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रविवार, 24 दिसंबर 2023

दूध के साथ क्या न खायें|दूध के विरुद्ध आहार.

 दूध के साथ क्या न खायें|दूध के विरुद्ध आहार.

दुध के साथ ऐसी चीचें खाने से जो हमें बीमार कर देती है यानि बैड कोम्बिनेशन यहां कुछ पदार्थों का वर्णन करते है

1- मूली और दूध

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मूली और दूध को एक साथ 

नहीं खाना चाहिए। मूली में एक यौगिक होता है जिसे राइनोल कहा जाता है, जो दूध में मौजूद प्रोटीन के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। यह प्रतिक्रिया गैस, सूजन, और पेट दर्द का कारण बन सकती है। आयुर्वेद में भी मूली और दूध को एक साथ खाने से बचने की सलाह दी जाती है।

2–दुध और नमकीन

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दूध के साथ नमकीन स्नैक्स: माता-पिता को बच्चों को दूध के साथ नमकीन स्नैक्स जैसे चिप्स आदि देने से बचना चाहिए. क्योंकि नमकीन स्नैक्स डिहाइड्रेशन की समस्या पैदा कर सकते हैं, जिसकी वजह से शरीर के लिए दूध को पचाना कठिन हो जाता है. इस कॉम्बिनेशन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स हो सकती है

3- दूध के साथ खट्टे फल

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दूध के साथ खट्टे फलों का सेवन करने से भी बचना चाहिए. अगर आप दूध और खट्टे फल का सेवन एक साथ करते हैं तो इससे पेट दर्द और उल्टी की दिक्कत हो सकती है. खट्टे फल खाने के दो घंटे के बाद ही दूध पिएं.

4- दूध के साथ मछली

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आयुर्वेद में कहा गया है कि मछली के साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. दोनों की तासीर और गुण अलग-अलग होते हैं. इन्हें एक साथ खाने से आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

 मछली और दूध साथ में पीने से सफेद दाग की समस्या का खतरा बढ़ जाता है.

5–दुध के साथ चटपटी चीचें


आपको दूध के साथ स्पाइसी मसालों का सेवन करने से भी बचना चाहिए. ऐसा करने से एसिड रिफ्लक्स के साथ-साथ इनडाइजेशन का खतरा भी बड़ सकता है.

6-दूध और सुअर

सुअर मांस खाने के बाल या साथ मे दुध नही पीना चाहिये

7. प्रोटीन से भरपूर चीजें

दूध में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. इसलिए इसके साथ प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए. ऐसा करने से आपके डाइजेशन सिस्टम पर जोर बढ़ सकता है. साथ ही पाचन से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं. 

8 दूध और शराब

शराब (Alcohol) पीने से उन डाइजेस्टिव एंजाम्स को नुकसान पहुंचता है. जिससे अगर आप शराब के बाद दूध पीते हैं तो दूध में मौजूद पोषक तत्वों का पूरा लाभ आपको नहीं मिलता. अल्कोहोल पेट में मौजूद इन सेल्स को नुकसान पहुंचाता है. जिससे खाने में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं.

9 दूध और खीरा

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खीरा और दूध से बनी चीजों को साथ में न खाएं

क्योंकि यह सेहत के लिहाज से एकदम खतरनाक है. ये दोनों साथ मिलकर मेटाबोलिज्म को स्लो कर देता है. आप खीरा खाने के तुरंत बाद या ठीक पहले चाय या दूध न पिएं. यह ब्लोटिंग और पेट दर्द का कारण बन सकता है.

10-दूध और नारियल

11-दूध और सुखे साग

12- दूध और खिचड़ी

13-दूध और सहंजना

14-दूध और बेल फल

15-दूध और सत्तू

16-दूध और कटहल

17-दूध और तिलकुट

18-दूध और नींबू

19-दूध और करौंदा

20-दूध और काकमाची (मकोय)

21-दूध और कुलथी

22-दूध और तैल

23-दूध और छाछ, दही

24-दूध और अंकुरित अनाज

25-दूध और शकरकंद

26-दूध और बकरी मांस


बुधवार, 13 दिसंबर 2023

रोज खाने से 11 फायदे|How Eat Curd To Extra Power

 रोज खाने से 11 फायदे|How Eat Curd To Extra Power



#दही क्या है?

