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बुधवार, 5 जुलाई 2023

शहद खाने के 5 फायदे व नुकसान इन हिंदी.

 शहद खाने के 5 फायदे व नुकसान इन हिंदी.

#आयुर्वेद में शहद के 5 गुण

आयुर्वेद में शहद को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है और इसे अनेक गुणों से युक्त माना जाता है। यहां पांच मुख्य गुण हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए:

**रसायनिक गुण (Rasayana Properties):–

 शहद को रसायनिक गुणों से युक्त माना जाता है, जो शरीर को बल, प्रतिरक्षा और यौवन देते हैं। इसका नियमित सेवन शरीर की संतुलित गतिविधियों को सुनिश्चित करने में मदद करता है और स्वस्थ्य और विटामिन की वृद्धि को बढ़ाता है।

**ज्वरनाशक गुण (Jwaranashak Properties):–

 शहद को ज्वरनाशक गुणों से भी जाना जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो अणुओं और पैथोजेनों के खिलाफ लड़ते हैं और शरीर को ज्वर के खिलाफ लड़ने में मदद करते हैं।

**पाचनशक्ति (Pachanashakti):–

 शहद पाचनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है और पाचन तंत्र को संतुलित रखने में सहायता प्रदान करता है। यह आमतौर पर पाचन को सुधारने, अपच, एसिड

लेकिन अत्यधिक पाचन बिगडऩे पर शहद अपने चिकित्सक की सलाह लेकर ही प्रयोग करें अन्यथा हानि की अधिक सम्भावना होती है,थोड़ी मात्रा में लेने से पाचनशक्ति को नियंत्रित करने, अम्लपित्त, एसिडिटी और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।

** प्रतिश्यायशोधक (Pratishyayashodhak):–

कफ नाशक होने से शहद श्वासनली संबंधी समस्याओं, जैसे साइनसाइटिस, जुकाम, कफ और गले में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। यह श्वासनली को साफ़ करने, नाक संक्रमण को दूर करने और श्वासनली की संरक्षण शक्ति को बढ़ाने में सहायता प्रदान करता है।

** पुरिफायर (Purifier):–

शोधनकर्म करने से शहद शरीर की स्नायुओं, रक्त और त्वचा को शुद्ध करने में मदद कर सकता है। यह आंत्र, रक्तमांश, मूत्रमार्ग, त्वचा और विभिन्न अंगों की परिष्कृति को बढ़ावा देता है और शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करने में मदद करता है।

> ये थे कुछ मुख्य गुण जो आयुर्वेद में शहद को संबोधित करते हैं। आपको ध्यान देना चाहिए कि ये गुण व्यक्ति के शरीर और प्रकृति पर निर्भर कर सकते हैं, 


#शहद के5 नुकसान:-

  शहद (हनी) एक प्राकृतिक पदार्थ है जिसे बहुत सारे लोग मिठास के स्वाद के लिए उपयोग करते हैं। यह असाधारण औषधीय गुणों के साथ-साथ शरीर के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में शहद का उपयोग नुकसानकारी भी हो सकता है। यहां शहद के कुछ नुकसानों की एक सूची है:

* मधुमेह के लिए खतरा:–

 शहद में मिठाई की मात्रा उच्च होती है और इसलिए मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी को इसका सेवन संख्याग्रहण के साथ करना चाहिए। इसलिए, मधुमेह के लिए शहद का उपयोग करने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श करना अच्छा रहेगा।

*शहद के संक्रमण का खतरा:– 

यदि शहद न सही ढंग से उपयोग किया जाए, तो इसमें बैक्टीरिया, वायरस और अन्य पथोजनों के संक्रमण का खतरा हो सकता है। विशेष रूप से, बच्चों, अधिक उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं और इम्यूनोकंप्रोमाइज़्ड व्यक्तियों को शहद के सेवन के संबंध में सतर्क रहना चाहिए।

*अलर्जी की संभावना:–

 कुछ लोगों को शहद के प्रति अलर्जी हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को शहद खाने पर चुभन, त्वचा में खुजली, चकत्ते या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण आते हैं, तो उन्हें शहद का सेवन बंद करना चाहिए और चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

*बच्चों के लिए खतरा:–

 शहद को बच्चों के अल्पाहार में देने से पहले विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। शहद में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो छोटे बच्चों के अवयस्क प्रणाली के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए, बच्चों को शहद का सेवन करवाने से पहले उचित साफ-सफाई और परामर्श करना जरूरी होता है।

* शहद की अधिक मात्रा से परेशानियाँ:–

 शहद में मिठाई की मात्रा उच्च होती है, जिसके कारण अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से पेट संबंधी अवस्थाओं जैसे अपाच, पेट में गैस, डायरिया या वजन बढ़ने की संभावना हो सकती है। इसलिए, शहद का सेवन करते समय मात्रा का ध्यान रखना चाहिये,

**शहद में विषाक्तता:–

 शहद को सफाई और गुणवत्ता के साथ लेना महत्वपूर्ण है। यदि शहद में विषाक्तता हो, तो इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले प्रमाणित या संग्रहीत शहद का उपयोग करें और अनधिकृत या असंकेतित स्रोतों से दूर रहें।

**शहद के वजन बढ़ने का खतरा:–

 शहद में मिठास होती है, और यदि आप अधिक मात्रा में शहद का सेवन करते हैं, तो आपका वजन बढ़ सकता है। शहद को एक सेहतमंद आहार का हिस्सा मानते हुए, उसका सेवन मात्रा को नियंत्रित रखें और एक संतुलित आहार पर ध्यान रखें। अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से अतिरिक्त कैलोरी मिलती है जो आपके वजन में वृद्धि का कारण बन सकती है।

** शहद का दांतों पर असर:–

 यदि आप अधिक मात्रा में शहद का सेवन करते हैं, तो इसका दांतों पर असर हो सकता है। शहद में मिठास होती है जो कैरीएस विकृति (दांतों की खराबी) का कारण बन सकती है। इसलिए, शहद के सेवन के बाद अच्छे दांतों की सफाई और देखभाल करना महत्वपूर्ण है।

**गर्भवती महिलाओं के लिए असुरक्षित:–

 गर्भवती महिलाओं को शहद का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। शहद में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो गर्भवती महिला और बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। सावधानी बरतने के लिए, गर्भवती महिलाएं शहद की जगह अन्य सुरक्षित विकल्पों का उपयोग कर सकती हैं।

यदि आपको शहद के सेवन के संबंध में किसी विशेष चिकित्सा सलाह की जरूरत होती है, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। वे आपको विशेष रूप से आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले निर्देश और सलाह प्रदान कर सकते हैं। यह आपके व्यक्तिगत स्थिति और स्वास्थ्य पर आधारित होगा।

>>ध्यान देने योग्य बातें:–

शहद को सदा से बारे में एक पेशेवर चिकित्सक से परामर्श करना सुनिश्चित करें। वे आपको विशेष तरीकों के साथ अपनी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर सही दिशा निर्देशित करेंगे।

शहद का सेवन मात्रा को नियंत्रित करें और अधिकता से बचें। अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से पहले, अपने चिकित्सक की सलाह लें और अपने आहार योजना को उपयुक्त रूप से नियंत्रित करें।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

सोमवार, 12 जून 2023

कैल्शियम युक्त आहार की सूची

 

कैल्शियम युक्त आहार की सूची

<कैल्शियम बढाने वाले फ्रूट>

यदि आप कैल्शियम युक्त आहार की सूची जानना चाहते हैं, तो निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में कैल्शियम की मात्रा प्राप्त की जा सकती है:–

>>दूध और दूध उत्पाद:–


 दूध, दही, पनीर, छाछ, दूध का पाउडर, केसर, चीज़, लासी, बटरमिल्क, आदि।

>>सब्जियां:–

 सरसों का साग, पालक, बथुआ, ब्रोकोली, फेनेल, लौकी, टमाटर, हरी मिर्च, गोभी, मटर, बैंगन, तोरी, आदि।

>>अंडे:–

 अंडे भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं।

>>दालें:–

 चना, मसूर दाल, तूर दाल, मूंग दाल, उड़द दाल, राजमा, चोले, आदि।

>>द्रव्यपान:–

 खजूर का दूध, बादाम का दूध, नारियल पानी, शाकाहारी दूध, सोया मिल्क, आदि।

>>नट्स और बीज:–

 बादाम, अखरोट, चिया बीज, सेसम बीज, खजूर, पिस्ता, कद्दू के बीज, आदि।

>>अन्य खाद्य पदार्थ:–

<कैल्शियम बढाने वाले फ्रूट>

 संतरा, केला, अमरूद, आंवला, अंगूर, आम, खरबूजा, अनार, टिंडा, आदि।


**यह सूची केवल सामान्य दिशा-निर्देश है और अलग-अलग स्रोतों की कैल्शियम मात्रा भिन्न हो सकती है। कैल्शियम की अधिक मात्रा उपलब्ध कराने के लिए, आप विविध पदार्थों को संयोजित भोजन रूप में सम्मिलित कर सकते हैं। आपके आहार में कैल्शियम की आवश्यकता के अनुसार आप डेयरी उत्पाद, ग्रीन लीफी green leafy, वनस्पतियां, फल, बीज, अंडे आदि का सेवन कर सकते हैं।


आपके चिकित्सक के साथ परामर्श करके अपने आहार में कैल्शियम की संतुलित मात्रा को निर्धारित करने के लिए सभी विकल्पों को सम्मिलित करें। वे आपके स्वास्थ्य, आयु, रोगों और विशेष परिस्थितियों के आधार पर आपको सटीक मार्गदर्शन प्रदान कर सकेंगे।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

बुधवार, 31 मई 2023

अनार के छिलके|Anar ke chilke kaise khaye,

 अनार के छिलके|Anar ke chilke kaise khaye,

#अनार के छिलके को कैसे इस्तेमाल करें?

#अनार के छिलके|Pomegranate Peels

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#Dr.VirenderMadhan.

•अनार के छिलकों का उपयोग भी बहुत स्वास्थ्यकर हो सकता है।इन्हें बेकार समझकर बाहर न फैंकें, आपके लिए यह बहुत उपयोगी हो सकता है। 

#अनार के छिलकों के कुछ उपयोग :–

* त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए:–

 अनार के छिलकों में गुणकारी तत्व होते हैं जो त्वचा को निखारने और सुंदर बनाने में मदद कर सकते हैं। हम अनार के छिलकों को पीसकर पेस्ट बना सकते हैं और इसे चेहरे पर लगा सकते हैं। यह त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाने में मदद कर सकता है और मुंहासे, दाग-धब्बे और झाइयां जैसी समस्याओं को कम करने में सहायता प्रदान कर सकता है।

* दांतों के स्वास्थ्य के लिए:–

अनार के छिलकों को दांतों पर रगड़ने से दांतों की सफाई में हो जाती है। यह दांतों की मसूड़ों को मजबूत बनाने में भी मदद कर सकता है।

*पाचन तंत्र के लिए:–

 अनार के छिलकों में एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद कर सकते हैं। आप अनार के छिलकों को सूखा करके पीस सकते हैं और फिर उन्हें मसाले के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इसे आप अपने भोजन में मिला सकते हैं या अन्य व्यंजनों में इस्तेमाल कर सकते हैं। 

* अनार के छिलकों में पाचन को बेहतर बनाने वाले एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करते हैं और अपच के लक्षणों को कम कर सकते हैं।

#युरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए:–

   अनार के छिलकों में उपस्थित तत्व युरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, अनार के छिलकों का सेवन गठिया और अन्य मूत्राशय संबंधी समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकता है।

#कब्ज़ को दूर करने के लिए:–

   अनार के छिलकों में प्राकृतिक फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद करती है और कब्ज़ से राहत दिलाती है। इसलिए, अनार के छिलकों का सेवन कब्ज़ को दूर करने और पेट स्वास्थ्य को सुधारने में मददगार हो सकता है।

    अनार के छिलकों को अच्छी तरह से धो लें और साफ पानी से धो लें, ताकि किसी कीटाणुओं की मौजूदगी की संभावना कम हो। अगर आप अनार के छिलकों को खाना चाहते हैं, तो आप उन्हें पहले सुखा लें और उन्हें चबाकर खा सकते हैं। आप भी अनार के छिलकों को पाउडर बना सकते हैं और उन्हें आपकी पसंदीदा रेसिपी में उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि शाकाहारी करी या धनिया-पुदीना चटनी।

>>अनार के छिलकों के सेवन से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना उचित हो सकता है, विशेषतः अगर आपको किसी खास रोग या एलर्जी की समस्या हो। अनार के छिलकों का सेवन कम मात्रा में शुरू करें और अपने शरीर की प्रतिक्रिया को ध्यान से निगरानी करें। यदि कोई अनुपातित प्रतिक्रिया होती है जैसे त्वचा रेशा, चकत्ते या अन्य अवसादी लक्षण, तो तुरंत इसका सेवन बंद करें और चिकित्सक से संपर्क करें।

कुछ प्रश्नोत्तर:-

Q:-अनार के छिलके के फायदे- 

 – खांसी और गले की खराश से दिलाए आराम खांसी और गले की खराश से आराम दिलाने में अनार का छिलका काफी फायदेमंद हो सकता है। 

– पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है

–शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है

– त्वचा का रंग साफ करताहै

Q:– अनार के छिलके का उपयोग कैसे करें?

