ते से करें। इससे आपको ऊर्जा मिलेगी और आप भोजन के दौरान अधिक खाने की आवश्यकता कम होगी। एक स्वस्थ नाश्ता आपको फल, दूध उत्पाद, प्रोटीन शेक, ओटमील, अंडे, शाकाहारी सैंडविच आदि का सेवन करने के लिए प्रेरित कर सकता है।

*हाइड्रेशन:–

 पानी पीना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि आपके शरीर को शुद्ध रखने और सुषमता बनाए रखने में मदद मिले। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं और अन्य तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, नींबू पानी, चाय, संतरे का रस आदि शामिल करें।

*ताजगी:–

 संरक्षित खाद्य पदार्थों से बचें और संभवतः ताजा और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। अपनी भोजन प्रणाली में सब्जियों, फलों, अंडों, दूध उत्पादों और पूरी अनाज का उपयोग करें।

*बार-बार खाने की व्यवस्था करें:–

 बड़े भोजन की बजाय छोटे-छोटे खानों को प्राथमिकता दें। इससे आपका पाचन तंत्र अच्छी तरह से काम करेगा और आपको ऊर्जा की अवधि बनी रहेगी।

#फिट रहने के लिए क्या नही खाना चाहिए

*परहेज़ करें:–

 आपको मांस, मसालेदार और तली हुई चीजें, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड आहार, और अधिक मिठाई और तला हुआ खाना से परहेज करना चाहिए। इन आहारों में अधिक तेल, चीनी, नमक, और प्रसंस्करण एजेंट्स होते हैं जो आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

#स्वस्थ रहने के लिए हमें क्या क्या करना चाहिए

*संतुलित लाइफस्टाइल:–

 स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ आहार ही महत्वपूर्ण नहीं होता है, बल्कि एक संतुलित और नियमित जीवनशैली भी जरूरी है। नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, स्ट्रेस प्रबंधन, और नशे और धूम्रपान से बचाव आपके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।

>>याद रखें, हर व्यक्ति की आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं अलग हो सकती हैं। अपने आहार और जीवनशैली पर ध्यान देने के लिए एक पेशेवर चिकित्सक या    विशेषज्ञ से परामर्श लेना सबसे अच्छा विचार होगा। वे आपके स्वास्थ्य स्तर, व्यक्तिगत आवश्यकताओं और संभवतः उपस्थित रोगों के माध्यम से आपके लिए सही आहार निर्धारित कर सकेंगे। उन्हें आपके व्यक्तिगत स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपके लिए एक व्यक्तिगत आहार योजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

***साथ ही, अपने आहार में विभिन्न पोषक तत्वों को समाहित करने के लिए विविधता और संतुलन महत्वपूर्ण है। एक सामग्री के प्रति अत्यधिक भावनात्मकता के बजाय, विभिन्न प्रकार के आहारों का सेवन करने का प्रयास करें और समय-समय पर अपने आहार में परिवर्तन करें।

→यदि आप किसी विशिष्ट स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं या किसी विशेष परहेज के लिए उपाय ढूंढ़ रहे हैं, तो उचित प्रोफेशनल सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। वे आपको विशेष रूप से आपकी स्थिति के अनुसार सलाह दे सकते हैं 

धन्यवाद!

#डा०वीरेन्द्रमढान,