दही दूध का उत्पादन है। दही में खट्टापन पैदा हो जाता है। इसे ही योगर्ट कहते हैं। इससे छाछ मक्खन मिलता है। दही में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट शुगर कैल्शियम, आयरन मैग्नीशियम फॉस्फेट और सोडियम, जिंक ,कॉपर, विटामिन सी, विटामिन बी 6, विटामिन ए, विटामिन बी12, विटामिन के, फैटिक एसिड होता है।

#दही खाने के फायदे?

*दही खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर की इम्युनिटी बढ़ जाती है।

* दही के खाने से मांसपेशियां मजबूत होती है और यह दिल के लिए भी बहुत सेहतमंद होता है। 

* दही में कैलोरी कम होती है। इसके खाने से अधिक भोजन करने की इच्छा नहीं रहती। इसलिए वजन कम किया जा सकता है। इसके लिए फैटलेस दही होनी चाहिये।

#दही कब नही खानी चाहिए?

दही खट्टा होता है। इसकी तासीर खट्टी होती है।

दही की तासीर खट्टी होने से, खट्टी चीजों से जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है।

* यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है।

*दही कमजोर पाचन तंत्र वालों को और रात को दही खाने वालों को एसिडिटी, अपच, खट्टी डकारें आने लगते हैं। इसलिए रात को दही नहीं खाना चाहिए।

* दही खाने से जुकाम खांसी दवा बढ़ जाता है क्योंकि दही कफकारक होती है।

#दही के उपयोग क्या है?

दही बहुत उपयोगी हैं

* दही को बालों में लगाने से बालों के लिए बहुत लाभदायक है। 

*दही एंटीफंगल है और डैंड्रफ को दूर करती है। 

*दही सर मे लगाने से सिर की खुजली को शांत करती है। 

* दही पौषक है। इसलिए बालों को झड़ने से रोकते हैं और बालों को सॉफ्ट करती है और बालों को टूटने से बचाती है। 

* दही और बेसन का लेप चेहरे पर लगाने से झांईयां दूर होती है.

* चेहरे झुर्रियां साफ होती है।

*त्वचा की एलर्जी के लिए भी दही का प्रयोग किया जाता है

* दही बेसन मे हल्दी मिलाकर लगाने से चेहरे का रंग गोरा हो जाता है.

[दही और गुड]

*दही गुड खाने से ताकत बढती है

*इम्यूनिटी बढती है

*शरीर मे तृप्ति मिलती है

#दही कब नही खानी चाहिए?

रात मे दही नही खानी चाहिए तथा जिनकी पाचनशक्ति बहुत कमजोर हो उन्हें दही नही खानी चाहिए 

दही गरिष्ठ होती है तथा पचने में भारी होती है।

रक्तविकार मे दही नही खानी चाहिए

कफविकारो मे जैसे सर्दी जुकाम, दमा, खांसी मे दही से दूर रहना चाहिए.

धन्यवाद!

#drVirendermadhan

रविवार, 12 नवंबर 2023

3 कली लहसुन और शहद खाने से होगा|How to eat garlic and honey in winter

 3 कली लहसुन और शहद खाने से  होगा|How to eat garlic and honey in winter

शहद में डुबा हुआ लहसुन खाली पेट खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है।

लहसुन की उत्पत्ति मध्य एशिया से मानी जाती है। आज लहसुन भारत, चीन, फिलीपीन्स, ब्राजील, मैक्सिको आदि सभी देशों में बहुत बड़े पैमाने पर पैदा होता है।

रोग निवारक गुणों में लहसुन का प्रयोग दमा, बहरापन, कोढ़, छाती में बलगम, बुखार, पेट के कीड़े, यकृत के रोग, हृदय रोग, रक्त-विकार, वीर्य-विकार, क्षय आदि रोगों में लाभकारी है।

लहसुन में खनिज एवं विटामिनों की काफी अधिक मात्रा होती है। इसमें आयोडीन, गंधक, क्लोरीन, कैल्शियम, फाॅस्फोरस, लोहा, विटामिन ‘सी’ ‘बी’ काफी मात्रा में पाए जाते हैं।

#कमजोरी:-

शहद में डुबे हुए लहसुन की 2-3 कलियों को सर्दियों के दिनों में खाली पेट खाने से शारीरिक कमजोरी हमेशा के लिए ठीक हो जाती है और बड़ी हुई चर्बी भी कम होती है। यह सेक्सुअल लाइफ को प्रभावित करता है और सकारात्मक असर दिखाता है।

#कोलेस्ट्रॉल:-

इसका सेवन करने से असमय ही बुढ़ापे का शिकार होने से बचा जा सकता है। बुढ़ापे का अर्थ है कि धमनियों को सिकुड़ कर रोग-ग्रसत हो जाना। यह धमनियों को सिकुड़ने से बचाता है और जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकाल पुनः ठीक कर देता है।

#सर्दी के रोग:-

शहद में डूबे हुए लहसुन में भरपूर मात्रा में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिसके सेवन करने से शरीर में गर्मी आती हैं। जिससे सर्दी-जुकाम जैसी समस्या से निजात पाई जा सकती है और साइनस की समस्या भी काफी कम हो जाती है।

#सूजन:-

शहद में डुबे लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है जिससे गले में खराश और सूजन से राहत मिलती है।

#Asthma:-

अस्‍थमा रोगियों के लिए तो लहसुन और शहद किसी वरदान से कम नहीं है।

#ब्लोकेज :-

शहद में डूबा हुआ लहसुन हार्ट से सम्बंधित लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है। इसके कुछ महीने सेवन से हार्ट में होने वाले ब्लॉकेज से छूटकारा पाया जा सकता है। दिल की धमनियों में जमा फैट बाहर निकल जाता है। जिसके कारण रक्त संचार ठीक ढंग से होने लगता हैं, जो दिल के लिए फायदेमंद हैं।

#डायरिया:-

अगर आपको बार-बार डायरिया की समस्या होती है, तो इसे लेना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता हैं।

   इसका सेवन करने से पाचन क्रिया ठीक ढंग से काम करती है जिससे पेट संबंधी किसी भी प्रकार का इंफेक्‍शन नहीं होता हैं।

लहसुन और शहद–इन दोनों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते है, जो फंगल इंफेक्शन को दूर करने का काम करते है।

#इम्यूनिटी–

शहद में डूबा लहसुन लेने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। जिससे कई बीमारीयों से छुटकारा पाया जा सकता है।

#बोडी डीटोक्सिफीकेशन :-

  यह एक प्राकृतिक डिटॉक्स है। इसको खाने से शरीर की अंदर से सफाई हो जाती है। जिसके कारण स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।

#मजबूत हड्डी ;–

लहसुन और शहद में मौजूद फास्फोरस से दांत मजबूत रहते है। यह दांतों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने का काम करता है। इनमें फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस आदि तत्व होते हैं जो दांत, बाल और हड्डियों को मजबूत करने में मदद करते हैं।

#विधि :–

लहसुन की कलियों का छिलका उतारकर शहद की छोटी शीशी में इतनी डालें कि वह शहद में पूरी तरह डूब जाए और दो दिन ऐसे ही पडा रहने दें। लहसुन की 2–3 कलियों को सुबह खाली पेट सेवन करें और 45 मिनट बाद ही कुछ खाए।

शनिवार, 4 नवंबर 2023

यूरिक एसिड का रसौई मे समाधान


 यूरिक एसिड का रसौई मे समाधान

Kitchen Solution For Uric Acid

[Uric acid control tips]

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण:-

 – यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण होते हैं, जैसे-

- पानी का कम सेवन, 

- शराब ज्यादा पीना, 

- सोडा और फ्रक्टोज का सेवन, 

- हाई ब्लड प्रेशर दवाईयों का सेवन, 

- किडनी की परेशानी, 

- मोटापा, अधिक वजन,

-High protin

- प्यूरीन फूडस ज्यादा खाना. 