Ans:– इसके पाउडर को पानी में मिला कर उसके गरारे करने से गले की खराश और खांसी से राहत मिलती है. विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है

– अनार के छिलकों में विटामिन सी पाया जाता है, जो घावों को हील करने और स्कार टिश्यूज को बनाने में मदद करता है.

 –विटामिन सी से इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है.

Q:–अनार के छिलके का फेस पैक

  Ans:–  इसके लिए एक-दो चम्मच अनार के छिलकों का पाउडर लें, इसमें गुलाब जल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इसे चेहरे पर लगाएं, 10-15 मिनट बाद सादा पानी से धो लें। मुलायम त्वचा के लिए आप इस फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Q:–गोरा होने के लिए फेस पैक कैसे बनाएं?

Ans:- इसके लिए आप

1 बाउल में बेसन, हल्दी और चंदन पाउडर डालकर इसे अच्‍छी तरह से मिला लें।

फिर दही और गुलाब जल को थोड़ा-थोड़ा करके तब तक मिलाएं जब तक कि पेस्ट न बन जाए।

इस पैक को चेहरे पर लगाएं।कुछ समय बाद इसे धीरे से साफ करें।

इस फेस पैक का इस्‍तेमाल करने के बाद टोनर और मॉइश्चराइजर लगाएं।

धन्यवाद!

गुरुवार, 25 मई 2023

अच्छी lifestyle को कैसे बनाए रखें?

 #अच्छी lifestyle को कैसे बनाए रखें?

#अच्छी lifestyle कैसे बनाएं?

[स्वस्थ जीवन शैली|healthy lifestyle]

#Dr.VirenderMadhan.

#अच्छी lifestyle को बनाए रखने के लिए, यहां 15 सूत्र हैं:

1–*स्वस्थ आहार|Healthy Diet:-

 संतुलित और पौष्टिक आहार खाना एक अच्छी lifestyle का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपने भोजन में सब्जियां, फल, पूरे अनाज, प्रोटीन, हेल्दी तेल और पर्याप्त पानी शामिल करें।

2–*नियमित व्यायाम|Regular exercise:-

 दिन में कुछ समय व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। योग, ध्यान, संभ्राम, वॉकिंग, जॉगिंग, स्विमिंग जैसे शारीरिक गतिविधियां शामिल करें।

3–*पर्याप्त नींद|Enough Sleep:-

 आवश्यक मात्रा में नींद लेना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। सात-आठ घंटे की नींद प्राप्त करने का प्रयास करें।

4–*मनोयोग|meditation:-

 मनोयोग तकनीकों जैसे मेडिटेशन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से अपने मन को शांत और स्थिर रखें। यह तनाव को कम करने, मन को ताजगी प्रदान करने और मानसिक चेतना को विकसित करने में मदद करता है।

5–*नकारात्मकता को कम करें|Reduce negativity :- 

नकारात्मकता, चिंता और तनाव आपके जीवन को अस्वस्थ बना सकते हैं। सकारात्मक सोच, स्वस्थ मनोवृत्ति और उन्नत जीवन दृष्टिकोण विकसित करने के लिए कोशिश करें।


6–*स्वास्थ्य जांच|Health check up:-

 नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं और अपने शारीरिक स्वास्थ्य को निरीक्षण करें। यदि कोई समस्या हो, तो उसका समय पर इलाज कराएं।

7–*संतुलित कार्य और छूट|Balancing Work and Discounts:-

 अपने कार्य और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें। अवकाश, मनोरंजन और सामाजिक सक्रियताओं के लिए समय निकालें।

8–*स्थायित्व और नियमितता|Stability and regularity:- 

नियमितता और स्थायित्व का पालन करें। एक नियमित दिनचर्या, नियमित समय पर उठना और सोना, भोजन के नियमित समय और स्वनिर्धारित व्यायाम अपनाएं।

9–*समय का उपयोग|Use of time:-

 समय को समझें और उसे सद्यस्थ रूप से उपयोग करें। आपके लक्ष्यों, प्राथमिकताओं और आपके आप को समृद्ध करने के कामों के लिए समय निर्धारित करें।

10–*सोशल मीडिया की सीमा|Social media limits:- 

सोशल मीडिया का मात्रात्मक और नियमित उपयोग करें

11–*संगठन स्तर बनाएं|Create organization level :-

 अपने जीवन को संगठित रखें। कार्यसूची, कैलेंडर, और नोट्स का उपयोग करें ताकि आप अपने कार्यों को संगठित रूप से नियंत्रित कर सकें।

12–*स्वतंत्र समय|Free time:-

 अपने जीवन में स्वतंत्र समय को महत्व दें। यह आपको अपनी प्रिय गतिविधियों के लिए समय निकालने और स्वाधीनता का आनंद लेने में मदद करेगा।

13–*संबंधों की देखभाल|Relationship care:-

 परिवार, मित्र, और प्रियजनों के साथ संबंधों को महत्व दें। नियमित रूप से समय बिताएं, संवाद करें, और एक-दूसरे का समर्थन करें।

14–*स्वतंत्रता की आदत|Habit of freedom:-

 आपकी खुशहाली के लिए स्वतंत्रता और स्वाधीनता की आदत विकसित करें। स्वतंत्र विचारों का समर्थन करें, अपनी रुचियों और आपकी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करें।

15–*आनंद और मनोरंजन|Fun and entertainment:-

 आपके जीवन में आनंद और मनोरंजन को महत्व दें। यह आपको स्त्रोतों से आकर्षित रखेगा, नई गतिविधियों को अनुभव करने का मौका देगा, और आपकी मनोरंजन की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। यह फिल्में देखना, किताबें पढ़ना, संगीत सुनना, कला और शिल्प के प्रति रुचि रखना जैसी गतिविधियों को शामिल कर सकता है।


ये 15 सूत्र एक अच्छी lifestyle को बनाए रखने के लिए मददगार हो सकते हैं। हाथापाई और अभ्यास के माध्यम से इनका पालन करें और नए स्तर पर अपने जीवन को सुधारें। ध्यान दें कि हर व्यक्ति की आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए अपने व्यक्तिगत संदर्भों के अनुसार इन सूत्रों को अनुकूलित करें।

कुछ प्रश्नोत्तर

Q:–हेल्दी लाइफ कैसे जिए?

Healthy Lifestyle Tips:– सेहतमंद ज़िंदगी के लिए लाइफस्टाइल में लाएं ये 6 आसान बदलाव!

1-सुबह जल्दी उठना .

2- वर्कआउट ज़रूर करें .

3- हेल्दी नाश्ता करें .

