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मंगलवार, 28 जनवरी 2025

अश्वगंधा के फायदे और उपयोग in hindi


 अश्वगंधा के फायदे और उपयोग in hindi

डा०वीरेंद्र

[अश्वगंधा ]

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अश्वगंधा (Withania somnifera) एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसे आमतौर पर मानसिक और शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके कुछ देशी उपयोग इस प्रकार हैं:


1. तनाव और अनिद्रा में

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अश्वगंधा मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक है।

उपयोग:–

अश्वगंधा पाउडर को दूध के साथ रात में लेने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है।

1/2 चम्मच अश्वगंधा पाउडर को शहद के साथ लेने से लाभ होता है।

2. शारीरिक शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने में–

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अश्वगंधा कमजोरी दूर कर शरीर को ताकतवर बनाती है।

उपयोग:–

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रोज सुबह एक गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाकर पीने से शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।

इसे घी और मिश्री के साथ मिलाकर लेने से मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है।

3. इम्यूनिटी बढ़ाने में–

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अश्वगंधा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है।

उपयोग:–

अश्वगंधा का काढ़ा (पानी में उबालकर) बनाकर पीने से इम्यूनिटी मजबूत होती है।

इसे हल्दी और शहद के साथ लेने से सर्दी-खांसी में लाभ होता है।

4. जोड़ों के दर्द और सूजन में–

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अश्वगंधा गठिया और सूजन को कम करने में मदद करती है।

उपयोग:


अश्वगंधा पाउडर को गुनगुने पानी या दूध के साथ नियमित रूप से लेने से दर्द में राहत मिलती है।

इसके तेल से जोड़ों की मालिश करने से सूजन कम होती है।

5. मधुमेह में

अश्वगंधा ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होती है।

उपयोग:


सुबह खाली पेट एक चुटकी अश्वगंधा पाउडर गुनगुने पानी के साथ लेने से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।

6. यौन शक्ति बढ़ाने में

अश्वगंधा को कामशक्ति बढ़ाने और प्रजनन स्वास्थ्य सुधारने के लिए उपयोग किया जाता है।

उपयोग:


दूध में अश्वगंधा पाउडर और शहद मिलाकर लेने से यौन स्वास्थ्य बेहतर होता है।

7. बालों और त्वचा के लिए

अश्वगंधा बालों की ग्रोथ बढ़ाने और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है।

उपयोग:


अश्वगंधा पाउडर को पानी या नारियल तेल में मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से बाल मजबूत होते हैं।

इसे पीने से त्वचा पर ग्लो आता है।

नोट:

अश्वगंधा का सेवन किसी चिकित्सक की सलाह लेकर करें, खासकर यदि आप गर्भवती हैं, दवाइयां ले रहे हैं, या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।


इन के अंगों का अलग अलग उपयोग


अश्वगंधा के विभिन्न अंगों (जड़, पत्ते, फल, बीज और तना) का अलग-अलग औषधीय उपयोग होता है। इनका उपयोग आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में विशेष रूप से किया जाता है। नीचे इनके अंगों के उपयोग दिए गए हैं:


1. जड़ (Roots)

अश्वगंधा की जड़ को सबसे अधिक औषधीय उपयोग के लिए जाना जाता है।


उपयोग:

तनाव और अनिद्रा: जड़ का पाउडर दूध के साथ लेने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है।

शारीरिक शक्ति: यह मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में सहायक है।

संधियों के दर्द: जड़ का काढ़ा गठिया और सूजन में राहत देता है।

इम्यूनिटी: इसका सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

2. पत्ते (Leaves)

अश्वगंधा के पत्ते भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।


उपयोग:

डिटॉक्सिफिकेशन: पत्तों का रस या काढ़ा शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने में सहायक है।

त्वचा रोग: पत्तों का लेप त्वचा की खुजली, फोड़े-फुंसी और अन्य संक्रमण में लाभकारी होता है।

कीड़े के काटने पर: पत्तों का पेस्ट घाव या कीड़े के काटने पर लगाया जाता है।

बुखार: पत्तों का काढ़ा बुखार कम करने में मदद करता है।

3. फल (Fruits)

अश्वगंधा के फल छोटे और लाल रंग के होते हैं।


उपयोग:

