#जुकामRhinitis/प्रतिश्याय क्या है?In hindi.
#Dr_Virender_Madhan.
परिचय:-
>> हवा मे व्यापत्
परागकण ,वायरस,धुल के कण,किसी रोगी के छींक के कण सांस के द्वारा श्वास नली के अन्दर संक्रमित करके जुकाम छींक रोग उत्पन्न कर देता है।
यह उन व्यक्तियों मे अधिक होता है जिनकी रोग प्रतिरोधकशक्ति कम होती है।
* आयुर्वेद के अनुसार छींक आना कई बीमारियों के लक्षण भी हो सकते हैं. छींक (Sneezing) द्वारा नाक व गले के अन्दर से दूषित पदार्थ बाहर निकलता है. यह शरीर को एलर्जी से बचाने की स्वभाविक प्रक्रिया है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को बहुत जल्दी-जल्दी छींक आती है तो यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी को दर्शाता है.
#प्रतिश्याय निदान के 2भेद ?
1- सद्योजनक(तुरन्त उत्पन्न होने वाले)
2-चयादि जन्य कर्म से
-कफादि दोषों संचय,कोप आदि से उत्पन्न होने वाले।
अन्य कारण:-
मल-मूत्र आदि रोकने से
अजीर्ण होने से,
नाक मे धूल जाने से,
अधिक बोलने से,
क्रोध करने से,
ऋतु विपरीत कार्य करने से,
रात्रि जागरण से जुकाम हो जाता है।
अधिक सोना, अधिक जल पीना, तुषार-ओस में रहना ठंड लग जाना, अधिक रोना, शोक करना।
उपरोक्त कारणों से कफ कुपित हो कर जुकाम हो जाता है।।।जमी हुई कफ को बढी हुई वात प्रतिश्याय व छींक उत्पन्न कर देता ।
संचय क्रम मे पहले कारण बनता है दोषों का संचय होता है फिर दोष कुपित होकर प्रसार कर दोष स्थान भेद से रोग उत्पन्न करते है।
#जुकाम के लक्षण क्या है ?
* छींके बहुत आती है।
*सिर में बोझ महसुस होता है
*शरीर के अंग टूटने लगते है।
*शरीर के रोंगटे खड़े हो जाते है।
*नाक मे धुआं सा प्रतीत होता है
** दोषों के अनुसार भी जुकाम के अनेक लक्षण होते है।
** जुकाम के जीर्ण होने पर:-
- सुंघाने की शक्ति नष्ट हो जाती है।
- शोष हो जाता है।
- नेत्रों के रोग हो जाते है।
- खांसी होने का रोग हो जाता है।
- अग्नि मंद हो जाती है।
#बार-बार सर्दी-जुकाम के 4 कारण (आधुनिक मतानुसार)
*लो इम्यूनिटी
अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करने की कोशिश करने की जरूरत है। अपनी *डाइट में इम्यूनिटी बूस्टर शामिल करें,
*अदरक और शहद का उपयोग करें और कोशिश करें कि जब भी मौसम में बदलाव हो तो ठंडे फूड्स से दूर रहें।
*एलर्जी
नाक बहना, आंखों से पानी आना और नाक बंद होना एलर्जिक राइनाइटिस के मुख्य लक्षणों में से एक है। इसलिए अगर आप किसी विशेष स्थान पर जाकर बीमार पड़ते हैं या किसी विशेष समय पर बीमार होते हैं तो आपको एलर्जी हो सकती है। ये बहुत ज्यादा या फिर क्रॉनिक भी हो सकती है।
#जुकाम की आयुर्वेदिक शास्त्रीय औषधियों.
*दाडिमादि चूर्ण
*हिंग्वाष्टक चूर्ण
*कल्पतरु रस
*चन्द्रामृत रस
*लक्ष्मीविलास रस नारदीय
*व्यौषादि वटी
#घरेलू अनुभुत योग (उपाय).
*गर्म दूध में 10-12 नग काली मिर्च और मिश्री मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
*वायविंडग, हिंग, सैधवनमक, गुग्गुल, मैनसिल, और वच, इन सब को समभाग मे लेकर पीसकर रखले इस सुंघाने से जुकाम मे लाभ मिलता है।
*अदरक का रस और शहद 6-6 ग्राम मिलाकर चाटने से जुकाम ठीक हो जाता है।
*बडी हरड का छिलका पीसकर 6ग्राम लेकर शहद मे मिलाकर चाटें।
*शरबत बनफशा से अच्छा लाभ होता है।
*कालाजीरा सुंघाने से भी जुकाम मे लाभ मिलता है।
*सतू मे धी और तैल मिला कर आग मे डालने जो धुआं बनता है उसे सूंघने से जुकाम ,खांसी, हिचकी बन्द होती है।
*दशमुल का काढा गर्म गर्म पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
*पुराना गुड और अदरक मिलाकर खाने से भी जुकाम ठीक रहता है।
*दालचीनी, तेजपत्ता, इलायची, और नागकेशर का सममात्रा मे बना चूर्ण सुंघाने व खाने से जुकाम मे आराम मिलता है।
*काली मिर्च, हल्दी, काला नमक,
*भुने हुए चने सुंघाने से जुकाम, सर्दी, कफ के क्लेद मे आराम मिलता है तथा गर्म भुने चनो की पोटली से छाती सेकने से छाती मे जमा कफ साफ हो जाता है।
*त्रिफला, त्रिकटु समान मात्रा मे मिलाकर 1-2ग्राम मात्रा मे शहद मिलाकर चाटने से कफ ठीक होता है।
#जुकाम मे सावधानी क्या करें?
*मास्क लगाकर रखे।
* बदलते मौसम में ठंडी चीजों से परहेज करें।
* आइसक्रीम कतई न खाएं। * ठंडा पानी और दही खाने से भी परहेज करें। एकदम से ठंडा पानी पीने से गला खराब हो सकता है और छाती की जकड़न बढ़ सकती है।
* ठंडी चीजों के साथ ही खट्टी चीजें भी न खाएं।
*सर्दी-जुकाम के लक्षण दिख रहे हैं तो खिचड़ी ही खाएं।
* बदलते मौसम में गुनगुना पानी ही पिएं। पानी की मात्रा बढ़ा दें और खूब पानी पिएं ताकि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो
* बाहर का खाना खाने से बचें। बाहर के खाने से आपको पेट खराब हो सकता है और सर्दी-जुकाम का संक्रमण बढ़ सकता है।