4–बाहर का खाने से परहेज़ करें .

5-रात का खाना देर से न खाएं .

6-समय से सोएं और पूरी नींद लें

Q:–स्वस्थ जीवन शैली का क्या महत्व है?

[स्वस्थ रहने के लाभ]

*मानसिक रूप से बेहतर महसूस करना - 

नियमित व्यायाम आपके मूड को बेहतर कर सकता है और आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। 

*पैसा बचाना - 

 जंक फूड खाना, धूम्रपान करना और शक्करयुक्त पेय या शराब पीना सभी महंगी आदतें हैं। 

*कम स्वास्थ्य समस्याएं -

 एक स्वस्थ जीवन शैली जीने का अर्थ है कई विकसित होने का कम जोखिम होना,

Q:–जीवन शैली की सबसे अच्छी परिभाषा क्या है?

जीवन शैली एक व्यक्ति, समूह, या संस्कृति की रुचियों, विचारों, व्यवहारों और व्यवहारिक उसके रहन-सहन के ढंग को जीवन शैली कहते है - जीवनशैली को काम और अवकाश व्यवहार और गतिविधियों, दृष्टिकोण, रुचि, राय, मूल्यों और आय के आवंटन में व्यक्त किया जाता है।

धन्यवाद!

#डा०वीरेंद्र मढान,

बुधवार, 24 मई 2023

#बुद्धि कैसे बढ़ाएं?In hindi.

 #बुद्धि कैसे बढ़ाएं?In hindi.



 # आयुर्वेद से बुद्धि कैसे बढ़ाएं ?In hindi.

 #Dr.VirenderMadhan. 

#मेध्य (बुद्धि बढाने वाली औषधि)brain enhancer, 

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[बुद्धि कैसे बढ़ाएं?] 

विषय सूची:- 

*मेध्य (बुद्धि बढाने वाली औषधि)brain enhancer, के नाम, 
*दिमाग को तेज करने वाली कौन सी दवा है? 
*दिमाग को बढाने के लिये क्या खायें? 
*बुद्धि को बढाने के लिए क्या करें? 
*आयूर्वेद मे ब्रेन टॉनिक क्या है? 
*आयुर्वेदिक बुद्धि बर्द्धक औषधि  
*कौन सा फल खाने से दिमाग तेज होता है? 
*बुद्धि बढ़ाने के हैं ये 6 बेहतरीन तरीके

 #स्मरणशक्ति एवं बुद्धि बढ़ाने वाली आयुर्वेद औषधियां व जड़ी बूटियाँ- 

जैसे
  शंखपुष्पी, बच, शतावरी, ज्योतिष्मती, अश्वगंधा, आंवला, शहद आदि और खाद्य-पदार्थों में अनार, बथुवा, जौ , लहसुन, सैंधा नमक, गाय का दूध और घी, मालकांगनी, आदि बुद्धि-वर्धक हैं। 

#दिमाग को तेज करने वाली कौन सी दवा है? 

मस्तिष्क के लिए बेहतरीन टॉनिक है 

ब्राह्मी  - 

ब्राह्मी मस्तिष्क के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक औषधि मानी जाती है. अगर आप ब्राह्मी के अर्क का सेवन हर रोज नियमित रूप से करते हैं, तो इससे आपकी याददाश्त तेज, अल्जाइमर, सोचने-समझने की क्षमता, व्यवहारिक दक्षता आदि को बढ़ाने में सहायता मिलती है. 

#दिमाग को बढाने के लिये क्या खायें? 

कमजोर दिमाग को तेज करने के लिये अपने भोजन में शामिल करें. केले, ब्रोकोली और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां डाइट , तेज दिमाग के लिए पालक, केले, ब्रोकोली और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां सहायक होती हैं. अंडा का सेवन लाभदायक होता है. अखरोट खाने से दिमाग को बल मिलता है. 

#बुद्धि को बढाने के लिए क्या करें?

 - सही भोजन का सेवन करे . 
- रोजाना एक्सरसाइज करे. 
-समय पर , सही मात्रा में नींद ले.
 -  कुछ समय के लिए मनोरंजन करें.रोजाना गाने सुने ब्रेन गेम्स को खेले  

#आयूर्वेद मे ब्रेन टॉनिक क्या है? 

बीएचयू के आयुर्वेद विभाग के द्रव्य गुण विभाग में मण्डूकपर्णी के पौधे पर रिसर्च कर ब्रेन टानिक के रूप में उन गुणों को पाया गया है, जिनसे टेंशन, डिप्ररेशन, कमजोर यादाश्त से लड़ा जा सकता है। 
मण्डूकपर्णी के पौधे का रस दिमाग की इन्द्रियों को फ्रेश रखता है।  टेंशन और घबराहट के लिए 'ब्रेन टॉनिक' है 

#आयुर्वेदिक बुद्धि बर्द्धक औषधि :- 

- शंखपुष्पी सीरप
 - गुरु ब्रनिका सीरप 
- सारस्वतारिष्ट
 - अश्वगंधारिष्ट  

#कौन सा फल खाने से दिमाग तेज होता है? 

स्ट्रॉबेरी में सभी गुण होते हैं, जो आपके मानसिक संतुलन को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनॉएड्स मौजूद होता है, जो ब्रेन सेल्स को मजबूत करता है। दिमाग की शक्ति को बढ़ाता है। खासतौर से बढ़ते बच्चों के लिए स्ट्राबेरी खाना लाभदायक हो सकता है।

 #बुद्धि बढ़ाने के हैं ये 6 बेहतरीन तरीके - 

जीवन मे कुछ नया कीजिए . - 
- रोजना नियमित व्‍यायाम अपने बल के अनुसार करते रहें. 
- दिमागी कसरत करें जैसे पहेलियां सोल करना. - पोजेटिव सोच रखें। सकारात्‍मक सोच रखने से दिमाग की ताकत बढती है. 
 - सात्विक व स्‍वस्‍थ पोष्टिक आहार लेना चाहिए.  
- ज्ञान बर्द्धक ,मोटीवेशन करनेवाली किताब पढ़ें. धन्यवाद!

शनिवार, 13 मई 2023

गर्मी के दिनों में क्या खायें?

 

<गर्मियों का खाना>

#गर्मी के दिनों में क्या खायें?

#garmi ke dino me kya khana chahiye,?

#Dr.VirenderMadhan.

