Guru Ayurveda

गुरुवार, 6 जुलाई 2023

अश्वगंधा क्या है? In hindi.

 अश्वगंधा क्या है? In hindi.

अश्वगंधा पर मेरे अनुभव 

#Dr.VirenderMadhan, 

मनुष्य अगर अश्वगंधा की रोजाना एक ग्राम चूर्ण  दूध के साथ लेता है , 

–उसे कभी हड्डियों के रोग , –जोड़ों का दर्द , 

–कमर दर्द  नही सताते, 

–शरीर में किसी भी प्रकार की कमजोरी पास नही फटकती , –दिमागी काम करने वाले अगर रोजाना की खुराक में इसे शामिल कर लें , तो उन्हें दिमागी कमजोरी महसूस नहीं होती है।

  अगर इसे रोजाना अपनी खुराक में शामिल कर लिया जाए तो जिंदगी भर 

*पागलपन , 

*डिप्रैशन आदि 

*किसी भी प्रकार का दिमाग का रोग जीवन में पास नही फटकता।  इस से सस्ती , आसान , सर्व सुलभ औषधि अपने चिकित्सा काल, जीवन  में मैंने कभी नही देखी। जिसका जीवन भर सेवन करने से कोई नुकसान नही। 

- पंसारी से आसानी से मिलती है।  असगंध नागौरी के नाम से लें । 

ध्यान रखें कीड़ा न लगा हो, पुरानी न हो। नहीं तो लाभ की आशा न रखें। 



** साधारण जन जो इसके गुणों का लाभ लेना चाहते हैं। उनके लिए मैं निम्न सरल , सुलभ योग बता रहा हुं। 

** 100 ग्राम अश्वगंधा की जड़ ,100 ग्राम मिश्री मिलाकर 2 ग्राम रोज पानी से या दूध से लें। 

इतनी मात्रा आम इंसान के लिए बताई है।  मौसम अनुसार अनुपान बदल सकते है । 

* यानि गर्मी में मलाई , मक्खन या मोती पिष्टी या प्रवाल पिष्टी एक-एक रत्ती मिलाकर । 

* सर्दी में मिश्री की जगह शहद , गुड़ के साथ लें सकते हैं। 

Ashwagandha के नाम:-

>> Common name:–  Ashwagandha, 

 Indian ginseng, 

 Poison gooseberry,  Winter Cherry

  Assamese: অশ্বগন্ধা asbagandha 

  Bengali: অশ্বগন্ধা asbagandha 

  Gujarati: આકસંદ aksand, અશ્વગંધા asvagandha 

  Hindi: असगन्ध asgandh, अश्वगंधा ashwagandha 

  Kachchhi: આસુન aasun, આસુંઢ aasund 

  Kannada: ಅಂಗಾರ ಬೇರು angara beru, ಅಶ್ವಗಂಧ ashwagandha, ಹಿರೇಮದ್ದಿನ ಗಿಡ hiremaddina gida, ಪನ್ನೇರು panneru, ಸೊಗದೆ ಬೇರು sogade beru 

  Malayalam: അമുക്കുരം amukkuram, പേവെട്ടി pevetti 

  Marathi: अश्वगंधा ashwagandha, आस्कंद askanda 

  Nepali: अश्वगन्धा ashwagandha 

  Oriya: ଅଶ୍ବଗନ୍ଧା ashwagandha 

 Punjabi: ਅਸਗੰਧ असगंध asgandh, ਅਸ਼ਵਗੰਧਾ अश्वगंधा ashwagandha ,Aksin ਅੱਕਸਿਨ अँकसिन

 Sanskrit: अश्वगन्धा ashvagandha 

 Tamil: அமுக்கிரா amukkira 

 Telugu: అశ్వగంధ ashwagandha 

 Tibetan: a swa ga ndhi, ba-dzi-ga-ndha 

 Tulu: ಅಶ್ವಗಂಧೊ ashwagandho 

  Urdu: اسگندهہ asgandh

  Botanical name:–

Withania somnifera 

  Family: Solanaceae (Potato family)


अश्वगंधा, भारत के सूखे भागों में ज़्यादातर पाया जाता है।  यह एक बारहमासी जड़ी बूटी है जो प्रकृति में लगभग 6 फीट तक बढ़ती है।  यह 35-75 सेमी लंबा बढ़ जाती है ।   फूल छोटे, हरे और घंटी के आकार का होता है।‌ इसकी फोटो से आप आसानी से पहचान कर सकते हैं। 



•औषधीय उपयोग•

अश्वगंधा 3000-4000 वर्ष से भारत में एक बेशकीमती adaptogenic टॉनिक रहा है।  पौधों में एल्कलॉइड विथेनिन और सोमनीफेरिन होते हैं, जो तंत्रिका विकारों, आंतों के संक्रमण और कुष्ठ रोग के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं।  सभी पौधे के भागों का उपयोग जड़ों, छाल, पत्तियों, फलों और बीज सहित किया जाता है।

 –विदेशी जिन्सेंग की जगह अगर आप इसे सेवन करें 

इसके सेवनकाल में अगर कोई  मौसमी रोग सताएं उसके अनुसार सहायक औषधि ले सकते है।

उपरोक्त योग में दो ग्राम की कम मात्रा रसायन गुण लेने के लिए दी गई है। अगर किसी रोग में प्रयोग करना है तो 3-6 ग्राम तक सुबह -शाम ले सकते है। 40 दिन से 90 दिन तक। इस से सस्ता दवा कोई नही है। यह एक आहार रूपी दवा है। अगर बच्चों को बचपन से शुरू करवा दिया जाए , उनकी हड्डियाँ फैलाद जैसी ताकतवर रहेगी । दिमाग कंप्यूटर जैसा , कद भी अच्छा निकलता है।बुजुर्ग लोगों को कभी बुढ़ापे के रोग नही सताते। जवान लोगों को ग्रहस्थ की परेशानिया जैसे कमजोरी , नामर्दी , शुक्राणु आदि कोई समस्या नही आएगी ।न कोई थकावट।

अश्वगंधा का निरंतर सेवन करने वाले को किसी डुप्लीकेट मल्टीविटामिन आदि के सेवन की जरूरत नहीं है। रोग प्रतिरोधक immunity power बहुत अच्छी रहती है। वायरल रोग सेवनकर्ता के पास कभी भी फटकते। 

तासीर:-

इसकी तासीर गर्म है। यह वात कफ नाशक है। पचने में भारी है। कमजोर पाचन वाले पहले अपने पाचन शक्ति को बढ़ाए या इसकी मात्रा का ख्याल रखें।  गर्मी के मौसम में और गर्मी वाले रोगियों को कई बार माफिक नही रहता । 

नोट:–

किसी भी प्रकार की जडी,औषधि प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरुर करें,

धन्यवाद!

डा०वीरेन्द्रमढान,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें