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गुरुवार, 15 सितंबर 2022

ओवरथिंकिंग क्या बीमारी है? अगर बीमारी बन गई है तो इसका हल क्या है?In hindi.

 ओवरथिंकिंग क्या बीमारी है? अगर बीमारी बन गई है तो इसका हल क्या है?  



Dr.VirenderMadhan.

ओवरथिंकिंग कोई बीमारी नहीं बल्कि एक नकारात्मक आदत है। इसका प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य जोखिमों का कारण होने के साथ आपके इमोशनल और फिजिकल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। नियमित रूप से ओवरथिंकिंग करने की आदत आपको एंग्जाइटी, पैनिक अटैक और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से ग्रसित कर देती हैं।

- ऐसी सोच या विचार आना जो आपके हाथ मे न हो जैसे:-

- बोस क्या कहेंगे, 

-पडौसी क्या सोचेंगे, 

- बारिश हो गई तो ओफिस कैसे जाऊंगा. 

- अगर नौकरी से निकाल दिया जाऊं तो घर कैसे चलेगा 

आदि आदि। 

ऐसी सोच या विचार आना जिसका समाधान किसी के हाथ मे नही हो.

“सडक पर चलते हुए मेरे ऊपर पेड गिर गया तो”

ऐसे विचार ओवरथिंकिंग कहलाते है।

जो व्यक्ति प्रभु मे विश्वास करता है जो व्यक्ति आत्मा व प्रमात्मा के बारे मे थोड़ा ज्ञान रखता है.

इस श्रृष्टि मे नित्य क्या है, अनित्य क्या है, इसका ज्ञान रखता है अपने को अनित्य मानने वाला व्यक्ति ओवरथिंकिंग तो क्या वह किसी भी मानसिक रोगों का शिकार नही होता है।

[A person who considers himself to be impermanent (कभी तो अंत होगा)is overthinking, then does he not fall prey to any mental diseases.]

ओवरथिंकिंग बीमारी नही है यह अन्य भयंकर बीमारियों की जड है।

[Overthinking is not a disease, it is the root of other terrible diseases.]

ओवरथिंकिंग के कुछ कारण भी होते है।

#ओवरथिंकिंग के कारण

- पर्सनैलिटी (व्यक्तित्व)

ज्यादा सोचना किसी के व्यक्तित्व (पर्सनैलिटी) का हिस्सा हो सकता है। कई लोग हर काम में खूब सोच-विचार करते हैं। ऐसे लोगों की संख्या 60 से 70 फीसदी होती है।कुछ लोगों को बहुत सोचने की जन्मजात आदत होतीहै।

-इनमें से कई लोग ऐसे होते हैं जो जाने-अनजाने ज़िंदगी को शतरंज की तरह जीने लगते हैं। (हार हो या जीत कोई बात नही)ऐसे लोगों को ज्यादा सोचने से कभी भी परेशानी नहीं होती।

- Stress (मानसिक तनाव)

जीवन मे स्ट्रेस तो हर कोई को होती है, लेकिन स्ट्रेस जब किसी के लिए हर काम मे रुकावट पैदा करने लगे तब स्ट्रेस की स्थिति आदमी के लिए गलत होती है परेशानी होती है व्यक्ति को कोई बीमारी जाती है।

- एंग्जाइटीAnxiety चिंता;-

किसी भी चीज के होने या न होने की एंग्जाइटी हमें ओवरथिंकिंग की तरफ ले जाती है। वैसे चिंता होना आम बात है। हर शख्स किसी न किसी चीज को लेकर चिंतित होता है। अगर चिंता सही कारण से हो और चंद क्षणों तक विचलित करे, फिर धीरे-धीरे खत्म हो जाए तो इसे सामान्य ही कहेंगे। 

लेकिन जब यही चिंता घबराहट के रूप में हो, छोटी वजहों से या फिर बिना किसी कारण के इस कदर परेशान करे कि नींद ही उड़ जाए। काम में उसका मन न लगे, हमेशा कुछ न कुछ सोचने की जरूरत महसूस हो तो यह एंग्जाइटी की ओवरथिंकिंग है। जब एंग्जाइटी का उपाय करेंगे तो ओवरथिंकिंग का भी निदान हो जाएगा।

 एंग्जाइटी में ओवरथिंकिंग की स्थिति तब भी बनती है जब हम किसी चीज की सबसे बुरी संभावना के बारे में ज्यादा सोचने लगते हैं।



 - डिप्रेशनdepression अवसाद या खिन्नता:-

तनाव, घबराहट, मूड ऑफ होना ये सब लक्षण ज़िंदगी में एक बार नहीं आते। ये हर दिन आते-जाते रहते हैं। इनके आने और जाने का सिलसिला चलता रहता है। लेकिन इन वजहों से हमारे काम, हमारी रुटीन, हमारी बॉडी लैंग्वेज अमूमन ज्यादा प्रभावित नहीं होता। जब ऐसे इमोशंस आकर ठहर जाएं और मन में अपना घर बनाने लगें तो परेशानी होती है।जब मन के भीतर से ऐसी भावनायें आने लगे कि अब कुछ भी ठीक नहीं हो सकता। इस स्थिति में यह ओवरथिंकिंग का अहम कारण बन जाता है।


गंभीर मानसिक बीमारियों में भी होती है ओवरथिंकिंग

अगर ओवरथिंकिंग गंभीर मानसिक बीमारी, जैसे: -बाइपोलर डिसऑर्डर, 

- मेनिया, 

- सिजोफ्रेनिया आदि बीमारियों की वजह से हो रही है तो फिर इसके लिए किसी सायकायट्रिस्ट की मदद लेनी चाहिए। 

 इस तरह की ओवरथिंकिंग की वजह न्यूरोट्रांसमीटर(सेरेटोनिन, डोपामाइन आदि) की कमी हो सकती है। इसलिए इनमें दवा और काउंसलिंग की जरूरत हो सकती है।

#ओवरथिंकिंग के 10 लक्षण.



1. छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत देर तक सोचते रहना. है

जैसे कल ऑफिस में खाने में क्या लेकर जाना है या फिर मेरी पत्नी या पति ने मुझे उलटा जवाब क्यों दिया।

2.  दूसरे के बारे मे कल्पना करके खुद ही सोचते रहना जैसे:-

 किसी दोस्त ने या फिर किसी संबंधी ने मेरे बारे में क्या कहा होगा? 

3. वर्तमान के बारे में बहुत कम, भविष्य के बारे में ज्यादा और अतीत के बारे में बहुत ज्यादा सोचतते रहना।

4. कल्पना करते हुए बार-बार यह सोचना कि अगर ऐसा हो गया तो क्या होगा।

5. अपने बीते दिनों के बारे में यह सोचते हैं कि काश यह न किया होता तो अच्छा होता यानी खुद पर बार-बार पछतावा करते रहना।

6. किसी की कोई बात बार-बार दिमाग में आना। किसी व्यक्ति ने मजाक में कोई बात बोल दी, फिर भी क्या उसके बारे में सोचते रहना।

7. दिमाग में किसी बात को लेकर खुद को बार-बार दुख महसूस करते हैं? अतीत की किसी घटना को लेकर दुख महसूस करते हैं?

8. उन चीजों के बारे में क्या ज्यादा सोचते हैं जिन घटनाओं पर आपका कोई कंट्रोल नहीं हैजैसे:-

अगर चीन या पाकिस्तान से भारत की लड़ाई हो गई तो कहां जाकर रहेंगे। 

9. किसी बात को सोचते सोचते गुस्सा या डर लगता है 

10.  गहरी नींद न आना, लगातार 6 से 8 घंटे की नींद पूरी न होना, सुबह उठने पर बहुत ज्यादा थकान महसूस होना, शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना, चिड़चिड़ापन होना, बिना मतलब परिवार या फिर ऑफिस में गुस्सा करना, अपने काम में बार-बार गलतियां करना, जैसी समस्याएं होती है।

उपरोक्त परेशानी है तो फिर आप ओवरथिंकिंग से परेशान हैं 

अधिक जानकारी के लिए किसी मनोचिकित्सक से मिले

#ओवरथिंकिंग है तो क्या करें उपाय:-

नशा न करें

मडिटेशन न करें

अकेले व खाली न बैठे

क्या करें?

प्राणायाम करें

योगासन करें

पुस्तक पढें

संगीत सुने

गहरी सांस ले

उल्टी गिनती करें।

माला जपे

लाईफ स्टाईल बदले

शनिवार, 10 सितंबर 2022

स्वस्थ रहने के लिए आहार करने के नियम. इन हिंदी |

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स्वस्थ रहने के लिए आहार करने के नियम. इन हिंदी | 



Dr.VirenderMadhan.

#आयुर्वेद के अनुसार आजकल के आहार के नियम. हिंदी मे.

* आयुर्वेद में भोजन और दैनिक जीवन में खान-पान को लेकर बहुत से ऐसे नियम है, अगर उनको अपने जीवन में उपयोग करे तो कभी भी बीमारी नही आयेगी, और शरीर भी स्वस्थ रहेगा। 

अब जानते है आजकल के जीवन के लिए आयुर्वेदिक आहार नियम:-

# आयुर्वेद के अनुसार भोजन के नियम:– 

दूसरा नियम

तीसरा नियम

चौथा नियम

पांचवां नियम

छठा नियम

सातवाँ नियम

आठवाँ नियम


1-आहार का पहला नियम:-

The first rule of diet:-

भोजन के बाद कोई भी फल न लें।

- भोजन करने के तुरंत बाद कोई भी फल नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से एसिडिटी बढ़ जाती है कुपच होता है और गैस की शिकायत हो सकती हैं

2- आहार का दूसरा नियम:-

* भोजन के तुरंत बाद चाय या कोफी है हनिकारक।

-  कुछ लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद चाय अथवा कॉफी पीने की आदत होती हैं। भोजन के बाद चाय कॉफी पीने सेे पेट में एसिडिटी बढ़ती है और खाना हजम होने में दिक्कत आती है।

3- आहार का तीसरा नियम:-

- खाने के बाद स्नान वर्जित है

कुछ लोगों को खाना खाने के बाद नहाने की आदत होती हैं। खाने के तुरंत बाद नहाने के कारण जठराग्नि मंद हो जाती है पेट ठंडा हो जाता है इस कारण पाचन शक्ति कमजोर हो जाती हैं। भोजन फिर पचता नही सडता है।

4-आहार का चौथा नियम:-

भोजन करने के बाद धूम्रपान करना चाहिए। अगर आप खाना खाने के बाद धूम्रपान करते हैं निकोटिन की मात्रा आहार को दूषित कर बहुत सी बीमरियों का कारण बन जाता है साथ ही कैंसर होने का खतरा भी 50 फीसदी से अधिक हो जाता है। 

5- आहार का पांचवां नियम-

चिकनाई वाले खाद्य पदार्थ, तले खाद्य पदार्थ, मक्खन, मेवा तथा मिठाई खाने के तुरंत बाद पानी पीने से खांसी हो जाने की संभावना होती है जबकि गरम खाना, खीरा, ककड़ी तरबूज, खरबूजा, मूली व मकई खाने के तुरंत बाद पानी पीने से दोष कुपित हो जाते हैं अधिकतर कफ,जुकाम, गले के रोग हो जाते है। 

6- आहार का छठा नियम

भोजन के साथ पानी ,ठंडा पानी न पीयें।

 आजकल खाने के तुरंत बाद फ्रिज का ठंडा पानी या शीतल पेय पीने का प्रचलन है। भोजन के तुरंत बाद पानी या शीतल पेय पीना पेट की कई बीमारियों को जन्म देता है। इससे जाठराग्नि शांत हो जाती है और आहार का पाचन ठीक से नहीं होता हैं। अगर बहुत जरूरी हो तो  खाना खाते समय हल्का गुनगुना पानी ले सकते है।

#7- आहार का सातवाँ नियम:-

भोजन करने के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए। सोते समय पाचन क्रिया मंद होने से कुपच होता है तथा अनेक बीमारियों की सम्भावना बढ जाती है।

#8- आहार का आठवाँ नियम:-

दोपहर को खाना खाने के बाद भी 20 मिनट के लिए बाईं और लेट सकते हैं और अगर शरीर मे आलस्य ज्यादा है तो आधा घण्टा आराम कर लें। वहीं रात को खाना खाने के बाद बाहर सैर करने जाएं (कम से कम 500 कदम ) और रात को खाना खाने के कम से कम 2 घंटे बाद ही सोएं। 

नियमों का पालन करें उत्तम जीवन जीयें।

धन्यवाद

शुक्रवार, 9 सितंबर 2022

आयुर्वेद के अनुसार बाल सफेद क्यों होते है उपाय क्या है ? हिंदी में।

 बाल सफेद|पलित रोग(Vanities )



#आयुर्वेद के अनुसार बाल सफेद क्यों होते है उपाय क्या है ? हिंदी में।

क्रोध,शोक और अधिक से श्रम करने से उत्पन्न गर्मी से पित्त प्रकुपित होकर असमय मे बालों को श्वेत कर देता है।वृद्धावस्था मे,आयु के परिणाम से उत्पन्न गर्मी के कारण स्वभावतः बाल श्वेत हो जाते है इसे रोग नही कहते है।

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सफेद बाल के अन्य कई कारण हो सकते हैं जैसे- 

अनुवांशिक, 

कोई मेडिकल कंडीशन, 

शरीर में विटामिन बी12 की कमी होना, 

- जरूरत से ज्यादा टेंशन लेना, शैम्पू जो आपके बालों को सूट न करें और साबुन का इस्तेमाल करना, 

- किसी भी तरह का नशा करना।

- धूम्रपान करना बहुय बडा कारण बनता है।

- तनाव शरीर के साथ बालों को भी नुकसान पहुंचाता है.

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शास्त्रोंक्त चिकित्सा:-

#बालों को काला रखने के उपाय क्या है?

#सफेद बाल काले कैसे करें?

आयुर्वेदिक चिकित्सा:-

- अमृता (गिलोय) ,आँवला, व गोखरू इन सब का सम भाग चूर्ण में से 1-1 चम्मच दिन मे तीन बार धी व शहद की विषम मात्रा से दे.

अथवा

भृंगराज 2भाग

आंवला 1भाग

काले तिल 1भाग का चूर्ण कर इसमे से 1चम्मच लेकर बराबर शक्कर मिलाकर सेवन करें सार मे दूध पीने से अकालपलीत रोग ठीक हो जाता है।इन औषधियों को वर्षों तक सेवन करना चाहिए.

खाने की दवा के साथ तैलों का प्रयोग करना चाहिए।

महानीलतैल

महाभृंगराज तैल

अभाव मे

गुरु केशराजतैल 

या एलादि तैल की मालिस नित्य बालों पर करें।

नस्य:-



भृंगराज से सिद्ध मुलहठी का तैल या भृंगराज व असन से सिद्ध तैल का नस्य लें।

#बालों के आयुर्वेदिक लेप:-

Ayurvedic paste for hair:-

- पुराना मंडूर, आंवला, और जपा(गुडहल के फुल) को रगड पीसकर लेप बनाकर लगायें।सुखने पर त्रिफले क्वाथ से धोयें कुछ देर बाल स्नान कर लें।

- आँवला 2 भाग

हरड 2 भाग

बहेड़ा 1 भाग

आम की गुठली 5 भाग

मंडूर - ढाई भाग लेकर चूर्ण बना लें. 

आवश्यकता के चूर्ण लेकर रात मे लौहे के बर्तन में त्रिफला क्वाथ स भिगोकर रख दे सवेरे  बालों पर लगायें. सुखने पर तैल लगाकर बाल मे धो दे.बाल काले हो जायेंगे.

- नील के पत्तों को गौदूध मे पीसकर लुगदी सी बनाकर लौहपात्र मे बन्द करके जमीन में दबा दें फिर एक माह बाद निकाल कर बालों पर लगायें।

-त्रिफाला जल से नित्य सिर धोते रहने से बाल काले रहते हैं।

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प्रचलित योग:-

#बाल सफेद न होने के  कुछ प्रचलित उपाय:-

 *  बालों को सफेद होने से कैसे रोकें? 

- कढ़ी पत्ते का तेल एक कप नारियल का तेल लें और उसमें एक मुट्ठी कढ़ी पत्ते डाल लें। फिर धीमी आंच पर उबालें ठंडा होने पर प्रयोग करें।

आंवला 

- आंवला एक टोनिक होता है, जो बालों की चमक और रंग को सुरक्षित रखने में मदद करता है। आवला रस लगाये या आवला तैल लगाते रहे।

- स्ट्रेस से दूर रहे।

- केमिकल बेस्ड प्रॉडक्ट्स का प्रयोग करें। 

-नींबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर नहाने से पहले अच्छे से बालों मे मसाज करें. 

 -सफेद हो रहे बालों को फिर से काला करने में कढ़ी पत्ता काफी असरदार है.इसे कीसी तैल मे पकाकर लगायें।

- दही का प्रयोग करें।

- एलोवेरा की मालिस कर सकते है

- बालों मे प्याज का रस लगाने से बालों के लिए बहुत लाभकारी है।

- धी की मालिस करने से मष्तिष्क और बालों को बहुत बल मिलता है।

- हिना और कॉफी का काढा बनाकर लगाने से बाल काले रहते है।

धन्यवाद!

By:- Dr.VirenderMadhan.

मंगलवार, 6 सितंबर 2022

मिर्गी के दौरे कैसे ठीक करें, कैसे मिर्गी को पहचाने.हिंदी में



 मिर्गी के दौरे कैसे ठीक करें, कैसे मिर्गी को पहचाने.हिंदी में.

अपस्मार का क्या अर्थ है?



अपस्मार या मिर्गी 

(वैकल्पिक वर्तनी: मिरगी, अंग्रेजी: Epilepsy) नामो से जाने वाला रोग है।

मिर्गी|Epilepsy

Dr.VirenderMadhan.

- यह एक तंत्रिकातंत्रीय विकार (न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर) है। 


-जिसमें रोगी को बार-बार दौरे पड़ते है। मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी के कारण बार-बार दौरे पड़ने की समस्या हो जाती है।

- मरीज को दौरे पड़ते हैं और वह बहुत बार बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ता है या अनकंट्रोल हो जाता है और कई  बार मरीज का पेशाब भी निकल जाता है।

- कभी कभी मिर्गी के मरीज असामान्य व्यवहार करने लगते।

#मिर्गी की बीमारी क्यों होती है?

मिर्गी के कारण (Causes of Epilepsy in Hindi)

- युवा अवस्था में हेड इंजूरी के कारण भी मिर्गीके दौरे पड़ते हैं। वहीं, अधिक उम्र में स्ट्रोक के कारण मिर्गी के दौरे पड़ने की आशंका रहती है।

-  संक्रामक रोग :- मेनिन्जाइटिस, एड्स, वायरल इन्सेफेलाइटिस भी मिर्गी के दौरे के कारण बन सकते हैं। 


-दिमागी बुखार या दिमाग में कीड़े की गांठ बनना आदि कारणों से हो सकता है।

- आनुवंशिक कारण

- सिर पर घातक चोट लगना

- ब्रेन ट्यूमर या सिस्ट होना

- एड्स

- मेनिन्जाइटिस

- संवहनी रोग

- जन्म से पहले शिशु के सिर में चोट लगना

- मनोभ्रंश या अल्जाइमर रोग

#Symptoms of Epilepsy in Hindi – 

#एपिलेप्सी या मिर्गी के लक्षण:-

- ब्लैकआउट, या मेमोरी लोस होना

- कुछ अंतराल पर बेहोश होना, -- जिसके दौरान बोवेल या ब्लैडर का नियंत्रण खो जाता है,

-  साथ ही थकावट होना

- एक छोटे अंतराल के लिए, कुछ भी याद न रहना

- बिना किसी कारण स्तब्ध रह जाना

#मिर्गी का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

आयुर्वेद के 10 अनुभूत व चमत्कारी योग:-

- ब्रह्मी, शंख पुष्पी, वंशलोचन, मुलेठी, अश्वगंधा आदि मिर्गी की समस्या से छुटकारा दिलाने में कारगर। पीपल, बरगद की जटा का काढ़ा पिएं। इससे लाभ मिलेगा।

- मालकांगनी, सौठ,और असगंध तीनों का समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना कर रखलें। उसमें से 5-5 ग्राम दवा गौदूध के साथ लगातार कुछ दिन लेने से अपस्मार और उन्माद ठीक हो जाते है।

एक वर्ष तक लेने से वलीपलित का नाश ह़ जाता है यानि सफेद बाल भी काले हो जाते है।तथा मनुष्य युवा की तरह दीर्घायु होता है। यह दिव्य औषध है।

- ब्राह्मी का रस 6 ग्राम, शहद 6 ग्राम दोनों को मिलाकर पीने से हर प्रकार की मृगी ठीक हो जाती है।

- मालकांगनी का तैल 5-10 बूंद मक्खन या मलाई मे मिलाकर खिलाने से वातज पागलपन, भुलक्कड़पन, दिमाग की कमजोरी तथा मृगी रोग ठीक हो जाता है। इस तैल की सिर पर मालिस भी करें।

-रीठे का छिलका बारीक पीसकर पाउडर बना कर प्रतिदिन नस्य (नसवार)देने से मृगी ठीक हो जाती है।



- आक,(अकवन,आकौडा,आका,अर्क मदार)का दूध 4-7 बूंद पांव के तलवों मे मले यह 40 दिनों तक करना है।

इन 40 दिनों तक पैरों में पानी नही लगना चाहिए.स्नान के समय पैरों में कुछ बांध ले ताकि पैर के तलवों पर पानी न लगे।

- वच का चूर्ण चौथाई ग्राम (250मि०ग्राम) प्रति दिन शहद के साथ मिलाकर चटायें।यह प्रयोग 40 दिनों तक करें.

- पलाश की जड पानी में पीसकर नाक मे 3-4 बूंदें टपकायें मृगी नष्ट हो जायेगी।

-करेले के पत्ते 5,काली मिर्च 3, लहसुन की कली 1--इन सबको एक साथ पीसकर इनका रस निकालें ,2-2 बूंदें नाक के नथुनों मे टपकायें। मृगी का दर निःसंदेह समाप्त हो जाता है।यह सैकड़ों बार अनुभूत एवं चमत्कारी योग है।

रविवार, 4 सितंबर 2022

क्या होता है वैरिकाज़ वेन.हिंदी में।

 क्या होता है वैरिकाज़ वेन.हिंदी में।



What is Varicose Vein in Hindi?

Dr.VirenderMadhan. 

क्या होता है वैरिकाज़ वेन.हिंदी में।

#GuruAyurvedaInFaridabad.

क्या होता है वैरिकाज़ वेन?.हिंदी में।

#वैरिकाज़ वेन|Varicose Vein

जब त्वचा के नीचे की नीली नीली नसें फैल जातीं हैं, पतली और तनी हुई होती है, तो इसे वैरिकाज़ नस के रूप में जाना जाता है। नसों की दीवारों का पतला होना, भीतर के वाल्वों की विफलता के कारण होता है, फिर रक्त का जमाव होने लगता है, और उभरी हुई, पतली नसें दिखने लगती हैं जो तकलीफ देने लगती हैं। यह दिखाई दे भी सकती है 

#वैरिकोज नसों का कारण Causes of varicose veins

* रक्तचाप|High blood pressure.

जब ब्लड प्रेशर बढ़ता है तो उसके कारण नसों में दबाव बढ़ जाता है और वे चौड़ी होने लगती हैं. जैसे-जैसे नसें खिंचने लगती हैं, वैसे-वैसे नसों में एक दिशा में खून का प्रवाह करने वाले वॉल्व अच्छे से काम करना बंद कर देते हैं.

#वंशानुगत|Heriditical

- यह वंशानुगत भी होता है और परिवारों में चलता है

- पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक प्रभावित होती हैं

- एक से अधिक बार गर्भधारण

- डीप वेन थ्रोम्बोसिस

- मोटापा|Obesity.

- लंबे समय से खड़े होने वाले काम करते रहने से

#वेरिकोज आफ वेन के लक्षण:

Symptoms of Varicose of Vein:

- पैरों में सूजन

- पैरों में जलन, 

- दर्द या ऐंठन

- टखने के चारों ओर ब्राउन-ग्रे रंग का हो जाना

- टांगों में दर्द या भारीपन महसूस होना

- वैरिकाज़ नस के उपरी त्वचा मे उभरी हुई होना

- खुजली होना।



#वैरिकाज़ के उपाय (चिकित्सा)

Varicose Remedies (Medicine)

- जीवनशैली सुधारें

- ज्यादा देर तक बैठे या खड़े न रहें।

- अपना वजन संतुलन में रखें।

- नियमित व्यायाम करें।

- कम्प्रेशन वाले मोज़े पहनें।

- तंग कपड़ों और ऊँची एड़ी के जूते/सैंडल से बचें।

- व्यायाम करें (Regular Exercise)

- धूम्रपान बंद करें (Avoid Smoking)

- वजन कम करें और स्वस्थ भोजन करें

- समय रहते वैरिकाज़ नसों का उपचार करे

#वेरिकोज वेन्स होने पर क्या खाना चाहिए 

Food To Eat In Varicose Veins In Hindi

फल:-

सेब, केला, सेब और नाशपाती जैसे फलों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है।

चेरी खायें।

- चुकंदर को भोजन में सम्मिलित करें।

अदरक का काढा बनाकर दिन मे एक बार पीयें।

हल्दी का दूध या हल्दी वाला दूध लेः

हरी पत्तेदार सब्जियां खूब खायें।

आयुर्वेदिक चिकित्सा

अखरोट रोज खायें

अजमोदा 4-5 ग्राम दिन में 2 बार लें।

#एप्पल सिडार विनेगार (सेब का सिरका) 

Apple Cider Vinegar

- एप्पल साइडर विनेगार वैरिकोज वेन्स के लिए एक अद्भुत उपचार है। यह शरीर की सफाई करने वाला है जिससे बंद रक्त का बहना शुरु हो जाता है। 

- इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगार को मिलाकर पीये। 

#लाल शिमला मिर्च:-

#Red Capsicum :-

* लाल शिमला मिर्च वैरिकोज वेन्स के उपचार में फायदेमंद  

- गर्म पानी में एक चम्मच लाल शिमला मिर्च के पाउडर को मिलाकर इस मिश्रण का एक से दो महीने के लिए दिन में तीन बार सेवन करने से लाभ मिलता है।

#जैतून का तेल और वैरिकोज वेन्स ।

Olive oil and varicose veins.

वैरिकोज वेन्स के इलाज के लिए रक्त परिसंचरण को बढ़ाना आवश्यक होता है। जैतून के तेल की मालिश से ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने में मदद मिलती है, इससे दर्द और सूजन कम होता है। 

#लहसुन:-

लहसुन वैरिकोज वेन्स के उपचार में फायदेमंद 

लहसुन खाने से रक्त का जमना, आमवात, बैड कोलेस्ट्रॉल आदि सभी ठीक हो जाते है

इसके लिए लहसुन भुन कर खा सकते है।

लहसुन का दूध पीयें।

आयुर्वेदिक चिकित्सक जलौका से चिकित्सा करते है।

[अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य करें]

धन्यवाद


शुक्रवार, 2 सितंबर 2022

हृदयशूल हो तो करें 10 उपाय।हिंदी में

 हृदय शूल|Angina



हृदयशूल हो तो करें 10 उपाय।हिंदी में

Dr.VirenderMadhan.

* हृदय रोग हो जाने पर जब रक्त की धमनी के भीतर वसा[आम] की परतें जम जाने से वह पूर्ण रूप से बंद हो जाती हैं अथवा खून का थक्का (ब्लड क्लोट) बन जाने से धमनी में रक्त प्रवाह का मार्ग एकाएक अवरुद्ध हो जाता है और हृदय को ऑक्सीजनयुक्त रक्त मिलना बिल्कुल बंद हो जाता है, तब छाती में अचानक असहनीय तेज दर्द उठता है, 

#हृदय रोग के लक्षण, कारण,  और उपचार

- हाथ-कमर और जबाडा में दर्द होना।

- हाथों में दर्द होना,

- कमर में दर्द होना,

- गर्दन में दर्द होना और यहां तक की जबाडे में दर्द होना भी दिल की बीमारियों का एक लक्षण हो सकता है।

- चक्कर आना या सिर घूमना: कई बार चक्कर आने, 

- बेहोश होने और बहुत थकान होने जैसे लक्षण भी एक चेतावनी हैं।

क्यों होता है? हृदयशूल

- हृदयाघात

- रुमेटिक हृदय रोग

 - जन्मजात खराबियां

- हृदय की विफलता

- पेरिकार्डियल बहाव



#आयुर्वेद के अनुसार कारण:-

* हृदय रोग का सबसे प्रमुख कारण धूम्रपान करना, पारिवार में किसी को इस बीमारी का होना, बहुत ज्यादा मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप होना, सुस्त जीवनशैली का का होना, दैनिक जीवन में शारीरिक श्रम न करना, बहुत ज्यादा तनाव लेना और फास्टफूड का सेवन करना।

#हृदय शूल के आयुर्वेदिक 10 उपाय:-

1- चितल के सिंग की भस्म घी मिलाकर खिलाने से हृदयशूल मे तुरंत आराम मिलता है यह सर्वोत्तम तथा चमत्कारी औषधि है।

2-अर्जुन की छाल का रस 4 किलो घी एक किलो मिलाकर घृतपाक कर जब घी मात्र रह जाये तो छान कर रखें 

उसमे से 10-10 ग्राम घी को दूध के साथ लेने से हृदयशूल तथा हृदय के अधिकतर रोग ठीक हो जाते है।

3- बादामी रंग की गाजर लेकर 100 ग्राम रस निकालें उसमें10 ग्राम मिश्री मिलाकर दिन में 2-3 बार पीयें यह दिल के लिए उत्तम टोनिक है।

4-असली सफेद चंदन को घीसकर 1 ग्राम ले उसे एक गिलास पानी में घोलकर पीयें यह दिल के घबराहट की अच्छी दवा है।

5- हृदयशूल के बाद केला गौदूध के साथ खिला देने से मृत्यु का भय कम हो जाता है।

6- बडी ईलायची का पाउडर बना कर रखें 2 ग्राम चूर्ण शहद मे मिला कर चाटने से सभी प्रकार के हृदय रोगो मे आराम मिलता है।

7- तरबूज के बीज की मिगी का चूर्ण 6 ग्राम देते रहने से दिल की घबराहट ठीक हो जाती है।

8- 250 ग्राम घीया (लौकी)  कसी हुई लौकी को या तो  ग्राइंडर में अथवा सिल-बट्टे पर पीस लें। फिर उसे कपड़े से रस छान लें। लौकी को पीसते समय तुलसी की 7 पत्तियां और पुदीने की 6 पत्तियां डाल लें। घीया के रस में उतनी ही मात्रा में पानी मिला लें। पानी में 4  पिसी हुई कालीमिर्च और 1 ग्राम सेंधा नमक डाल लें। भोजन के आधे घंटे बाद सुबह-शाम और रात को 3 बार इसका सेवन करें। ध्यान रहे कि हर बार रस ताजा ही निकाला जाए। घीया का रस पेट में जो भी पाचन विकार होते हैं, उन्हें दूर कर मलद्वार से बाहर निकाल देता है, संभव है कि इसके सेवन से प्रारंभ के 3-4 दिन पेट में कुछ खलबली या गड़गड़ाहट-सी महसूस हो, परंतु बाद में सब बंद हो जाएगा। 

9-  पान, लहसुन, अदरक का 1-1 चम्मच रस और 1 चम्मच शहद- इन चारों को एकसाथ मिला ले और सीधे पी जाएं। इसमें पानी मिलाने की जरूरत नहीं है। इसे दिन में एक बार सुबह और एक बार शाम को पि‍एं, और तनाव लेना बंद कर दें। दिल में कोई कठिनाई महसूस हो तो जो सामान्य दवा लेता हो, वह लेता रहे।



10- एकाएक दर्द होने पर एक हरा या सुखा आंवला खायें।

[अपने चिकित्सक से सलाह करना जरूरी है]

हृदय रोग के अधिक पूछे जाने वाले सवाल:-

#हृदय रोग की पहचान क्या है?

#हृदय रोग के दो रूप कौन सा है?

#हृदय रोग से बचने के लिए क्या करें?

धन्यवाद!

बुधवार, 31 अगस्त 2022

टोमैटो फ्लू|Tomato Flu एक नई आफत।हिंदी में.

 टोमैटो फ्लू|Tomato Flu एक नई आफत।हिंदी में.



Dr.VirenderMadhan.

 देश में अभी कोविड महामारी अभी थमी नहीं कि टोमैटो फ्लू [Tomato Flu] नाम की एक नई बीमारी और आ गई है. इस फ्लू का असर सबसे ज्यादा बच्चों में देखने को मिल रहा है. केरल के बच्चों में यह संक्रमण ज्यादा फैल रहा है.

 स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि Tomato flu के मामले ज्यादा बढ़ सकते हैं. 

#टोमैटो फ्लू क्या है?

क्या है टोमैटो फ्लू?

टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) एक अनजान फीवर (Fever) है. यह केरल में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में पाया गया है. 

* फ्लू से संक्रमित बच्चों के शरीर पर चकत्ते और छाले आ रहे हैं. देखने में लाल-लाल दाने जैसे फोड़े शरीर पर निकल रहे हैं. यही वजह है कि इसे टोमैटो फीवर कहा जा रहा है. 

#क्या है टोमैटो फ्लू Tomato Flu के लक्षण?



*  टोमैटो फ्लू से संक्रमित लोगों को पहले 

- बुखार होता है 

- त्वचा पर दाने पड़ने लगते हैं. 

- खुजली होने लगती है. 



- डिहाइड्रेशन हो जाता है   

- रोगी को थकान, घुटने में दर्द, - पेट में दर्द, डायरिया होती है

- सर्दी,कफ व श्वास की परेशानियां भी बताई हैं. 

- कुछ मरीजों में नाक बहने के भी लक्षण देखे गए हैं. 

- मरीज तेज बुखार की समस्या से जूझता है।


क्या है टोमैटो फीवर का इलाज?

इसका अभी कोई सटीक ईलाज नही है।

#टोमैटो फ्लू है तो रोगी क्या करें?

 टोमैटो फ्लू से सबसे ज्यादा बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. ऐस मे संक्रमित बच्चे को दूसरे बच्चों से दूर रखें

 - पेरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए कि बचा किसी छाले को न खुरचे।

- बच्चे साफ कपड़े पहनें और संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखा जाए. कमरों को हर बार सैनिटाइज कर दिया जाए. 

- टोमौटो फ्लू की चपेट में आ रहे हैं वे डिहाइड्रेशन का भी शिकार हो रहे हैं. ऐसे में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं.  

-रोगी को लिक्विड डाईट दें.

- नारियल पानी पीलायें।

-किवी दें।

-जैसे ही टोमैटो फ्लू के लक्षण सामने आएं तत्काल अपने डॉक्टर को दिखाएं.

धन्यवाद!