गर्मियों के दिनों में शरीर को स्वस्थ और ठंडा रखने के लिए, सही तरह से पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी होता है। 

#garmi ke dinon mein kya kya khana chahie,

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ आपको गर्मी के दिनों में ठंडा और ताजगी से भर देंगे:-


#फल और सब्जियां:-

 गर्मियों में खाने के लिए, आप कच्चे फल और सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि तरबूज, खरबूजा, आम, अनार, खीरा, टमाटर, प्याज, स्पिनेच, ककड़ी आदि। ये फल और सब्जियां आपके शरीर को ठंडा और ताजगी देंगे और आपको गर्मियों में हाइड्रेटेड रखेंगे।


#ठंडे पेय:–

 गर्मियों में पानी, नारियल पानी, लेमनेड, जलजीरा, नींबू-पानी, फलों का शेक, आदि ठंडे पेय शरीर को ताजगी देते हैं 

#ठंडे दूध के उत्पाद:-

 दूध, दही और पनीर जैसे थंडे दूध के उत्पाद भी आपको गर्मियों में ठंडा रखते हैं। लस्सी, छाछ, कुल्हड़ वाला दूध, फलों

और नट्स के साथ दही खाना बहुत स्वास्थ्यप्रद होता है।

#ठंडे खाद्य पदार्थ:-

 गर्मियों में आपको ठंडा और ताजगी देने वाले खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं, जैसे फलों का सलाद, चावल, सूप, सेवईयों का सलाद आदि। आप इन पदार्थों को ठंडे रखने के लिए फ्रिज में भी रख सकते हैं।


#प्रोटीन स्रोत:-

 गर्मियों में प्रोटीन स्रोत भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। दाल, सोयाबीन, अंडे और फिश आपको प्रोटीन देते हैं और आपको ताजगी और ऊर्जा देते हैं।

इन आहार विकल्पों के साथ-साथ, आप अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडी छत, ठंडी जलवायु नियंत्रण, विश्राम और नियमित व्यायाम के लिए भी जानकारी होना चाहिए।

#garmi me kya khaye kya na khaye,?

* ताजा शिकंजी:–

 ताजा शिकंजी एक और बहुत अच्छा विकल्प होता है गर्मियों में। यह एक सुगंधित नींबू पानी होता है जो आपको ताजगी देता है और आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।

* फलों और सब्जियों का उपयोग:–

 गर्मियों में फलों और सब्जियों का उपयोग करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। फल और सब्जियां आपको ऊर्जा देते हैं और आपके शरीर को विटामिन, मिनरल और फाइबर प्रदान करते हैं। आप आम, केले, तरबूज, खीरा, ककड़ी, तरबूज, अमरूद, अनार, संतरे, आम, पपीता, गाजर, टमाटर, ककड़ी, तोरी, बैंगन आदि जैसे फल और सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं।


* ठंडे पानी का उपयोग:–

 गर्मियों में आपको ताजगी और ऊर्जा देने के लिए ठंडे पानी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप ठंडे पानी के साथ नींबू, मिर्च और पुदीना का रस मिलाकर पी सकते हैं।

#गर्मियों में क्या न खाएं?

– कैफीन से परहेज करें, –चाय-कॉफी का कम से कम सेवन करें.

– गर्मी के मौसम में बासी खाना बिल्कुल भी न खाएं, इससे फूड प्वाइजनिंग खतरा हो सकता है.

– जंक फूड, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड खाने से परहेज जरूरी है.

– रेड मीट के सेवन से बचें, क्योंकि गर्मियों में प्रोटीन को पचाने में काफी समय लग जाता है.

Q:-गर्मी से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?

* खीरा रोज खाएं

– खीरा खीरा का सेवन गर्मी के दिनों में करना बहुत ही लाभदायक माना जाता है,

* नींबू पानी का करें

- सेवन गर्मी आते ही शरीर में पानी की कमी होने लगती है.

* बेल का शर्बत

– गर्मियों में खासतौर से लोगों को बेल का शर्बत जरूर पीना चाहिए. 

* आमपन्ना

- आमपन्ना फायदेमंद होता है.

* तरबूज

- तरबूज खाने से यह गर्मी से बचाएगा,

Q:- शरीर के लिए कौन सा फल ठंडा है?

आम के अलावा तरबूज एक और ऐसा फल है जो भारत में गर्मी के मौसम में अक्सर खाया जाता है। आमतौर पर तरबूज पीने में पानी की मात्रा 92% तक होती है, जो डिहाइड्रेशन को रोकने और शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगा। अगर नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 6 मई 2023

लस्सी पीने के फायदे और नुकसान,

 

#लस्सी पीने के फायदे और नुकसान,


इस लेख में “लस्सी पीने के फायदे”और “लस्सी पीने के नुकसान” के बारे मे बताने वाले है, “किन लोगों को लस्सी नही पीनी चाहिए” “लस्सी बनाने का आसान तरीका” जाने के लिए इस लेख को पुरा पढें,

Dr.VirenderMadhan,

लस्सी क्या है?

लस्सी एक पारंपरिक दक्षिण एशियाई पेय है जो खासतौर पर उत्तर एवं पश्चिम भारत तथा पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय है। 

- इसे दही को मथ कर एवं पानी मिलाकर बनाया जाता है तथा इसमें ईच्छा अनुसार तरह तरह के मसाले एवं चीनी या नमक डालकर तैयार किया जाता है। 

- लस्सी, छाछ एवम् मठ्ठा का जिक्र बहुत से पुरानी पुस्तकों में आता है।

#लस्सी पीने के फायदे:-

लस्सी का सेवन त्वचा के लिए, बालों के लिए, बवासीर,कब्ज दूर करने, वजन कम करने और हड्डियां मजबूत करने आदि में फायदेमंद होती है। ताजे दही से बनी लस्सी शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व देती है। दही में कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन पाया जाता है। लेकिन लस्सी पीने के फायदों के साथ ही नुकसान भी है।

लस्सी भारतीय रसोई का एक प्रसिद्ध शरबत है जिसे दूध, दही और मिठा एक साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। लस्सी को सम्मिश्रित चाशनी, नमक और भुना जीरा के साथ डाला जाता है। यह एक पौष्टिक विकल्प है जिसे गर्मियों में ठंडा पीने के लिए बड़ी संख्या में लोगों द्वारा तरीके से पसंद किया जाता है।



#लस्सी के कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:

पाचन क्रिया को सुधारता है:–

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 लस्सी में दही का प्रयोग होता है जो पाचन क्रिया को सुधारता है। यह वसा को घटाने में मदद करता है और आपके शरीर को ऊर्जा देता है।

दिल के स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद होता है:–

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 लस्सी का सेवन हृदय संबंधी बीमारियों को कम करने में मदद करता है। 

- इसमें पाए जाने वाले प्रोबायोटिक भी हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।

शरीर के तापमान को कम करता है:–

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 गर्मियों में लस्सी का सेवन करने से शरीर का तापमान कम होता है। इससे शरीर को ठंडा लगता है और गर्मी से राहत मिलती है।

