Guru Ayurveda

सोमवार, 18 अप्रैल 2022

सुबह खाली पेट काली मिर्च खाने से क्या फायदा होता है?In hindi.

 सुबह खाली पेट काली मिर्च खाने से क्या फायदा होता है?In hindi.



Dr.Virender Madhan.

- मसाले न सिर्फ खाने का टेस्ट बढ़ाते हैं, बल्कि इसके सेवन से सेहत को कई लाभ होते हैं. आज हम काली मिर्च (Black Pepper) के सेवन से होने वाले फायदों से आपको जानकारी दे रहे हैं.

काली मिर्च (Black Pepper) को गरम मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, 

#खाली पेट काली मिर्च खाने के फायदे ?

इसेआप घरेलू उपाय के रूप मे अपना सकते हैं। काली मिर्च के सेवन से दांतों से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके सेवन से मसूड़ों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलता है। पेट दर्द - अक्सर कुछ भी गलत खाने पर लोगों को पेट दर्द की शिकायत हो जाती है तो ऐसे में काली मिर्च बड़े काम की हो सकती है।

#गुनगुने पानी के साथ काली मिर्च के सेवन के 6 फायदे?

1. पेट के लिए फायदेमंद

अगर आपको सर्दियों में पेट दर्द की शिकायत अक्सर हो जाती है तो इससे निजात पाने के लिए आप काली मिर्च का प्रयोग कर सकते हैं. इसे यूज करने के लिए सबसे पहले काली मिर्च पाउडर लें और उसमें अदरक, काला नमक और हींग मिलाएं. इसे मिक्स कर इसे गुनगुने पानी से खा जाएं. आपको कुछ ही देर में दर्द से आराम मिल जाएगा

- अगर पेट में गैस है या फिर एसिडिटी हो रही है तो नींबू के रस में काला नमक और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर चुटकी भर लें, दर्द से पल भर में आराम आ जाएगा.

2. स्टेमिना बढ़ाने में कारगर है.

शरीर को डिटॉक्सीफाई (सफाई) करे- सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ काली मिर्च का सेवन करने से शरीर डिटॉक्सीफाई होता है. साथ ही शरीर के सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं.     -डिहाइड्रेशन को रोके- 

गर्म पानी और काली मिर्च का सेवन करने से त्वचा की कोशिकाओं को पोषण मिलता है साथ ही डिहाइड्रेशन भी नहीं होता.

गुनगुने पानी (Lukewarm Water) के साथ काली मिर्च (Black Pepper) का सेवन करने से शरीरिक क्षमता (Stamina) बढ़ती है. साथ ही शरीर में पानी की कमी नहीं होती.

 3. टेंशन को करे दूर काली मिर्च.

-अगर आपको टेंशन हो तो

5 काली मिर्च के दाने खाये क्योंकि काली मिर्च में पिपराइन मौजूद होती है और उसमें एंटी-डिप्रेसेंट के गुण होते है. जिस कारण काली मिर्च लोगों की टेंशन और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करती है.

4. मसूड़ों की कमजोरी करें दूर.

काली मिर्च से मसूड़ों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलता है. काली मिर्च, माजूफल और सेंधा नमक तीनों चीजों को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाकर कुछ बूंद सरसों के तेल में मिलाकर दांतों और मसूड़ों में लगाएं और आधे घंटे के बाद मुंह साफ कर लें. इससे आपके दांत और मसूड़ों में दर्द होने वाली समस्या भी दूर हो जाएगी.

5. कैंसर से होगा बचाव.

- महिलाओं के लिए काली मिर्च खाना बहुत फायदेमंद होता है. कालीमिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, फ्लेवोनॉयड्स, कारोटेन्स और अन्य एंटी -ऑक्सीडेंट होता है, जिससे महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है.

6.काली मिर्च जुकाम की परेशानी दूर करता है ?

- जुकाम होने पर काली मिर्च गर्म दूध में मिलाकर पीने से आराम मिलता है. इसके अलावा जुकाम बार-बार होता है, छीकें लगातार आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक ले जाएं फिर प्रतिदिन एक घटाते हुए पंद्रह से एक पर आएं. इस तरह जुकाम की परेशानी में आराम मिलेगा.