 इनके कारण आपके यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाती हैं. 

#कितना होना चाहिए यूरिक एसिड

आपको बता दें कि आमतौर पर पुरुषों में 2.5 से 7 एमजी प्रति डीएल और महिलाओं में 1.5 से 6 एमजी प्रति डीएल होता है. 

इससे ज्यादा यूरिक गठिया, किडनी की बीमारी और अन्य सेहत संबंधी परेशानियां पैदा कर सकते हैं. 

#यूरिक एसिड कंट्रोल करने के

 नुस्खा

अगर आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ गया है तो फिर आपको अजवाइन और अदरक 2 ऐसे मसाले हैं जिनका सेवन करने से बढ़े यूरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. ये दोनों ही चीजें जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करते हैं. 

* अजवाइन के गुण- 

 असल में इस मसाले में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिसके सेवन से यूरिक के बढ़े हुए स्तर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है,

अजवायन जोड़ों में जमे क्रिस्टल को तोड़ता है. यह यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकल आता है. ये जोड़ों के दर्द और सूजन को भी कम करता है.

*अदरक के गुण - 

  अदरक भी यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में कारगर साबित होता है. यह एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती है. इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. यह बीमारियों को दूर करता है. 

कैसे करें अदरक और अजवाइन का सेवन,

आप एक चम्मच अजवाइन और कसा हुआ अदरक एक गिलास पानी में अच्छे से उबाल लीजिए. फिर आप इसमें स्वाद के लिए शहद मिलाकर चाय की तरह पी लीजिए. आप इसको सुबह और रात में सोने से पहले पी लीजिए. यह आपके बढ़े यूरिक को कंट्रोल करने में सक्षम हैं.

रविवार, 29 अक्तूबर 2023

आयुर्वेद में त्रिदोष किसे कहते है?.In hindi.

 #आयुर्वेद में त्रिदोष किसे कहते है?.In hindi.



* What is called Tridosha in Ayurveda?.In Hindi.

Dr.VirenderMadhan.

आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्‍त, कफ इन तीनों को दोष कहते हैं। 

Q:- वात,पित्त और कफ को दोष क्यों कहते है?

Ans:- यहां "दोष" शब्द का मतलब सामान्य भाषा में ‘विकार’ नहीं है। इसी प्रकार, "त्रिदोष" का अर्थ- वात, पित्त, कफ की विकृति या विकार नहीं है। आयुर्वेद में कहा है कि [दुषणात दोषाः, धारणात धातवः]

अर्थात वात, पित्त व कफ जब दूषित होते है तो रोग उत्पन्न कर देते हैं तथा जब वे अपनी स्वाभाविक अवस्था में रहते हैं तो सप्त धातु व शरीर को धारण करते व संतुलित रखते हैं।

- आयुर्वेद में शरीर की मूल धारक शक्ति को व शरीर के त्रिगुणात्मक (वात, पित्त, कफ रूप) मूलाधार को ‘त्रिदोष’ कहा गया है। 

- इसके साथ 'दोष' शब्द इसलिए जुड़ा है कि सीमा से अधिक बढ़ने या घटने पर यह स्वयं दूषित हो जाते हैं तथा धातुओं को दूषित कर देते हैं।

Q:- शरीर के निर्माण मे प्रधान तत्व क्या है?

Ans:-- आयुर्वेद में शरीर के निर्माण में दोष, धातु और मल को प्रधान माना है 

[दोषधातुमल मूलं हि शरीरम्' ]

अर्थात दोष, धातु और मल - ये शरीर के तीन मूल हैं। आयुर्वेद का प्रयोजन शरीर में स्थित इन दोष, धातु एवं मलों को साम्य अवस्था में रखना जिससे स्वस्थ व्यक्ति का स्वास्थ्य बना रहे 

Q:-दोष धातु मलों का शरीर में महत्व क्या है?