पाचन शक्ति: फलों का सेवन पेट की समस्याओं जैसे अपच और कब्ज में फायदेमंद होता है।

एंटीऑक्सिडेंट: फल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं।

यौन स्वास्थ्य: फलों का उपयोग प्रजनन क्षमता और यौन स्वास्थ्य सुधारने के लिए किया जाता है।

4. बीज (Seeds)

अश्वगंधा के बीजों में औषधीय गुण होते हैं, जिनका उपयोग विशेष उपचारों में किया जाता है।


उपयोग:

कृमिनाशक: बीजों का उपयोग पेट के कीड़ों को मारने के लिए किया जाता है।

नेत्र रोग: बीजों को पीसकर और पानी में मिलाकर आंखों की बीमारियों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है।

फर्टिलिटी: बीज प्रजनन क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं।

5. तना और शाखाएं (Stems and Branches)

अश्वगंधा का तना और शाखाएं भी उपयोगी होते हैं, हालांकि इनका उपयोग कम होता है।


उपयोग–

दांत और मसूडे: 

तने का उपयोग दांत साफ करने और मसूड़ों की बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

औषधीय काढ़ा:

 तने का काढ़ा पाचन और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।

विशेष नोट:

अश्वगंधा के हर अंग का सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, और गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों को इसके सेवन से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

शनिवार, 30 नवंबर 2024

Beauty बढाने के 5 best ayurvedic Upaye in hindi

Beauty बढाने के 5 best ayurvedic Upaye in hindi

सौंदर्य बर्द्धक उपाय

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आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों का उपयोग त्वचा, बाल और संपूर्ण सौंदर्य को निखारने के लिए किया जाता है। यहाँ 5 प्रमुख जड़ी-बूटियाँ दी गई हैं जो आपकी सुंदरता बढ़ाने में मदद कर सकती हैं:


1. एलोवेरा (ग्वारपाठा)

लाभ:–

 त्वचा को नमी प्रदान करता है, दाग-धब्बों को हटाता है और त्वचा में निखार लाता है।

उपयोग: एलोवेरा जेल को सीधे त्वचा पर लगाएं या इसे फेस पैक में मिलाएं।

2. हल्दी

हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण त्वचा की रंगत निखारती है और मुंहासों को कम करती है।

उपयोग:–

 हल्दी को दूध या शहद के साथ मिलाकर फेस पैक बनाएं।

3. नीम

नीम त्वचा की अशुद्धियों को दूर करता है और मुंहासों की समस्या को नियंत्रित करता है।

उपयोग:–

 नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर फेस पैक के रूप में लगाएं या इसका तेल इस्तेमाल करें।

4. आंवला

आंवला बालों को घना और मजबूत बनाता है, त्वचा को चमकदार बनाता है।

उपयोग:–

 आंवला का रस या पाउडर बालों में लगाएं और इसे आहार में शामिल करें।

5. चंदन

चंदन त्वचा को ठंडक पहुंचाता है, दाग-धब्बों को कम करता है और प्राकृतिक चमक लाता है।

उपयोग:–

 चंदन पाउडर को गुलाब जल के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं।

इन जड़ी-बूटियों का नियमित और सही तरीके से उपयोग करने पर आपके सौंदर्य में प्राकृतिक रूप से निखार आ सकता है।


यहाँ और 5 जड़ी-बूटियाँ हैं जो सौंदर्य बढ़ाने में मदद करती हैं:


6. ब्राह्मी

लाभ: त्वचा को शांत और युवा बनाए रखती है। बालों के स्वास्थ्य में सुधार करती है।

उपयोग: ब्राह्मी पाउडर को नारियल तेल में मिलाकर बालों में लगाएं।

7. कुमकुमादि तेल (सफ्रन)

लाभ: त्वचा की चमक बढ़ाता है, झाइयों और दाग-धब्बों को कम करता है।

उपयोग: इसे रोज़ रात में चेहरे पर हल्के मसाज के रूप में लगाएं।

8. गुलाब (रोज़)

लाभ: त्वचा को नमी प्रदान करता है और प्राकृतिक चमक लाता है।

उपयोग: गुलाब जल को टोनर के रूप में इस्तेमाल करें या गुलाब की पंखुड़ियों से फेस मास्क बनाएं।

9. तुलसी (बेसिल)

लाभ: त्वचा पर मुंहासों और संक्रमण को कम करता है।

उपयोग: तुलसी की पत्तियों का पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाएं।