#काली मिर्च गर्मी करती है क्या?

माना जाता है कि काली मिर्च को आप सर्दी-खांसी और जुकाम को ठीक करने के लिए मेडिसिन की तरह भी खा सकते हैं। काली मिर्च अनेकों तत्वों से भरपूर होती है जो शरीर को फायदा पहुँचाती है। इसमें एक पेपरिन महत्वपूर्ण कंपाउंड पाया जाता है। जो सर्दी-खांसी और जुकाम जैसी बीमारियों को ठीक करने में काफी हद तक लाभदायक हो सकता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. 

शनिवार, 16 अप्रैल 2022

कैसे जानोगे आपकी किडनी खराब हो गई है?In hindi.

 कैसे जानोगे आपकी किडनी खराब हो गई है?In hindi.

Dr_Virender_Madhan.



#किडनी की बीमारियों के सामान्य लक्षण

-चेहरे की सूजन,

- पेट और पैरों में सूजन, 

किडनी की बीमारी की ओर संकेत करते है। 

- भूख की कमी,

- मितली एवं उलटी भूख की कमी,

- मुँह में असामान्य स्वाद लगना आदि कुछ आम लक्षण हैं। 

- उच्च रक्तचाप रहना।

- रक्तल्पता या एनीमिया और कमजोरी रहना। बीमार किडनी के लक्षण है

#किडनी रोग के पूर्व लक्षण?

- किडनी खराब होने से पहले शरीर देता है ये 5 संकेत, 

 - ​भूख में कमी आना शरीर में विषाक्त पदार्थों और वेस्ट का संचय भी आपकी भूख को कम कर सकता है, जिससे वजन भी घटने लगता है। 

- ​टखने और पैरों में सूजन ,

- ​त्वचा में सूखापन और खुजली ।

- ​कमजोरी और थकान महसूस होना ।

- ​बार-बार पेशाब आना

- रोगी को अधिक थकान महसूस होती है। इस स्थिति में पीठ में दर्द होता है।

- कभी-कभी जब गुर्दे के फिल्टर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो रक्त कोशिकाएं पेशाब में रिसने लगती हैं। गुर्दे की बीमारी का संकेत देने के अलावा, पेशाब में खून का आना रक्त ट्यूमर, गुर्दे की पथरी या किसी अन्य तरह के संक्रमण का संकेत दे सकता है। पेशाब में मवाद आने के साथ बुखार या ठंड लगना गंभीर हो सकता है।

अधिक जानकारी के लिऐ क्लिक करें:-

https://youtu.be/Rq3hi4flGYU

#किडनी रोग के कारण?

जैसे-जैसे गुर्दे की कार्य क्षमता कम होते जाती है, शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमाव होता जाता है, जिससे त्वचा में खुजली, सूखापन और दुर्गंध होती है। पीठ दर्द या पेट के निचले हिस्से में दर्द: पीठ, बाजू या पसलियों के नीचे दर्द गुर्दे की गड़बड़ी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं जैसे कि गुर्दे की पथरी होना।

#किडनी की बीमारी क्यों होती है?

किडनी फेल होने के कारण- किडनी फेल होने के पीछे कई कारण हैं जैसे कि किसी बीमारी की वजह से यूरिन का कम हो जाना, 

हार्ट अटैक, दिल की बीमारी, लिवर का फेल हो जाना, प्रदूषण, 

कुछ दवाएं भी किडनी रोग का कारण बनती है, 

क्रोनिक डिजीज, डिहाइड्रेशन, किडनी ट्रॉमा, एलर्जी रिएक्शन, गंभीर इंफेक्शन और हाई ब्लड प्रेशर.

इसमे आयुर्वेदिक दवाएं जैसे की पुनर्नवा मंडूर, चन्द्रप्रभावटी, श्वेत पर्पटी, गिलोय सत्व, मुक्ता पिष्टी, मुक्तापंचमतामृत रस इत्यादि का सेवन आप डॉक्टर की देख रेख में ही ले। नियमित रूप से एलोवेरा, ज्वारे और गिलोय का जूस पिने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है।

#पुनर्नवा मंडूर एक आयुर्वेदिक दवा।

PUNARNAVA MANDUR

यह जड़ी बूटी किडनी फेलियर के इलाज के लिए रामबाण इलाज है क्योंकि यह ब्लड में छुपे अपशिष्ट पदार्थ को अलग करता है और यही नहीं यह आपकी बॉडी में ब्लड की शुद्धता को भी अच्छा बनाती है। इस जड़ी बूटी की 2 गोलियाँ आप भोजन के बाद सादे पानी के साथ हर दिन ले।

किडनी को साफ करने के लिए क्या खाना चाहिए?

#किडनी को कैसे स्वस्थ रखे?

* किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप कौन से फूड्स डाइट में शामिल कर सकते हैं.

- लाल शिमला मिर्च – लाल शिमला मिर्च में स्वाद अधिक होता है लेकिन इसमें पोटैशियम की मात्रा कम होती है।

- फूलगोभी – इस सब्जी में फोलेट और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व होते हैं।

- गोभी – इसमें कोलेस्लो इंग्रेडिएंट फाइटोकेमिकल्स का एक अच्छा सोर्स है.

खरबूजा ,तरबूज, ककडी आदि का प्रयोग करें।

पानी का स्तर बनाये रखें।

मेदे से बने भोजन, तले भोजन न करें।

अदरक, अजवाइन, हल्दी का प्रयोग करें।

धन्यवाद!


मुहांसे|पिंपल क्यों निकलते हैं?In hindi.

मुहांसे|पिंपल क्यों निकलते हैं?In hindi.

<मुंहासे|पिटिका|Pimples|Acne >



Dr_Virender_Madhan.


#पिंपल|मुंहासे,

इन्हें कई नामों से जानते है।

-चेहरे पर पिंपल निकलने की समस्या आमतौर पर टीनएज से जोड़कर देखी जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस उम्र में हमारे शरीर में तेजी से हॉर्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं। इस कारण हॉर्मोन्स लेवल डिस्टर्ब होने हमारी स्किन पर पिंपल्स उगने लगते हैं। जो शुरुआत में किसी छोटे दाने या उभार की तरह महसूस होते हैं।

#पिंपल्स होने के कारण क्या क्या है?

पिंपल्स होने की एक और वजह प्रदूषण और धूल मिट्टी है जिसकी वजह से चेहरे पर गंदगी जम जाती है और इससे कील-मुंहासे हो जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि कहीं भी जाते समय अपने चेहरे को अच्छी तरह से ढंककर चलें और नियमित रूप से चेहरे की साफ सफाई करें। 

#क्यों होते है मुहांसे?

मुहांसे हार्मोन्स के अलावा 

धूल, धूप मे रहन से,

कब्ज रहने से,

चाय,कोफी पीने से,

 स्ट्रेस यानि मानसिक तनाव मे,

और त्वचा विकार होने पर(Skin infection) से भी पिम्पल्स होते है.


#..माथे पर पिंपल्स क्यों निकलते हैं?

-ऐसा होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जिसमें स्किन एलर्जी, धूल-मिट्टी, ऑयली स्किन आदि वजहें शामिल हैं।  शुरुआत में यह एक या दो देखने को मिलते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इनकी झड़ी लग जाती है। कुछ महिलाओं को थ्रेडिंग के बाद माथे पर काफी मुंहासे होने लगते हैं।

#मुहांसों के घरेलू उपाय क्या है?