Ans:-- दोष धातु मलों की असमान्य अवस्था होने पर उत्पन्न विकार या रोग की चिकित्सा करना है। शरीर में जितने भी तत्व पाए जाते हैं, वे सब इन तीनों में ही जुडे हैं। इनमें भी दोषों का स्थान सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

- त्रिदोष को शरीर की उत्पत्ति, स्थिति और विनाश का कारण, 

अथवा शरीर के स्तम्भ माने जाते हैं। इसके पश्चात शरीर को स्वास्थ बनाए रखने और रोगों को समझने एवं उनकी चिकित्सा के लिए भी त्रिदोषों को समझना बहुत आवश्यक है। इन तीनों दोषों के सम होने से ही शरीर स्वस्थ रहना संभव है। परन्तु जब इनकी सम अवस्था में किसी प्रकार का विकार या असंतुलन आ जाता है तो रोग जन्म ले लेता है।

Q:- त्रिदोष सिद्धांत क्या है?

Ans:-  त्रिदोष का सिद्धांत महत्त्वपूर्ण है आयुर्वेद में। वात, पित्त और कफ जब कुपित हो जाते हैं तो शरीर असंतुलित और रोग बढ़ने लगते हैं। इसलिए इन तीनों दोषों का सम रहना ही स्वस्थ होने की पहचान है। 

त्रिदोष को समझने के लिये पंचमहाभूत, वात,पित्त,और कफ के बारे मे जानना होगा. 

धन्यवाद!

सोमवार, 23 अक्तूबर 2023

खजुर|what happens when eat dart|खजुर खाने के फायदे नुकसान,

 खजुर|what happens when eat dart|खजुर खाने के फायदे नुकसान,



“खजुर का फल”

खजूर एक प्रकार का फल ☺️ है जो खजूर के पेड़ से प्राप्त होता है। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल होता है, जो अक्सर डेसर्ट के रूप में खाया जाता है और विभिन्न खाद्य उपयोगों के लिए उपयोगी होता है। खजूर से अनेक प्रकार के पौष्टिक भोजन और मिठाई तैयार की जाती हैं। यह उच्च गुड़ और फाइबर की धरोहर देता है, जिससे यह स्वस्थ खाद्य होता है।

खजुर के 7 फायदे

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खजूर के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं:

*खजूर खाने से क्या फायदा करता है?

खजूर (डेट) में कॉपर, सेलेनियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं जो आपकी हड्डियों को मजबूत रखने और उनसे जुड़े रोगों से बचाने के लिए बेहद ज़रूरी हैं। इसमें विटामिन K भी भरपूर मात्रा में होता है जो खून को गाढ़ा होने से रोकता है और आपकी हड्डियों को मेटाबोलाइज करने में मदद करता है।

पौष्टिकता:–

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 खजूर में अनेक पौष्टिक तत्व जैसे कि विटामिन, खनिज तत्व, आयरन, पोटैशियम, और फाइबर होते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।

पाचनतंत्र स्वास्थ्य:– 

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खजूर का सेवन पाचन तंतु के स्वास्थ्य को सुधार सकता है और कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है।

ऊर्जा:–

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 खजूर में प्राकृतिक शुगर होती है, जो त्वरित ऊर्जा प्रदान कर सकती है, खासकर जब आपको थकान महसूस हो रही हो।

गुड़ विकल्प:–

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 खजूर के साथ गुड़ तैयार किया जा सकता है, जो एक स्वास्थ्यवर्धक मिठास का स्रोत होता है।

खून :-–

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 खजूर में पोटैशियम और आयरन होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं.

हड्डियों के लिए लाभकारी:– 

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  खजूर के सेवन से हड्डियों को मजबूती मिल सकती है क्योंकि इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, और पोटैशियम होता है.

विटामिन स्तर:–

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 खजूर में विटामिन बी, विटामिन क, और फॉलिक एसिड होते हैं, जो स्वास्थ्य तंतु और त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.

#खजुर के कितने नुकसान होते है.

खजूर सेहत के लिए :–

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खजुर स्वास्थ्यकर हो सकते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में खाने के चंद नुकसान हो सकते हैं:

*शरीर वजन को बढ़ा सकते हैं:–

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 खजूर में शुगर (ग्लूकोज) होता है, इसलिए अधिक मात्रा में खाने से आपका वजन बढ़ सकता है।

*कैलोरी की मात्रा:–

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 खजूर में कैलोरी भरपूर मात्रा में होती है, इसलिए अधिक मात्रा में खाने से यदि आपका कैलोरी संतुलन बिगड़ जाता है, तो यह वजन बढ़ सकता है.

*सूजन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएँ:–

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 कुछ लोगों को खजूर खाने से पेट में गैस बन सकती है और सूजन हो सकती है, खासतर पेट की समस्याओं वाले व्यक्तियों को.

*शुगर के रोगियों के लिए सावधानी:–

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 खजूर में शुगर होने के कारण, शुगर के रोगियों को अधिक मात्रा में खजूर नहीं खाने चाहिए.

†* सामान्य रूप से, खजूर को सेहत के लिए मध्यम मात्रा में खाने में कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन सब कुछ मात्रा में होना चाहिए और संतुलन बनाए रखना चाहिए। यदि आप किसी खास स्वास्थ्य समस्या के साथ हैं, तो डॉक्टर से सलाह ले

*खजुर किस समय खा सकते है:–

  खजूर को आप किसी भी समय खा सकते हैं, 

*खजुर कितना खा सकते है

खजूर की मात्रा:–

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 आपके आदतों, स्वास्थ्य स्तर, और आयु के हिसाब से भिन्न हो सकती है। एक सामान्य तौर पर आप दिन में 4 से 6 खजूर खा सकते हैं। ध्यान दें कि खजूर की अधिक मात्रा में खाने से अतिरिक्त कैलोरी और शुगर की समस्या हो सकती है,

ये भी देखे

https://youtu.be/pyZiic1p3Kc?si=UXXt9THIs7BONe9Z


गुरुवार, 19 अक्तूबर 2023

Garam Pani Peene Se Kya Hota Hai


 Garam Pani Peene Se Kya Hota Hai

गर्म पानी पीने के 5 फायदे

Benefits Of Hot Water

By:- Dr.virenderMadhan

गर्म पानी पीने के कई फायदे होते हैं:–

पाचन को सुधारना:–

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 गर्म पानी पीने से पाचन तंत्र को सुधारकर भोजन का पाचन बेहतर होता है और पेट साफ रहता है.

वजन नियंत्रण:–

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 गर्म पानी पीने से पेट कम होने लगता है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है.

शरीर का शुद्धिकरण:–

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 गर्म पानी से शरीर के अंदर की गंदगी बाहर निकलती है, जिससे त्वचा की स्वच्छता बनी रहती है.

तंत्रिका स्वास्थ्य:–

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 गर्म पानी पीने से तंत्रिका स्वास्थ्य में सुधार होती है और दर्द कम होता है.

बुढ़ापे के लक्षण कम करना:–

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 गर्म पानी पीने से शरीर की ऊर्जा बनी रहती है, जिससे बुढ़ापे के लक्षणों को कम किया जा सकता है.

** गर्म पानी पीने के इन फायदों के बावजूद, ध्यान देना चाहिए कि गर्म पानी को बहुत उचितता के साथ पीना चाहिए और उसकी गर्मी को सही तरीके से संयमित रखना चाहिए. अत्यधिक गर्म पानी पीने से शरीर को हानि हो सकती है, 

#गर्म पानी पीने के कुछ नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:

 पेट की समस्याएँ:–

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 अधिक गर्म पानी पीने से पेट की समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि एसिडिटी या पेट में जलन.

 गले में कठिनाइयाँ:–

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 बहुत गर्म पानी पीने से गले में दर्द और कठिनाइयाँ हो सकती हैं.

पीठ में चिपचिपा निकलना:– 

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अधिक गर्म पानी पीने से शरीर में ज्यादा आपका पास और पैर के पांव में चिपचिपा निकल सकता है.

 अधिक तप्त पानी के साथ ज़हरी खत्म:–

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 अगर पानी बहुत तप्त हो तो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.

  तंत्रिका स्वास्थ्य को प्रभावित करना:–

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 बहुत गर्म पानी पीने से तंत्रिका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर यदि व्यक्ति किसी तंत्रिका समस्या से पीड़ित है.