10. शतावरी

लाभ: त्वचा की नमी बनाए रखती है और शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ाती है।

उपयोग: शतावरी का पाउडर दूध या पानी के साथ सेवन करें।

इन जड़ी-बूटियों को अपने स्किनकेयर और हेयरकेयर रूटीन में शामिल करने से सौंदर्य में प्राकृतिक और दीर्घकालिक निखार आ सकता है।

11. मुल्तानी मिट्टी

लाभ: त्वचा की गहराई से सफाई करती है, तैलीय त्वचा को संतुलित करती है और त्वचा को चमकदार बनाती है।

उपयोग: इसे गुलाब जल या दूध के साथ मिलाकर फेस मास्क के रूप में लगाएं।

12. भृंगराज

लाभ: बालों को घना और चमकदार बनाता है। गंजेपन और बाल झड़ने की समस्या को कम करता है।

उपयोग: भृंगराज तेल को बालों में लगाएं या इसके पत्तों का रस बालों पर इस्तेमाल करें।

13. अश्वगंधा

लाभ: त्वचा की झुर्रियों और उम्र के लक्षणों को कम करती है। तनाव घटाकर सौंदर्य बनाए रखती है।

उपयोग: अश्वगंधा पाउडर का सेवन करें या इसे फेस मास्क में मिलाएं।

14. मंजिष्ठा

मंजिष्ठा रक्त शुद्ध करने में मदद करती है, जिससे त्वचा की रंगत निखरती है और दाग-धब्बे कम होते हैं।

उपयोग: मंजिष्ठा पाउडर को पानी या शहद के साथ मिलाकर फेस पैक बनाएं।

15. जटामांसी

लाभ: बालों को पोषण देती है, त्वचा की चमक बढ़ाती है और तनाव को कम करती है।

उपयोग: जटामांसी तेल का इस्तेमाल करें या इसके पाउडर का सेवन करें।

इन जड़ी-बूटियों को नियमित रूप से उपयोग करने पर त्वचा और बालों में प्राकृतिक निखार और चमक देखी जा सकती है।

बुधवार, 5 जुलाई 2023

शहद खाने के 5 फायदे व नुकसान इन हिंदी.

 शहद खाने के 5 फायदे व नुकसान इन हिंदी.

#आयुर्वेद में शहद के 5 गुण

आयुर्वेद में शहद को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है और इसे अनेक गुणों से युक्त माना जाता है। यहां पांच मुख्य गुण हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए:

**रसायनिक गुण (Rasayana Properties):–

 शहद को रसायनिक गुणों से युक्त माना जाता है, जो शरीर को बल, प्रतिरक्षा और यौवन देते हैं। इसका नियमित सेवन शरीर की संतुलित गतिविधियों को सुनिश्चित करने में मदद करता है और स्वस्थ्य और विटामिन की वृद्धि को बढ़ाता है।

**ज्वरनाशक गुण (Jwaranashak Properties):–

 शहद को ज्वरनाशक गुणों से भी जाना जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो अणुओं और पैथोजेनों के खिलाफ लड़ते हैं और शरीर को ज्वर के खिलाफ लड़ने में मदद करते हैं।

**पाचनशक्ति (Pachanashakti):–

 शहद पाचनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है और पाचन तंत्र को संतुलित रखने में सहायता प्रदान करता है। यह आमतौर पर पाचन को सुधारने, अपच, एसिड

लेकिन अत्यधिक पाचन बिगडऩे पर शहद अपने चिकित्सक की सलाह लेकर ही प्रयोग करें अन्यथा हानि की अधिक सम्भावना होती है,थोड़ी मात्रा में लेने से पाचनशक्ति को नियंत्रित करने, अम्लपित्त, एसिडिटी और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।

** प्रतिश्यायशोधक (Pratishyayashodhak):–

कफ नाशक होने से शहद श्वासनली संबंधी समस्याओं, जैसे साइनसाइटिस, जुकाम, कफ और गले में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। यह श्वासनली को साफ़ करने, नाक संक्रमण को दूर करने और श्वासनली की संरक्षण शक्ति को बढ़ाने में सहायता प्रदान करता है।

** पुरिफायर (Purifier):–

शोधनकर्म करने से शहद शरीर की स्नायुओं, रक्त और त्वचा को शुद्ध करने में मदद कर सकता है। यह आंत्र, रक्तमांश, मूत्रमार्ग, त्वचा और विभिन्न अंगों की परिष्कृति को बढ़ावा देता है और शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करने में मदद करता है।

> ये थे कुछ मुख्य गुण जो आयुर्वेद में शहद को संबोधित करते हैं। आपको ध्यान देना चाहिए कि ये गुण व्यक्ति के शरीर और प्रकृति पर निर्भर कर सकते हैं, 


#शहद के5 नुकसान:-

  शहद (हनी) एक प्राकृतिक पदार्थ है जिसे बहुत सारे लोग मिठास के स्वाद के लिए उपयोग करते हैं। यह असाधारण औषधीय गुणों के साथ-साथ शरीर के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में शहद का उपयोग नुकसानकारी भी हो सकता है। यहां शहद के कुछ नुकसानों की एक सूची है:

* मधुमेह के लिए खतरा:–

 शहद में मिठाई की मात्रा उच्च होती है और इसलिए मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी को इसका सेवन संख्याग्रहण के साथ करना चाहिए। इसलिए, मधुमेह के लिए शहद का उपयोग करने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श करना अच्छा रहेगा।

*शहद के संक्रमण का खतरा:– 

यदि शहद न सही ढंग से उपयोग किया जाए, तो इसमें बैक्टीरिया, वायरस और अन्य पथोजनों के संक्रमण का खतरा हो सकता है। विशेष रूप से, बच्चों, अधिक उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं और इम्यूनोकंप्रोमाइज़्ड व्यक्तियों को शहद के सेवन के संबंध में सतर्क रहना चाहिए।

*अलर्जी की संभावना:–

 कुछ लोगों को शहद के प्रति अलर्जी हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को शहद खाने पर चुभन, त्वचा में खुजली, चकत्ते या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण आते हैं, तो उन्हें शहद का सेवन बंद करना चाहिए और चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

*बच्चों के लिए खतरा:–

 शहद को बच्चों के अल्पाहार में देने से पहले विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। शहद में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो छोटे बच्चों के अवयस्क प्रणाली के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए, बच्चों को शहद का सेवन करवाने से पहले उचित साफ-सफाई और परामर्श करना जरूरी होता है।

* शहद की अधिक मात्रा से परेशानियाँ:–

 शहद में मिठाई की मात्रा उच्च होती है, जिसके कारण अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से पेट संबंधी अवस्थाओं जैसे अपाच, पेट में गैस, डायरिया या वजन बढ़ने की संभावना हो सकती है। इसलिए, शहद का सेवन करते समय मात्रा का ध्यान रखना चाहिये,

**शहद में विषाक्तता:–

 शहद को सफाई और गुणवत्ता के साथ लेना महत्वपूर्ण है। यदि शहद में विषाक्तता हो, तो इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले प्रमाणित या संग्रहीत शहद का उपयोग करें और अनधिकृत या असंकेतित स्रोतों से दूर रहें।

**शहद के वजन बढ़ने का खतरा:–

 शहद में मिठास होती है, और यदि आप अधिक मात्रा में शहद का सेवन करते हैं, तो आपका वजन बढ़ सकता है। शहद को एक सेहतमंद आहार का हिस्सा मानते हुए, उसका सेवन मात्रा को नियंत्रित रखें और एक संतुलित आहार पर ध्यान रखें। अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से अतिरिक्त कैलोरी मिलती है जो आपके वजन में वृद्धि का कारण बन सकती है।

** शहद का दांतों पर असर:–

 यदि आप अधिक मात्रा में शहद का सेवन करते हैं, तो इसका दांतों पर असर हो सकता है। शहद में मिठास होती है जो कैरीएस विकृति (दांतों की खराबी) का कारण बन सकती है। इसलिए, शहद के सेवन के बाद अच्छे दांतों की सफाई और देखभाल करना महत्वपूर्ण है।

**गर्भवती महिलाओं के लिए असुरक्षित:–

 गर्भवती महिलाओं को शहद का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। शहद में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो गर्भवती महिला और बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। सावधानी बरतने के लिए, गर्भवती महिलाएं शहद की जगह अन्य सुरक्षित विकल्पों का उपयोग कर सकती हैं।

यदि आपको शहद के सेवन के संबंध में किसी विशेष चिकित्सा सलाह की जरूरत होती है, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। वे आपको विशेष रूप से आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले निर्देश और सलाह प्रदान कर सकते हैं। यह आपके व्यक्तिगत स्थिति और स्वास्थ्य पर आधारित होगा।

>>ध्यान देने योग्य बातें:–

शहद को सदा से बारे में एक पेशेवर चिकित्सक से परामर्श करना सुनिश्चित करें। वे आपको विशेष तरीकों के साथ अपनी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर सही दिशा निर्देशित करेंगे।

शहद का सेवन मात्रा को नियंत्रित करें और अधिकता से बचें। अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से पहले, अपने चिकित्सक की सलाह लें और अपने आहार योजना को उपयुक्त रूप से नियंत्रित करें।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

सोमवार, 12 जून 2023

कैल्शियम युक्त आहार की सूची

 

कैल्शियम युक्त आहार की सूची

<कैल्शियम बढाने वाले फ्रूट>

यदि आप कैल्शियम युक्त आहार की सूची जानना चाहते हैं, तो निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में कैल्शियम की मात्रा प्राप्त की जा सकती है:–

>>दूध और दूध उत्पाद:–


 दूध, दही, पनीर, छाछ, दूध का पाउडर, केसर, चीज़, लासी, बटरमिल्क, आदि।

>>सब्जियां:–

 सरसों का साग, पालक, बथुआ, ब्रोकोली, फेनेल, लौकी, टमाटर, हरी मिर्च, गोभी, मटर, बैंगन, तोरी, आदि।

>>अंडे:–

 अंडे भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं।

>>दालें:–

 चना, मसूर दाल, तूर दाल, मूंग दाल, उड़द दाल, राजमा, चोले, आदि।

>>द्रव्यपान:–

 खजूर का दूध, बादाम का दूध, नारियल पानी, शाकाहारी दूध, सोया मिल्क, आदि।

>>नट्स और बीज:–

 बादाम, अखरोट, चिया बीज, सेसम बीज, खजूर, पिस्ता, कद्दू के बीज, आदि।

>>अन्य खाद्य पदार्थ:–

<कैल्शियम बढाने वाले फ्रूट>

 संतरा, केला, अमरूद, आंवला, अंगूर, आम, खरबूजा, अनार, टिंडा, आदि।


**यह सूची केवल सामान्य दिशा-निर्देश है और अलग-अलग स्रोतों की कैल्शियम मात्रा भिन्न हो सकती है। कैल्शियम की अधिक मात्रा उपलब्ध कराने के लिए, आप विविध पदार्थों को संयोजित भोजन रूप में सम्मिलित कर सकते हैं। आपके आहार में कैल्शियम की आवश्यकता के अनुसार आप डेयरी उत्पाद, ग्रीन लीफी green leafy, वनस्पतियां, फल, बीज, अंडे आदि का सेवन कर सकते हैं।


आपके चिकित्सक के साथ परामर्श करके अपने आहार में कैल्शियम की संतुलित मात्रा को निर्धारित करने के लिए सभी विकल्पों को सम्मिलित करें। वे आपके स्वास्थ्य, आयु, रोगों और विशेष परिस्थितियों के आधार पर आपको सटीक मार्गदर्शन प्रदान कर सकेंगे।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

सोमवार, 10 अप्रैल 2023

बुद्धि बढ़ाने वाले योग Dimag ko tej kaise kere

 बुद्धि बढ़ाने वाले योग Dimag ko tej kaise kere

बुद्धि बढाने वाले उपाय


दिमाग को तेज करने की विधि

How to make your brain sharp

अब  हम आपको “बुद्धि बढ़ाने वाले योग" Dimag ko tej kaise kere के बारे मे बतायेगें

प्राचीन काल से ही तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए योग किये जाते थे.

 चिंता और तनाव को कम करने वाले योगाभ्यास होते हैं, जो अधिकतर शांति, stability और बुद्धि की संचार को प्राप्त करने में सहायक होते हैं। ये योगाभ्यास मन को शांत रखते हैं, जिससे वह उच्च स्तर की सोच और समझ विकसित करता है।


बुद्धि बढ़ाने वाले कई प्रकार के योगो में आसन, प्राणायाम और ध्यान  शामिल होते हैं। उनमें से कुछ योगाभ्यास निम्नलिखित हैं:

* ध्यान (Dhyana)

* नाडी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhan Pranayama)

* भ्रमरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama)