* एक चम्मच बेकिंग सोडा को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे पिम्पल पर लगाएं और करीब पांच मिनट बाद हल्के गर्म पानी से फेस धो लें। 

* लहसुन लगाने से भी पिम्पल जल्दी ठीक हो जाता है और निशान भी नहीं पड़ता है।

* चंदन लगाएं-

 चंदन और चंदन का तेल हमारे चेहरे की कोशिकाओं को ऑक्सीजन देने के साथ सफेद दानों से भी निजात दिलाता है। इसलिए आप चेहरे पर चंदन लगाकर इसे सूखने दें और जब यह सूख जाए, तो पानी से धो लें। 

* एलोवेरा

सबसे पहले एलोवेरा का एक ताजा पत्ता लें और उसे काटकर अंदर से चम्मच की मदद से जेल को निकाल लें. अब इस जेल को पेस्ट बनाकर मुंहासों के ऊपर लगाएं और रातभर के लिए छोड़ दें. सुबह उठकर चेहरा धो लें और ऐसा तबतक रोजाना करें. जबतक कि आपके मुंहासे ठीक नहीं हो जाते

* हल्दी और शहद

1 छोटे चम्मच हल्दी को आधा चम्मच शहद के साथ मिक्स करें। इस पेस्ट की एक मोटी लेयर अपने पिंडिका पर लगाएं यानि कि उन जगहों पर जहां आपको बार-बार पिंपल्स होते हैं। 15 मिनट तक लगाए रखे।


* बेसन

बेसन काफी उपयोगी है. मुंहासों के दाग-धब्बे हटाने के इस उपाय के लिए 1 चम्मच बेसन, गुलाब जल व आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को दाग-धब्बों पर लगाएं और सूखने के बाद सामान्य पानी से धो लें.

कई बार कील मुंहासे छिल जाते हैं, जिससे चेहरे पर घाव भी हो जाता है और निशान बन जाते हैं। पिम्पल्स हटाने के लिए आप घर में भी उपाय कर सकते हैं। 

इसके लिए आप नींबू को काटकर उसका रस एक कटोरी में निकालें, इसमें थोड़ा नमक और शहद मिलाकर इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं। करीब 15 मिनट बाद जब यह सूख जाए तो गुनगुने पानी से धो दें।

* आयुर्वेदिक दवा

ये औषधियों चिकित्सक से पूछ कर ही लें-

कायाकल्प वटी

गुरु रक्तशोधी सीरप

खदिरारिष्ट

गन्धकरसायन


धन्यवाद!

गुरुवार, 14 अप्रैल 2022

हड्डियां नही टूटेगी अब ..डा०वीरेंद्र मढान in hindi.

#AyurvedicTreatment, #AyurvedicTips, #health #care,



हड्डियां नही टूटेगी अब ..डा०वीरेंद्र मढान in hindi.

 #हड्डियां क्यों दुखती है?

#कमजोर हड्डियों के लक्षण?

#हड्डियों को मजबूत करने के उपाय।

हड्डियां शरीर की बनावट बनाने का काम करती है। मासंपेशियों को भी सही रखती हैं और कई अंगो की रक्षा भी करती हैं. इसलिए हड्डियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. समय के साथ-साथ हड्डियों की मजबूती कम होने लगती है. 30-35  साल के बाद ज्यादातर लोगों का बोन मास (घनत्व) कम होने लगता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

#कमजोर हड्डियों के लक्षण?

 * मसुड़ों का कमजोर होना

- हड्डियों के कमजोर होने से मसूड़ों में दिक्कत होने लगती है. 

- जबड़े कमजोर होने से दांत खराब भी हो सकते हैं.  

 - हाथों की पकड़ कमजोर होना।

- कमजोर और टूटते नाखून- अगर आपके नाखून बार-बार टूटते हैं तो हो सकता है कि आपके शरीर में कैल्शियम और कोलेजन की कमी हो. ये दोनों पोषक तत्व मजबूत हड्डियों के लिए बहुत जरूरी माने जाते हैं. कमजोर नाखून को एक 

- ऐंठन, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द- 

विटामिन डी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम सहित कुछ विटामिन और मिनरल्स हड्डियों की सेहत के लिए जरूरी होते हैं. इनकी कमी की वजह से शरीर में ऐंठन, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द हो सकता है. 

- शरीर झुक जाना-

 हड्डियों के फ्रैक्चर की वजह से शरीर आगे की तरफ झुकने लगता है. ये कमजोर हड्डियों का शुरुआती लक्षण हो सकता है. 

#हड्डियों को मजबूत करने के उपाय?

- आहार में ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम, अखरोट और किशमिश शामिल करें. 

- कैल्शियम के लिए आप खाने में गुड़ जरूर शामिल करें. 

- खट्टे फलों में विटामिन सी, विटामिन डी और कैल्शियम काफी होता है. 

- अंडा में सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं. 

- हड्डियों को ताकतवर बनाने के लिए हरी सब्जियां जरूरी खाएं.


#क्या चीज खाने से हड्डी मजबूत होता है?

 प्रोटीन के लिए हमें कद्दू के बीज, मूंगफली, टोफू, अमरूद और झींगा आदि का सेवन करना चाहिए। इसी के साथ हड्डियां मजबूत करने के लिए हमें मैग्नीशियम और पोटेशियम भी लेना चाहिए। जिसके लिए आप पालक , सोयाबीन आदि चीजें शामिल करें। विटामिन सी, के और ए भी हमारे लिए बहुत जरूरी होता है।

#कौन सा फल खाने से हड्डी मजबूत होता है?

* संतरे – 

 संतरे का रस शरीर को कैल्शियम और विटामिन डी दोनों प्रदान करता है. ये हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है. संतरे के जूस के नियमित सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस से भी बचा जा सकता है. 

* केले – 

केला पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने लिए जाना जाता है.

* कीवी-

कीवी खाने से हड्डियों में ताकतआती है। फलो मे कीवी में सबसे अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है।


#कैल्शियम बढने के लिऐ क्या खाना चाहिए?

जाने, 

<हड्डियों में कैल्शियम कैसे बढ़ाए?

कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए रोजाना दूध, दही, पनीर, मक्खन आदि चीजों का प्रयोग करें। बच्चों को रोजाना एक गिलास दूध पीने की सलाह दें। सीफूड में भी कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।

- हरी पत्तेदार सब्जियां, केला, पालक, सोया मिल्क,प्रोटीन, चौलाई और टोफू जैसी चीजें हमारी हड्डियों को मजबूत करती हैं.

- कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत दूध को माना जाता है।  एक गिलास दूध में करीब 300 ग्राम कैल्शियम होता है। 

# हड्डियां मजबूत रखने के लिए जीवनशैली:-

-1 रोज 25 मिनट धूप में गुजारने से शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिलता है जो हड्डियां मजबूत करने के लिए जरूरी है। 

2 इसके अलावा धूप में बैठकर शरीर की मालिश करना। 

3  हफ्ते में चार दिन पैदल चलना व व्यायाम करना हड्डियां मजबूत करने के लिए जरूरी है।

4 मालिस करना

जैतून का तेल तथा तिल की मालिस लाभदायक होती है।  

 नारियल का तेल  मालिस करने से त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करता है.

बादाम का तेल या सरसों का तेल की अपने शरीर की मालिश जरुर करते रहे।

एक बार अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर करें।

धन्यवाद!


बुधवार, 13 अप्रैल 2022

कमरदर्द|कटीशूल|Katishul|LUMBAGO,क्या है?In hindi.

कमरदर्द|कटीशूल|Katishul|LUMBAGO,क्या है?In hindi.



Dr_Virender_Madhan,

#आयुर्वेद में कमर दर्द को #कटिशूल कहा जाता है। इस दर्द में पीठ के निचले हिस्‍से में #सूजन और #अकड़न रहती है। #वात दोष के असंतुलन के कारण पीठ के निचले हिस्‍से में दर्द होता है जिसे पीठ या #कमर दर्द के नाम से जाना जाता है।

#क्यों होता है कमरदर्द?

आयुर्वेद में कमरदर्द|कटिशूल, का कारण वातदोष बताया गया है। तीखे व कसैलेरस युक्त आहार जैसे अधिक मिर्च व तेलयुक्त आहार, चटपटा खाना, फ्रिज में रखा हुआ खाना, अधिक शीतल पेय, आइसक्रीम, अत्यअधिक बीज वाले फल व सब्जी जैसे अमरूद, बैगन, काचरी, परवल आदि लेने से कमरदर्द की समस्या होती है।

गलत आसान पर बैठने से,

अधिक थकने वाले काम करने से,

आगे झुक कर काम करने से भी कमर दर्द होता है।

गर्भावस्था में, ज्यादा काम से कटीशूल हो जाता है।

#कटिशूल|कमरदर्द का घरेलू उपाय?