वजन घटाने में मदद करता है:–

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 लस्सी वजन घटाने में मदद कर सकती है। यह वसा को घटाने में मदद करता है और भूख को कम करता है।

हड्डियों को मजबूत बनाता है:– 

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लस्सी में विटामिन डी, कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स होते हैं जो हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं।

अवसाद को कम करता है:–

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लस्सी में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो मनोवैज्ञानिक स्थितियों को सुधारने में मदद करते हैं। यह अवसाद को कम कर सकता है और मानसिक स्थिति को सुधारता है।



** लस्सी बनाने का आसान तरीका:-

#लस्सी बनाने की विधि:–

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लस्सी बनाना बहुत ही सरल होता है और इसे आसानी से बनाया जा सकता है। निम्नलिखित हैं लस्सी बनाने की विधि:

सामग्री:

दही (2 कप)

ठंडा पानी (1 कप)

चीनी (2-3 टेबल स्पून)

काला नमक (स्वादानुसार)

जीरा पाउडर (1 छोटा चम्मच)

कस्तूरी मेथी पाउडर (1 छोटा चम्मच)

धनिया पत्ती (बारीक कटी हुई, गार्निश के लिए)

पुदीना पत्ती (बारीक कटी हुई, गार्निश के लिए)

विधि:–

दही को एक बड़ी कटोरी में डालें और उसे फेंटें ताकि दही को चिकना बनाएं।

अब उसमें ठंडा पानी डालें और फिर से अच्छी तरह से फेंटें।

अब इसमें चीनी, काला नमक, जीरा पाउडर, और कस्तूरी मेथी पाउडर डालें और फिर से अच्छी तरह से मिलाएं।

लस्सी को ठंडा करने के लिए इसे फ्रिज में रखें या बर्फ के साथ मिलाएं।

लस्सी को सर्व करने से पहले उसमें कुछ धनिया पत्ती और पुदीना पत्ती डालें,

आप चाहें तो लस्सी को ब्लेंडर में भी ब्लेंड कर सकते हैं 

अगर आप लस्सी को थोड़ा चटपटा पसंद करते हैं, तो इसमें थोड़ी ताजी लाल मिर्ची का पेस्ट भी मिला सकते हैं।

लस्सी को ठंडा करने के लिए इसे बर्फ के साथ मिला सकते हैं।

अब लस्सी को गिलास में निकालें और उसे धनिया पत्ती और पुदीना पत्ती से सजाएं। लस्सी तैयार है।

#लस्सी के नुकसान:–

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>>लस्सी पीने से क्या नुकसान हो सकते है?

लस्सी पीने के बहुत कम नुकसान होते हैं और इसे स्वस्थ कै लिये अच्छे तरीके से पीने से फायदे होते हैं। हालांकि, कुछ लोगों के लिए लस्सी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

वजन बढ़ना:–

 अधिक मात्रा में लस्सी पीने से आपका वजन बढ़ सकता है, क्योंकि इसमें शक्कर या चीनी का उपयोग किया जाता है।

एलर्जी:–

 कुछ लोगों को दूध से एलर्जी हो सकती है और उन्हें लस्सी पीने से एलर्जी की समस्या हो सकती है।

बीमारी:–

 कुछ लोगों को लक्टोज इंटॉलरेंस होती है और उन्हें लस्सी पीने से पाचन तंत्र में समस्या हो सकती है।

अशुद्ध लस्सी:–

 अशुद्ध लस्सी पीने से आपको खुशक खांसी, खुजली या त्वचा के विकार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

लेकिन सामान्यतः, स्वस्थ व्यक्ति लस्सी को स्वस्थ तरीके से पी सकते हैं 

#किन लोगों को लस्सी नही पीनी चाहिए

लस्सी को पीने से पहले, आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए क्योंकि लस्सी को पीने से पहले अपने स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखना आवश्यक है। लस्सी को पीने से निम्नलिखित लोगों को बचना चाहिए:

लक्टोज इंटॉलरेंस से पीड़ित लोग:–

 जो लोग लक्टोज इंटॉलरेंस से पीड़ित होते हैं उन्हें लस्सी नहीं पीनी चाहिए, क्योंकि लस्सी में लैक्टोज होता है। लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले लोगों को लस्सी की जगह अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दही, पनीर आदि का सेवन करना चाहिए।

एलर्जी से पीड़ित लोग:–

 लस्सी एक दूध के उत्पाद होती है, इसलिए दूध से एलर्जी वाले लोगों को लस्सी का सेवन नहीं करना चाहिए।

 एसिडिटी से पीड़ित लोग:–

जो लोग अपच, गैस और एसिडिटी से पीड़ित होते हैं, उन्हें लस्सी के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि लस्सी उन्हें अधिक बीमारी कर सकती है,

अधिक वजन वाले लोग:– लस्सी में चीनी की मात्रा अधिक होती है जो वजन बढ़ाने का कारण बन सकती है। इसलिए अधिक वजन वाले लोगों को लस्सी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

 बड़ी आंत में समस्या हो:– लस्सी में उच्च मात्रा में एसिड होता है, जो जिनकी बड़ी आंत में समस्या होने से पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए जिनकी बड़ी आंत में समस्या हो, उन्हें लस्सी का सेवन नहीं करना चाहिए।

[दादी माँ के घरेलू नुस्खों को फॉलो करने वाले लोग: दादी माँ के घरेलू नुस्खों को फॉलो करने वाले लोगों को लस्सी का सेवन से पहले भी डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।]

People ask:-

Q:-छाछ और लस्सी एक ही है?

Ans:-नही,

दूध से मक्खन को मथ कर छाछ बनाई जाती है दूसरी ओर दही को पानी में मिलाकर और स्वादानुसार चीनी या नमक मिलाकर लस्सी बनाई जाती है।

Q:-लस्सी कैसे बनाया जाता है?

Ans:-

Lassi Recipe

लस्सी बनाने के लिए सबसे पहले हम 750 ग्राम दही लेंगे और उसमें आधा लीटर पानी डाल देंगे।

पानी डालने के बाद हम इसे बिलो लेंगे। 

इसलिए हम इसे किसी झार से अच्छे से 2 मिनट तक बिलो लेंगे। 

चीनी डालने के बाद हम इसे फिर से बिलो लेंगे।

अब इतने दही से हम 7 गिलास लस्सी बिल्कुल आराम से बना सकते है।

Q:-लस्सी कब पीना चाहिए?