 * शवासन ( Shavasana)

* उष्ट्रासन (Ustrasana)

* बलासन (Balasana)

* नटराजासन 

(Natarajasana)


ये योगाभ्यास बुद्धि को विकसित करने में मदद करते हैं और मानसिक स्थिरता, शांति प्रदान करते हैं। इन योगाभ्यासों को नियमित रूप से करने से आपकी बुद्धि बढ़ेगी, 


#बुद्धि बर्द्धक आयुर्वेदिक उपाय


बुद्धि बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपाय हैं जो मानसिक संतुलन, शांति और बुद्धि को बढ़ाने में मदद करते हैं। इन उपायों में शामिल हैं:


ब्राह्मी (Brahmi): 

ब्राह्मी एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो मेमोरी बढ़ाने, मानसिक संतुलन बनाए रखने और सोचने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। आप ब्राह्मी का सेवन आयुर्वेदिक दवाई या सूखी पत्तियों की तरह कर सकते हैं।


अश्वगंधा (Ashwagandha): 

अश्वगंधा एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो मानसिक तनाव को कम करती है और स्मृति शक्ति बढ़ाती है। यह आपके शरीर के विभिन्न भागों को मजबूत बनाता है और आपके दिमाग को शांति देता है।


जटामांसी (Jatamansi):

 जटामांसी एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो मानसिक संतुलन को बढ़ाती है और सोचने की क्षमता को बढ़ाती है। यह शांति और तनाव को कम करने में मदद करता है और अधिक सक्रिय मानसिक स्थिति से बचाता है।


शंखपुष्पी (Shankh पुष्पी): 

शंखपुष्पी एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो मानसिक संतुलन बढ़ाती है और दिमाग को ताजगी देती है। यह आपके दिमाग की क्षमता को बढ़ाती है और मैमोरी बढ़ाती है।


ज्योतिष्मती (Jyotishmati): 

ज्योतिष्मती एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो दिमाग को ताजगी देती है और मानसिक संतुलन को बढ़ाती है। यह दिमाग की ताकत को बढ़ाती है और जड़ी बूटी का इस्तेमाल अधिक सक्रिय मानसिक स्थिति से बचाता है।

प्राणायाम (Pranayama): 

प्राणायाम एक प्राकृतिक तकनीक है जो आपके दिमाग को शांति देती है और मानसिक संतुलन को बढ़ाती है। इस तकनीक में नियमित श्वास-प्रश्वास किए जाते हैं जो आपके शरीर को शांति और ताजगी देते हैं।

मेधा वर्धक आहार (Brain Boosting Diet):

 आपके खाने के पदार्थों में मेधा वर्धक तत्वों का सम्मिलन होना चाहिए। आपको फल, सब्जी, अंजीर, खजूर, अखरोट, तिल आदि जैसी खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।


यदि आप अपनी बुद्धि को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको इस तरह के आहार का सेवन करना चाहिए जो आपके दिमाग के लिए फायदेमंद होते हैं। आपको जंक फूड से दूर रहना चाहिए और स्वस्थ आहार लेना चाहिए।


इन उपायों के अलावा, आप अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों में भी बुद्धि बढ़ाने के लिए कुछ तरीके अपना सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

नियमित व्यायाम करें। योग, ध्यान और भारतीय कलाओं में शामिल होना भी आपकी बुद्धि को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

अपनी जीवनशैली में नियमित नींद लें। अधिक तनाव और अनियमित नींद आपकी बुद्धि को कम कर सकता है।

नए कौशल सीखें या नए चुनौतियों का सामना करें। नए कौशल सीखना और नए चुनौतियों से निपटना आपकी बुद्धि को बढ़ा सकता है।

 *नियमित रूप से अपने दोस्तों और परिवार से संवाद करें। सामान्य बातचीत आपकी सोच को चुस्त और ताजगी देती है।

आयुर्वेद में बुद्धि बढने की दवा


आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपचार हैं जो बुद्धि बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय आपकी स्मृति और मनोदशा को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और आपकी बुद्धि को बढ़ाने में सहायता प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ उपचार निम्नलिखित हैं:

* ब्रह्मी: यह जड़ी बूटी बुद्धि को बढ़ाने में मदद कर सकती है। आप ब्रह्मी पाउडर को दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।       

