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गुरुवार, 13 जुलाई 2023

बरसात में कौन कौन से रोग होते हैं?

 बरसात में कौन कौन से रोग होते हैं?

#बरसात में होने वाले रोग,

#Dr.VirenderMadhan

[बरसात में होने वाले रोगों के नाम]

बरसात के मौसम में कुछ रोग हो सकते हैं, जो आमतौर पर वायुमंडलीय और जलवायु बदलावों के कारण होते हैं। यहां कुछ ऐसे रोगों के नाम हैं जो बरसाती मौसम में आमतौर पर देखे जाते हैं:



* जुकाम और सर्दी (Common Cold):–

 बरसाती मौसम में आपके शरीर का तापमान घट सकता है, जिसके कारण जुकाम और सर्दी की समस्या हो सकती है। यह वायरल संक्रमण के कारण होता है और छींकने, नाक बहना, गले में खराश आदि के लक्षण हो सकते हैं।



* मलेरिया (Malaria):–

 बरसात के मौसम में मच्छरों की संख्या बढ़ सकती है, जो मलेरिया जैसे रोग के प्रसार में मदद कर सकती है। मलेरिया मलेरिया परजीवी प्लास्मोडियम फैलाने वाले मच्छरों के काटने से होता है और इसके लक्षण में बुखार, शरीर में दर्द, ठंड आदि शामिल हो सकते हैं।

* डेंगू बुखार (Dengue Fever):–

 बरसाती मौसम में डेंगू बुखार के मामले बढ़ सकते हैं, क्योंकि इसके प्रसार में मच्छरों की संख्या बढ़ती है। यह वायरस एडेस मच्छर के काटने से फैलता है और इसके लक्षण में बुखार, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सूजन, लाल दाग आदि शामिल हो सकते हैं।

* लीप्टोस्पिरोसिस (Leptospirosis):–

 यह बरसाती मौसम में जल-संपर्क से होने वाला रोग है। जब बाढ़ आने पर भूमि और पानी में लीप्टोस्पिरा बक्टीरिया मौजूद होते हैं और जब यह संपर्क मनुष्य के द्वारा होता है, तो यह रोग हो सकता है। इसके लक्षण में बुखार, मुँह की सूजन, मुंह के चारों ओर दाने, मुँह का सूखापन, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आदि शामिल हो सकते हैं।



* जलवायुतन्त्रजनित अस्थमा (Seasonal Asthma):–


 बारिश के मौसम में आपके आस-पास पर्यावरण में पोल्यूशन और वायुमंडलीय परिवर्तन हो सकते हैं, जो अस्थमा के लिए त्रिगर कारक बन सकते हैं। अस्थमा के मरीजों को बारिशी मौसम में श्वास लेने में परेशानी हो सकती है और वे सांस लेने में कठिनाई, छाती की टनपन, सांस लेने में घुटन और घुटन जैसे लक्षणों का सामना करना पडता है.

* फंगल इन्फेक्शन (Fungal Infections):–

   बरसाती मौसम में नमी और गीले माहौल के कारण फंगल इन्फेक्शन हो सकते हैं। तालाबों, पौधों और मिट्टी की जगहों पर फंगल संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। यह त्वचा, नाखूनों, बालों और त्वचा के नीचे के क्षेत्रों में खुजली, दाने, दर्द और लालिमा के रूप में प्रकट हो सकते हैं।


* टाइफाइड (Typhoid):–

      बरसात के मौसम में पानी और खाद्य में आलस्य और संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है, जिससे टाइफाइड के मामले बढ़ सकते हैं। टाइफाइड बैक्टीरिया साल्मनेला टाइफी पानी और खाद्य से फैलता है और इसके लक्षण में बुखार, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, कमजोरी आदि शामिल हो सकते हैं।


* स्किन इंफेक्शन (Skin Infections):–

    बरसाती मौसम में गीले और नम वातावरण में त्वचा संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है। फंगल इन्फेक्शन के अलावा, बरसात के मौसम में चर्म रोगों जैसे दाद, खुजली, पेटेकिए, सेबोरिक डर्मेटाइटिस आदि की समस्या हो सकती है।

* ज्यूनियो आयरिटिस (Juvenile Arthritis):–

      यह ज्यूनियो आयरिटिस कहलाता है और यह बच्चों और युवाओं में होता है। इसके लक्षण में जोड़ों में दर्द, स्वेलिंग, स्टिफनेस और गतिशीलता की कमी शामिल हो सकती है। बरसाती मौसम में वातावरणिक परिवर्तन के कारण यह समस्या बढ़ सकती है।

–  इनमें से कुछ रोगों को बचने के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कि स्वच्छता का ध्यान रखना, पानी का प्रयोग सतर्कता से करना, स्वस्थ आहार लेना, हाथ धोना और हाथों को सुखाना, त्वचा की सुरक्षा के लिए सुन्दरीकरण का ध्यान रखना, और विशेषतः मच्छरों से बचने के लिए मच्छर नेट, मॉस्किटो रिपेलेंट आदि का प्रयोग करना।


हालांकि, यदि आपको लगता है कि आप या कोई आपके आस-पास किसी रोग से पीड़ित हो रहा है, तो आपको स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लेना चाहिए और उनसे उचित इलाज के बारे में सलाह मांगनी चाहिए। बारिश के मौसम में होने वाले और बारिश से जुड़े अन्य कुछ रोगों के नाम हैं:–


* वायरल फ़ीवर (Viral Fever):–

 बरसाती मौसम में वायरल फ़ीवर के मामले बढ़ सकते हैं। इसमें बुखार, शरीर में दर्द, मांसपेशियों का दर्द, ठंड, थकान आदि के लक्षण हो सकते हैं।

* चिकनगुनिया (Chikungunya):–  

           चिकनगुनिया भी मच्छरों के काटने से फैलने वाला वायरल रोग है और इसके लक्षण में बुखार, जोड़ों का दर्द, सूजन, थकान आदि हो सकते हैं। बरसात के मौसम में इसके मामले अधिक हो सकते हैं।

* टायफाइड (Typhus):–

    यह भी एक वायरल संक्रमण है जो जल-संपर्क से होता है। त्यफाइड के लक्षण में बुखार, मांसपेशियों का दर्द, माथे में दर्द, बुखार की स्तिथि में सुधार होने के बाद भी दर्दी आदि हो सकते हैं।


* हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A):–

    यह जीवाणु संक्रमण खाद्य और पानी से फैलता है। इसके लक्षण में बुखार, उल्टी, पेट का दर्द, पीलिया (त्वचा और आंखों का पीलापन) आदि हो सकते हैं।

* जलसंक्रमण (Waterborne Infections):–

   बरसाती मौसम में पानी की संभावित आलस्य के कारण जलसंक्रमण हो सकते हैं, जैसे कि कॉलेरा, डायरिया, अंबेडियाज, जैवरिया, गार्डिया आदि। इनमें से हर एक का अपना लक्षण और उपचार होता है।


यदि आप या कोई आपके आस-पास किसी रोग से पीड़ित हो रहा है, तो आपको स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करके उचित चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए। आपको अपने पर्यावरण में स्वच्छता और हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए, स्वस्थ आहार लेना चाहिए और जरूरत पड़ने पर वैक्सीनेशन करवाना चाहिए।

    इसके अतिरिक्त, बरसाती मौसम में होने वाले कुछ अन्य सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जिनके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:


* पाचन संबंधी समस्याएं:–      

      बरसाती मौसम में भोजन में कीटाणु, फंगस या बैक्टीरिया के अवशेषों की मौजूदगी के कारण पाचन प्रणाली संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसमें पेट में गैस, अपच, दस्त, पेट दर्द आदि शामिल हो सकते हैं।

* जल और भूमि संक्रमण:–

     बारिश के दौरान जल और भूमि पर संक्रमणों का खतरा बढ़ सकता है। यह संक्रमण स्किन इंफेक्शन, जीवाणु संक्रमण और खाद्य संक्रमण के रूप में प्रकट हो सकते हैं।

* गले की समस्याएं:–

   बारिश के समय गले में समस्याएं जैसे कि गले में खराश, गले में दर्द, टॉंसिलाइटिस, और सूखी खांसी हो सकती हैं।

* प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी:–

     बारिशी मौसम में कई लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे वे संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

इन स्वास्थ्य समस्याओं का पता चलते ही आपको चिकित्सा पेशेवर से संपर्क करना चाहिए और व्यापक जांच और उचित उपचार के लिए सलाह लेनी चाहिए। आपको अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने के लिए अवश्यक सावधानियों का पालन करना चाहिए।


यह ध्यान देने योग्य है कि रोगों के लक्षण और उपचार व्यक्ति के आयु, स्वास्थ्य स्थिति और अन्य अनुभवों पर निर्भर कर सकते हैं। इसलिए, यदि आपको किसी रोग के लक्षण या संकेत महसूस हो रहे हैं, तो आपको अपने स्थानीय चिकित्सा पेशेवर से संपर्क करने और विशेषज्ञ सलाह प्राप्त करने की सलाह दी जाती है।

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

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