कमर दर्द के इलाज में शुंथि (सूखी अदरक), रसना, रसोनम (लहसुन) और अरंडी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्‍तेमाल किया जाता है। 

आयुर्वेदिक औषधि

 जैसे कि योगराज गुग्‍गुल, सिंहनाद गुग्‍गुल, दशमूल कषाय और बालारिष्‍ट से कमर दर्द का इलाज किया जा सकता है। #आयुर्वेदिक ग्रंथों में कमर दर्द के इलाज के लिए प्राचीन चिकित्‍सा पद्धतियों का उल्लेख मिलता है जिसमें #उदवर्तन (पाउडर से मालिश), स्‍वेदन (पसीना निकालने की विधि), #अभ्‍यंग (तेल मालिश), बस्‍ती कर्म (एनिमा चिकित्‍सा), विरेचन कर्म (मल त्‍याग की विधि), #लेप (शरीर के प्रभावित हिस्‍से पर औषधि लगाना) और #अग्‍निकर्म (शरीर के किसी हिस्‍से को जलाने की विधि) शामिल है।

अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी #आयुर्वेदिक #चिकित्सक से परामर्श करें और अपने रोग का निवारण करें l

GuruAyurvedainfaridabad,


मंगलवार, 12 अप्रैल 2022

डैंड्रफ से छुटकारा दिला सकते हैं घरेलू उपाय?In hindi

#रूसी #ayurvedictreatment #Hairproblem, #घरेलूउपाय,

 <डैंड्रफ|Dandruff>

डैंड्रफ से छुटकारा दिला सकते हैं घरेलू उपाय?In hindi

Dr.VirenderMadhan.

#डैंड्रफ|रुसी|पयास, क्या है?

आपके कंधे पर सफेद रंग की पपड़ीनुमा जैसी कोई चीज गिर जाती है। आप बार-बार उसे हटाने की कोशिश करते हैं, लेकिन थोड़ी ही देर में वह फिर से आ जाती है.. है ना? 

सिर में होने वाली इसी समस्या को रूसी या डैंड्रफ|(Dandruff) होना कहा जाता है। भारत में बड़ी संख्या में लोग रूसी या डैंड्रफ से परेशान हैं। और यह समस्या दिन पर दिन बढ रही है।

#डैंड्रफ Dandruff कितने प्रकार के होते हैं?

जानें,

 कितने प्रकार के होते हैं डैंड्रफ ?

* ड्राय स्किन डैंड्रफ

* ऑइल संबंधित डैंड्रफ

* फंगल डैंड्रफ

* बीमारी संबंधित डैंड्रफ


#डैंड्रफ से क्या क्या होता है?

जानें

डैंड्रफ से क्या नुकसान होता है,

* इससे सिर की ऊपरी त्वचा में छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं या यूं कहें कि जड़ें खुल जाती हैं. इससे बाल टूटने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में गीले बालों में कंघी करने से हेयर फॉल हो सकता है. इसके अलावा ज्यादा हेयर ड्रायर इस्तेमाल करना भी बालों के लिए ठीक नहीं होता.

#डैंड्रफ से चेहरे पर क्या नुकसान होता है?

जाने

डेंड्रफ का चेहरे पर क्या साइड इफेक्ट्स या नुक्सान होता है?

* अत्यधि‍क डैंड्रफ होने पर वह आपके चेहरे या त्वचा के जिन स्थानों पर गिरता है, वहां मुहांसे हो सकते हैं। यह आपकी त्वचा को खराब कर सकता है। 

* खुजली - जब भी डैंड्रफ होता है, आपके सिर की त्वचा मृत कोशि‍आओं को बाहर निकालती है और आपको खुजली होती है।

# डैंड्रफ का घरेलू उपचार क्या है? 

जाने-

डेंड्रफ की समस्या को दूर करने के टिप्स,

> टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करें।

> बालों को दें दही का पोषण ।

> ऐलोवेरा जेल का प्रयोग करें।

> मेथी को जड़ों में लगाएं।

> नींबू और नारियल तेल कर सकता है रूसी को खत्म।

#बालों में डैंड्रफ की समस्या:-

डैंड्रफ के लिए एलोवेरा का रस

आप इस जेल को छानकर सीधा अपने सिर की त्वचा और बालों पर लगाकर 15-20 मिनट बाद सामान्य पानी से धो सकते हैं. आप एलोवेरा का जेल निकालकर उसमें 1 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच नारियल तेल मिला लें. अब इन सभी चीजों को ब्लेंड करके बालों में लगाएं और 15-20 मिनट बाद माइल्ड शैंपू से धो लें.

#सर्दियों में सिर की रूसी को जड़ से खत्म करने के उपाय – (How to Avoid Dandruff in Winter Naturally)

तिल का तेल 

तिल का तेल बालों के लिए औषधि का काम करता है। ... 

नारियल का तेल 

200 ग्राम नारियल के तेल में करीब 5 ग्राम कपूर का पाउडर मिक्स करके तीन हफ्तों तक लगाने से रूसी खत्म हो सकती है। 

#डेंड्रफ का आयुर्वेदिक इलाज?

* नीम का तेल

नीम का तैल की मालिस करें।

* नीम की पत्ती

नीम की पत्तियों (Neem Leaves)को पानी में डालकर उबाल लें। बाद में पत्तियों को पीसकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसे पेस्ट को 10 मिनट तक सिर पर लगाकर रखें। बाद में पानी से सिर को धो लें। 

* दही (Curd)

पुराने और खट्टे दही या मट्ठे को अपने पूरे सिर पर लगाएं। कम से कम 10 मिनट तक लगाकर रखें (बेहतर होगा कि कम से कम 30 मिनट तक लगाएं)। बाद में सिर को पानी से धो लें।

*नींबू का जूस + नारियल तेल (Lemon juice + Coconut oil)

नारियल तेल लेकर उसे गर्म कर लें। गुनगुने नारियल तेल में बराबर मात्रा में नींबू का जूस मिला लें। इस मिश्रण को अच्छे से बालों की जड़ों में लगा लें। 10 मिनट या पूरी रात लगाकर रखें और सुबह किसी माइल्ड शैंपू से बालों को अच्छी तरह से धो लें।

* बेकिंग सोडा (Baking soda)

सिर को धो लें। इसके बाद एक टेबल स्पून बेकिंग सोडा को पूरे सिर पर अच्छी तरह से मलें। सिर को एक मिनट के लिए छोड़ दें और बाद में धो डालें। 

* मेंहदी + चाय की पत्ती + नींबू (Henna + Tea Liquor + Lemon juice)

 एक टेबल स्पून चाय की पत्ती को डेढ़ कप पानी में उबाल लें। बाद में जब एक कप बच जाए तो उसे छान लें। इसी पानी में मेंहदी पाउडर और दो चम्मच नींबू का जूस मिला लें। गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसी पेस्ट को अपने सिर और बालों में लगाएं। कम से कम 10 मिनट या फिर पूरी रात के लिए लगा रहने दें। सुबह इस पेस्ट को  शैंपू से धोकर निकाल दें। 


 धन्यवाद!

सोमवार, 11 अप्रैल 2022

कॉर्न|गोखरू क्या हैफुट?In hindi.

 #  फूटकॉर्न|गोखरू क्या है?In hindi.


Dr.VirenderMadhan

फुट कॉर्न को बनियन्स (Bunions) भी कहते हैं। इसे “गोखरू” और डील नाम से भी जानते है।

#फूटकोर्न किसे कहते है?

आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में वात और कफ दोष के असंतुलन के कारण फुट कॉर्न होते हैं।

फुट कॉर्न, त्वचा की एक मोटी परत होती है, जो घर्षण, रगड़ और दबाव के कारण प्रतिक्रिया करके त्वचा में (खासकर पैरों के तलवे में) उत्पन्न होने लगती हैं। कॉर्न के कारण चलने पर दर्द होता है।

#फूटकोर्न कैसा होता है?

>> गोखरू|कॉर्न्स अक्सर छोटे-छोटे, परतदार गोल चक्र के आकार के होते हैं, जो आम तौर पर पैरों की उंगलियों के ऊपर, बराबर में या तलवे पर होते हैं। फुट कॉर्न अक्सर दुबले-पतले लोगों के पैरों में होते हैं, 

#गोखरू|फुटकोर्न किसे होता है?

 - जो लोग सही फिटिंग के जूते नहीं पहनते हैं या

-  जिनके पैरों में पसीना आता है या 

- जो दिन में ज्यादातर समय खड़े रहते हैं, उन लोगों में यह समस्या काफी आम होती हैं। फुट कॉर्न पुरूषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है। 

  

फुटकोर्न के लक्षण

एक कठोर तथा ऊपर की तरफ उठा हुआ उभार (गांठ आदि),

प्रभावित त्वचा खुरदरी तथा मोटी होना,

त्वचा पर सूखी या मोम जैसी परत बनना,

त्वचा के अंदर दर्द या छूने पर दर्द महसूस होना,

चलने या अन्य गतिविधियां करते समय दर्द महसूस होना, इत्यादि।

फुटकोर्न के कारण

- पैरों की त्वचा में कुछ कॉर्न्स ठीक तरीके से न चलने के कारण भी होता है, 

- ज्यादातर फुट कॉर्न का कारण ठीक साइज के जूते ना पहनना ही होता है।

- ऊंची एड़ियों के जूते पहनना भी ऐसी स्थिति पैदा करने का एक मुख्य कारण माना जाता है, 

- नंगे पैर चलना भी कारण बनता है।

-अन्य कारण

*पैरों तथा उनकी उंगलियों की संरचना में असामान्यता।

*चलने में असामान्यता।

*खराब फिटिंग के जूते या मौजें।

*किसी उपकरण, औजार या इंस्ट्रूमेंट्स आदि का इस्तेमाल करना, 

*जिससे पैर की किसी एक जगह दबाव पड़ता हो।

*बिना जुराबों के जूते या सैंडल आदि पहनना, इससे पैरों में घर्षण बढ़ता है।

*नियमित रूप से नंगे पैर चलना, ऐसे में पैर खुद को बचाने के लिए त्वचा की मोटाई बढ़ाने लगते हैं।

*दोहराने जाने वाली गतिविधियां, जैसे एक ही तरीके से चलना या दौड़ना।

*कुछ प्रकार के व्यवसाय, जैसे खेतों या गार्डन आदि में काम करने वाले लोग।

*वृद्धावस्था, क्योंकि इस उम्र में त्वचा में फैटी टिश्यू कम हो जाते हैं, 

*जिससे त्वचा में गद्दापन (Padding) कम हो जाता है। जिससे फुट कॉर्न आदि विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है। 

#ट्रीटमेंट ऑफ फुट कॉर्न|कॉर्न को ठीक करने के लिए घरेलू इलाज (Home Remedy To Cure Corn)

प्यूमिक स्टोन (Pumice Stone)

प्यूमिक स्टोन से रगडें फिर कैस्टर आयल लगायें।

मुलेठी (Mulethi)

पैर धोकर मुलहठी का लेप करें।

सेंधा नमक (Rock Salt)

सेंधानमक के पानी से धाये।

सफेद सिरका (White Vinegar)

सफेद सिरका या सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar) कुछ दिनों तक लगायें।

लहसुन (Garlic) का पेस्ट बनाकर प्रयोग करें।

#फूटकोर्न से बचने के लिए क्या करें।?

**  उचित साइज के जूतें पहनने चाहिए।

* पैरों को हर शाम को साबुन और पानी के साथ धोएं, पैरों को धोने और अच्छी तरह से सुखाने के बाद उन पर तैल क्रीम लगाएं।