* शंखपुष्पी: यह एक प्राकृतिक तंत्रिका है जो बुद्धि को बढ़ाने में मदद करती है। आप इसे दूध में मिलाकर पी सकते हैं।

*जीरक: जीरक मसाले में पाया जाता है और इसमें एक उच्च मात्रा में एन्टीऑक्सिडेंट होता है जो दिमाग की क्षमता को बढ़ा सकता है।

*शतावरी: शतावरी में बुद्धि वर्द्धक शक्ति होती हैं है जो बुद्धि को बढ़ाने में मदद कर सकती है। आप इसे दूध में मिलाकर पी सकते हैं।


इन दवाओं का सेवन करने से पहले आपको एक विशेषज्ञ वैद्य या चिकित्सक से सलाह करनी चाहिए।

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

काली मिर्च (black pepper)क्या होती है?

 #काली मिर्च (black pepper)क्या होती है?



-काली मिर्च (black pepper) एक विशेष प्रकार की मसाले का द्रव्य है, जो की कई फायदों के साथ रोगों मे प्रयोग होती हैं। 

कालीमिर्च के नाम:-

लै०– पाइपर नाइग्रम(Piper nirgun),सं०-मरिच,गोलमरिच; अं०- ब्लैक पीपर,


काली मिर्च के आयुर्वेदिक गुण:-

गुण–लघु, तीक्ष्ण

रस–कटु,      विपाक–कटु,

वीर्य(तासीर)–उष्ण,

#काली मिर्च का आयुर्वेदिक उपयोग कैसे होता है?

प्रयोग:- यह कफवात जन्य विकारों मे उपयोग होती है।

-काली मिर्च का श्वित्र,किलास,पामा आदि चर्मरोग मे लेप करते है।

-दंतशूल तथा दंतकृमि मे इसके चूर्ण का मंज्जन करते है।

-अग्निमांद्य, अजीर्ण, यक।तविकारों मे,शूल होने की आयुर्वेदिक औषधियों मे कालीमिर्च का प्रयोग किया जाता है।

-प्रतिश्याय(जुकाम),कास,और श्वास रोग मे कालीमिर्च का बहुत लाभ मिलता है।

-कालीमिर्च को पुरुषरोगो मे भी बहुत महत्वपूर्ण प्रयोग होता हैं।

#काली मिर्च के अद्भुत लाभ :-

- यह मधुमेह, शरीर को सूखाने वाली बीमारियों, पेट की गैस, जीवनशैली की समस्याओं, जीवनशैली के लिए खतरनाक बीमारियों तक के लिए लाभप्रद काम करते हैं। 

- काली मिर्च के फायदे विविध हैं, इनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:-

*मधुमेह:-

 काली मिर्च मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

*सूखने वाली बीमारियों मे:- 

- काली मिर्च शरीर में विषाक्तताओं को मिटाने में मदद करते हैं।

*पेट की गैस:-

- काली मिर्च पेट में गैस को कम करने में मदद करते हैं।

* स्वास्थ्य बढ़ाने:-

- काली मिर्च मे शरीर को ताकत देने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है। इससे शरीर की स्वास्थ्यवर्धकता बढ़ती है।

* दर्द के लिए:-

- काली मिर्च दर्द को कम करने में मदद करते हैं। यह मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाते हैं, जो दर्द को भी कम करने में मदद करती है।

* मेंटल हेल्थ:-

 काली मिर्च मेंटल हेल्थ को बढ़ाने में मदद करते हैं। 

* स्वाद की बढ़ोतरी:-

- काली मिर्च खाद्य पदार्थों को अधिक स्वादिष्ट बनाने में मदद करते हैं।

* समय पर रोग नहीं होने की गारंटी:-

- काली मिर्च हमेशा शरीर की स्वास्थ्य सम्बन्धी रोगों से बचाने में मदद करते हैं। इससे शरीर के लिए समय पर कुछ भी रोग होने की ख़तरा कम होती है।

* घटिया प्रक्रियाओं में मदद:-

 -काली मिर्च अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ मिलें, तब घटिया प्रक्रियाओं को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

सारांश:-

>> काली मिर्च के इन फायदों के लिए, हमेशा इसे अपने दैनिक खान-पान में शामिल करने की सलाह दी जाती है। यह आपके शरीर को ताकतवर्धक और स्वस्थ रखने में मदद करेगा।

धन्यवाद!

डा०वीरेंद्र मढान,