Ans:-

लस्सी का आमतौर पर शीतलक के रूप में सेवन किया जाता है जो बदले में पाचन में मदद करता है। यह पेय दही से बना है जिसे स्वस्थ बैक्टीरिया के लिए जाना जाता है। बताए गए कारण से, भोजन के बाद आदर्श रूप से इसका सेवन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, यदि आपने बहुत अधिक मसालेदार भोजन किया है तो लस्सी पाचन तंत्र को शांत करने में मदद कर सकती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शनिवार, 29 अप्रैल 2023

Skin की सभी रोगों से सुरक्षा 100% कैसे करें,in hindi

 Skin की सभी रोगों से सुरक्षा 100% कैसे करें,in hindi

Skin के लिए आयुर्वेदिक उपाय



#Skin की देखभाल कैसे करें?In hindi

 कुछ आयुर्वेदिक उपाय हैं जो आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद कर सकते हैं:

#नीम (Neem):-

 नीम, त्वचा के लिए एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपाय है। नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे एक्ने, खुजली, सोराइसिस आदि के इलाज में मदद करते हैं। आप नीम के पत्तों को पीसकर उनका पेस्ट बना सकते हैं और इसे त्वचा पर लगा सकते हैं।

#जीरा (Cumin): 

 जीरा एक अन्य आयुर्वेदिक उपाय है जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। जीरा में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं। आप जीरे का पाउडर या उनके बीजों को पीसकर इसे दूध में मिलाकर पी सकते हैं।

#हल्दी (Turmeric):-

 हल्दी में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में मदद करते हैं। आप हल्दी का पाउडर शहद या दूध में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।

#एलोवेरा (Aloe Vera):-

 एलोवेरा त्वचा को शुद्ध और स्वस्थ बनाने में मदद करता है। आप एलोवेरा जूस को सीधे त्वचा पर लगा सकते हैं या इसे दूध में मिलाकर पी सकते हैं।

#तुलसी (Holy Basil):-

 तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं। आप तुलसी के पत्तों को पीसकर इसे त्वचा पर लगा सकते हैं।

#मुलेठी (Licorice):-

 मुलेठी में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं। आप मुलेठी के जड़ का पाउडर शहद के साथ मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।

#चंदन की लकडी (Sandalwood):- 

चंदन त्वचा को कमजोर नहीं होने देता है और त्वचा को ठंडा और शांत बनाता है। आप चंदन पाउडर को घी के साथ मिलाकर त्वचा पर लगा सकते हैं।

[आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने से पहले अपनी त्वचा के लिए सही उत्पादों को चुनना भी बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ आयुर्वेदिक उत्पादों को उनकी ताकत के कारण केवल डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ही उपयोग किया जाना चाहिए।]


कुछ द्रव्य का अतिरिक्त उपयोग त्वचा पर असामान्य अधिक प्रतिक्रिया और अलर्जी के कारण त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, आपको त्वचा की समस्या के बारे में जानकारी हासिल करने और एक प्रशिक्षित वैद्य से सलाह लेना चाहिए।


इन सभी आयुर्वेदिक उपायों को सही ढंग से उपयोग करने के साथ-साथ आपको अपनी त्वचा की स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, और अधिक दूध और पानी का सेवन करना चाहिए।

#skin की कुछ सामान्य समस्याओं के उपचार :-

#एक्जिमा (Eczema):-

 एक्जिमा को ठीक करने के लिए आपको एक्जिमा से संबंधित एक समान और महत्वपूर्ण उपचार शुरू करना होगा। इसके लिए, बेस कोट में उपयुक्त तरह के मॉइस्चराइज़र और कोर्टिकोस्टेरॉइड लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, धूप एवं प्रदूषण से बचना भी फायदेमंद होता है।

#खुजली (Itching): 

खुजली से निजात पाने के लिए, उत्तम तरीके से इस वजह का पता लगाएं और उसे दूर करने के लिए उचित उपचार करें। आमतौर पर, एंटीहिस्टामीन दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है, जो खुजली को कम करते हैं।

#एक्ने (Acne):

 एक्ने को रोकने के लिए, आप अपनी खान-पान और त्वचा की सफाई पर ध्यान देने की कोशिश कर सकते हैं। अलग-अलग उत्पादों का उपयोग भी किया जा सकता है, जैसे कि बेंजोइल पेरॉक्साइड या सैलिसिलिक एसिड। आप अपने डॉक्टर से इन उत्पादों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें उपयोग करने से पहले उनसे सलाह लेना भी उचित होगा।

#खुरदुरी त्वचा (Dry skin):

 खुरदुरी त्वचा को ठीक करने के लिए आप अपनी त्वचा की नमी को बनाए रखने के लिए एक अच्छा मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने त्वचा को ठंडे पानी से नहलाना और अत्यधिक गर्म नहाने से बचना भी फायदेमंद होता है।

सन बर्न (Sunburn):

 सनबर्न को ठीक करने के लिए आप शीतल पानी से अपनी त्वचा को धोएं और एक शीघ्र क्रिम या लोशन का इस्तेमाल करें। अलोवेरा जैसी घरेलू चीजें भी फायदेमंद हो सकती हैं। सूर्य से बचने के लिए अपने त्वचा को संरक्षित रखना भी महत्वपूर्ण है। आप सूर्य से बचने के लिए सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं और खुले समय में टोपी या छतरी पहन सकते हैं।

इन उपायों से ठीक नहीं होती है, तो आपको एक त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।

कुछ अन्य उपाय;-

#आमला:-

 आमला शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है। यह त्वचा को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। आमला में विटामिन सी शामिल होता है जो त्वचा की रक्षा करता है और उसे नरम बनाए रखता है।

#हरितिकी:-  

हरितिकी एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा,हरितिकी में विटामिन सी और विटामिन ई के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।

#सरसों का तेल:-

 सरसों के तेल में विटामिन ई और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, सरसों के तेल में अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।

#घी:-

 घी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह त्वचा को नरम और चमकदार बनाता है। घी में अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।

#गुलाब जल:-

 गुलाब जल में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते है

#त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी बातें;-

– स्वस्थ खानपान होगा

– तला हुआ खाने से बचेंगे

– फल, दूध जैसी चीजें खाएंगे

– रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीएंगे

– रोजाना चेहरे की सफाई करेंगे

– रोजाना योग और मेडीटेशन करें

– रोजाना भरपूर नींद लेंगे और चिंता-तनाव से दूर रहेंगे

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,

शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

#लहसुन के फायदे व नुकसान.in hindi.


 लहसुन क्या है?

#लहसुन के फायदे व नुकसान.in hindi.

#Dr.VirenderMadhan.

लहसुन, ( Allium sativum ), Amaryllis परिवार (Amaryllidaceae) का बारहमासी पौधा, इसके स्वादिष्ट बल्बों के लिए उगाया जाता है। यह पौधा मध्य एशिया का मूल निवासी है लेकिन इटली और दक्षिणी फ्रांस में जंगली रूप से बढ़ता है और कई राष्ट्रीय व्यंजनों में एक उत्कृष्ट घटक है।

लहसुन एक स्वादिष्ट मसाला होता है जो व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसे धातुओं और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। इसका इस्तेमाल बीमारियों से लड़ने और उन्हें रोकने के लिए भी किया जाता है। इसमें अल्लिन नामक एक केमिकल होता है जो जीवाणुओं और विषाणुओं के विरुद्ध काम करता है जिससे इसके सेवन से व्यक्ति के शरीर में कुछ रोगों के लक्षण कम हो सकते हैं।

#लहसुन के औषधीय गुण:-

इसमें एलिसिन और सल्फर यौगिक भी होते हैं। साथ ही लहसुन में एजोइन (Ajoene) और एलीन (Allein) कंपाउंड भी पाए जाते हैं, जो लहसुन को असरदार औषधि बनाते हैं। इन तत्वों और यौगिकों की वजह से ही लहसुन का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन यही घटक लहसुन को संक्रमण दूर करने की क्षमता भी देते हैं (

लहसुन में अन्य औषधीय गुण भी होते हैं जैसे कि इसमें पाये जाने वाले सल्फर के कारण यह खून के प्रवाह को बढ़ाता है और हृदय रोगों, श्वसन तंत्र के रोगों, शुगर, जठरांत्र के रोगों, कैंसर आदि से बचाव और उपचार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

* लहसुन को खाने से पहले कुछ लोगों को उसके खास स्वाद और बदबू आती है। इससे बचने के लिए, आप इसे कुछ देर के लिए पानी में डाल सकते हैं, इससे लहसुन के दुर्गन्ध कम हो जाते हैं।

[यदि आप किसी भी रोग से पीड़ित हैं या लहसुन के सेवन से संबंधित कोई समस्या हो रही है तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।]


लहसुन के उपयोग से संबंधित अन्य एक महत्वपूर्ण बात है कि यह खून को पतला करने के कारण अगर आप रक्त पतला करने वाली दवाओं या एंटीकोगुलेंट दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो लहसुन का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।


अंतिम रूप से, लहसुन का उपयोग विभिन्न व्यंजनों में खासतौर से भारतीय खाने में बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसके अलावा यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी होता है, लेकिन उसका उपयोग समझदारी से किया जाना चाहिए।

* लहसुन के कई औषधीय गुण होते हैं जिससे यह विभिन्न प्रकार के रोगों में लाभदायक सिद्ध होता है। कुछ मुख्य रोगों में लहसुन के उपयोग के फायदे निम्नलिखित हैं:

हृदय रोग:-

 लहसुन में मौजूद सल्फुर हृदय रोगों से बचाव और उपचार के लिए बेहतर होता है। इसमें मौजूद अलिसीन हृदय रोगों से बचाव करने में मदद करता है, क्योंकि यह खून को पतला करता है जो अधिक चिकनाई के कारण हृदय रोगों की स्थिति को बिगाड़ सकता है।

मोटापा:-

 लहसुन में मौजूद अलिसीन वसा के स्तर को कम करने में मदद करता है जिससे मोटापा कम होता है।

श्वसन तंत्र के रोग: -

 लहसुन में मौजूद विभिन्न तत्वों के कारण, इसका उपयोग श्वसन तंत्र से जुड़े रोगों जैसे कि एस्थमा, ब्रोंकाइटिस और साइनस इंफेक्शन आदि के उपचार के लिए किया जाता है।

कैंसर:-

 लहसुन में मौजूद सल्फर और अन्य तत्व कैंसर से बचाव और उपचार के लिए बहुत उपयोगी है।

सामान्य रोग:-

 लहसुन के उपयोग से कुछ सामान्य रोगों जैसे जुकाम, खांसी, त्वचा संबंधी समस्याएं और पेट संबंधी समस्याएं भी ठीक हो सकती हैं।

इन्फेक्शन:-

 लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्व इंफेक्शन से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

आंतरिक जड़ से जुड़ी समस्याएं:-

 लहसुन में मौजूद तत्व आंतरिक जड़ से जुड़ी समस्याओं जैसे ज्वर, मलेरिया और विषाक्तता जैसी समस्याओं से लड़ने में मदद करते हैं।

लेकिन ध्यान रखें कि लहसुन एक तरह की औषधि होती है और इसका उपयोग अधिकतम मात्रा में किया जाना चाहिए ताकि यह दुष्प्रभावों का कारण न बने। अगर आप किसी भी रोग से पीड़ित हैं तो सलाह लेने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

शनिवार, 28 जनवरी 2023

क्या हमें कच्ची सब्जियों खाना चाहिए?हिंदी में.

 क्या हमें कच्ची सब्जियों खाना चाहिए?हिंदी में.

<>kya hamen kachchee sabjiyon khaana chaahie? In hindi.

#Should we eat raw vegetables? In Hindi.



[कच्ची सब्जीKachi Sabji]:-

Dr.VirenderMadhan.

अगर हम कच्ची सब्जियाँ खाते हैं तो कच्ची सब्जियों में भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स मिलते है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए,स्किन के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। 

कच्ची सब्जियां से आपको  स्वास्थ्य के लिए जरूरी अधिकांश एंजाइम, विटामिन और खनिज भी मिल जाते हैं । 

#कच्ची सब्जी खाने से ओर क्या क्या लाभ होते है?

>What are the other benefits of eating raw vegetables?

– कच्ची सब्जी खाने से वजन नही बढता है। मोटापे मे भी लाभप्रद है।

– कच्ची सब्जी खाने से एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण डायबिटीज, कैंसर, पार्किंसन जैसे रोगों के होने का खतरा बहुत कम हो जाता है।

– कच्ची सब्जी खाने से शरीर को अधिक एनर्जी मिलती है।

– कच्ची सब्जी खाने से पाचनशक्ति बढती है।

– त्वचा स्वस्थ होती है।

– कच्ची सब्जी खाने से हृदय रोग होने की सम्भावना घट जाती है।

#कौन सी कच्ची सब्जीयाँ खाई जा सकती है?

#Which vegetables can be eaten raw?

खीरा, टमाटर, गाजर,शलजम, मूली, पालक, चुकंदर, प्याज, कुंदरू आदि सब्जियों का कच्चे रूप में सेवन किया जा सकता है।

#कौन सी सब्जियां कच्ची नहीं खानी चाहिए?

–Which vegetables should not be eaten raw?

-आलू, पालक, मशरूम,

बिन्स, ग्वारफली, राजमा,

गोभी, ब्रोकली और पत्ता गोभी,बैंगन आदि को कच्चा नहीं खाना चाहिए।

अन्यथा हो सकती है कोई न कोई परेशानी।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान.